ধর্ম বিজয়ের প্রতীক দশেরা তত্ত্বজ্ঞানের অভাবের কারণে মানব অধর্মের পথে এতটাই এগিয়ে গেছে যে ধর্মের চিহ্নও আর নেই। কিন্তু আপনাদের জানিয়ে দিই যে, সন্ত রামপাল জী মহারাজ সকল পবিত্র গ্রন্থ থেকে প্রমাণিত জ্ঞান দিয়ে ধর্মের বিজয়ের জন্য প্রচেষ্টা চালিয়ে যাচ্ছেন।
कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं। True Guru Sant Rampal Ji
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
संत रामपाल जी महाराज के 150 से अधिक सेवक दिन-रात बिहार बाढ़ पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य हमेशा से मानवता की सेवा में अग्रणी रहे हैं जो उनके गुरु की शिक्षाओं का प्रतिफल है। संत रामपाल जी महाराज का मानना है कि समाज की भलाई और उत्थान के लिए निःस्वार्थ सेवा का मार्ग अपनाना चाहिए।
By doing devotion to God through the full Guru, Kabir can save the suffering of eighty-four lakh yonis. At present, the complete Guru is Sant Rampal Ji Maharaj Ji. @SaintRampalJiM Sant Rampal Ji Maharaj
শ্রীমদদেবীভাগবত পুরাণের সপ্তম স্কন্ধ, অধ্যায় ৩৬-এ "দেবী দুর্গা হিমালয় রাজাকে জ্ঞান প্রদান করতে গিয়ে বলছেন, ব্রহ্মের ভক্তি করো"। সেই ব্রহ্ম সম্পর্কে জানতে অবশ্যই পড়ুন জ্ঞান গঙ্গা।
সর্বশক্তিমান পরমাত্মা হলেন কবীর সাহেব বেদে তে প্রমাণ আছে যে কবীর পরমাত্মা নিজের সাধকের সমস্ত সংকট এক মুহূর্তে দূর করে দিতে পারেন | सर्वशक्तिमान परमात्मा कबीर साहेब हैं वेदों में प्रमाण है कि कबीर परमात्मा अपने साधक के हर संकटों को एक क्षण में दूर कर सकता है।
জগৎগুরু তত্ত্বদর্শী সন্ত রামপাল জী মহারাজের থেকে দীক্ষা নিয়ে কবীর সাহেবের ভক্তি করলে সতলোক প্রাপ্তি হয়। সতলোক অবিনাশী লোক। ওখানে যাওয়ার পর সাধক জন্ম-মৃত্যুর চক্র থেকে মুক্ত হয়ে যায় আর পূর্ণ মুক্তি প্রাপ্ত করে। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है। सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है) यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
#धर्मविजय_का_प्रतीक_दशहरा भक्ति बिना क्या होत है, ये भरम रहा संसार। रति कंचन पाया नहीं, रावण चलती बार।। परमात्मा कबीर साहेब जी बताते हैं कि रावण का बहुत बड़ा साम्राज्य और विशाल परिवार था। उनके एक लाख बेटे और सवा लाख पोते थे, लेकिन आज उनके परिवार में एक भी परिवार का सदस्य जीवित नहीं है, सभी मर चुके हैं। सतभक्ति के बिना मोक्ष नहीं मिल सकता। Aadi Ram Kabir
ধর্ম বিজয়ের প্রতীক দশেরা তত্ত্বজ্ঞান-এর অভাবে মানুষ অধর্মের দিকে এতটাই এগিয়ে গেছে যে ধর্মীয়তার কোনো চিহ্ন নেই। কিন্তু আপনাকে জানাতে চাই যে, সন্ত রামপাল জী মহারাজ সমস্ত শাস্ত্রের দ্বারা প্রমাণিত জ্ঞান প্রদান করে অধর্মের উপর ধর্মের বিজয় লাভের প্রচেষ্টা করছেন।
आदरणीय गरीबदास जी को पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) स्वयं सत्यभक्ति प्रदान करके सत्यलोक लेकर गए थे, तब अपनी अमृतवाणी में आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने आँखों देखकर कहाः- गरीब, अजब नगर में ले गए, हमकुँ सतगुरु आन। झिलके बिम्ब अगाध गति, सुते चादर तान।।
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
कबीर-पीर सबन को एक सी, मूरख जानैं नाहिं। अपना गला कटाय कै, क्यों न बसो भिश्त के माहिं।। अर्थात दर्द सर्व को एक जैसा ही होता है। अनजान नहीं जानते। यदि बकरे आदि का गला काट कर (हलाल करके) उसे स्वर्ग भेज देते हो तो काजी तथा मुल्ला अपना गला छेदन करके (हलाल करके) स्वर्ग प्राप्ति क्यों नहीं करते?
दरभंगा और सहरसा बिहार में मानवीय सेवा के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों को न केवल भोजन और राहत सामग्री मिल रही है बल्कि उन्हें इस मुश्किल समय में मानसिक और भावनात्मक सहायता भी मिल रही है जो कि उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
कबीर, सर्व सोने की लंका थी, वो रावण से रणधीरं | एक पलक मे राज विराजै, जम के पड़ै जंजीरं || पूज्यनीय भगवान कबीर साहेब जी बताते हैं, रावण की पूरी लंका सोने से बनी थी। वह बहुत शक्तिशाली शासक था। परन्तु फिर भी सतभक्ति बिना लंकापति रावण भी एक ही क्षण में राख हो गया। কবীর, সোনার লঙ্কা ছিল, সে রাবণ থেকে রণধীর | এক পলকে রাজা হ'ল, যমের জালে পড়ল || পূজনীয় ভগবান কবীর সাহেব বলেছেন, রাবণের সম্পূর্ণ লঙ্কা সোনা দিয়ে তৈরি ছিল। তিনি অত্যন্ত শক্তিশালী শাসক ছিলেন। তবে সত্য ভক্তি ছাড়া, লঙ্কাপতি রাবণও এক মুহূর্তে ছাই হয়ে গিয়েছিল।
धर्म विजय का प्रतीक दशहरा त्रेतायुग का रावण तो श्रीराम ने मार दिया लेकिन कलयुगी रावण अर्थात बुराइयों को समाप्त कर धर्म की पुनर्स्थापना कौन करेगा? ধর্ম বিজয়ের প্রতীক দশেরা ত্রেতা যুগের রাবণকে শ্রীরাম বধ করেছিলেন, কিন্তু কলিযুগের রাবণ অর্থাৎ অশুভ শক্তির বিনাশ করে ধর্ম পুনঃপ্রতিষ্ঠা কে করবে?
धर्म विजय का प्रतीक दशहरा तत्वज्ञान के अभाव से मानव अधर्म की ओर इतना अग्रसर हो चुका है कि धार्मिकता का नामोनिशान नहीं रहा। लेकिन आपको बता दें संत रामपाल जी महाराज सभी सद्ग्रंथों से प्रमाणित ज्ञान देकर अधर्म पर धर्म की विजय कराने के लिए प्रयत्नशील हैं। ধর্ম জয়ের প্রতীক দশোহরা তত্ত্বজ্ঞান ছাড়াই মানুষ এতটা অধর্মের দিকে অগ্রসর হয়েছে যে ধর্মীয়তার কোনো চিহ্ন অবশিষ্ট নেই। কিন্তু, সন্ত রামপালজি মহারাজ সমস্ত পবিত্র সদ গ্রন্থের প্রমাণিত জ্ঞান দিয়ে অধর্মের উপর ধর্মের বিজয় আনতে কঠোর পরিশ্রম করছেন।
धर्म विजय का प्रतीक दशहरा तत्वज्ञान के अभाव से मानव अधर्म की ओर इतना अग्रसर हो चुका है कि धार्मिकता का नामोनिशान नहीं रहा। लेकिन आपको बता दें संत रामपाल जी महाराज सभी सद्ग्रंथों से प्रमाणित ज्ञान देकर अधर्म पर धर्म की विजय कराने के लिए प्रयत्नशील हैं। ধর্ম বিজয়ের প্রতীক দশেরা তত্ত্বজ্ঞানের অভাবের কারণে মানব অধর্মের পথে এতটাই এগিয়ে গেছে যে ধর্মের চিহ্নও আর নেই। কিন্তু আপনাদের জানিয়ে দিই যে, সন্ত রামপাল জী মহারাজ সকল পবিত্র গ্রন্থ থেকে প্রমাণিত জ্ঞান দিয়ে ধর্মের বিজয়ের জন্য প্রচেষ্টা চালিয়ে যাচ্ছেন।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
संत रामपाल जी महाराज के 150 से अधिक सेवक दिन-रात बिहार बाढ़ पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य हमेशा से मानवता की सेवा में अग्रणी रहे हैं जो उनके गुरु की शिक्षाओं का प्रतिफल है। संत रामपाल जी महाराज का मानना है कि समाज की भलाई और उत्थान के लिए निःस्वार्थ सेवा का मार्ग अपनाना चाहिए।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
সাধক সন্ত রামপাল জি মহারাজ সমগ্র বিশ্বে একমাত্র সাধক যাঁর কাছ থেকে নাম দীক্ষা নিয়ে মোক্ষ লাভ হয় এবং এখানেও সকল সুখ লাভ হয়🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤❤❤❤
ধর্ম বিজয়ের প্রতীক দশেরা
তত্ত্বজ্ঞানের অভাবের কারণে মানব অধর্মের পথে এতটাই এগিয়ে গেছে যে ধর্মের চিহ্নও আর নেই। কিন্তু আপনাদের জানিয়ে দিই যে, সন্ত রামপাল জী মহারাজ সকল পবিত্র গ্রন্থ থেকে প্রমাণিত জ্ঞান দিয়ে ধর্মের বিজয়ের জন্য প্রচেষ্টা চালিয়ে যাচ্ছেন।
Satgurudev Ki Jay 🙏🙏🙏
Sat guru Ram pal ji maharaj ki jai ho
जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद मर्यादा में रहकई भक्ति करने से परमात्मा साथ रहते हैं सत साहेब जी ❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏
कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं।
True Guru Sant Rampal Ji
Sant Rampal ji maharaj ki jay ho
Sat Sahib Ji
Khoob bhalo
संत रामपाल जी महाराज नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करना होता है उस साधक पर परमात्मा की विशेष कृपा रहती है सत साहेब जी 🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️🙏❤️
Sat gurudev ji ki joy🙏
অদ্ভুত চমৎকার ❤❤
Great God Information
सत साहेब जी
Sant Rampal Ji Maharaj dharai sambhag
সত্ভক্তি করার মাধ্যমে শরীর সুস্থ থাকে এবং পরিবারের সবাই নিজে থেকেই শ্রদ্ধা করতে থাকে।
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
Sat Saheb Ji
Very nice
Good Information
Nice ❤
Very nice information kabir is God
Nice interview 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Sat Gyan
कबीर परमात्मा पाप का शत्रु है, पाप विनाशक हैं।
कबीर परमात्मा सम्पूर्ण शांति दायक है - यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32
সাধক রামপাল জি মহারাজ সমগ্র বিশ্বে একমাত্র সাধক যাঁর কাছ থেকে নাম দীক্ষা নিয়ে মোক্ষ লাভ হয় এবং এখানেও সকল সুখ লাভ হয়।
Sant Rampal Ji Maharaj to Guru bhagwan
संत रामपाल जी महाराज के 150 से अधिक सेवक दिन-रात बिहार बाढ़ पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य हमेशा से मानवता की सेवा में अग्रणी रहे हैं जो उनके गुरु की शिक्षाओं का प्रतिफल है। संत रामपाल जी महाराज का मानना है कि समाज की भलाई और उत्थान के लिए निःस्वार्थ सेवा का मार्ग अपनाना चाहिए।
🙏🙏
সন্ত গরীব দাস জী মহারাজ বলেছেন যে:--
এই মানব শরীরের সময় একবার চলে গেলে আর ফিরে আসবেনা আর ভক্তি না করলে এই সময়ের কথা চিন্তা করে পরে কাঁদতে হবে।
By doing devotion to God through the full Guru, Kabir can save the suffering of eighty-four lakh yonis.
At present, the complete Guru is Sant Rampal Ji Maharaj Ji.
@SaintRampalJiM
Sant Rampal Ji Maharaj
ऐसा भी लाभ होता है संत रामपाल जी महाराज जी से नाम लेने पर मुझे पता ही नहीं था कि ऐसा लाभ होता है जय हो जय हो
❤❤❤
সত ভক্তি করলে অনেক লাভ পাওয়া যায়
Kabir is the supreme God of the world
শ্রীমদদেবীভাগবত পুরাণের সপ্তম স্কন্ধ, অধ্যায় ৩৬-এ "দেবী দুর্গা হিমালয় রাজাকে জ্ঞান প্রদান করতে গিয়ে বলছেন, ব্রহ্মের ভক্তি করো"। সেই ব্রহ্ম সম্পর্কে জানতে অবশ্যই পড়ুন জ্ঞান গঙ্গা।
Kabir is SUPREME GOD 🙏
Kabir is òoď🍎🍎🍎🍎🍎
সৎ গুরু দেবের কাছ থেকে নাম দীক্ষা নিয়ে মর্যাদার মধ্যে থেকে সৎ ভক্তি সাধনা করলে পরমাত্মা সাধকের সব সমস্যা ঠিক করে
সর্বশক্তিমান পরমাত্মা হলেন কবীর সাহেব
বেদে তে প্রমাণ আছে যে কবীর পরমাত্মা নিজের সাধকের সমস্ত সংকট এক মুহূর্তে দূর করে দিতে পারেন |
सर्वशक्तिमान परमात्मा कबीर साहेब हैं
वेदों में प्रमाण है कि कबीर परमात्मा अपने साधक के हर संकटों को एक क्षण में दूर कर सकता है।
Kabir is supreme God
Kabir भगवान
0:08
জগৎগুরু তত্ত্বদর্শী সন্ত রামপাল জী মহারাজের থেকে দীক্ষা নিয়ে কবীর সাহেবের ভক্তি করলে সতলোক প্রাপ্তি হয়।
সতলোক অবিনাশী লোক। ওখানে যাওয়ার পর সাধক জন্ম-মৃত্যুর চক্র থেকে মুক্ত হয়ে যায় আর পূর্ণ মুক্তি প্রাপ্ত করে।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।
सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
गरीब, सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारों युग प्रवान ।
झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान ।।
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
#धर्मविजय_का_प्रतीक_दशहरा
भक्ति बिना क्या होत है, ये भरम रहा संसार।
रति कंचन पाया नहीं, रावण चलती बार।।
परमात्मा कबीर साहेब जी बताते हैं कि रावण का बहुत बड़ा साम्राज्य और विशाल परिवार था। उनके एक लाख बेटे और सवा लाख पोते थे, लेकिन आज उनके परिवार में एक भी परिवार का सदस्य जीवित नहीं है, सभी मर चुके हैं।
सतभक्ति के बिना मोक्ष नहीं मिल सकता।
Aadi Ram Kabir
ধর্ম বিজয়ের প্রতীক দশেরা
তত্ত্বজ্ঞান-এর অভাবে মানুষ অধর্মের দিকে এতটাই এগিয়ে গেছে যে ধর্মীয়তার কোনো চিহ্ন নেই। কিন্তু আপনাকে জানাতে চাই যে, সন্ত রামপাল জী মহারাজ সমস্ত শাস্ত্রের দ্বারা প্রমাণিত জ্ঞান প্রদান করে অধর্মের উপর ধর্মের বিজয় লাভের প্রচেষ্টা করছেন।
Kabir is supreme god
आदरणीय गरीबदास जी को पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) स्वयं सत्यभक्ति प्रदान करके सत्यलोक लेकर गए थे, तब अपनी अमृतवाणी में आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने आँखों देखकर कहाः-
गरीब, अजब नगर में ले गए, हमकुँ सतगुरु आन। झिलके बिम्ब अगाध गति, सुते चादर तान।।
जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज को मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
कबीर-पीर सबन को एक सी, मूरख जानैं नाहिं।
अपना गला कटाय कै, क्यों न बसो भिश्त के माहिं।।
अर्थात दर्द सर्व को एक जैसा ही होता है। अनजान नहीं जानते। यदि बकरे आदि का गला काट कर (हलाल करके) उसे स्वर्ग भेज देते हो तो काजी तथा मुल्ला अपना गला छेदन करके (हलाल करके) स्वर्ग प्राप्ति क्यों नहीं करते?
दरभंगा और सहरसा बिहार में मानवीय सेवा के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों को न केवल भोजन और राहत सामग्री मिल रही है बल्कि उन्हें इस मुश्किल समय में मानसिक और भावनात्मक सहायता भी मिल रही है जो कि उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 और ॠगवेद मणडल 9, सूक्त 95, मंत्र 1-5 के अनुसार परमात्मा साकार मानव सदृश है वह राजा के समान दर्शनीय है और सतलोक में तेजोमय शरीर में विद्यमान है उसका नाम कविर्देव (कबीर) है ।
Tatv Gyan Thekei sarb sukh paba jay
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
कबीर, सर्व सोने की लंका थी, वो रावण से रणधीरं |
एक पलक मे राज विराजै, जम के पड़ै जंजीरं ||
पूज्यनीय भगवान कबीर साहेब जी बताते हैं, रावण की पूरी लंका सोने से बनी थी। वह बहुत शक्तिशाली शासक था। परन्तु फिर भी सतभक्ति बिना लंकापति रावण भी एक ही क्षण में राख हो गया।
কবীর, সোনার লঙ্কা ছিল, সে রাবণ থেকে রণধীর |
এক পলকে রাজা হ'ল, যমের জালে পড়ল ||
পূজনীয় ভগবান কবীর সাহেব বলেছেন, রাবণের সম্পূর্ণ লঙ্কা সোনা দিয়ে তৈরি ছিল। তিনি অত্যন্ত শক্তিশালী শাসক ছিলেন। তবে সত্য ভক্তি ছাড়া, লঙ্কাপতি রাবণও এক মুহূর্তে ছাই হয়ে গিয়েছিল।
धर्म विजय का प्रतीक दशहरा
त्रेतायुग का रावण तो श्रीराम ने मार दिया लेकिन कलयुगी रावण अर्थात बुराइयों को समाप्त कर धर्म की पुनर्स्थापना कौन करेगा?
ধর্ম বিজয়ের প্রতীক দশেরা
ত্রেতা যুগের রাবণকে শ্রীরাম বধ করেছিলেন, কিন্তু কলিযুগের রাবণ অর্থাৎ অশুভ শক্তির বিনাশ করে ধর্ম পুনঃপ্রতিষ্ঠা কে করবে?
धर्म विजय का प्रतीक दशहरा
तत्वज्ञान के अभाव से मानव अधर्म की ओर इतना अग्रसर हो चुका है कि धार्मिकता का नामोनिशान नहीं रहा। लेकिन आपको बता दें संत रामपाल जी महाराज सभी सद्ग्रंथों से प्रमाणित ज्ञान देकर अधर्म पर धर्म की विजय कराने के लिए प्रयत्नशील हैं।
ধর্ম জয়ের প্রতীক দশোহরা
তত্ত্বজ্ঞান ছাড়াই মানুষ এতটা অধর্মের দিকে অগ্রসর হয়েছে যে ধর্মীয়তার কোনো চিহ্ন অবশিষ্ট নেই। কিন্তু, সন্ত রামপালজি মহারাজ সমস্ত পবিত্র সদ গ্রন্থের প্রমাণিত জ্ঞান দিয়ে অধর্মের উপর ধর্মের বিজয় আনতে কঠোর পরিশ্রম করছেন।
धर्म विजय का प्रतीक दशहरा
तत्वज्ञान के अभाव से मानव अधर्म की ओर इतना अग्रसर हो चुका है कि धार्मिकता का नामोनिशान नहीं रहा। लेकिन आपको बता दें संत रामपाल जी महाराज सभी सद्ग्रंथों से प्रमाणित ज्ञान देकर अधर्म पर धर्म की विजय कराने के लिए प्रयत्नशील हैं।
ধর্ম বিজয়ের প্রতীক দশেরা
তত্ত্বজ্ঞানের অভাবের কারণে মানব অধর্মের পথে এতটাই এগিয়ে গেছে যে ধর্মের চিহ্নও আর নেই। কিন্তু আপনাদের জানিয়ে দিই যে, সন্ত রামপাল জী মহারাজ সকল পবিত্র গ্রন্থ থেকে প্রমাণিত জ্ঞান দিয়ে ধর্মের বিজয়ের জন্য প্রচেষ্টা চালিয়ে যাচ্ছেন।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
🙏🙏
कबीर परमात्मा पाप का शत्रु है, पाप विनाशक हैं।
कबीर परमात्मा सम्पूर्ण शांति दायक है - यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32
Sat Gyan
Very nice
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
संत रामपाल जी महाराज के 150 से अधिक सेवक दिन-रात बिहार बाढ़ पीड़ितों की सेवा कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य हमेशा से मानवता की सेवा में अग्रणी रहे हैं जो उनके गुरु की शिक्षाओं का प्रतिफल है। संत रामपाल जी महाराज का मानना है कि समाज की भलाई और उत्थान के लिए निःस्वार्थ सेवा का मार्ग अपनाना चाहिए।
সাধক রামপাল জি মহারাজ সমগ্র বিশ্বে একমাত্র সাধক যাঁর কাছ থেকে নাম দীক্ষা নিয়ে মোক্ষ লাভ হয় এবং এখানেও সকল সুখ লাভ হয়।
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
Sat Gyan
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