भगवान श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन को योग की शिक्षा दी इसलिए कि आध्यात्मिक उत्थान के लिए तथा सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए और कहानी समस्त दुखों से मुक्ति पाने के लिए योग सिद्धि अत्यंत आवश्यक है। और उसे योगी बनने की सलाह दी। लेकिन आजकल इसका उपयोग मात्र शारीरिक स्वास्थ्य में ही हो रहा है । यद्यपि वह भी आवश्यक है लेकिन उसके लिए वायु की शुद्धता या प्रदूषण फ्री वातावरण अति आवश्यक है।
Khoob khoob sundar keertan 👌👌👌
👏👏Ati sundar ane madhur kirtan ..🌷🙏🌷
लाल गोपाल गुलाल हमारी आँखिन में जिन डारो जू।
बदन चन्द्रमा नैन चकोरी इन अन्तर जिन पारो जू ॥१॥
गावो राग बसन्त परस्पर अटपटे खेल निवारो जू।
कुमकुम रंग सों भरी पिचकारी तकि नैनन जिन मारो जू॥२॥
बंक विलोचन दुखमोचन लोचन भरि दृष्टि निहारो जू।
नागरी नायक सब सुख गायक कृष्णदास को तारो जू॥३॥
Sunder 👌👌
भगवान श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन को योग की शिक्षा दी इसलिए कि आध्यात्मिक उत्थान के लिए तथा सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए और कहानी समस्त दुखों से मुक्ति पाने के लिए योग सिद्धि अत्यंत आवश्यक है। और उसे योगी बनने की सलाह दी। लेकिन आजकल इसका उपयोग मात्र शारीरिक स्वास्थ्य में ही हो रहा है । यद्यपि वह भी आवश्यक है लेकिन उसके लिए वायु की शुद्धता या प्रदूषण फ्री वातावरण अति आवश्यक है।
Ati Sundar
Radhe Radhe best bhajan
जय श्री राधा रानी हमारी ॥
अती सुन्दर
Jay ho
Jai shree krishna
Khub j sundar gayu chhe, Kirtan khub khub saras chhe
अति सुंदर।जय श्रीकृष्ण।
🙏🙏🙏
बहुत ही सुंदर….👌👌👍💐💐
શ્રી વસન્તં બિહારી કી જયજય હોં 🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
होली के रसिया की जय
🙏🙏Ati Sundar- very beautifully sung!
Kindly upload the Lipi-lyrics of the said kirtan! Will appreciate! Thank you!🙏👏
Radhe Radhe 11 2 22
Jay Shri Krishna
Aavaj-?🙏👌
भगवती भाई की आवाज में होली कीर्तन देवे।
Hamari channel me he
लाल गोपाल गुलाल हमारी आँखिन में जिन डारो जू। .....बदन चन्द्रमा नैन चकोरी इन अन्तर जिन पारो जू ॥१॥
गावो राग बसन्त परस्पर अटपटे खेल निवारो जू।......कुमकुम रंग सों भरी पिचकारी तकि नैनन जिन मारो जू॥२॥
बंक विलोचन दुखमोचन लोचन भरि दृष्टि निहारो जू।......नागरी नायक सब सुख गायक कृष्णदास को तारो जू॥३॥
लाल गोपाल गुलाल हमारी आँखिन में जिन डारो जू।
बदन चन्द्रमा नैन चकोरी इन अन्तर जिन पारो जू ॥१॥
गावो राग बसन्त परस्पर अटपटे खेल निवारो जू।
कुमकुम रंग सों भरी पिचकारी तकि नैनन जिन मारो जू॥२॥
बंक विलोचन दुखमोचन लोचन भरि दृष्टि निहारो जू।
नागरी नायक सब सुख गायक कृष्णदास को तारो जू॥३॥
अति दिव्य कीर्तन🌹🕉🌹🕉🕉🌹🕉🌹🌹