क्या हमें खुद जागना चाहिए!या कोई और जगा कर जाए??एक विश्लेषण।

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  • Опубликовано: 28 ноя 2024

Комментарии • 11

  • @bhagiram5614
    @bhagiram5614 3 дня назад

    🎉

  • @DevendraDev-f5b
    @DevendraDev-f5b 3 дня назад

    🎉🎉

  • @kirankandwal998
    @kirankandwal998 3 дня назад +1

    अति सुन्दर मान्यवर

  • @Duguu12plays
    @Duguu12plays 3 дня назад

    अति सुन्दर जय हो ❤❤❤

  • @omprakashjadejaaoc1873
    @omprakashjadejaaoc1873 3 дня назад

    उल्टी गंगा बह रहे हैं जी, good video sir 🎉🎉

  • @mansinghgusain3633
    @mansinghgusain3633 3 дня назад

    Bilkul sahi Sahab
    Ram Ram sahab

  • @NarendraSingh-o3b
    @NarendraSingh-o3b 3 дня назад

    Nice 🎉

  • @chhautansingh8131
    @chhautansingh8131 3 дня назад

    No 1,sab

  • @RanjeetSingh-tj2jt
    @RanjeetSingh-tj2jt 3 дня назад

    V nice 👍

  • @takebdrthapa8426
    @takebdrthapa8426 3 дня назад

    100% Right 👍

  • @DevendraSingh-qq1kc
    @DevendraSingh-qq1kc 3 дня назад +1

    परिहार जी जवानों का बेसिक पे बहुत कम है जबकि हमारा जवान 24 घंटा बॉर्डर एरिया, सियाचिन जैसी बर्फीली इलाके में ,आतंकवाद के विरुद्ध और राजस्थान इलाका जहां का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस है वहां पर ड्यूटी करता है उसकी बेसिक पे 21700 है इतना ही एक छोटे से कर्मचारियों की बेसिक पे है जबकि वह 8 घंटा ड्यूटी भी नहीं करता है जवान का बेसिक पे काम से कम 35000 से ऊपर होना चाहिए एक तो हम लोग संगठित नहीं है दूसरा किसी से पूछो बोलता है की रहने दो जो मिल रहा है ठीक मिल रहा है इसी कारण हम लोग किसी भी मिशन पर कामयाब नहीं होते हैंMacp और एसीपी का मामला है क्या जो 2006 से पहले जवान पेंशन आये उनको लागू नहीं है क्या उन्होने देश में कोई लड़ाई नहीं लड़ी यह कौन सा अन्याय है