वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना एक ढकोचला है। देखो कबीर जी क्या कह रहे हैं। वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।। वेद निराकार साकार तक सीमित है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।❤❤
Acha Gyan h
सत साहेब ❤️❤️❤️
Nice post
बहुत अच्छा
वेदों से गीता से पूर्ण ब्रह्म को सिद्ध करना एक ढकोचला है। देखो कबीर जी क्या कह रहे हैं।
वेद थके ब्रह्मा थके थक गए शेष महेश।
गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
वेद निराकार साकार तक सीमित है निराकार साकार माया है यजुर्वेद का मंत्र है संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है यजुर्वेद अध्याय ४०मंतर९ है।❤❤
इस संसार में कोई भी प्राणी सुखी नहीं है