इन दिनों आपातकाल को लेकर बहुत बात हो रही है। मोदी ने राग छेड़ा तो स्पीकर बनते ही ओम बिड़ला को भी आपातकाल की याद आई। लेकिन कितनों को याद है कि उस दौरान इंदिरा जी ने संघ प्रमुख ने माफ़ी मांगी थी? क्यों लगी थी इमरजेन्सी और क्या थी उसमें संघ की भूमिका? देखिए विस्तार से हमारा सहयोग कीजिए 1- UPI ID: ashokk34-1@okhdfcbank 2- Financial assistance : www.instamojo.com/@AshokKPandey 3- Membership: ruclips.net/channel/UCydRy30N7Bg0iCwW8_ZQiiwjoin For #SPONSHORSHIP queries mail @👉 deals.crediblehistory@gmail.com My Books @ Amazon: amzn.to/429ZMdR #facebook Page 👉 facebook.com/authorashokpandey #twitter 👉 twitter.com/Ashok_Kashmir #instagram 👉 instagram.com/ashok_kashmir/ सच की लड़ाई में साथ आयें, Subscribe करें और दोस्तों तक भी पहुँचाएं।
जभी कोई सरकार कुछ ऐसा करती है जब गरीवो का कल्याण होने लगता है तब rss wale koi n koi andolan khara karte jo भावनात्मक होता है और जनता को गुमराह करते है jp ka andolan शुरू हुआ था मंहगाई पर ठीक इसी तपर्रा जब v p Singh pm obc ko रिजर्वेशन दिया तब जनसंघ बीजेपी ने सरकार से समर्थन वापस लिए उसके पापले राम रथ लेकर निकल गए हुआ ये की जिसके hak me me रिजर्वेशन मिला वही राम राम करने लगे और आज राम के आधार पर नहीं विकास पर फिर वोट दिए है
जी हाँ जगमोहन लाल सिन्हा साहब बेहद ईमानदार और किसी के दबाव में न आने वाले थे। मुख्यमंत्री रहते ही चरण सिंह जी एक बार मेरठ के तत्कालीन जज जगमोहन लाल सिन्हा साहब के पास घर पर किसी केस के सिलसिले में पहुंचे थे। सिन्हा साहब ने अर्दली से पुछवाया था कि, पूछो चौधरी चरण सिंह मिलना चाहते हैं या मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह। चौधरी साहब ने जवाब भिजवाया था कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह जज साहब से मिलना चाहते हैं। सिन्हा साहब ने बगैर मिले ही उनको लौटा दिया था यह कह कर कि, उनको मुख्यमंत्री से नहीं मिलना है। केस का निर्णय चौधरी साहब के चहेते के विरुद्ध आया था । सिन्हा साहब को एहसास था कि उसी की सिफ़ारिश मुख्यमंत्री करना चाहते थे जिस कारण वह उनसे नहीं मिले थे। 1975 में इन सिन्हा साहब ने ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में इन्दिरा गांधी के निर्वाचन के विरुद्ध निर्णय दिया था।
ऐसी चर्चाएँ अति आवश्यक हैं क्योंकि आज के बच्चे अपना इतिहास नही जानते उनको आसानी से बहकाया जा सकता है आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं 🙏🏽
मैं आज ७२ वर्षिय महिला हूं, इंदिरा गांधी ने बहुत सही आपातकाल लगाया था । सभी सरकारी कर्मचारियों को हमने सुचारू रूप से कार्य करते, समय पर कार्यालयों में उपस्थित होते देखा है।
@@prabhurajgadkar1453 अघोषित इमरजेंसी हट जाती अगर दो स्वार्थी और बदमाश पलटूराम और गलटूराम गठबंधन का साथ देते। पर दुष्टों का साथ दुष्ट ही देता है। now established in toto
अघोषित आपातकाल तो जरूर था ही मगर अब थोड़ा सा उसमें से बाहर आए हैं चुनाव के नतीजे के बाद । इंदिरा जी की इमरजेंसी हकीकत में तो काफी हद तक सही थी, बल्कि इमरजेंसी लगाने का कारण भी यही था कि लोकतंत्र जिंदा था और जज इंदिरा जी के खिलाफ ऐसा फैसला ले पाए थे वह भी सत्ता में आने के 4 साल बाद । देश तरक्की की राह पर चले कुछ गड़बड़ ना हो जाए इसीलिए तो इमरजेंसी लगाई गई थी । हां कुछ अतिरिक्त जरूर हुआ था जो गलतियां नहीं होनी चाहिए थी बस इसी के लिए बदनाम हो गई इमरजेंसी और मजबूत नेता इंदिरा गांधी जी...! हालांकि इंदिरा गांधी जी ने वह गलतियों के लिए माफी भी मांग ली थी और जनता का कितना प्यार बाद में पाया वह उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव के रिजल्ट से तो पता चलता ही है ... अगर जनता की तरफ से उन्हें माफ़ी ना मिली होती तो 1980 के चुनाव में इस तरह नतीजा ना आते ,जनता का इतना प्यार ना मिलता....! उसकी जिंदगी तो पूरी हुई जो कि एक दिन तो होता ही है सबका...! मगर बहुत इज्जत के साथ और शहीदी के साथ । देश का असली विकास तो तभी हुआ था जो आजादी के बाद जातिवाद जैसी बुराइयों से मुक्त होकर और देश की सभी नागरिक एक है ऐसे नारे के साथ जिस देश में सूई तक नहीं बनती थी वह देश को इतना मजबूत बना दिया और हमारे भारत का बना हुआ बहुत सारा माल एक्सपोर्ट तक होने लगा। मेरे ख्याल से तो आज तक की सबसे उचित प्रधानमंत्री वही थी । ❤
अशोक पांडेजी सर, मैं तहेदिलसे आपका शुक्रिया अदा करता हॅूं। बांगला देश स्वतंत्रता संग्रामके समय मेरी उम्र २३ बरस थी और इमर्जन्सी और इंदिराजीका फिरसे सत्तामे आनेका ये गौरवशाली इतिहासका मैं चष्मदिद नागरीक हॅूं और गवाहभी हॅूं। 🌹🙏🌹
सत्ता पक्ष कुछ भी कहता है मोदी जी न हर गाली दी संसद में और उनके एमपी तालियां बजाते रहे सिद्ध कर दिया हम आह भी भरतें हैं तो हो जातें हैं बदनाम वो कत्ल भी करतें हैं तो चरचा नहीं होता
राजनीतिक विरोध तो अपनी जगह है। लेकिन इमरजेंसी के दौरान आम जनता को मंहगाई से बड़ी राहत थी। खाने पीने का सामान यहां तक कि सोना भी बहुत सस्ता था। मैने अपनी मां को कहते सुना था।
अशोक जी आप ने बहुत ही अच्छी तरह से एक्सप्लेन किया है। इन्हीं सब बातों को मैं भी जनता के सामने रखना चाहता था। मगर मेरे पास कोई प्लेटफॉर्म तो है नहीं, पर मैं अपने दोस्तों और अंधभक्तों को बताता रहता हूं। मैं इमरजेंसी के समय 20 साल का था और सब-कुछ देखा और समझा था। आम जनता को कोई भी परेशानी नहीं थी।
आपातकाल के वक्त मैं 14- 15 वर्ष का था इस दौरान आम जनता को कोई तकलीफ नहीं थी सब रेल गाड़ियां समय से चलती थी, गुंडे लफंगे सब जेल में थे, बहुत अच्छा रहा था समय आम जनता के लिए।
सर मैं 64 में पैदा हुआ मुझे आज भी कुछ कुछ याद है कि आपातकाल के समय समस्त विभागों के अधिकारी कुर्सी पर बैठ जाया करते थे घूस खोरी बंद हो गई थी पब्लिक का कार्य होता था राशन की सरकारी दुकान रोज खुलती थीं सब कार्य सुचारू रूप से हुआ करते थे आज तो हर कुर्सी पर चोर ही चोर बैठे हैं
भाई,मैं भी 64 की पैदाइश हूं और आपने जो जो कहा बिल्कुल वही बात मेरे दादाजी मुझे बताते थे,,आम जनता बिल्कुल खुश थी,,तकलीफ सिर्फ निकम्मे नाकारा सरकारी अधिकारियों को थी,,शायद इसी वजह से इंदिरा जी महज ढाई साल के बाद दुबारा चुनाव जीत गई और दुबारा कभी भी कोई चुनाव नही हारी,,जबकि ये भांड पार्टी एक बार सत्ता से बाहर आई तो अगले तीस साल तक दुबारा सत्ता नही मिलेगी
सही विश्लेषण अतः सलाम- आपतकाल अराजकता से देश को बचाने के लिये लगाया गया था । और उसका खामियाजा भी इन्दिराजी को हार और सत्य बाहर आते ही पुनश्च जित एवं सत्ता प्राप्त हुवी।
Pachas saal ke baad kyun Yaad aaya, emerging 1975 ka. BJP ko..? etna saal sorahe te..? Janata ka provoke karke, Congress ke against Hatred paida karvane kaliye...aur kuch nahi...1975 emerging was past....past ko Yaad karvake kya fayada..? aaga badna chahiye for the sake of youth & country's future & betterment...
एकदम सटीक और तथ्यपूर्ण विश्लेषण व प्रामाणिक है॥ उपलब्धियां भी गिनाइये। एक तो यह है- 1- 2 अक्तूबर,1975 को ग्रामीण बैंको की स्थापना 2- अमेरिका, विश्व बैंक व मुद्रा कोष को करारा तमाचा।
दुर्भाग्य है कि हमारे देश के तमाम दलों के नेताओं को देश और देश के लोगों कि चिंता नहीं है केवल और केवल अपने बच्चों, अपनी पार्टी के हितों की चिंता रहती है। लोकसभा अध्यक्ष पूरी तरह से भाजपा के सांसद के तौर पर कार्य करते हैं। फिर भी स्वार्थी नेता भाजपा के पक्ष में खड़े हो जाते हैं। और यह एक डर कहें या स्वार्थ तमाम दलों के मुखिया कांग्रेस को बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते। उनकी मानसिकता यह है कि पड़ोसी की बकरी मरना चाहिए चाहे उनकी दिवाल क्यों न गिर जाए। इसलिए यह लोग भाजपा का साथ देते हैं। आपको बहुत बहुत धन्यवाद आप सच्चाई ढ़ूढ़ कर देश के लोगों के सामने रख रहे हैं।
वो घोषित इमरजेंसी थी और फिल्हाल देश 10 साल से अघोषित इमरजेंसी झेल रहा है l और ऐसे हालात को पैदा करने वालों को शिकायत है l कि इन्दिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी l
आपातकाल का बहुत अच्छा विश्लेषण किया है आपातकाल को आचार्य विनोबा भावे जी ने अनुशासन पर्व क्यों कहा था? हमारे विचार से लोकतंत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की गलतियों का भी मूल्यांकन करना चाहिए उचित होगा क्योंकि इसका दोष राजनीतिक तंत्र को भुगतना पड़ता है 🎉
कौन कौन मानता है कि पाकिस्तान के दो टुकड़े कराकर एक नए देश बांग्लादेश का निर्माण करना, बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना, प्रिवी पर्स को समाप्त करनाऔर देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाली इंदिरा गांधी भारत की साहसी और सफलतम प्रधानमंत्री थीं जिन्हें उस समय के विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेई ने दुर्गा का अवतार कहा था
एमरजेन्सि के बारेमे बताया आपने. धन्यवाद. बहुत से लोग समजगये होंगे. बहुत लोगोंको तकलीफ हुआ होग, आम आदमी को कोई दिक्कत नही था सब खुश लगरहेथे. इस दौरान मै बंबई गया मुझे दादा नझर नही आया.
आपातकाल के समय मै सरकारी नौकरी में था और मुझे आपातकाल से कोई तकलीफ़ नहीं पड़ी थी। उल्टा आपातकाल में सरकारी सेवाएँ बढ़िया मिल रही थी, कोई भ्रष्टाचार नहीं था, कोई जंगल राज नहीं था, सामान्य इंसान आराम से अपनी ज़िंदगी जी रहे थे।
Bhut,bhut dhyanvad इमरजेंसी की वास्तविकता की जानकारी के लिए,।माननीय मोदीजी,ombirla जी कुछ तो शर्म कीजिए,धर्मराज shnimhraj किसी को नहीं bkshte। Sudher जाइए।
विगत 10 वर्षों से देश में अघोषित इमरजेंसी ही तो है, लोग की बातों को सुना नहीं जाता , अयोध्या हारने पर सबक मिल गया होगा कि यदि जनता की आवाज को नहीं सुनोगे तो वह वोट की चोट करेगी।
इन दिनों आपातकाल को लेकर बहुत बात हो रही है। मोदी ने राग छेड़ा तो स्पीकर बनते ही ओम बिड़ला को भी आपातकाल की याद आई। लेकिन कितनों को याद है कि उस दौरान इंदिरा जी ने संघ प्रमुख ने माफ़ी मांगी थी? क्यों लगी थी इमरजेन्सी और क्या थी उसमें संघ की भूमिका? देखिए विस्तार से
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सच की लड़ाई में साथ आयें, Subscribe करें और दोस्तों तक भी पहुँचाएं।
जभी कोई सरकार कुछ ऐसा करती है जब गरीवो का कल्याण होने लगता है तब rss wale koi n koi andolan khara karte jo भावनात्मक होता है और जनता को गुमराह करते है jp ka andolan शुरू हुआ था मंहगाई पर ठीक इसी तपर्रा जब v p Singh pm obc ko रिजर्वेशन दिया तब जनसंघ बीजेपी ने सरकार से समर्थन वापस लिए उसके पापले राम रथ लेकर निकल गए हुआ ये की जिसके hak me me रिजर्वेशन मिला वही राम राम करने लगे और आज राम के आधार पर नहीं विकास पर फिर वोट दिए है
जी हाँ जगमोहन लाल सिन्हा साहब बेहद ईमानदार और किसी के दबाव में न आने वाले थे। मुख्यमंत्री रहते ही चरण सिंह जी एक बार मेरठ के तत्कालीन जज जगमोहन लाल सिन्हा साहब के पास घर पर किसी केस के सिलसिले में पहुंचे थे। सिन्हा साहब ने अर्दली से पुछवाया था कि, पूछो चौधरी चरण सिंह मिलना चाहते हैं या मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह। चौधरी साहब ने जवाब भिजवाया था कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह जज साहब से मिलना चाहते हैं। सिन्हा साहब ने बगैर मिले ही उनको लौटा दिया था यह कह कर कि, उनको मुख्यमंत्री से नहीं मिलना है। केस का निर्णय चौधरी साहब के चहेते के विरुद्ध आया था । सिन्हा साहब को एहसास था कि उसी की सिफ़ारिश मुख्यमंत्री करना चाहते थे जिस कारण वह उनसे नहीं मिले थे। 1975 में इन सिन्हा साहब ने ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में इन्दिरा गांधी के निर्वाचन के विरुद्ध निर्णय दिया था।
😊😊😊😊😊😊😊
बहुत बढ़िया पांडे Sir
बी जे पी लोक सभा स्पीकर व राष्ट्रपति को पचास साल बाद ही कैसे याद आयी इमरजेन्सी की उससे पहले तो नही याद आयी
फरक - इंदिराजी ने लगाई घोषीत और मोदीजीने लगाई अघोषीत इमरजंसी.
@@madhusudanagrawal763 magar Ghoshit Emergency jayada Achchi Thi.....
Modi ko samvidhaan ka gyaa n hi nahi hai, anpad jo hai,
ऐसी चर्चाएँ अति आवश्यक हैं क्योंकि आज के बच्चे अपना इतिहास नही जानते उनको आसानी से बहकाया जा सकता है आपका बहुत बहुत धन्यवाद आप बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं 🙏🏽
एतिहासिक रूप से सबसे घटिया स्पीकर हैं।
Like pm like speaker, no change
I always wanted to know the reason of imposing emergency and role of RSS
@@rspathwar3974Her election was set aside by Allahabad H.C.,She imposed Emergency to stay in power instead of resigning.
@@sushilmanrai3000 और दुष्ट भी
सिर्फ़ स्पीकर ही नहीं हर चीज़ घटिया है इस सरकार की।
मेरी उम्र 70 साल है और आप जो कुछ भी बता रहे हैं बिलकुल सही बता रहे हैं हमने वो जमाना देखा है धन्यवाद्
मैं आज ७२ वर्षिय महिला हूं, इंदिरा गांधी ने बहुत सही आपातकाल लगाया था । सभी सरकारी कर्मचारियों को हमने सुचारू रूप से कार्य करते, समय पर कार्यालयों में उपस्थित होते देखा है।
I am in my mid sixtees !!! So much corruption, lies, and distortion of history!!! I feel sorry for our youth and coming generations!!!😢
मैं आपके सत्य पूर्ण और तथ्य पूर्ण comment की सराहना करता हूं।
धन्यवाद
आप बिलकुल सही कह रही हैं। आपातकाल मे आम जनता को कोई तकलीफ नही थी। रिश्वत और भ्रष्टाचार के नाम से लोग डरते थे।
जी, आपने बिल्कुल सही कहा। मैं भी तकरीबन आप के ही उम्र का हूं और आप की बात से सहमत हूं।
गरीब और आम जनता को आपातकाल से कोई परेशानी नही हुई।
हमने बुजुर्गों को कहते सुना था कि आपातकाल का दौर बहुत बढ़िया था
अघोषित इमर्जन्सी तो पिछले दस साल से है
Aghosit amargancey se pura Desh pareshan hai
@@prabhurajgadkar1453 अघोषित इमरजेंसी हट जाती अगर दो स्वार्थी और बदमाश पलटूराम और गलटूराम गठबंधन का साथ देते। पर दुष्टों का साथ दुष्ट ही देता है। now established in toto
अगर अघोषित आपातकाल होता तो आप यह कमेंट नहीं लिख सकते थे।आप जेल में होते
अघोषित आपातकाल तो जरूर था ही
मगर अब थोड़ा सा उसमें से बाहर आए हैं चुनाव के नतीजे के बाद ।
इंदिरा जी की इमरजेंसी हकीकत में तो काफी हद तक सही थी,
बल्कि इमरजेंसी लगाने का कारण भी यही था कि लोकतंत्र जिंदा था और जज इंदिरा जी के खिलाफ ऐसा फैसला ले पाए थे वह भी सत्ता में आने के 4 साल बाद ।
देश तरक्की की राह पर चले कुछ गड़बड़ ना हो जाए इसीलिए तो इमरजेंसी लगाई गई थी ।
हां कुछ अतिरिक्त जरूर हुआ था जो गलतियां नहीं होनी चाहिए थी बस इसी के लिए बदनाम हो गई इमरजेंसी और मजबूत नेता इंदिरा गांधी जी...!
हालांकि इंदिरा गांधी जी ने वह गलतियों के लिए माफी भी मांग ली थी और जनता का कितना प्यार बाद में पाया वह उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव के रिजल्ट से तो पता चलता ही है ... अगर जनता की तरफ से उन्हें माफ़ी ना मिली होती तो 1980 के चुनाव में इस तरह नतीजा ना आते ,जनता का इतना प्यार ना मिलता....!
उसकी जिंदगी तो पूरी हुई जो कि एक दिन तो होता ही है सबका...!
मगर बहुत इज्जत के साथ और शहीदी के साथ । देश का असली विकास तो तभी हुआ था जो आजादी के बाद जातिवाद जैसी बुराइयों से मुक्त होकर और देश की सभी नागरिक एक है ऐसे नारे के साथ जिस देश में सूई तक नहीं बनती थी वह देश को इतना मजबूत बना दिया और हमारे भारत का बना हुआ बहुत सारा माल एक्सपोर्ट तक होने लगा।
मेरे ख्याल से तो आज तक की सबसे उचित प्रधानमंत्री वही थी ।
❤
Right.
इंदिरा गांधी जी के लिए सही शब्द चुना गया है
आयरन लेडी ❤
आज इमरजेंसी से भी बद्तर हालत है
👍👍👍👍
@@rainiersingh7209 rights
अशोक जी इसी तरह सच्चाई सामने लाते रहिए ताकि हम जैसे लोगों को सच पता लग सके
अशोक पांडेजी सर, मैं तहेदिलसे आपका शुक्रिया अदा करता हॅूं।
बांगला देश स्वतंत्रता संग्रामके समय मेरी उम्र २३ बरस थी और इमर्जन्सी और इंदिराजीका फिरसे सत्तामे आनेका ये गौरवशाली इतिहासका मैं चष्मदिद नागरीक हॅूं और गवाहभी हॅूं।
🌹🙏🌹
ओम बिड़ला स्पीकर है। 50 साल बीती बाते अर्थहीन है। वर्तमान की समस्याओ की बात हो। समाधान हो।
👌
Exactly 💯....There are enough problems to solve !!!
सत्ता पक्ष कुछ भी कहता है मोदी जी न हर गाली दी संसद में और उनके एमपी तालियां बजाते रहे
सिद्ध कर दिया हम आह भी भरतें हैं तो हो जातें हैं बदनाम वो कत्ल भी करतें हैं तो चरचा नहीं होता
मोदी का नहीं,आरएसएस का राज हैं? ये आरएसएस बदमाश हैं l
Aisa pratit hota hai jaise, His Master Voice ho, scripted Bhashan(Malik ka tai kiya hua.)
❤❤❤ इंदिरा गांधी के खिलाफ साजिश रची गई थी इसीलिए आपातकाल लगाने पर मजबूर हुई थी।
राहुल गांधी केस में हमने ऐसा ही प्रकरण देखा था
आपातकाल में नेता भले परेशान रहे हों लेकिन आम जनता सुखी और संतुष्ट थी। मैं इसका साक्षी रहा हूं।
बिल्कुल सही है,मैं भी साक्षी हूं उस वक्त मैं कालेज पढ़ रहा था।अदानी जैसे तस्करों का सामान जब्त कर सस्ते कीमतों में जनता को दिया जाता था।
इमर्जेंसी हटानी ही नहीं चाहिए थी
देश के अंदरूनी हालत जब बिना कारण बिगाड़े जाय तब तब यह होना जरूरी है ।
राजनीतिक विरोध तो अपनी जगह है। लेकिन इमरजेंसी के दौरान आम जनता को मंहगाई से बड़ी राहत थी। खाने पीने का सामान यहां तक कि सोना भी बहुत सस्ता था। मैने अपनी मां को कहते सुना था।
अशोक जी आप ने बहुत ही अच्छी तरह से एक्सप्लेन किया है। इन्हीं सब बातों को मैं भी जनता के सामने रखना चाहता था। मगर मेरे पास कोई प्लेटफॉर्म तो है नहीं, पर मैं अपने दोस्तों और अंधभक्तों को बताता रहता हूं। मैं इमरजेंसी के समय 20 साल का था और सब-कुछ देखा और समझा था। आम जनता को कोई भी परेशानी नहीं थी।
आपातकाल के वक्त मैं 14- 15 वर्ष का था इस दौरान आम जनता को कोई तकलीफ नहीं थी सब रेल गाड़ियां समय से चलती थी, गुंडे लफंगे सब जेल में थे, बहुत अच्छा रहा था समय आम जनता के लिए।
मैंने देखी आपातकालीन
बहुत ज़रूरी थी
पूरा देश के गुंडे गुंडागर्दी पर उतर आये
देश को लूटना था
सो लूट लिया
अब शायद कुछ उमीद जागी
मोदी राज में लागू अघोषित आपातकाल बिड़ला जी को दिखाई नहीं दे रहा है। लोकसभा स्पीकर सत्ता पक्ष के एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहे हैं।यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
इतनी रोचक और ज्ञानवर्धक तथ्य परख जानकारी देने के लिए अशोक जी को कोटि कोटि धन्यवाद ।
अगर Emergency नहीं लगता तो हम सब गुलाम हो गए होते। आपको thanks for presenting true facts and information.
इंदिरा गांधी ने देश को आगे बड़ाने मै बहुत कड़े कदम उठाए जो बहुत निर्भीक और जरूरी थे
सर मैं 64 में पैदा हुआ मुझे आज भी कुछ कुछ याद है कि आपातकाल के समय समस्त विभागों के अधिकारी कुर्सी पर बैठ जाया करते थे घूस खोरी बंद हो गई थी पब्लिक का कार्य होता था राशन की सरकारी दुकान रोज खुलती थीं सब कार्य सुचारू रूप से हुआ करते थे आज तो हर कुर्सी पर चोर ही चोर बैठे हैं
I joined SBI in Feb 76 and was very much impressed by the strict discipline in all departments.
सही है उस समय में स्नातक प्रथम वर्ष में था सब जगह सनुशाश्श आप गया था केवल नसबंदी जी ज्यादातई क़े कारण इंदिराजी हरी thee
A bat bilkul sahi hai mai 15 sal ka tha kisiki dadagiri nahi chalti thi yahatak ki pulis bhi garibose darti thi
भाई,मैं भी 64 की पैदाइश हूं और आपने जो जो कहा बिल्कुल वही बात मेरे दादाजी मुझे बताते थे,,आम जनता बिल्कुल खुश थी,,तकलीफ सिर्फ निकम्मे नाकारा सरकारी अधिकारियों को थी,,शायद इसी वजह से इंदिरा जी महज ढाई साल के बाद दुबारा चुनाव जीत गई और दुबारा कभी भी कोई चुनाव नही हारी,,जबकि ये भांड पार्टी एक बार सत्ता से बाहर आई तो अगले तीस साल तक दुबारा सत्ता नही मिलेगी
❤❤
इस iron lady ko salute करना चाहिए in नीच निकम्मे भाजपाइयों को l
आपने बहुत अच्छा video बनाया है I इसे बार बार दिखाया जाना चाहिए l
सही विश्लेषण अतः सलाम-
आपतकाल अराजकता से देश को बचाने के लिये लगाया गया था ।
और उसका खामियाजा भी
इन्दिराजी को हार और
सत्य बाहर आते ही
पुनश्च जित एवं सत्ता प्राप्त हुवी।
बहुत ही शानदार एपिसोड, इमरजेंसी की हकीकत बतला कर अंध भक्तों की आखं खोल दिया | बहुत ही शिक्षाप्रद एपिसोड है। आपको बहुत बहुत धन्यवाद अशोक साहब
Sir अंध भक्तों की आंखें कभी नहीं खुलेगी वो अंधे बहरे ही रहेंगे
@@kauranikjeet9433 नही खुलेंगी तो अंधे ही हो जायेंगे।
@@brijbeharilal2155 Yes Sir.....andhey toh ho hi gaye hain.......
स्वरों के लिए इमरजेंसी लगाई थी गरीबों के लिए तो बहुत बढ़िया इमरजेंसी थी
अभी तो अघोषित आपातकाल चल रहा है कि नहीं अंधभक्तों, मित्रों, बहनों और भाइयों?😂😂😂
100%
Pachas saal ke baad kyun Yaad aaya, emerging 1975 ka. BJP ko..? etna saal sorahe te..?
Janata ka provoke karke, Congress ke against Hatred paida karvane kaliye...aur kuch nahi...1975 emerging was past....past ko Yaad karvake kya fayada..? aaga badna chahiye for the sake of youth & country's future & betterment...
Ye past mein hi jeete hai aur bhavishya ke sapne dikhate hai aur vartmaan se bhagte hai.bhagodo ke vansaj jo thahre.@@graceraopedakolimi3343
अशोक जी बहुत बहुत आभार आपने नई पिढी़ को इतिहास के बारे में जानकारी दी है। मैंने भी आपके इस विडियो से बहुत सी नई जानकारी हासिल कि है।
आपातकाल लगा था और उसे समय के अनुसार इंदिरा गांधी मजबूर थी इमरजेंसी लगाने के लिए और इमरजेंसी हमारे समय ही हुआ था
बहुत बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी इस एपिसोड से मिली,इमारजानसी की सच्चाई समझ में आई।धन्यवाद।
अपनी संविधान की गरिमा भुल गए।
बीजेपी के अघोषित इमरजेंसी से इंदिरा गाँधी जी की इमरजेंसी ठीक थी
इंद्रा जी की देश भक्ति पर जो सवाल उठाते हैं वे सभी देश द्रोही है। मैंने १९६५ मे कानपुर में इंद्रा जी को सुना था, उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता।
एकदम सटीक और तथ्यपूर्ण विश्लेषण व प्रामाणिक है॥
उपलब्धियां भी गिनाइये। एक तो यह है-
1- 2 अक्तूबर,1975 को ग्रामीण बैंको की स्थापना
2- अमेरिका, विश्व बैंक व मुद्रा कोष को करारा तमाचा।
मैंने सभी Comments पढ़ें लगभग सभी Comments सत्य हैं और आपके विचार भी न्यायसंगत हैं
सच्ची सही इमानदार निष्पक्ष बेबाक निडर साहसी बैखोफ बहादुर धारदार और तथ्यपरक पत्रकारिता को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई 🙏❤️🙏
दुर्भाग्य है कि हमारे देश के तमाम दलों के नेताओं को देश और देश के लोगों कि चिंता नहीं है केवल और केवल अपने बच्चों, अपनी पार्टी के हितों की चिंता रहती है। लोकसभा अध्यक्ष पूरी तरह से भाजपा के सांसद के तौर पर कार्य करते हैं। फिर भी स्वार्थी नेता भाजपा के पक्ष में खड़े हो जाते हैं।
और यह एक डर कहें या स्वार्थ तमाम दलों के मुखिया कांग्रेस को बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते।
उनकी मानसिकता यह है कि पड़ोसी की बकरी मरना चाहिए चाहे उनकी दिवाल क्यों न गिर जाए।
इसलिए यह लोग भाजपा का साथ देते हैं।
आपको बहुत बहुत धन्यवाद आप सच्चाई ढ़ूढ़ कर देश के लोगों के सामने रख रहे हैं।
❤❤❤❤❤❤❤
पांडे जी आप जो कह रहे हो बिल्कुल 100% सच कह रहे
Aap ki himmat ko salam he.
ओम बिड़ला के मन, मस्तिष्क से आरएसएस का विचार खत्म नहीं होगा, तब तक वह अच्छा नहीं सोचेंगे!
ओम बिरला सही सोच ही नहीं सकते, निष्पक्ष हो ही नहीं सकते .
अशोक पाण्डे जी, मैंने इमरजेंसी का दौर देखा है मुझे लगता है उस समय इमरजेंसी लगाना जरूरी था,उस समय आम जनता को कोई परेशानी नही थी ।
बिलकुल सही जानकारी दे दि हैं आपने सर....😊
Excellent article thanx
बहोत खूब.बहोत सही व्हिडिओ है. आप को बार बार धन्यवाद सर .आपने बहोत बडा काम किया है.
विपक्ष को इसका ज़बरदस्त विरोध करना चाहिए।
Thanks Ashokji for nice and true information 🎉🎉
अभी आघोषित आपातकाल के साथ आघोषित राजतंत्र चल रहा है
49 साल पुराना इमरजेंसी पर आसूं बहाने वाले खुद के10 साल से लगाई हुई अघोषित इमरजेंसी पर नही बोलता
18:55 सही जानकारी देने के लिए मैं पांडे साहब को बार बार सैल्यूट करता हूं ।
एक शेरनी सौ लंगूर
चिकमंगलूर चिकमंगलूर
THANKS FOR CITING THE CONSPICUOUS PROVISION OF THE CONSTITUTION OF INDIA FOR CLAMPING EMERGENCY.
आज तो students सड़को पर है,,,, आम इंसान का जीना मुहाल है
आज इमरजेंसी की सच्चाई सामने आई है। बहुत बहुत धन्यवाद!👌👍👍🇮🇳🇮🇳
वो घोषित इमरजेंसी थी और फिल्हाल देश 10 साल से अघोषित इमरजेंसी झेल रहा है l और ऐसे हालात को पैदा करने वालों को शिकायत है l कि इन्दिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई थी l
Offence is the best defense bhai !!!😢
Desh drohi kya Jane Desh ko Majbut karna tha .
Abhi Aghosit Emergency. Manipur Bana shikar.
Sanskari Log 15 Saal Soye soye marna Pasand karte hain. Dharm ke Pracharak
Morar ji Desai, V. P. Singh Ne Desh ko Pichhe Dhakela Bilkul Madari ki Tarah.
आपातकाल के बारे में सुना था लेकिन आपने कुछ नए तथ्य पेश किए है, जिन पर विचार-विमर्श पहले कभी सुना नहीं....
मोदी जी आपतकाल लगाने के लिए हिम्मत चाहिए
यदि इमरजेंसी इंदिरा गांधी नहीं लगाई होती तो मेरी नौकरी नहीं लगती। इंदिरा गांधी को लाखों सलाम।
Bahut knowledge mila thanks
आपातकाल का बहुत अच्छा विश्लेषण किया है आपातकाल को आचार्य विनोबा भावे जी ने अनुशासन पर्व क्यों कहा था?
हमारे विचार से लोकतंत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की गलतियों का भी मूल्यांकन करना चाहिए उचित होगा क्योंकि इसका दोष राजनीतिक तंत्र को भुगतना पड़ता है 🎉
कौन कौन मानता है कि पाकिस्तान के दो टुकड़े कराकर एक नए देश बांग्लादेश का निर्माण करना, बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना, प्रिवी पर्स को समाप्त करनाऔर देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाली इंदिरा गांधी भारत की साहसी और सफलतम प्रधानमंत्री थीं जिन्हें उस समय के विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेई ने दुर्गा का अवतार कहा था
इसमें मानने वाली क्या बात है. वह आज विश्व का इतिहास है.
Modi Indira Gandhi ke raaste par hi tu chal raha hai ... tu fark kya hai ....🤔🤔
Good👍
कोयला खदानों का भी राष्ट्रीयकरण किया, जिससे पूंजीपति भी लामबध्द होने लगे थे।
इमरजेंसी उसे समय बहुत जरूरी था और बहुत अच्छा था उसे समयलगाना इंदिरा जी ने उसे समय जो इमरजेंसी का फैसला लिया था वह देश के लिए बहुत बड़ाहितकारी था
Thank you sir ,👍👍👍🙏🙏🙏
Ashok Kumar Pandey ji aap ko thanks 🎉 sachi and Satya bat Kah Rahe Hai 🎉 Jai hind sir 🙏
Bilkul sahi kaha sir aapne
एमरजेन्सि के बारेमे बताया आपने. धन्यवाद. बहुत से लोग समजगये होंगे. बहुत लोगोंको तकलीफ हुआ होग, आम आदमी को कोई दिक्कत नही था सब खुश लगरहेथे. इस दौरान मै बंबई गया मुझे दादा नझर नही आया.
भाजपा देश का बेड़ा गर्क करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही❤
अघोषित इमरजेंसी को छुपाने के लिए यह उसे पर पर्दा डालने के लिए पुरानी बातों को दोहराना यह सिर्फ बीजेपी कर सकती है
उत्कृष्ट पत्रकारिता। धन्यवाद शुभकामनाओं सहित
Good job💯👍 sir ये खुलासा करने के लिए धन्यवाद कल ओम बिरला जी ने कहा और आज राष्ट्रपति ने भी दुख जताई है धन्यवाद🙏💕
She just read out what was written for her !!!😢
@@kfr7867pehle aapke grammar theek kariye. then comment.😂😂😂
@@symphonyred Really?! Read written in the past tense is Read only !! It is just pronounced differently!!! 🙄
@@symphonyred I think you need to take a grammar lesson ...not me !! 😃 😀 😄
Very good information about Emergency and Indira ji
बहुत अच्छी जानकारी दी सर
आपातकाल के समय मै सरकारी नौकरी में था और मुझे आपातकाल से कोई तकलीफ़ नहीं पड़ी थी। उल्टा आपातकाल में सरकारी सेवाएँ बढ़िया मिल रही थी, कोई भ्रष्टाचार नहीं था, कोई जंगल राज नहीं था, सामान्य इंसान आराम से अपनी ज़िंदगी जी रहे थे।
अप्रतिम ..... इन्फॉर्मेटीव....सही है......
🎉🎉😂😂❤❤
बहुत मेहनत बदल मेहनत की आभार
सुरेशभाई दवे
शत शत नमन आप को अशोक जी ।
Waah Muhtaram Janabey Ashok Kumar Pandey Sahab Wàah Wàah Kiya Baat Hai Buhut Khoub Aur Buhut Hi Shaandaar Aur Lajawaab Paishkask Hai Zindabad Bhai Zindabad
*जुबान सबके पास होती है*
*मगर बात और बकवास*
*में फर्क होता है ...* 🌹🌹
100% 👌
*🌹🇮🇳जय हिन्द🇮🇳जय भारत🇮🇳जय महाराष्ट्र🇮🇳बहुत ही आच्छी और सच्छी मालुमात देते है!👍अशोक कुमार पांडे सर♥️👌🌹*
धन्यवाद ।
Bhut,bhut dhyanvad इमरजेंसी की वास्तविकता की जानकारी के लिए,।माननीय मोदीजी,ombirla जी कुछ तो शर्म कीजिए,धर्मराज shnimhraj किसी को नहीं bkshte। Sudher जाइए।
Bahut Bahut Sunder jankari Indira Gee ko sat sat naman
मुरारजी देसाई भी गुजरती था.
Bhut bhut dhnyvad pandey sir
आपका कंटेंट बहुत सही मुद्दे पर है
बहुत ही शानदार वीडियो। धन्यवाद।
ओम बिड़ला ने तो सारी मर्यादा ही तोड़ दी है और नहीं तो कम से कम अपनी नाम की मर्यादा तो रख लेता। बड़े बड़े भांड देखे पर इसकी कोई सानी नहीं है।
BILKUL SAHI ...
Salute Sri Ashok jee for historic things ,thanks .
यह भाजपाईयों का आदमी है,संघ का पिठ्ठू है.
इनसे निषःपक्षता की क्या उम्मीद कर सकते है.
तेरी खुद की बात कर रहा है तू????
سر ۔حقیقت سے روشناس کرانے کے لئے بےحد شکریہ ۔آپ سلامت رہیں یہ میری دعا ہے
पूरा आंदोलन सी आई ए द्वारा प्रायोजित था।
सत्य पक्ष प्रस्तुत करने के लिए सादर वंदन सह सहर्ष अभिनंदन...
Iron Lady 💪
❤
❤ Very true
बहोत ही महत्त्वपूर्ण जानकारी...
विगत 10 वर्षों से देश में अघोषित इमरजेंसी ही तो है, लोग की बातों को सुना नहीं जाता , अयोध्या हारने पर सबक मिल गया होगा कि यदि जनता की आवाज को नहीं सुनोगे तो वह वोट की चोट करेगी।
अयोध्या जैसी 10सीटों पर बीजेपी हारी
Bhai ye sabak padhe hote to aisa aacharan na karte, padhne se Inka kya vasta?
Very good Ashok Kumar Panday ji
This video should reach all corner of the country. In all regional languages. Ready to support .
एमर्जेंसी के दौरान जिन लोगों ने अराजकता इलायची आजकल उन लोगों के हाथ में सता है एमरजेंसी से ज्यादा देश में अराजकता चला रहे हैं
सही है जज साहब रिश्तेदार थे।
Super News....Nice Akalan.....