फिर साकार हुई परम्परा: खीचड़े की थाली में घुल मिल गया जाटों - राजपूतों का स्नेह
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- Опубликовано: 25 окт 2024
- बीकानेर रियासत से जुड़े जाट समाज के करीब 9 गांवो के मौजीज जाट परिवार के मुखिया और राजपूत समाज के - गणमान्यजनों ने एक साथ बैठकर मीठा खीचड़ा खाकर करीब चालीस साल पुरानी परम्परा को पुनः साकार किया। -यह कार्यक्रम राजवी परिवार के अभिमन्युसिंह राजवी की ओर से पवनपुरी स्थित उनके जसनिवास पर आयोजित किया गया। जिसमें राजपूत जाट समाज के गणमान्यजनों सहित अन्य समाज के लोगों की भी भागीदारी रही। इस अवसर पर दोनों समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को मीठा खीचड़ा खिलाया और आपसी प्रेम और सौहार्द्ध बने रहने की कामना की। अभिमन्युसिंह राजवी ने इस मौके पर बताया कि यह राज परिवार की परम्परा थी, जिसे बीकानेर स्थापना के साथ लगातार निभाया जाता रहा। जिसे पुर्नजीवित करने का प्रयास किया गया है। इसका उद्देश्य आपसी सौहार्द और भाईचारे को बनाए रखना है। राजवी ने बताया कि इस कार्यक्रम में जाट समाज के बेनीवाल, कस्वां, पूनिया, सियाग, सहारण सहित अन्य गोत्र के मौजीज जन शामिल हुए। कार्यक्रम में शिवबाड़ी मठ के महंत विमर्शानन्द गिरी जी महाराज, सागर आश्रम के अधिष्ठाता पंडित रामेश्वरानन्द महाराज, जितेन्द्र सिंह राजवी, हनुमानसिंह चावड़ा, युधिष्ठरसिंह भाटी, कर्णप्रतापसिंह सिसोदिया, शशि शर्मा, वेद व्यास, डॉ. अजय कपूर, शंभू सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे।
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