मुजाहिदीन के खिदमत मे ना चीज अहफाज खान ने अपना सलाम व दुआ पेश किया अससलामु अलैकुम व रहमातुललाह व बरकातहिम उम्र मे सत्तर साल का बूढ़ा हू मै अदबन और इखलाक व मोहब्बत के जरिए बेटा बोल सकता हूं अल्लाह दीन दूनी रात चौगुनी कुव्वत जहन इल्म ओ फन से नय नय अन्दाज बयान से आरासता पैरासता फरमाए आमीन सुममा आमीन फकत अससलामु अलैकुम व रहमातुललाह व बरकातहिम जिला बालाघाट म प्र इन्डिया
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम(रसुल अल्लाह) मृत्यु (पर्दा फरमाने)के बाद वह खुदा/भगवान से मिले, तब उन्होंने एक प्रश्न पुछा! ऐ खुदा आप ही इस दुनिया के सभी जीवो को,इंसानो को पैदा करने वाले है इस पर हमे कोई सन्देह नहीं,मै यह भी जानता की सभी कर्म का फल इंसानो को तुही देने वाला है, लेकिन हम तुम्हे सिर्फ निरंकार रूप मे ही देख पा रहे है, फिर कुछ इंसान पत्थर मे पेर मे मुरती मे अलग अलग तरिको से आपका ईबादत क्यो करते है, क्या आप इस पत्थर मे पेर मे,मुरती मे भी रहते हो? तब खुदा ने जवाब दिया. ए मुहम्मद यह जानने के लिए कुछ लकरियो को इक्कठी करो और उसे जलावो, मुहम्म्द ने लकरीयो को इक्कठा कर जलाया! तब खुदा ने कहा ऐ मुहम्मद अब बताओ उस आग की रौसनी के दायरे मे परे हुए पत्थर, और पेर तक आग की रौशनी पहुच रही है, तब मुहम्मद ने कहा, हां :तब खुदा ने जवाब दिया हम उस पेर मे भी है और पत्थर मे भी है! तो क्या आपका आकार भी है! तब खुदा ने कहा हां तब मुहम्मद सल्लल्लाहु ने खुदा का आकार रुप मे दिदार किया! और तब खुदा ने कहा, हम किसी के पहचान के मुहताज नही हुआ करते, और नाही हम सम्मान के लिए तरसते और नाही हमे कोई मनुस्य अपमान कर सकता , हम स्वेक्षा से शरिर का परित्याग करते और स्वेक्षा से शरिर धारण करते है! संसार मे जो भी होता मेरे मर्जी से होता है, संसार मे इंसान तीन तरह के कर्म करते, इन तीनो कर्म का फल हम देते है चौथा कोई कर्म नही, जो मनुष्य स्वेक्षा से कर्म फल को प्राप्त करे ! (1)विश्वास नामक(2)सोच नामक (3) शारिरीक नामक कथक वाक्य: मिश्रा की मिश्री "मिश्री-बिहारी" पुनर्जन्म है किसी का( मिश्री, मिश्रा के घर से,बिहारी बिहार मे जन्मे है) यह कोरोना महामारी मिश्री के मरजी से उत्पन्न हुइ है इनकी पिछले जन्म कि वास्तविकता जानना चाहते है तो मथुरा के वृंदावन मे किसी भी मुरती पुजा करने वाले से पता कर सकते है!बिहारी जी,बिहार मे किसी भी मजहब से हो सकते है! 🙏🏻🙏🙏
السَّــلاَم عَلَيــْــــكُم وَرَحْمَـةُ اللهِ وَبَرَكـَاتُه مسکرائیے;۔ اسحاق بصرہ کی کتاب "آگہی کا سفر" سے اقتباس صبح سویرے مراقبہ کی حالت میں کچھ سوالات نے پریشان کر دیا۔ میں کون ہوں؟ کہاں سے آیا ہوں؟ کیوں آیا ہوں؟ کہاں جانا ہے؟ غور و فکر میں اتنا کھو گیا کہ وقت کا پتہ ہی نہ چلا۔ اچانک کچن میں کام کرتی بیگم کی آواز سنائی دی ایک نمبر کے کاہل اور ہڈ حرام ہو تم. پتہ نہیں جہنم کے کس دروازے سے بھاگ کر آئے ہو میری زندگی عذاب بنانے. اٹھو، ناشتہ کرو اور کام پہ جاؤ. چاروں سوالوں کے جواب اتنی آسانی سے مل گئے۔ روحانی سفر بھی مکمل ہو گیا اور علم میں بھی اضافہ ہوا-
Mustafa jane rahmat pe lakho salam marhbà ya Mustafa ya gause
بسم اللہ الرحمن الرحیم خدا حافظ محمد ابو نصر ماشاءاللہ
Bahutkhub 🌹🌹 Mashaallah 🌹❤ Alhumdulillah 🌹🌹❤
App ka beyan bahút he àchhe lage dil bag bag ho gaya thanks for your leactur.
سر بکف سر بلند
دیوبند دیوبند✨💚✨
Masha Allah Subhan Allah❤❤❤❤❤❤❤❤❤
ماشاءاللہ ماشاءاللہ بہت خوب
Jazak allah
Mashallah Abdullah Salim chaturvadi
Alhamdulillah A, salim
Aap jaise moulana logo ke hamare mulk ki musalmano ki sakte jarurat hai 🥺
Beshak aapne bilkul sahi farmaya
Mashaallah bahut khoob
Mashallah khub Sundar
masha allha bhut acha
انشاءاللہ
Massallah apki takreer bhot acchi he ispar ham sabhi ko aml karne ki tofeek ata farmaye ameen
Allah aapke Lambi umar
Kar de
Masaallha bohat khub
Allah apko salamat rakhe mera mola duwa❤️❤️❤️❤️👍
Masha allah Bahut khub
Mashallah
mashaallah bhut pyara allah hm logo ko nek Kam krne ki taufiq de
MashaALLAH ALLAH PAQ Aapko Salamat rakhe Umra daraz Farmaey Aamil aur Momin Banda banaey
Allah pak aap ki lambi hyat de alaahu akbar aap jaisa har dharam ki jankar fir koi kab hoga aap hum svi ke liye shan ki bat h aameen
Allah apko.salamat.rakhe
Beshak
ماشاء اللہ
Mashaallah lajwab bahut khub allah apko hamesha salaamat rakhe khushiyaan se malamal kar de aameen shumma aameen
A
माशा अल्लाह
ماشاءاللہ بہت خوب اللہ سلامت رکھے علمائے دیوبند زندہ باد
L and
ओर वध ओओम ओवैसी ओओधोधोध ओओधोधोध ओओधोधोध ओओधोधोध ओओधोधोध धन💰💰💰💰 ओओधधध😊ो😊धधध्ध धधधधोधध धर्म😊😊ओओ ओ़ओ़😊😊😊🙏💕😊😊धओओध़धधधव ओवर धओओध़ध धध़धव धधवधधधधध्ओधोओओधोओधधोधधधधोोधधोधधधधव😊धओ़ओ़ ओ़ओ़ ओ़ओ़ धओधधधधधधधधो😊😊😊😊धध😊धधधध😅धो ध ोवधोध😊़धध ़😊ओओओओधधध ओओओओधधध ोध😊😊धधधओधधधधधधधधधधधधधधोवधोधोधधधधोधोोधोधध़धधधवधध्😊😊धओधओध😊😊धधधध😊वधशाला ोओओओओधवधधधधओधओधधधधधवधधधवधध😊😊😊😅😊😊़ध😊धोोध???ाला ओध😊😊😊?ध😊😊😊😅😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊ऐओ?ओओधोधोध ोऐ😅😅😅़ओ😊़़़औएऐऐएऔॉओ?ं
Masahalla ❤❤❤
Good ❤️
😮
ماشاءاللّٰه
الحمدللّٰه
Mashaallah
❤❤❤
Thanku moulana Tum jaisa mokarir chahiya
Jai ho app ka
वालैकुम अस्सलाम रहमतुल्लाही व ब्रकातहु
Very good
Beshksbhanallaj ameen
Be Shak
Subhan Allah 👈 is tarha likha Karen shokriya
Walekum assalam Allah tala aapke Shahar ko banae rakhen Allah Pak aapko har chijon se namaje kamyab Karen Allah tala aamin 🌹🕋🌹
Jaja Kalla 🌹🕋🌹
Very.good
Waliullah wali ho yar u educated moulana din aur duniya dono maloom hai
Allaha app ko hifzoamaan ma rakha aur hamara bachu ka laya dua Karan k nikko bhe asia jazba ata ho
Asslamalekum Salim main bht bri fan hon Allah achchha rkkhy kbhi mouqa Mily to prosi mulk zroort ana
ABDULLAH Salim
NASA allah
Subhanallah Alhamdulillah ❤️
ماشاءاللہ بہت خوبصورت بیان اللہ پاک حضرت مولانا عبداللہ سالم صاحب کو سلامت رکھے اور صیحت و تندرستی عطاء فرمائے آمین
🙏🙏🙏🙏 my
@@muskangazi945 z
Khuda balk thik ho Jaye
S a w
Adad sir
Pahala Islam ko sudaar badh may sub.
may abdullha sahab se bat karna chata hu
عبداللہ سالیم
Allah aap ko wabao balao se hifajat farmaye
अब्दुल सलीम साब को भारत के पंतप्रधान बनके भारत का नाम रोशन होगा.
1 psoriasis
A
@@JamalHaji-qm6ml😊
औऔऔऔऔऔऔऔऔऔऔऔऔ😊श😢@@JamalHaji-qm6ml
Naizm
Bhaiya ummul mdaris ke saikhul hadees kon hin
Are o jannati ham tumse milane ke liye aaenge aur mulakat karenge 💥💥tohid 💥
Asslaam. W
"
مولانا عظیم الله صاحب کا بیان بھجے
Evm ben kro
मेरा सभी से अनुरोध है ईमान कायम करें। धर्म-कर्म के चक्कर में फंसकर किसी की भी भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं। प्रेम का दुरुपयोग न करें।
ماشاللہ ❤
Free of the day when he z
Jb
Insa
मुजाहिदीन के खिदमत मे ना चीज अहफाज खान ने अपना सलाम व दुआ पेश किया अससलामु अलैकुम व रहमातुललाह व बरकातहिम उम्र मे सत्तर साल का बूढ़ा हू मै अदबन और इखलाक व मोहब्बत के जरिए बेटा बोल सकता हूं अल्लाह दीन दूनी रात चौगुनी कुव्वत जहन इल्म ओ फन से नय नय अन्दाज बयान से आरासता पैरासता फरमाए आमीन सुममा आमीन फकत अससलामु अलैकुम व रहमातुललाह व बरकातहिम जिला बालाघाट म प्र इन्डिया
❤❤❤😂😂😂😊
Hi
Mkkmx
ہمارےخطباءکوچاہئیےکہ وہ عربی میں خطبہ مختصر پڑھیں۔۔۔
mera name asfhak ansari hi
R|
B
MD Asif Akbar
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम(रसुल अल्लाह) मृत्यु (पर्दा फरमाने)के बाद वह खुदा/भगवान से मिले, तब उन्होंने एक प्रश्न पुछा!
ऐ खुदा आप ही इस दुनिया के सभी जीवो को,इंसानो को पैदा करने वाले है इस पर हमे कोई सन्देह नहीं,मै यह भी जानता की सभी कर्म का फल इंसानो को तुही देने वाला है,
लेकिन हम तुम्हे सिर्फ निरंकार रूप मे ही देख पा रहे है,
फिर कुछ इंसान पत्थर मे पेर मे मुरती मे अलग अलग तरिको से आपका ईबादत क्यो करते है,
क्या आप इस पत्थर मे पेर मे,मुरती मे भी रहते हो?
तब खुदा ने जवाब दिया.
ए मुहम्मद यह जानने के लिए कुछ लकरियो को इक्कठी करो और उसे जलावो,
मुहम्म्द ने लकरीयो को इक्कठा कर जलाया!
तब खुदा ने कहा
ऐ मुहम्मद अब बताओ उस आग की रौसनी के दायरे मे परे हुए पत्थर, और पेर तक आग की रौशनी पहुच रही है,
तब मुहम्मद ने कहा,
हां
:तब खुदा ने जवाब दिया हम उस पेर मे भी है और पत्थर मे भी है!
तो क्या आपका आकार भी है!
तब खुदा ने कहा हां
तब मुहम्मद सल्लल्लाहु ने खुदा का आकार रुप मे दिदार किया!
और तब खुदा ने कहा,
हम किसी के पहचान के मुहताज नही हुआ करते, और नाही हम सम्मान के लिए तरसते और नाही हमे कोई मनुस्य अपमान कर सकता ,
हम स्वेक्षा से शरिर का परित्याग करते और स्वेक्षा से शरिर धारण करते है!
संसार मे जो भी होता मेरे मर्जी से होता है,
संसार मे इंसान तीन तरह के कर्म करते, इन तीनो कर्म का फल हम देते है चौथा कोई कर्म नही, जो मनुष्य स्वेक्षा से कर्म फल को प्राप्त करे !
(1)विश्वास नामक(2)सोच नामक (3) शारिरीक नामक
कथक वाक्य: मिश्रा की मिश्री
"मिश्री-बिहारी" पुनर्जन्म है किसी का( मिश्री, मिश्रा के घर से,बिहारी बिहार मे जन्मे है)
यह कोरोना महामारी मिश्री के मरजी से उत्पन्न हुइ है
इनकी पिछले जन्म कि वास्तविकता जानना चाहते है तो मथुरा के वृंदावन मे किसी भी मुरती पुजा करने वाले से पता कर सकते है!बिहारी जी,बिहार मे किसी भी मजहब से हो सकते है!
🙏🏻🙏🙏
जय भीम
🇸🇦🥰🥰🌹🇮🇳😡⚔️🌹
🇸🇦🇮🇳😡⚔️🎩🎅🙈🙉🙊
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पहले युहुदी और इसाइ से सम्झौता करलो कहि आरटिफिसियल शास्त्र को दुनिया जान न पाये
السَّــلاَم عَلَيــْــــكُم وَرَحْمَـةُ اللهِ وَبَرَكـَاتُه
مسکرائیے;۔
اسحاق بصرہ کی کتاب "آگہی کا سفر" سے اقتباس
صبح سویرے مراقبہ کی حالت میں کچھ سوالات نے پریشان کر دیا۔
میں کون ہوں؟
کہاں سے آیا ہوں؟
کیوں آیا ہوں؟
کہاں جانا ہے؟
غور و فکر میں اتنا کھو گیا کہ وقت کا پتہ ہی نہ چلا۔
اچانک کچن میں کام کرتی بیگم کی آواز سنائی دی
ایک نمبر کے کاہل اور ہڈ حرام ہو تم.
پتہ نہیں جہنم کے کس دروازے سے بھاگ کر آئے ہو
میری زندگی عذاب بنانے.
اٹھو، ناشتہ کرو اور کام پہ جاؤ.
چاروں سوالوں کے جواب اتنی آسانی سے مل گئے۔ روحانی سفر بھی مکمل ہو گیا اور علم میں بھی اضافہ ہوا-
The most illiterate person of the world is wasim rijwi neglected by everyone
Ahmd.n.diwan.gujaat
Masha Allah
Masha Allah bahut khub
माशा अल्लाह
❤❤
Mashallah
Evm ben kro
Mashallah
Mashallha