भगवान की इस अनंत सृष्टि में अनंत ब्रह्मांड है ! और प्रत्येक ब्रह्मांड की एक एक धरती होगी और फिर ऐसी अनंत धरतियां होगी !! तो भगवान ने इन अनंत पृथ्वियों पर जीवन देने के लिए जीवात्माओं की कुछ निश्चित संख्या तय की होगी कि सृष्टि काल से लेकर प्रलय काल तक अमुक अमुक धरती पर ये अमुक अमुक लाख करोड़ जीवात्माएं ही जीवन धारण करेगी ! क्योंकि सृष्टि में जीवात्माओं की संख्या भी अनंत है न !! तो इन अनंत जीवों का जीवन एक ही धरती पर तो हो नहीं सकता न !! क्योंकि अगर ऐसा होगा तो फिर कुछ अनंत जीवात्माओं के हिसाब किताब कैसे तय करेंगे बिना उनको नया जन्म दिए बगैर !! तो हर एक जीवात्मा को जन्म मृत्यू चक्र मिलता है !! ऐसे में मेरा सवाल है कि कितनी भी पापी मनुष्य हो , असुर हो उसको एक ना एक दिन भगवान का ज्ञान / समझ हो जाएगा और एक ना एक दिन उसकी भगवत प्राप्ति तो होगी ही !! तो एक दिन ऐसा आएगा सभी अनंत जीवों को भगवत प्राप्ति हो जाएगी और सृष्टि में कोई जीव बचेगा ही नहीं !! तो भगवान जब अगले कल्प में फिर से सृष्टि करेंगे तब कोई जीव शरीर धारण करने के लिए बचेगा ही नहीं !! लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं , क्योंकि अनंत काल से ये सृष्टि बनने का और प्रलय का चक्र चलता आ रहा है !! ऐसे में भगवत प्राप्ति के सदा होने पर सवाल उठ जाता हैं !! भगवान जो गीता में कहते हैं कि एक बार कोई जीव मेरे परम पद / भगवत प्राप्ति को प्राप्त हो गया , वो कभी जन्म मृत्यू के चक्र में नहीं बंधेगा , क्योंकि वो मुक्त हो चुका है !! तो अगर ऐसा है तो कभी ना कभी सभी अनंत जीवों की भगवत प्राप्ति हो चुकी होगी कभी किसी कल्प में !! तो फिर अब हम जीव कौन से हैं ?? या तो ये सत्य है कि भगवत प्राप्ति भी सदा के लिए नहीं होती हैं या फिर मोक्ष / भगवत प्राप्ति / परम् पद जैसी चीजें होती ही नहीं है !!! भगवान झूठ बोल रहें हैं गीता में !!!
❤❤❤❤❤❤
शिव🌺
Pranaam❤
🙏 प्रणाम 🙏
भगवान की इस अनंत सृष्टि में अनंत ब्रह्मांड है ! और प्रत्येक ब्रह्मांड की एक एक धरती होगी और फिर ऐसी अनंत धरतियां होगी !! तो भगवान ने इन अनंत पृथ्वियों पर जीवन देने के लिए जीवात्माओं की कुछ निश्चित संख्या तय की होगी कि सृष्टि काल से लेकर प्रलय काल तक अमुक अमुक धरती पर ये अमुक अमुक लाख करोड़ जीवात्माएं ही जीवन धारण करेगी ! क्योंकि सृष्टि में जीवात्माओं की संख्या भी अनंत है न !! तो इन अनंत जीवों का जीवन एक ही धरती पर तो हो नहीं सकता न !! क्योंकि अगर ऐसा होगा तो फिर कुछ अनंत जीवात्माओं के हिसाब किताब कैसे तय करेंगे बिना उनको नया जन्म दिए बगैर !! तो हर एक जीवात्मा को जन्म मृत्यू चक्र मिलता है !!
ऐसे में मेरा सवाल है कि कितनी भी पापी मनुष्य हो , असुर हो उसको एक ना एक दिन भगवान का ज्ञान / समझ हो जाएगा और एक ना एक दिन उसकी भगवत प्राप्ति तो होगी ही !!
तो एक दिन ऐसा आएगा सभी अनंत जीवों को भगवत प्राप्ति हो जाएगी और सृष्टि में कोई जीव बचेगा ही नहीं !! तो भगवान जब अगले कल्प में फिर से सृष्टि करेंगे तब कोई जीव शरीर धारण करने के लिए बचेगा ही नहीं !!
लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं , क्योंकि अनंत काल से ये सृष्टि बनने का और प्रलय का चक्र चलता आ रहा है !!
ऐसे में भगवत प्राप्ति के सदा होने पर सवाल उठ जाता हैं !! भगवान जो गीता में कहते हैं कि एक बार कोई जीव मेरे परम पद / भगवत प्राप्ति को प्राप्त हो गया , वो कभी जन्म मृत्यू के चक्र में नहीं बंधेगा , क्योंकि वो मुक्त हो चुका है !!
तो अगर ऐसा है तो कभी ना कभी सभी अनंत जीवों की भगवत प्राप्ति हो चुकी होगी कभी किसी कल्प में !! तो फिर अब हम जीव कौन से हैं ?? या तो ये सत्य है कि भगवत प्राप्ति भी सदा के लिए नहीं होती हैं या फिर मोक्ष / भगवत प्राप्ति / परम् पद जैसी चीजें होती ही नहीं है !!! भगवान झूठ बोल रहें हैं गीता में !!!