पहले दस गुरु बना चुका कुछ हासिल ना हुआ।अब समझ आई संत श्री रमाशंकर का सत्संग सुनकर कि कहीं भगवान नहीं है सब फोकट कि बातें हैं। अच्छा कर्म करो इन्सानियत के सदगुण धारो, और मौज करो यही भगवान की बंदगी है।
बैठ के भले प्रवचन देते हो लेकिन जाते समय बिना विदाई और दक्षिण के बाबा नहीं जाते हैं जो आमदनी के लिए लोगों को ठगने का काम करते हैं और इनको अपने ही घर में कोई नहीं मानते होंगे वे अपने हृदय से अपने दिल पर रखकर के जवाब पूछे और अपने आप को सोचे समझ
गौतम बुद्ध, मुहम्मद सल्लाहु अलैहिस्सलाम, जीसस क्राइस्ट का पुर्व जन्म कथन:मिश्रा की मिश्री,बिहारी जी! शेयर करें महात्मा प्रहलाद इन्होने अपने जीवन काल मे बैकुंठनाथ (विष्णु) से पूछा। भगवन् इस संसार मे इतना दुःख है आप इंसानो को अपने धाम मे क्यूँ नहीं बुला लेते है।(अर्थात जीवन मरण से मुक्ति/निर्वान) (यह दुःख कि अवस्था इस प्रकार है अपने परिजनो या प्रेम से बिछरने का दुःख, प्रेम का ना मिलने का दुःख,शरीर मे उत्पन्न पिराओ से दुःख,जीवन निर्वाह हेतु दर दर भटकने का दुःख, इस तरह अनेको प्रकार कि दुःख कि अवस्था है) भगवान विष्णु ने कहा! ठीक है जाओ, जो लोग तुम्हारे साथ आएगे हम उन्हें अपने धाम ले जाएँगे। प्रहलाद लोगो के पास गए, अनेक लोगो से पूछा। लेकिन किसी ने कहा हम सुख भोगने के पश्चात परम धाम को चलेंगे। किसी ने कहा हमे एक संतान कि कमाना है, यदि एक संतान हो जाए तो सारा धन संपत्ति अपने संतान को सौप कर परम धाम को चलेंगे। किसी ने कहा, हमारा संतान विवाह योग्य हो चुका है उसे वैवाहिक जीवन मे वान्धने के पश्चात परम धाम को चलेंगे। इस प्रकार उनके साथ कोई नहीं आया भगवान विष्णु ने कहा ये सभी इच्छाओं मे सन्लगन है जबकि इच्छाएं सदा जीवन कि ओर प्रेरित करती है। महात्मा प्रहलाद हि सुध्दोदन के घर जन्म लिए जीनका नाम सिध्दार्थ परा जब इन्हे ज्ञान या जीवन का उद्देश्य ज्ञात हुआ तब इन्होने ही कहा. ) दुःख अर्थात संसार दुःखमय है। (2) दुःख-समुदय अर्थात् दुःखों का कारण भी हैं। (3) दुःख-निरोध अर्थात् दुःखों का अन्त सम्भव है। (4) दुःख-निरोध-मार्ग अर्थात् दुःखों के अन्त का एक मार्ग है। मुहम्मद साहब, (विजय )! इन्हे धरती से जन्नत तथा सातवा लोक या सातवा आसमान (बैकुंठ लोक) लेकर जाने वाले जिबरील अलै जीन्हे शास्रों मे (जय) नाम से भी जानते है! ये धरती पर कई बार आ चुके है मुहम्म्द साहब जब धरती पर रहे, तब तक सैतान कलि के बुराइयों से सामना किया लेकिन मुहम्मद साहब को शरीर त्यागने के पश्चात सैतान अपना बुराइ करने लगा इसकी बुराई पुरी दुनिया मे व्याप्त है! कुछ वाक्य मुहम्मद साहब को शरीर त्यागने के पश्चात अल्लाह, (भगवान विष्णु) से सातवे आसमान पर हुए वारतालाबे है! पुछा, जन्नत जाने के पश्चात इंसान जन्नत मे हमेशा-हमेशा के लिए इंसान रह जाएँगे।� अल्लाह (भगवान विष्णु)का जवाब! ए रसुल हमने जन्नत मे बहुत सारे फरिस्ते(देवता) को रखा,इबलिश(कलि या कलियुग)तथा आदम अलै,हब्बा बेगम को भी रखा, इबलिश दिन-रात इबादत करता था(50 वक्त का नवाज) फिर भी उसे अभिमान आ गया,आदम अलै इबलिस के बहकावे मे आकर स्वार्थी बन गए,जीस कारण इबलिश (कलि),आदम अलै, हब्बा बेगम,को धरती पर उतारना परा! अर्थात उस जन्नत मे रहने वाले या जाने वाले को किसी को ज्ञान पर अभिमान आता है, किसी को पद पर तो किसी को बल पर,किसी को सौन्दर्य पर अभिमान आता है,कोई एक-दुसरे से अधिक सम्मान पाने के लिए स्वार्थी भी बन जाते है ,जो की दण्ड का मुल कारण होता उस दन्ड को भुगतने हेतु उन्हें धरती पर आना परता है! जब इन्द्र स्वार्थी बना तो उसे भी धरती पर आना परा और उसे सुली पर लटकना परा? जीजस क्राइस्ट ,इसा,(इंद्र)! महाभारत युद्ध मे सूर्य देव और इन्द्र के बीच सम्मान-गरिमा का संबंध जुरा था इंन्द्र अपना स्वार्थ को सिद्ध करने हेतु क्षल पर्वक कवक्ष-कुण्डल का दान लेना, तथा कर्ण का नि:सहाय और निहत्था अवस्था मे मृत्यु को प्राप्त करना,इसका परिनाम इन्द्र को भी भुगतना परा सुर्य देव ने श्राप दिया कि कर्ण के समान हि, तुम भी धरती पर निहत्था- नि:सहाय अवस्था मे मृत्यु को प्राप्त करोगे! इन्द्र हि इसा के रुप मे मैरी(मरियम) के गर्व से जन्म लिया और अदृश्य सैतान कलि द्वारा फैलाए यहुदियों के बुराइ मे सुलि पर लटकना परा! जीस प्रकार प्राकृति समय-समय पर अपना स्वरुप बदलती, उसी प्रकार शरीर धारी जीवात्मा भी समय-समय पर अपना स्वरूप बदलते,यह उनके कर्म द्वारा निर्धारित होता कि वह कौन सा शरीर धारन करने वाले है! अल्लाह (भगवान विष्णु) मां से 70 गुना अधिक रहम दिल वाले है! इश्वर से मुहम्मद सल्लाहु वसल्लम के अनुयाइयों के लिए 5बाते ही करार हुए है उसके अतिरिक्त नही 1रोजा,नवाज,आजान,हज(तीर्थ यात्रा),जकात(दान) 1 जहन्नुम (नरक) 2 जन्नत (स्वर्ग) 3 मर्हलोक 4 जनलोक 5 तपलोक 6 सत्यलोक 7 बैकुंठलोक(सातवा आसमान) कथन: मिश्रा कि मिश्री, मुहम्मद साहब(अलैहि वसल्लम) के अनुयायि" मेहदी अलै सलाम के नाम से जानते है!
Sahib bandagi Sahib Sahib bandagi Sahib Sahib bandagi Sahib satguru Kabir sahab aap sabhi Sant mahapurushon ko sukhi rakhe Guru Maharaj ki kripa aap per sadaiv Bani rahe ham sadaiv Guru Maharaj se vinati karte Hain Sahib bandagi Sahib ramkaran Bharati baspa sachiv Gonda
जब सतगुरु कबीर सिरजन हार हैं तो अभी ऐसा बताना क्यों पड़ रहा है इतने समय बीत गया क्यों संसार में नाम नहीं हो पाया भगवान राम का नाम तीनों लोकों में करोड़ों युगों से है और बिना बताये मान रहे हैं सभी के दिल में बसे हये हैं बताने की कोई जरूरत ही नही भगवान राम की निंदा क्यों करते हो कबीर को बड़े बनाना चाहते हो तो बनाओ कबीर रावण को क्यों नहीं मार सका जब रावण सारा संसार पर अत्याचार कर रहा था भगवान राम से आगे आते और मारकर संसार में शांति स्थापित कर देते सारा संसार अपने आप उनको ही भगवान मान लेता।
@@shivdasgayakwad9125 आप जी के सारे जवाब कबीर सागर में उपलब्ध हे ।। तो आप एक बार वो पढ़िए आपको पता चलेगा कोणसे राम हे और नही।।🙇🙇। एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट घट में लेटा। एक राम का सकल पसारा चौथा राम तीनो से न्यारा।।🙇🙇
@@bedardi2062 क्या बात कर रहे हो ।। मुझे दुनिया में हर किसी के अंदर रावण दिखता है।। लोग सिर्फ नाम से राम के भक्त हे लेकिन अपने मन में तो रावण को बैठा कर रखा है
Islam ki Allah k bare me ap ne jut q kaha ki Allah Gusth hash khata h... Allah ku khana pine se matlab nhi h... Dusri baat bahut logon ku dekha jata h ki achcha korm korne k bawjud bhi sukh nhi milta dukh hi dukh uski jiwan me hota hai... Kuch log tu bura korom korke bhi sukhi jibon prapt ho jate h.
कमलेश मिश्रा तुमको मालूम नहीं कबीर साहब की बानी तुम्हारे हिंदू धर्म में किसी ब्राह्मण का नाम बताओ जो कबीर साहब की बराबरी कर ले । और कबीर साहब को क्या समझते हो चारों युगों में थे और चार नाम से तुम अभी बालक हो किसी को ईर्ष्या से जवाब नहीं दिया जाता यही नादानी है ।
*हरि ૐ तत्सत सद्गुरु श्री Ramashankar साहेबजी नमः*🙏 *जय श्री परब्रह्म परमात्मा*🙏 *ओम ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप*🌹
साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब जी बहुत सुन्दर विचार
🙏🙏🙏साहेब बंदगी साहेब 🙏🙏🙏
साहेब बंदगी महाराज जी ।👌👌🙏🙏
Sat saheb bandagi bhut Sundar parbachan
साहब बनदगी साहब जी नेपाल से रामबाबूसाह 🙏🙏🙏
सबसे उच्च विचार और सत्य ज्ञान देने वाले ही संत और ज्ञानी है ।सभी धरम के मानव और भगवान मे एकता नहीं है।
कबीर साहेब की बात करने से लोगों को बुरा-भला लगाता है ❤ साहेब बंदगी ❤
Sant Bhagwan aapane bilkul sahi Kaha Saheb Bandagi
साहेब बन्दगी 🙏🙏🙏
आप ने बिल्कुल सही कहा जहाँ आहार विचार और कर्म में पवित्रता है वही पर भगवान है ।
सत साहेब सत साहेब गुरु जी को प्रणाम
Saheb bandagi saheb 🙏
साहेब साहेब साहेब
🙏🙏🙏
Bilkul sahi
Saheb bandagi Saheb
Swami ji ko mera dil se parnam chamatkar ke baare me aap ki kya raai hai,
Saheb.bandgi.sahebji
Saheb bandagi
१००%👌👍🙏🙏🙏नेपाल से
Jay
Very good
Sahib bandgi.
आजकल सबको हिंदू सनातन धर्म पर ही बोलकर फेमस होना है
Sahib bandgi. Milkipur Ayodhya
Best pravachan Saheb Ji...
🎉🍫🎉
Saheb bandagi saheb ji ko
Saheb bandagi Saheb ji 🙏 🙏 🙏
Vandagi
Bhagwaan ke yaha der hai andher nahi sab ko kram ka phal milta hai
सन्त रमा शंकर साहेब जी आप बिलकुल सत्य कि रास्ते पर चलते है , और विवेक बुद्धि का सही उपयोग करते है। जय विज्ञान , जय अर्जक।
पहले दस गुरु बना चुका कुछ हासिल ना हुआ।अब समझ आई संत श्री रमाशंकर का सत्संग सुनकर कि कहीं भगवान नहीं है सब फोकट कि बातें हैं। अच्छा कर्म करो इन्सानियत के सदगुण धारो, और मौज करो यही भगवान की बंदगी है।
100% सत्य वचन
क्या गारंटी है सत्य वचन का
Parshuram.ji.ne.keval.atya.chari.rajao.ko.hi.dandit.kiya.thha.jo.praja.ke.upar.atyachhar.karte.thhe...satya.hai..satya.hai.satya.hai.
I love you and your knowledge .I believe you as real sadguru .
काहे का सतगुरु है यह तो पाखंडी है।
Kyon ki sant Rama Shankar saheb Bhagwan ko jante hain ,aur ap log Bhagwan ko jante nahin sirf mante hain . Sadguru aur pakhand me itna hi fark hai
@@maheshwarmohanta9174 बता सकते है ये भगवान।
Jnan ( gyan) ka pipasu (pyasa )ko Gyan mil hi jaata hai ,ahankari ko nahin .
@@maheshwarmohanta9174 शुक्रिया बताए काश मेरे काम हो सकता
बैठ के भले प्रवचन देते हो लेकिन जाते समय बिना विदाई और दक्षिण के बाबा नहीं जाते हैं जो आमदनी के लिए लोगों को ठगने का काम करते हैं और इनको अपने ही घर में कोई नहीं मानते होंगे वे अपने हृदय से अपने दिल पर रखकर के जवाब पूछे और अपने आप को सोचे समझ
हिंदुस्तान में मानवता और समता का अधिकार मंगाते है तो कानून पास हो सबको सामान अधिकार तो आ रक्षण क्यों
गौतम बुद्ध, मुहम्मद सल्लाहु अलैहिस्सलाम, जीसस क्राइस्ट का पुर्व जन्म
कथन:मिश्रा की मिश्री,बिहारी जी! शेयर करें
महात्मा
प्रहलाद
इन्होने अपने जीवन काल मे बैकुंठनाथ (विष्णु) से पूछा।
भगवन् इस संसार मे इतना दुःख है आप इंसानो को अपने धाम मे क्यूँ नहीं बुला लेते है।(अर्थात जीवन मरण से मुक्ति/निर्वान)
(यह दुःख कि अवस्था इस प्रकार है
अपने परिजनो या प्रेम से बिछरने का दुःख, प्रेम का ना मिलने का दुःख,शरीर मे उत्पन्न पिराओ से दुःख,जीवन निर्वाह हेतु दर दर भटकने का दुःख,
इस तरह अनेको प्रकार कि दुःख कि अवस्था है)
भगवान विष्णु ने कहा!
ठीक है जाओ, जो लोग तुम्हारे साथ आएगे हम उन्हें अपने धाम ले जाएँगे।
प्रहलाद लोगो के पास गए, अनेक लोगो से पूछा।
लेकिन किसी ने कहा हम सुख भोगने के पश्चात परम धाम को चलेंगे। किसी ने कहा हमे एक संतान कि कमाना है, यदि एक संतान हो जाए तो सारा धन संपत्ति अपने संतान को सौप कर परम धाम को चलेंगे।
किसी ने कहा, हमारा संतान विवाह योग्य हो चुका है उसे वैवाहिक जीवन मे वान्धने के पश्चात परम धाम को चलेंगे।
इस प्रकार उनके साथ कोई नहीं आया
भगवान विष्णु ने कहा ये सभी इच्छाओं मे सन्लगन है
जबकि इच्छाएं सदा जीवन कि ओर प्रेरित करती है।
महात्मा प्रहलाद हि सुध्दोदन के घर जन्म लिए जीनका नाम सिध्दार्थ परा
जब इन्हे ज्ञान या जीवन का उद्देश्य ज्ञात हुआ तब इन्होने ही कहा.
) दुःख अर्थात संसार दुःखमय है। (2) दुःख-समुदय अर्थात् दुःखों का कारण भी हैं। (3) दुःख-निरोध अर्थात् दुःखों का अन्त सम्भव है। (4) दुःख-निरोध-मार्ग अर्थात् दुःखों के अन्त का एक मार्ग है।
मुहम्मद साहब, (विजय )!
इन्हे धरती से जन्नत तथा सातवा लोक या सातवा आसमान (बैकुंठ लोक) लेकर जाने वाले जिबरील अलै जीन्हे शास्रों मे (जय) नाम से भी जानते है!
ये धरती पर कई बार आ चुके है
मुहम्म्द साहब जब धरती पर रहे, तब तक सैतान कलि के बुराइयों से सामना किया
लेकिन मुहम्मद साहब को शरीर त्यागने के पश्चात सैतान अपना बुराइ करने लगा
इसकी बुराई पुरी दुनिया मे व्याप्त है!
कुछ वाक्य मुहम्मद साहब को शरीर त्यागने के पश्चात अल्लाह, (भगवान विष्णु) से सातवे आसमान पर हुए वारतालाबे है!
पुछा, जन्नत जाने के पश्चात इंसान जन्नत मे हमेशा-हमेशा के लिए इंसान रह जाएँगे।�
अल्लाह (भगवान विष्णु)का जवाब!
ए रसुल हमने जन्नत मे बहुत सारे फरिस्ते(देवता) को रखा,इबलिश(कलि या कलियुग)तथा आदम अलै,हब्बा बेगम को भी रखा,
इबलिश दिन-रात इबादत करता था(50 वक्त का नवाज) फिर भी उसे अभिमान आ गया,आदम अलै इबलिस के बहकावे मे आकर स्वार्थी बन गए,जीस कारण इबलिश (कलि),आदम अलै, हब्बा बेगम,को धरती पर उतारना परा!
अर्थात उस जन्नत मे रहने वाले या जाने वाले को किसी को ज्ञान पर अभिमान आता है, किसी को पद पर तो किसी को बल पर,किसी को सौन्दर्य पर अभिमान आता है,कोई एक-दुसरे से अधिक सम्मान पाने के लिए स्वार्थी भी बन जाते है ,जो की दण्ड का मुल कारण होता उस दन्ड को भुगतने हेतु उन्हें धरती पर आना परता है!
जब इन्द्र स्वार्थी बना तो उसे भी धरती पर आना परा और उसे सुली पर लटकना परा?
जीजस क्राइस्ट ,इसा,(इंद्र)!
महाभारत युद्ध मे सूर्य देव और इन्द्र के बीच सम्मान-गरिमा का संबंध जुरा था
इंन्द्र अपना स्वार्थ को सिद्ध करने हेतु क्षल पर्वक कवक्ष-कुण्डल का दान लेना,
तथा कर्ण का नि:सहाय और निहत्था अवस्था मे मृत्यु को प्राप्त करना,इसका परिनाम इन्द्र को भी भुगतना परा
सुर्य देव ने श्राप दिया कि कर्ण के समान हि, तुम भी धरती पर निहत्था- नि:सहाय अवस्था मे मृत्यु को प्राप्त करोगे!
इन्द्र हि इसा के रुप मे मैरी(मरियम) के गर्व से जन्म लिया और अदृश्य सैतान कलि द्वारा फैलाए यहुदियों के बुराइ मे सुलि पर लटकना परा!
जीस प्रकार प्राकृति समय-समय पर अपना स्वरुप बदलती, उसी प्रकार शरीर धारी जीवात्मा भी समय-समय पर अपना स्वरूप बदलते,यह उनके कर्म द्वारा निर्धारित होता कि वह कौन सा शरीर धारन करने वाले है!
अल्लाह (भगवान विष्णु) मां से 70 गुना अधिक रहम दिल वाले है!
इश्वर से मुहम्मद सल्लाहु वसल्लम के अनुयाइयों के लिए 5बाते ही करार हुए है उसके अतिरिक्त नही
1रोजा,नवाज,आजान,हज(तीर्थ यात्रा),जकात(दान)
1 जहन्नुम (नरक)
2 जन्नत (स्वर्ग)
3 मर्हलोक
4 जनलोक
5 तपलोक
6 सत्यलोक
7 बैकुंठलोक(सातवा आसमान)
कथन: मिश्रा कि मिश्री, मुहम्मद साहब(अलैहि वसल्लम) के अनुयायि" मेहदी अलै सलाम के नाम से जानते है!
Sa..bandage..guruje
guruwar aapki bate vicharo ko hila deta hai kya karu guruwar margdarsan kare
Mhabharat.kal.ke.bad.bhagvan..dvarika.dhish..prabhu.mhatma..Bush.ke.rup.me.dhara.par..aavtarit.huy.jai..sarvis.byapak.prabhi.ji.
🙏🙏🙏💓💓💓🙏🙏🙏
ौ साहिब बंदगी साहिब
🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹👌👌🙌🙌🙌
भगवान विश्वास है झगड़ा अक्षम्य
Dinesh Bakoriya Sahib Bandagi
Sabheb bandagi
9
🤣🤣🤣😃😃😆😆😆🤣🤣🤣 amazing
हिन्दूओ के पास भगवान नहीं वो खुद भगवान है।
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Sahib bandagi Sahib Sahib bandagi Sahib Sahib bandagi Sahib satguru Kabir sahab aap sabhi Sant mahapurushon ko sukhi rakhe Guru Maharaj ki kripa aap per sadaiv Bani rahe ham sadaiv Guru Maharaj se vinati karte Hain Sahib bandagi Sahib ramkaran Bharati baspa sachiv Gonda
Atma Hoti hai ki nahin
अनंत कोटि ब्रह्मांड का, एक रत्ती नहीं भार। सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिरजन हार।।🙇🙇
जब सतगुरु कबीर सिरजन हार हैं तो अभी ऐसा बताना क्यों पड़ रहा है इतने समय बीत गया क्यों संसार में नाम नहीं हो पाया भगवान राम का नाम तीनों लोकों में करोड़ों युगों से है और बिना बताये मान रहे हैं सभी के दिल में बसे हये हैं बताने की कोई जरूरत ही नही भगवान राम की निंदा क्यों करते हो कबीर को बड़े बनाना चाहते हो तो बनाओ कबीर रावण को क्यों नहीं मार सका जब रावण सारा संसार पर अत्याचार कर रहा था भगवान राम से आगे आते और मारकर संसार में शांति स्थापित कर देते सारा संसार अपने आप उनको ही भगवान मान लेता।
@@shivdasgayakwad9125 आप जी के सारे जवाब कबीर सागर में उपलब्ध हे ।। तो आप एक बार वो पढ़िए आपको पता चलेगा कोणसे राम हे और नही।।🙇🙇।
एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट घट में लेटा।
एक राम का सकल पसारा चौथा राम तीनो से न्यारा।।🙇🙇
@@ANKITSONGARA राम केवल एक ही हैं जिन्होंने राक्षस रावण को मारा घट में लेटा राम सभी को मारता है जो अच्छा नही है
रावण तो कोई अपने आप तो नहीं बनता
@@bedardi2062 क्या बात कर रहे हो ।। मुझे दुनिया में हर किसी के अंदर रावण दिखता है।। लोग सिर्फ नाम से राम के भक्त हे लेकिन अपने मन में तो रावण को बैठा कर रखा है
अरे बाबा जी तो फिर यह भी बताइए कि जो तंबाकू बीड़ी शराब नहीं पिता उसके भी तो बीमारी लग जाती है कैंसर जैसी वह कैसे लग जाती
पूर्व जन्म के करम भी अन्धविश्वास है
Islam ki Allah k bare me ap ne jut q kaha ki Allah Gusth hash khata h... Allah ku khana pine se matlab nhi h...
Dusri baat bahut logon ku dekha jata h ki achcha korm korne k bawjud bhi sukh nhi milta dukh hi dukh uski jiwan me hota hai... Kuch log tu bura korom korke bhi sukhi jibon prapt ho jate h.
Karmo ka fal kaun deta
BANDAR JANE NARIYAL KI MARM BINA JANE BHOKTE HO AAP ME SARAM NAM KI CHIJ HEA BHI YA NAHI
गोबर भक्त को गोबर ही समझ में आयेगा सद्बुद्धि तो अलग बात है सत्संग ज्ञानी लोग समझते है अज्ञानी को बुरा लगता है गारंटी है 100%।
Murkho ka uday teji se ho rha hai .
तू अपने उसी से पूछ जिसको जिस कबीर को भगवान कहता है
Kabir is not Bhagwaan Kabir is Only sadguru🔥🔥
Bahut aacha bathai
भाई तु तो बहुत ही बड़ा बेईमान है अपने नाम मे ही रमा शंकर जोड़ रखा है और लोगों को बेदो के खिलाफ़ भड़का रहे हों जाहिल
सत्य प्रवचन आप में सत्य कहने की ताकत हैं, सत्य कड़वा होता हैं।
कमलेश मिश्रा तुमको मालूम नहीं कबीर साहब की बानी तुम्हारे हिंदू धर्म में किसी ब्राह्मण का नाम बताओ जो कबीर साहब की बराबरी कर ले । और कबीर साहब को क्या समझते हो चारों युगों में थे और चार नाम से तुम अभी बालक हो किसी को ईर्ष्या से जवाब नहीं दिया जाता यही नादानी है ।
हिन्दू धर्म के बारे में कुछ नहीं जानते बकवास करते हैं
Thankyou so much sir
हिंदू धर्म ही ढोंग हे, पाखंड है,
@@nagnathmanure8833 तो कौन सा धर्म अच्छा बताने की कृपा करें और यह सुनिश्चित करें कि कुछ अंश भी पाखंड न हो उस धर्म में
प्रोग्राम कराना है कृपया साहब का फोन नंबर चाहिए
Saheb bandagi
Sabeb bandgi