माँ महामाया देवी मंदिर और 2500 वर्ष पुराना राजा जगत पाल का किल्ला ग्राम:- तरीघाट BY:-

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  • Опубликовано: 10 сен 2024
  • तरीघाट के महमाया मंदिर काफी प्रसिद्ध मनिदर है साथ ही यही पर राजा जगतपाल टीला है जिसकी दूसरे चरण की खुदाई की शुरुआत आज प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री अजय चंद्राकर ने की। पहले चरण की खुदाई में इस टीले से दो हजार साल पुराने इतिहास के अवशेष मिले हैं। मौके पर संस्कृति मंत्री ने तरीघाट में म्यूजियम बनाने की घोषणा की। खुदाई में जो भी अवशेष प्राप्त होंगे, उसे म्यूजियम में रखा जाएगा। खुदाई के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग से दूसरी बार लाइसेंस मिला है। पहले चरण की खुदाई में कुषाण राजवंश के सिक्के मिले हैं। दूसरे चरण में और पुरातात्विक महत्व की चीजें मिलने की उम्मीद है। कार्यक्रम में सांसद सरोज पांडेय भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि खुदाई से इतिहास का पता चलेगा। पहले चरण की खुदाई में मिले अवशेष की प्रदर्शनी लगाई गई थी।
    यह टीला जिला मुख्यालय दुर्ग से चालीस व पाटन ब्लॉक मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर खारुन नदी के बाएं तट पर है। कुल क्षेत्रफल लगभग 7.5 हेक्टेयर है। ग्रामीण इस टीले को राजा जगतपाल का टीला कहते हैं। इसी टीले में दशहरा उत्सव मनाने के लिए रावण की प्रतिमा बनाई गई है। टीले के पास ही प्राचीन महामाया मंदिर है। ग्रामीण हर साल नवरात्रि में यहां ज्योत जलाते हैं।
    छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग को प्रदेश में चार जगह की खुदाई के लाइसेंस मिले हैं जहां तरीघाट की तरह टीले हैं। खुदाई के लिए लाइसेंस भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग नई दिल्ली ने जारी किया है। जिसमें दुर्ग जिले का तरीघाट, बलौदा बाजार जिले का डमरू, गरियाबंद जिले का राजिम व रायगढ़ जिले का पुजारीपाली शामिल है। तरीघाट के अलावा पाटन ब्लाक के कौही, बठैना, खोरपा, पंदर, असोगा आदि गांव में भी इसी तरह के टीले होने की जानकारी पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने दी है।

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