अपने बाबा दवारा अपने बाबानूसार इस एक फरीसते के माधयम से साकार में सहयोग--- अपने बेहद मीठे एकरस नीराकार एक बाबा समज परकास देते हं- ओर अपने इस एक फरीसते को माधयम लेकर व अपने मूरली पतर के माधयम से लीख कर कहते हं- के अब तक जो कूछ समजा (या समझा) हूआ ह - या पढ़ा हूआ ह वह सभी कूछ भूल जाओ--- इसका अरथ ह के- नीराकार आतमा कूछ भी समजते हं या जानते हं---वह सब उचीत समज नहीं ह--- ओर उचीत समज नहीं ह -इसलीए इसे भूल लीजीए- यह नीरनय अपने बेहद मीठे एकरस नीराकार एक बाबा के नीराकार आतमा अपने बचचे को अपने आप करना ह के बाबा कह रहे हं- यह समज ह या दूनीया में ह वह समज ह--- समज दोनों में से एक ह - अपने बेहद मीठे बाबानूसार असल में समज ह--- असल या सतय अरथात इसे बदला नहीं जा सकता--- दूनीया में---दूनीया केनूसार कोइ भी- समज ह - उसे बदला भी जा सकता ह - व खतम भी कीया जा सकता ह - जीसे बदला जा सकता ह या खतम कीया जा सकता ह--- वह होता नहीं ह - बनाया जाता ह - ऐसे--- इस परकास के बने हूए साकार दूनीया में एक ततव परकास ह --- उसको बदलकर---5 ततव बनते हं- होते नहीं--- एक ह - यह कभी बदलता नहीं--- ऐसे--- अपने बाबा व नीराकार आतमा बेहद परकास बींदू बेहद सूकसम --- दोनो हं- इसे न बनाया जा सकता ह व न खतम कीया जा सकता ह ऐसे ही अपने बाबा मे व नीराकार आतमा में--- अभीनय व पारट ह बनाना नहीं ह - अपने बाबा व नीराकार आतमा में--- बूदधी व संसकार हं बनाने नहीं हं--- लेकीन मन जेसे अपने बाबा में नहीं ह - ऐसे आतमा में मन होता नहीं - कलपना कर लीया जाता ह - इसके कलपना दवापर सूरू होता ह - इससे पहले नहींं--- अपने बाबा ने - इस एक फरीसते को- ऐसे समजाया ह इसके लीए यह बेहद उचीत ह - अनय अपने बाबा के सभी मीठे एकरस नीराकार आतमा बचचे यह नीरनय अपने आप कर लीजीए के उचीत ह या नहीं--- नीराकार आत्मा ह तब समज ह व बेहद नाटक ह व एक ततव परकास ह - आतमा के लीए--- आतम परकास ततव के लीए नहीं ह - यदि आत्मा नहीं तब कूछ भी नहीं ह--- दूसरा अब यहां पर इस- परकास के साकार बने हूए दूनीया में सीरफ एक ततव ह - परकास ओर इस परकास को बदलकर-5 ततव बनाए जाते हं--- परकास को बदलकर बनाया हूआ रूप सरीर होता नहीं--- बनाना होता ह व इसका नाम- सरीर व रूप होता नहीं बनाना होता ह - अरथात एक परकास ततव को बदलकर बनाया हूआ रूप- सरीर व इसका नाम पहले कूछ भी होता नहीं--- आतमा में बूदधी व संसकार होते हं -ओर आतमा अपने बूदधी व संसकारों से---सरीर के रूप व नाम को बनता ह--- यह बनावटी या दीखावटी या असतय रूप सरीर व इसका नाम कूछ भी होता नहीं ह - बनाया जाता ह - असतय होने से या बनावटी होने से या वीकारी होने से--- अपने बाबा इसे भूलने के लीए या खतम करने के लीए या अपने बाबा को दे दीजीए यह कहते रहे हं--- जेसे परकास का बदला हूआ रूप- सरीर व इसका नाम ह - नहींं--- लेकीन बनाया जाता ह - ऐसे ही सरीर के रीसते व सरीर से संबंधीत कोइ भी पदारथ होता नहीं--- बनाया जाता ह -नीराकार आतमा दवारा सरीर लेने के बाद ह नहीं--- लेकीन रचना कीया जाता ह अरथात असतय ह - लेकीन उसको सतय मानने से नीराकार आतमा दूख व असांती का महसूस या अनूभव करता ह - असतय का जीतना अधीक वीसतार व उसको अपना समज लेना--- उतना ही दूख व असांती का अनूभव होता ह - अपनी बेहद मीठे बाबा ने यहां से कीसी भी सबद या पंकती पर कोइ भी पंकती या लाइन नहीं लगाइ ह
अपने बेहद मीठे एकरस नीराकार एक बाबा ने यहां संपरक करने के लीए अपने बाबानूसार इस एक फरीसते को यह बेहद मीठे एकरस नीयम उचीत कह दीया ह - यदी कूछ पूछना ह - तब लीखकर पूछ लीजीए- यदी संपरक करना ह - तब नीराकार आतमा रूप या सवरूप सभी-6 या सवराजधीकार दीखाना ह - नीराकार आतमा रूप सभी-6 के परापती % सथीतीनूसार ही अपने बाबा से इस एक फरीसते के माधयम से--- अपने बेहद मीठे एकरस नीराकार एक बाबानूसार बेहद मीठे सहयोग लेनदेन से संपरक में आइए व रहीए---
Thank you so much, meri pyari meethi didiji❤ and thank you baba for give me this wonderful gift in Sangamyug
Om Shanti ❤
omshanti
Thank you very much
Thanks for posting the class. 😊
जी दीदी हम हमेशा साथ में ही है कभी अलग हुए ही नहीं है❤
Please my sweet divine mother ,this video I want everyday to understand in better way ❤️🙏
Thank you baba
Form आते ही time space आ जाता है,इसलिए formless समझना जरूरी है ❤
Very well explained
Ya thank u me also waiting for the class❤
It's available on RUclips ❤
Om shanti
Om Shanti Baba and didi 🙏 ❤🎉
Aapke jaisa banke Baba ka naam Roshan karna hai
परकास ततव का आकार कोइ नहीं--- परकास ततव का कोइ भी आकर ह - यदी उचीत समजें तब लीखकर भेजने का सहयोग कीजीए--- परकास का रंग नहीं आकर यदी ह तब---
अपने बाबा दवारा अपने बाबानूसार इस एक फरीसते के माधयम से साकार में सहयोग---
अपने बेहद मीठे एकरस नीराकार एक बाबा समज परकास देते हं- ओर अपने इस एक फरीसते को माधयम लेकर व अपने मूरली पतर के माधयम से लीख कर कहते हं- के अब तक जो कूछ समजा (या समझा) हूआ ह - या पढ़ा हूआ ह वह सभी कूछ भूल जाओ---
इसका अरथ ह के- नीराकार आतमा कूछ भी समजते हं या जानते हं---वह सब उचीत समज नहीं ह--- ओर उचीत समज नहीं ह -इसलीए इसे भूल लीजीए-
यह नीरनय अपने बेहद मीठे एकरस नीराकार एक बाबा के नीराकार आतमा अपने बचचे को अपने आप करना ह के बाबा कह रहे हं- यह समज ह या दूनीया में ह वह समज ह--- समज दोनों में से एक ह -
अपने बेहद मीठे बाबानूसार असल में समज ह--- असल या सतय अरथात इसे बदला नहीं जा सकता---
दूनीया में---दूनीया केनूसार कोइ भी- समज ह - उसे बदला भी जा सकता ह - व खतम भी कीया जा सकता ह -
जीसे बदला जा सकता ह या खतम कीया जा सकता ह--- वह होता नहीं ह - बनाया जाता ह - ऐसे---
इस परकास के बने हूए साकार दूनीया में एक ततव परकास ह --- उसको बदलकर---5 ततव बनते हं- होते नहीं---
एक ह - यह कभी बदलता नहीं--- ऐसे--- अपने बाबा व नीराकार आतमा बेहद परकास बींदू बेहद सूकसम --- दोनो हं- इसे न बनाया जा सकता ह व न खतम कीया जा सकता ह ऐसे ही अपने बाबा मे व नीराकार आतमा में---
अभीनय व पारट ह बनाना नहीं ह - अपने बाबा व नीराकार आतमा में--- बूदधी व संसकार हं बनाने नहीं हं--- लेकीन मन जेसे अपने बाबा में नहीं ह - ऐसे आतमा में मन होता नहीं - कलपना कर लीया जाता ह - इसके कलपना दवापर सूरू होता ह - इससे पहले नहींं--- अपने बाबा ने - इस एक फरीसते को- ऐसे समजाया ह इसके लीए यह बेहद उचीत ह -
अनय अपने बाबा के सभी मीठे एकरस नीराकार आतमा बचचे यह नीरनय अपने आप कर लीजीए के उचीत ह या नहीं---
नीराकार आत्मा ह तब समज ह व बेहद नाटक ह व एक ततव परकास ह - आतमा के लीए--- आतम परकास ततव के लीए नहीं ह - यदि आत्मा नहीं तब कूछ भी नहीं ह---
दूसरा अब यहां पर इस- परकास के साकार बने हूए दूनीया में सीरफ एक ततव ह - परकास ओर इस परकास को बदलकर-5 ततव बनाए जाते हं---
परकास को बदलकर बनाया हूआ रूप सरीर होता नहीं--- बनाना होता ह व इसका नाम- सरीर व रूप होता नहीं बनाना होता ह - अरथात एक परकास ततव को बदलकर बनाया हूआ रूप- सरीर व इसका नाम पहले कूछ भी होता नहीं--- आतमा में बूदधी व संसकार होते हं -ओर आतमा अपने बूदधी व संसकारों से---सरीर के रूप व नाम को बनता ह--- यह बनावटी या दीखावटी या असतय रूप सरीर व इसका नाम कूछ भी होता नहीं ह - बनाया जाता ह - असतय होने से या बनावटी होने से या वीकारी होने से---
अपने बाबा इसे भूलने के लीए या खतम करने के लीए या अपने बाबा को दे दीजीए यह कहते रहे हं---
जेसे परकास का बदला हूआ रूप- सरीर व इसका नाम ह - नहींं--- लेकीन बनाया जाता ह - ऐसे ही सरीर के रीसते व सरीर से संबंधीत कोइ भी पदारथ होता नहीं--- बनाया जाता ह -नीराकार आतमा दवारा सरीर लेने के बाद
ह नहीं--- लेकीन रचना कीया जाता ह अरथात असतय ह - लेकीन उसको सतय मानने से नीराकार आतमा दूख व असांती का महसूस या अनूभव करता ह - असतय का जीतना अधीक वीसतार व उसको अपना समज लेना--- उतना ही दूख व असांती का अनूभव होता ह -
अपनी बेहद मीठे बाबा ने यहां से कीसी भी सबद या पंकती पर कोइ भी पंकती या लाइन नहीं लगाइ ह
Paramatma alag satta
Hai...Mai alag satta huin sab alag alag satta hain tiny stars Bindu...sab apas mei connected
🙏🙏🙏🎉🎉🎉🎉❤❤❤
Om Shanti didi
Imes
Om Shanti
Link for joining the classes is closed till December
We will share once it's open
Thank you
Eagerly waiting for December
Om silence ❤
Om Silence ❤❤❤❤❤❤
अपने बेहद मीठे एकरस नीराकार एक बाबा ने यहां संपरक करने के लीए अपने बाबानूसार इस एक फरीसते को यह बेहद मीठे एकरस नीयम उचीत कह दीया ह - यदी कूछ पूछना ह - तब लीखकर पूछ लीजीए- यदी संपरक करना ह - तब नीराकार आतमा रूप या सवरूप सभी-6 या सवराजधीकार दीखाना ह - नीराकार आतमा रूप सभी-6 के परापती % सथीतीनूसार ही अपने बाबा से इस एक फरीसते के माधयम से--- अपने बेहद मीठे एकरस नीराकार एक बाबानूसार बेहद मीठे सहयोग लेनदेन से संपरक में आइए व रहीए---
Om Shanti shukriya Baba❤
Om shanti didi
Didi class ki link kese milegi
Didi zoom class ka link kese milega
Ek jaise alag alag mun budhi ka chasma pahne....
Om Shanti didi