मंगल भवन अमंगल हारी | Mangal Bhavan Amangal Hari | दिवाली विशेष भजन | 2024

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  • Опубликовано: 21 ноя 2024
  • दिवाली रोशनी का हिंदू त्योहार है और इसकी विविधताएं अन्य भारतीय धर्मों में भी मनाई जाती हैं। यह आध्यात्मिक "अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और अज्ञान पर ज्ञान की जीत" का प्रतीक है।
    दिवाली विभिन्न धार्मिक घटनाओं, देवताओं और व्यक्तित्वों से जुड़ी हुई है, जैसे कि वह दिन जब राम राक्षस राजा रावण को हराने के बाद अपनी पत्नी सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या में अपने राज्य लौटे थे। यह व्यापक रूप से समृद्धि की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता और बाधाओं को दूर करने वाले गणेश से भी जुड़ा हुआ है। अन्य क्षेत्रीय परंपराएँ छुट्टी को विष्णु, कृष्ण, दुर्गा, शिव, काली, हनुमान, कुबेर, यम, यमी, धन्वंतरि, या विश्वकर्मन से जोड़ती हैं।
    मंगल भवन अमंगल हारी
    Singer - Ravindra Jain, Satish Dehra, Rachna, Deepmala
    जिन पर कृपा राम करे वो पत्थर भी तीर जाते हैं - Lyrical
    स्वर- रवींद्र जैन
    गीत- रवींद्र जैन
    संगीत- रवींद्र जैन
    जब श्री राम, लंका की ओर निकले तो रावण की लंका और श्री राम के बीच एक बड़ा समुद्र आ गया जिसे पार करने के लिए श्री राम की सेना से नल और नील ने मिलकर श्री राम का नाम पत्थरों पर लिखकर समुद्र में फेंका जिससे वो पानी पर तैरने लगे और उनसे पुल बना गया। जिस दृश्य को रविंद्र जैन जी ने भक्ति संगीत में आपके सामने प्रस्तुत किया है।
    रामानन्द सागर द्वारा प्रस्तुत रामायण के लुभावने व भक्ति से भरे श्री राम चंद्र के भजन सुने।"
    सीता राम दरस रस बरसे जैसे सावन की झड़ी - Lyrical
    स्वर- रवींद्र जैन, येशुदास और साथी
    गीत- रवींद्र जैन
    संगीत- रवींद्र जैन
    श्री राम और माता के अयोध्या राज्य में वापसी के बाद श्री राम का राज्य अभिषेक होता है उसके बाद उनकी रथ यात्रा नागर में निकली जाती है। नगर के लोग ख़ुशी मनाते हुए हैं और ये मधुर गीत गाते हैं।
    अयोध्या करती है आवाहन
    Singer - Ravindra Jain, Satish Dehra, Rachna, Deepmala
    राम नाम की महिमा भारी
    Singer - Hariharan, Ravindra Jain
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