वो जो बामन गढ़ की बात बताई आपने बामन गढ के नाम विस्तार पूर्वक बताइए ये भी तो पता होना चाहिए हमे कौन-कौन से गढ़ क्या नाम है उनका वर्तमान नाम क्या है और पहले क्या था इस विषय पर एक वीडियो अवश्य बनाएं और आपके काम के के लिए बहुत बहुत साधुवाद आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं भारत के प्राचीन इतिहास से लोगों को अवगत करा रहे हैं जिससे लोगों को जानकर सुनकर बहुत गर्व महसूस होता है अपने भारतीय होने पर और खासतोर से बुंदेलखंडी होने पर
पहले आप आल्हा खंड विधिवत पढ़ें फिर तलहन अलहन उलहन मलहन सुलहन लिखें आज कल नाम बदलने और खुद के द्वारा नामकरण की बहुतायत है, कल चौडिया राय पंडित जो पृथ्वीराज चौहान के सेनापति थे उनको चलहन लिखोगे पृथ्वीराज चौहान को चलहन नहीं तो पलाहान् लिखना शुरू कर दोगे ढेवा को डबहन लिख दोगे इस लिए पहले गहन अध्यन करें फिर कोरी कल्पना प्रदर्सित करें
@@RaisKhan-bp1rs आपकी जानकारी के लिए बता दे सबके नाम नही बदले गए है एक बात बताओ प्रथ्वी राज चौहान का नाम हिंदू धर्म से है या मुस्लिम जब उनका नाम हिंदू धर्म से है तो नहीं बदला गया दूसरी बात आल्हखंड को पहले मुस्लिम बहुत गाते थे इसलिए उन्होंने इनका नाम बदल दिया अगर जगनिक की लिखी आल्हा खंड पढ़ोगे तो उसमे सबके सही नाम मिलेंगे ताला सैय्यद का नाम तल्हन था न पढ़ी हो तो बताना मेरे घर में है मैं तुम्हे फोटो खींच कर नामों के भेज दूंगा
@@shivshankarnishad7571Priya Bandhu vidharmi ke gulam hone ke bad hamare Veer purushon ka itihaas likha gaya jismein Satya ko chhupaya gaya hai aapke pass Sahi itihaas ki jankari hai to kripya bhejne ki kripa Karen
@@RavindraSaroj-h8n bhai गंवारों जैसी बात क्यों। करते हो जब ऊदल ने कन्नौज की सभा में बारह गढ़ को जीतने का बीड़ा उठाया था तब सबसे पहले बीरयागढ़ को जीता उसके बाद सातन पासी से युद्ध हुआ वहां आल्हा की तलवार टूट गई थी पर वो हारे नही थे समझे बल्कि हराया था उसके बाद जब कीरत सागर का युद्ध हुआ था तब वही राजा सातन पासी ऊदल के साथ प्रथ्वी राज चौहान से लड़ने आए थे अगर मेरी बात पर शक हो तो परमाल रासो के आल्हा खंड को पढ़ लेना पता चल जायेगा जिसे खुद आल्हा के प्रिय जगनायक ने लिखी है भाई बिना पढ़े ज्ञान नही देना चाहिए लोग हसेंगे तुम पर
यही सच्चाई है। ऊदल का जन्म घनघोर जंगल में हुआ था। आल्हा 8 साल के थे और ऊदल मां देवला के पेट मेंथे।उसी समय आल्हा के पिता की हत्या कर सिर पेड पर टांगा गया।जान बचाकर देवला जंगल में आल्हा को लेकर भागी,वहीं ऊदल का जन्म हुआ, शेरनी भी वहीं अपना दूध पिलाई थी ऊदल को। देवला के पास कपड़े नहीं थे बदलने को,ताला सैय्यद बनारस वाले को दुख की जब ख़बर पहुंचती है तो आल्हा और देवला को जंगल में पाते हैं। अपनी पगड़ी ऊतार कर देवला की तरफ फेकते है और देवला उसी को वस्त्र के रूप में अपना तन ढकती है।आल्हा-ऊदल के संरक्षक के रूप में ताला सैय्यद की पहचान है।
Me tala uncle ka samman karta hu ve Patra k bahut bade gyani the lekin sachhe satantani the unko koi dharm vishesh ka darja na de kyo sanatani ko hi Patra ka gyan hota hai
अजीब बात है तलहन रॉय को ताला सैय्यद बना दिया जबकि ताला सैय्यद हिंदू थे जिनका असली नाम तलहन रॉय है इतिहासकारों ने सबके नाम मुस्लिम जैसे कर दिए आल्हा का नाम अलहन था ऊदल का नाम ऊदल और उदय सिंह भी था मलखान का नाम मल्लूकान था
@@themahoba भाई मूर्ख हिंदुओ में यही तो कमी है इतिहास जानने की कोशिश नही की कौन किस धर्म से है ये जानने की कोशिश नही की अगर एक ने कोई गलती कर दी है तो उसी को दोहराते रहते है सुधार करेंगे नही जैसे किसी मुस्लिम ने आल्हा गई तो उसने तलहन रॉय को ताला सैय्यद कर दिया तो आगे आने वाली पीढ़ी भी वही समझ रही है जबकि जड़ तक पहुंचने की कोशिश ही नही कर रही है तो कैसे पता चलेगा वो हिंदू योद्धा थे बस मुस्लिम मान कर उनकी मजार बना दी
Are mahoday jab pta na ho to aisi jankari mat diya kro. 1192 mein tarain ke yudh mein prathviraj chauhan ki har hui tab muslim bharat mein aye. Aur tere chacha saiyad pahle hi yaha par the. Aasman se tapka tha kya....??
712 AD m hi mohhmd bin kasim n sindh prant me raja dahir ko harakr already uttar bharat n entry kr chuke the buawa thodi ssc ki gs aur history pdo fir gyan dena 😅
Bhai..... Jaha tere kasim ne kabza kiya tha wo sindh ka ilaka tha jo aaj ka afganistan aur kuch pakistan m ata h. Aur jaha aalha ne yudh lade waha koi muslim nhi the. Samjhe.......GS pad .....??
@@vinaysingh9631 are babu 11ad m jb gajnavi n north india m lutpat ki thi to vo kaho europe quantinent me ata ho jo north india m muslim mhi hoge us time north m raja jaychand ka emperor tha aur meer saiyad vha apne vidva ko lekr gye the to raste m mahoba nikl liye fir s pura allhakhan pdo
अल्लाह उदल के इतिहास को जिस ने जाना है वो सच्चाई कह नहीं सकते उनके पीता ने दक्षराज बछराज ने अहिर कन्या से जबरदस्त शादी कि थी और और अल्लाह उदल का भी यही इतिहास रहा है जिस राजा ने उनसे युद्ध किया उनकी कन्या को जबरन शादी करते थे प्रथ्विराज चौहान कि लड़की को नहीं छोड़ा था प्रथ्विराज चौहान ने अपनी लड़की को वापस पाने में काई बार लड़ाई कि लेकिन छुड़ा नहीं सका तो प्रथ्विराज चौहान ने अपनी लड़की को विधवा जरूर कर दिया था इसलिए अल्लाह उदल को ओछी जात बनाफार राज्य कहलाता थे
Very nice and beautiful looking for nature of India Today thanks for your support 🎉🎉❤❤🙏🙏🌹🎉🎉🙏🙏🌹🌹
बहुत सुंदर सटीक हिस्टोरिकल जानकारी के लिए हार्दिक बधाई
धन्यवाद भाई
बहुत बहुत धन्यवाद महोबा की विशेषता बताने के लिए
महोबा का कीरत सागर, ताला सैय्यद मज़ार, प्राचीन सूर्य मंदिर भी देखे, ऐतिहासिक नगर है महोबा
वो जो बामन गढ़ की बात बताई आपने बामन गढ के नाम विस्तार पूर्वक बताइए ये भी तो पता होना चाहिए हमे कौन-कौन से गढ़ क्या नाम है उनका वर्तमान नाम क्या है और पहले क्या था इस विषय पर एक वीडियो अवश्य बनाएं और आपके काम के के लिए बहुत बहुत साधुवाद आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं भारत के प्राचीन इतिहास से लोगों को अवगत करा रहे हैं जिससे लोगों को जानकर सुनकर बहुत गर्व महसूस होता है अपने भारतीय होने पर और खासतोर से बुंदेलखंडी होने पर
हमारा जाना हुआ है यंहाँ, यादें ताज़ा करा दी आपने
बछराज और जसराज के मित्र थे ताला सैयद
सही कहा आपने
Bahut hi achha gyan diya bhaiya g🎉🎉
❤
Bhai aapne bahut aachhi jankari di dhanyawad
Tala sayyad jaitapur ki ladai men mare gaye the
शिव शंकर जी ,,
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है,,
आपको आल्हा की अच्छी खासी जानकारी है,,,,,
तल्हन राय की जय हो
क्या हर बिंदु पर हिंदू मुस्लिम करते हो यार
पहले आप आल्हा खंड विधिवत पढ़ें फिर तलहन अलहन उलहन मलहन सुलहन लिखें आज कल नाम बदलने और खुद के द्वारा नामकरण की बहुतायत है, कल चौडिया राय पंडित जो पृथ्वीराज चौहान के सेनापति थे उनको चलहन लिखोगे पृथ्वीराज चौहान को चलहन नहीं तो पलाहान् लिखना शुरू कर दोगे ढेवा को डबहन लिख दोगे इस लिए पहले गहन अध्यन करें फिर कोरी कल्पना प्रदर्सित करें
@@RaisKhan-bp1rs आपकी जानकारी के लिए बता दे सबके नाम नही बदले गए है एक बात बताओ प्रथ्वी राज चौहान का नाम हिंदू धर्म से है या मुस्लिम जब उनका नाम हिंदू धर्म से है तो नहीं बदला गया दूसरी बात आल्हखंड को पहले मुस्लिम बहुत गाते थे इसलिए उन्होंने इनका नाम बदल दिया अगर जगनिक की लिखी आल्हा खंड पढ़ोगे तो उसमे सबके सही नाम मिलेंगे ताला सैय्यद का नाम तल्हन था न पढ़ी हो तो बताना मेरे घर में है मैं तुम्हे फोटो खींच कर नामों के भेज दूंगा
@@shivshankarnishad7571ताला सैय्यद बनारस का सरदार,उसके बेटे का नाम जुम्मन था
@@shivshankarnishad7571Priya Bandhu vidharmi ke gulam hone ke bad hamare Veer purushon ka itihaas likha gaya jismein Satya ko chhupaya gaya hai aapke pass Sahi itihaas ki jankari hai to kripya bhejne ki kripa Karen
@@haseenhindustani6009vo time mai bharat mai ek bhi musalman nahi tha bharat mai musalman prithviraj k marne k baad hue
पहले आल्हा ऊदल के समय भारत में कोई भी मुसलमान नहीं था इतिहास को कितना मरोड़ा है
Nice❤
ताला सैय्यद बिहार के बारहीं के रहने वाले थे । यह महोबे के राजा परिमर्द देव के सामन्त थे ।
Banaras ke raja the
@@PradeepKumar-n8p8tबनारस के राजा बनाया गया था
nice
Thanks
Good
Good news
Thanks
Thank ❤❤❤
તાલા સૈયદ કી જય હો....
🌹♥️🌹🌹🥀♥️🌹♥️🌹♥️🌹♥️🌹🥀
Ok sir
Tala syed ajmer se belong karte they
Aapki bat se sahmat nhi hu adhi story galat hai
Aalha Udal bhage the Sar Raja Satan pasi se dar ke Pran bachakar bhage the Aalha Udal Raja Satan pasi se
@@RavindraSaroj-h8n bhai गंवारों जैसी बात क्यों। करते हो जब ऊदल ने कन्नौज की सभा में बारह गढ़ को जीतने का बीड़ा उठाया था तब सबसे पहले बीरयागढ़ को जीता उसके बाद सातन पासी से युद्ध हुआ वहां आल्हा की तलवार टूट गई थी पर वो हारे नही थे समझे बल्कि हराया था उसके बाद जब कीरत सागर का युद्ध हुआ था तब वही राजा सातन पासी ऊदल के साथ प्रथ्वी राज चौहान से लड़ने आए थे अगर मेरी बात पर शक हो तो परमाल रासो के आल्हा खंड को पढ़ लेना पता चल जायेगा जिसे खुद आल्हा के प्रिय जगनायक ने लिखी है भाई बिना पढ़े ज्ञान नही देना चाहिए लोग हसेंगे तुम पर
Aalha Khand per koi bhi video banane se pahle aalha Khand ka gahan adhyayan kijiye ulti Sidhi galat jankari mat dijiye
Mandavgarh ke baare mai video banaye
Banars se ye the
Ha Bhai
वनारस से थे।
❤❤❤❤❤❤
Belkul galat jankari he koee bat sahi nhi hai
Yah news galat hai bhai
Kyo brother
Sabhi bodha dham ko manti thi Muslim + Brahman dono ne badla
Syed alha rudal ke pita k dost they rudal ke pita k marne ke baad unka badla lene ke liye rudal ke ma ke sath mahoba a gaya tha
यही सच्चाई है। ऊदल का जन्म घनघोर जंगल में हुआ था। आल्हा 8 साल के थे और ऊदल मां देवला के पेट मेंथे।उसी समय आल्हा के पिता की हत्या कर सिर पेड पर टांगा गया।जान बचाकर देवला जंगल में आल्हा को लेकर भागी,वहीं ऊदल का जन्म हुआ, शेरनी भी वहीं अपना दूध पिलाई थी ऊदल को। देवला के पास कपड़े नहीं थे बदलने को,ताला सैय्यद बनारस वाले को दुख की जब ख़बर पहुंचती है तो आल्हा और देवला को जंगल में पाते हैं। अपनी पगड़ी ऊतार कर देवला की तरफ फेकते है और देवला उसी को वस्त्र के रूप में अपना तन ढकती है।आल्हा-ऊदल के संरक्षक के रूप में ताला सैय्यद की पहचान है।
Kamena
Me tala uncle ka samman karta hu ve Patra k bahut bade gyani the lekin sachhe satantani the unko koi dharm vishesh ka darja na de kyo sanatani ko hi Patra ka gyan hota hai
Bahut sudar drasy
Thanks
bolne ko sekho
Ok sir
गलत है
अजीब बात है तलहन रॉय को ताला सैय्यद बना दिया जबकि ताला सैय्यद हिंदू थे जिनका असली नाम तलहन रॉय है इतिहासकारों ने सबके नाम मुस्लिम जैसे कर दिए आल्हा का नाम अलहन था ऊदल का नाम ऊदल और उदय सिंह भी था मलखान का नाम मल्लूकान था
भैया जी मजार फिर क्यों बनाई
जो लोग नाम बदलने वाले थे बो ही मजार बनाने वाले थे, इसलिए मजार बनी है उनकी
@@themahoba भाई मूर्ख हिंदुओ में यही तो कमी है इतिहास जानने की कोशिश नही की कौन किस धर्म से है ये जानने की कोशिश नही की अगर एक ने कोई गलती कर दी है तो उसी को दोहराते रहते है सुधार करेंगे नही जैसे किसी मुस्लिम ने आल्हा गई तो उसने तलहन रॉय को ताला सैय्यद कर दिया तो आगे आने वाली पीढ़ी भी वही समझ रही है जबकि जड़ तक पहुंचने की कोशिश ही नही कर रही है तो कैसे पता चलेगा वो हिंदू योद्धा थे बस मुस्लिम मान कर उनकी मजार बना दी
Tere amma ne pidda kiya tha
Tum andeho
Tala tere dimaag me laga hai, allah hi allah hai, sajda kar
Aap galat news bata rahe hai
Galat Jankari Hai yah sab
Yesa kyo bhaisahab
Are mahoday jab pta na ho to aisi jankari mat diya kro.
1192 mein tarain ke yudh mein prathviraj chauhan ki har hui tab muslim bharat mein aye. Aur tere chacha saiyad pahle hi yaha par the. Aasman se tapka tha kya....??
712 AD m hi mohhmd bin kasim n sindh prant me raja dahir ko harakr already uttar bharat n entry kr chuke the buawa thodi ssc ki gs aur history pdo fir gyan dena 😅
Bhai.....
Jaha tere kasim ne kabza kiya tha wo sindh ka ilaka tha jo aaj ka afganistan aur kuch pakistan m ata h. Aur jaha aalha ne yudh lade waha koi muslim nhi the. Samjhe.......GS pad .....??
@@vinaysingh9631 are babu 11ad m jb gajnavi n north india m lutpat ki thi to vo kaho europe quantinent me ata ho jo north india m muslim mhi hoge us time north m raja jaychand ka emperor tha aur meer saiyad vha apne vidva ko lekr gye the to raste m mahoba nikl liye fir s pura allhakhan pdo
@@vinaysingh9631 aur suno talasaiyad k father meer saiyad the to ansari muslim janjati s belong krte the
Hath pagal
अल्लाह उदल के इतिहास को जिस ने जाना है वो सच्चाई कह नहीं सकते उनके पीता ने दक्षराज बछराज ने अहिर कन्या से जबरदस्त शादी कि थी और और अल्लाह उदल का भी यही इतिहास रहा है जिस राजा ने उनसे युद्ध किया उनकी कन्या को जबरन शादी करते थे प्रथ्विराज चौहान कि लड़की को नहीं छोड़ा था प्रथ्विराज चौहान ने अपनी लड़की को वापस पाने में काई बार लड़ाई कि लेकिन छुड़ा नहीं सका तो प्रथ्विराज चौहान ने अपनी लड़की को विधवा जरूर कर दिया था इसलिए अल्लाह उदल को ओछी जात बनाफार राज्य कहलाता थे
अच्छा ऐसा है