भगवान एक हैं तो हम उनको अलग- अलग रूपों और धर्म मे क्यों मानते हैं ? प्रेमानंद महाराज जी

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  • Опубликовано: 12 дек 2024

Комментарии • 11

  • @ramapundir535
    @ramapundir535 4 дня назад +1

    🙏🙏साम्ब सदाशिव साम्ब सदाशिव साम्ब सदाशिव💌💌

  • @swagatikasarangi-ph7pl
    @swagatikasarangi-ph7pl 2 дня назад +1

    Radhe krishna .. Om Sai Ram 🙏

  • @mahendradudi2602
    @mahendradudi2602 4 дня назад +1

    Parm pujya sadgurudev bhagwan ke shri charnon me vandan naman❤🎉❤🎉

  • @karmjeetsingh5430
    @karmjeetsingh5430 10 минут назад

    🌿🌺🌺 राधा वल्लभ श्री हरिवंश 🌺🌺🌿🙏🚩

  • @mahendradudi2602
    @mahendradudi2602 4 дня назад +1

    Shri Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha❤🎉❤🎉

  • @atulpandit2679
    @atulpandit2679 5 дней назад +1

    ❤ Aadikaal Me Insaani Sabhyatayen Dharti Par Door Door Rahti Thi ❤ Isiliye Alag Alag Dharmon Ka Vikas Hua ❤ Ishwar Ko Alag Alag Namon Se Pukarne Lage ❤

  • @kirtisingla2787
    @kirtisingla2787 5 дней назад +1

    ॐ शांति महाराज जी। ईश्वर अगर एक है तो सब मैं ईश्वर कैसे हो सकता है? फिर तो सभी परमात्मा हो गए। आत्मा तो परम पिता परमात्मा का बच्चा है। अगर आत्मा ही परमात्मा है तो बच्चा ही पिता हो गया और परमपिता परमात्मा ही आत्मा का बच्चा हो गया। फिर कौन किसको याद करेगा। आत्मा को अपने पिता परमपिता परमाता को याद करना है तो ही आत्मा के विक्रम यानी पाप मुक्त होंगे क्योंकि पाप आत्मा ने किए है इस शरीर द्वारा तो आत्मा को परमाता को याद करना है। जैसे शरीर का पिता शरीर जैसा है वैसे ही आत्मा जो कि अति सूक्ष्म ज्योति स्वरूप है उस का पिता भी अति सूक्ष्म ज्योति स्वरूप है निराकार है।

  • @charanjitsingh-z8w
    @charanjitsingh-z8w 4 дня назад +3

    परमात्मा एक है और निराकार है कुदरत उस का नाशवान स्वरूप है जैसे हमारी आत्मा ने शरीर धारण कीया हुआ है, जैसे हमे शरीर का मोह मनन नहीं करना केवल इस की सम्भाल करनी है वैसे ही प्रकृत्ति को सम्भालना है मानना नहीं क्योंकि यह स्थूल है जो नाशवान है। लेकिन! हमने इन्सान और पता नहीं किस किस को भागवान मान लिया और उस की स्थूल मूर्ति बना ली वो भी पत्थर की यह तो परमात्मा का कार्टून बनाने जैसा मज़ाक नहीं लगता !? परमात्मा आत्म स्वरूप है भाई! जो निराकार है हमें आत्म चिंतन करना चाहिए, ना कि स्थूल पूजा है। धन्यवाद.....

    • @haribol4564
      @haribol4564 День назад

      Jab parmatma kan kan main hai to murti main kyu nahi wo bhi usme praan prthistha hoti hai or bhagwat geeta main padhna prabhu aakaar nirkaar dono roop mein hai sab mein paramatma k darshan hone lage to samjh jaao prabhu k paas ho

    • @charanjitsingh-z8w
      @charanjitsingh-z8w 22 часа назад

      Belkul Nirgun Saragun Paramatma k do svrup hain.
      Jitna Bdah Nirankar utna bdah akar. Is lie Parmatma kudrt k rup me murtiman ho rha hai. Lekin, hm bhagvan ki nhi mante, inshan ki mante hain ! Prmatma ne hmare srir ki murti bnai bich atma dal kr hmari pranptista kr hme jivnt kia. lekin ! "Pujari" ne hmare andr "andhi sharda" dal kr pathr ki nirjiv murti me pranprtisa ka prpnch kr k, Bhgvan ki bnai jivt murti ko pathr ki nirjiv murti ki pooja me la dia!
      Jih pujari ki budhi ka kmal hai !
      Murde ko jivt aor jiot ko murda krne ki jis ke pas gaihri chal hai !
      Jih pranptista nhi, jih to maya ka bhrm jal hai !

  • @varshakaurav
    @varshakaurav 4 дня назад

    Islam or Christianity भगवान नहीं है, कृपया एक्स मुस्लिम साहिल, समीर, को सुने, ईसाई को जानने Esther Dhanraj को सुने।
    अल्लाह और जीसस भगवान नहीं है