औरंगज़ेब अच्छा था या बुरा ? पूरी कहानी आसान भाषा में | Aurangzeb was good or bad Analysis by Pragya

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 9 июн 2023
  • #aurangzeb #pragya
    औरंगज़ेब अच्छा था या बुरा ? पूरी कहानी आसान भाषा में | Aurangzeb was good or bad Analysis by Pragya
    JOIN PRAGYA MISHRA NOW FREE-
    प्रज्ञा जी को TWITTER पर FOLLOW करें उनसे बात करें- / pragyalive
    प्रज्ञा जी के ब्लॉग पढ़िए VISIT TO WEBSITE - • CM HEMANT SOREN और MOD...
    प्रज्ञा जी से फेसबुक पर जुड़िए- / pragyamishralive
    PRAGYA MISHRA जी से इंस्टाग्राम पर जुड़िए- / pragyam96
    ----------------------------------------------------------------
    ABOUT-
    INDIA में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रहने वाली PRAGYA MISHRA जी अपनी अलग तरह की धारदार रिपोर्टिंग के लिए INDIA में जानी जानी जाती हैं..वो एंकरों की तरह टाई कोट..और सूट बूट नहीं पहनती हैं. प्रज्ञा मिश्रा जी सामान्य लोगों के बीच बेहद सामान्य तरीके से रहती हैं.. यूपी चुनाव और हाथरस कांड में पूरे भारत की मीडिया ने उनका लोहा माना है.. प्रज्ञा जी बिना किसी दबाव के सच्ची बात कहने दिखाने और सरकारों से सवाल करने के लिए जानी जाती हैं..सच को मीडिया के कॉर्पोरेट घराने कुचल ना पाएं इसलिए..प्रज्ञा मिश्रा जी PRAGYA KA PANNA नाम के इस यूट्यूब पेज पर बिना किसी मीडिया हाउस के दबाव के स्वतंत्रा से सच्चे विचार सबूतों के साथ रखती हैं..
    दोस्तों..प्रज्ञा मिश्रा जी का Ulta chasma uc नाम से एक और चैनल हैं जहां पर वो आम लोगों के विचार देश तक पहुंचाती हैं.. किसी भी मुद्दे पर सर्वे करती हैं..आप प्रज्ञा जी के साथ जुड़िए उनकी ताकत बनिए..सच को मजबूत कीजिए..
    -------------------------------------------------------------
    DISCLAMER- प्रोग्राम में दिए गए वक्तव्य का उद्देश्य किसी जाति धर्म संप्रदाय पार्टी दल समूह धर्म व्यक्ति या संस्था को बदनाम करने या ठेस पहुंचाने का नहीं है. सच को व्यंग्यात्मक या तथ्यात्मक तौर पर समाज के सामने लाने के पीछे प्रस्तोता का मक्सद पारदर्शिता कायम करना और समाज को शिक्षित करना है.

Комментарии • 8 тыс.

  • @kaishali8352
    @kaishali8352 Год назад +568

    इतिहास में ये भी दर्ज होगा भारत में जब मिडिया बिक गया था तब भी आप जैसे सच्चे सिपाही संघर्ष कर रहे थे ❤
    सलयूट जय हिन्द

    • @user-vx5ty9qb4w
      @user-vx5ty9qb4w Год назад +1

      Tere photo se gandagi dikh rahi

    • @gulzar20-pf8yf
      @gulzar20-pf8yf Год назад +2

      Kiya bat liki hai bro Dil khus ho gya

    • @amitsharma8181
      @amitsharma8181 Год назад +1

      खुद तो मरेगी पगली हमें भी मरवायेगी

    • @vengeance6465
      @vengeance6465 Год назад +1

      Powerful comment with Powerful profile 🇮🇳

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय Kaishaliji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। चर्चा की खास प्रणाली निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि, और किसी भी जाति या धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित
      और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @piyushsomani5018
    @piyushsomani5018 Год назад +2073

    300-400 सालों पहले मर चुके आदमी का सहारा लेकर अपनी राजनीति चमकाने वाले दल अंदर से कितने ज्यादा खोखले हैं... ये सोचने वाली बात है...

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +33

      आदरणीय Piyush Somaniji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @ismailpathan6329
      @ismailpathan6329 Год назад +12

      @@avadhutjoshi796 sir, बहुत बहुत धन्यावद,,आपकी से सहमत हूँ,

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +7

      @@ismailpathan6329 धन्यवाद सर. यह जानकारी सभीसे साझा करे और समर्थन करना ऐसी आपसे प्रार्थना है. 🙏. अवधूत जोशी

    • @roshankhatoon8948
      @roshankhatoon8948 Год назад +3

      Bilkul sahi kaha aapne

    • @roshankhatoon8948
      @roshankhatoon8948 Год назад +2

      Bahut bahut sukriya 🙏🙏 Aapka

  • @sadaffatma7257
    @sadaffatma7257 11 месяцев назад +86

    As a upsc history optional aspirant i know its completely true
    well done prgya mam ❤❤❤

  • @SirajKhan-wv4ox
    @SirajKhan-wv4ox Месяц назад +8

    बहन सच में आप एक बहुत अच्छी जानकारी और पटकर्ता करती हो। ईश्वर आपको और हिम्मत दे।

    • @sagarshingare2423
      @sagarshingare2423 2 дня назад

      दख्खन जितने जब औरंगजेब आया था तब अफजल खान से डर के भाग गया था तुमहारा ओंरगजेब ईतना बाहादुर था😂😂😂लेकिन जब छत्रपती शिवाजी महाराज का अफजल खानसे सामना हूवा तब फाड दिया था शिवाजी महाराजने😂😂😂

  • @vijayvishwakarma1002
    @vijayvishwakarma1002 Год назад +392

    तुमको पैसे का लालच नहीं दीदी तभी सच्चाई बोल रही हैं आपको दिल से शुक्रिया

    • @tirthankarmandal5101
      @tirthankarmandal5101 Год назад

      @Vijay Vishwakarma vai ap kahase ho

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Vijayji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। चर्चा की खास प्रणाली निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि, और किसी भी जाति या धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित
      और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @GyanTvAmit
      @GyanTvAmit 11 месяцев назад +3

      😂😂

    • @user-ub4ue6fq1p
      @user-ub4ue6fq1p 11 месяцев назад

      तुम्हारी यही गलती है जो भी ब्राह्मण पत्रकार है उसी की सच्चाई मानते हो , आंधे बने हो 75 सालो से चमचे बने हो

    • @user-vo9og2rs4q
      @user-vo9og2rs4q 10 месяцев назад

      Right aurangzeb ek ache badshah the

  • @ankitaupadhyay2649
    @ankitaupadhyay2649 Год назад +417

    हिन्दू मुस्लिम,सब राजनीति के लिए हैं,हम जनता को इन सब से कोई मतलब नहीं रहता है, नेता लोग जानबूझकर सबको भड़काते हैं,और अपना फायदा करते हैं,आप ने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है 🙏🏻🙏🏻

    • @naushadansariansari8505
      @naushadansariansari8505 Год назад +5

      Good sister g. Aapko saloot krte hai.aapme ensaniyat h

    • @naushadansariansari8505
      @naushadansariansari8505 Год назад +1

      @@tarnummemon99 assalamualaikum

    • @AKHARYANA.
      @AKHARYANA. Год назад +3

      Acha hindu muslim rajniti or ko dharm ke nam par Pakistan Bangladesh le liya vo kya ... Tab konse muslim the jinho ne vote kiya tha Pakistan ke liye.... 😂😂😂😂 Andhe ho ya budhi nahi hai

    • @shonababu4113
      @shonababu4113 Год назад +1

      ऐ सब ईलेक्शन की तैयारी है पिसे गी गरीब जनता

    • @Ansu673
      @Ansu673 Год назад

      Janta ab aur murkh nahi banegi.karnatak ki janta ne pure desh ko rasta dikha diya hai.jago grahak jago.

  • @AftabAlam-ho1uo
    @AftabAlam-ho1uo 8 месяцев назад +16

    V good Masha allah

  • @shakeelkhan-hq6sd
    @shakeelkhan-hq6sd 8 месяцев назад +29

    सच्ची पत्रकारिता आज भी जीवित हैं, इसीलिए उम्मीद की एक किरण आज भी जिंदा हैं कि वक्त जरूर बदलेगा।

  • @kjvaniya8087
    @kjvaniya8087 Год назад +1273

    आप एक ऐसी पत्रकार हो कि कोई खोफ,भय या डर नही रखती,आपकीं पत्रतारिकता को नमन।🙏❤️🙏👍🙏...

    • @maryaenterpriseschannel7935
      @maryaenterpriseschannel7935 Год назад +14

      Y jihalo ki reporter hii

    • @princemishra5747
      @princemishra5747 Год назад +12

      Ye Akhilesh ji ki media hai.

    • @hcgey.yktggdv
      @hcgey.yktggdv Год назад +8

      ​@@princemishra5747ha ye brahman ke naam pr kalank hai

    • @princemishra5747
      @princemishra5747 Год назад +6

      @@hcgey.yktggdv isko itihass ka knowledge nahi hai. Aur itihass pe gyan de rahi hai. Jodhabai naam ki koi biwi thi hi nahi. Lekin Bollywood dekh kar isne Akbar se jazia khatam bhi karwa dia. Isko anpadh gawar hone ka certificate milna chaihe.

    • @kailashpandit4366
      @kailashpandit4366 Год назад

      जब भी कोई नालायक भाजपायी ये कहता है की मन्दिरों को तोर्ड्कर मस्जिदें बनाई गई तो तुरंत अंधभक्तो के गोबर दिमाग में ये climex बन जाता है की कैसे तोर्डा होगा? जैसे मानो, मुघ्ल अपने घोर्डे लेकर जबर्दस्ती मन्दिरों में घुस जाते हैं और मन्दिर के पुजारी पण्डितो के सर काट देते हैं महिलाओ का बलात्कार करते हैं,,ऐसे विचार आते ही तुरंत एक अंधभक्त अपने पर्डॉसे मैं रहने वाले सलीम को भी नफरत की नज़र से देखने लगता है । पर सच आधा अधूरा है,जो शायद ये हरामखोर संघी कभी बताएँगे नही ,एक समय ऐसा था जब भारत में बहुत सी मन्दिरे हुआ करती थी। और लोगो की जनसंख्या भी ज्यादा नहीं थी इसलिये लोग के लिए सारी मन्दिरो की देख भाल करना शायद उतना सम्भव नही था । उस समय लोगो को घर, जगह,जमीन, मन्दिर इसका महत्व पता ही नही था। और ठीक से देखभाल ना होने के कारण कई मन्दिर,घर,,हवेली,, बहुत पुरानी होजाती थी बहुत से मन्दिरो मैं लोगो का आना जाना भी बहुत कम होगया था। बहुत सी मन्दिरे तो ऐसीए थी जहा कोई आता जाता भी नही था । देखते देखते कई मन्दिरे खंडरो का रुप ले चुकी थी ।ऐसे खंडर मन्दिरो के पास से तो अक्सर लोग आने जाने से भी डरते थे ।लोगो मैं विब्भिन धारणायें बन चुकी थी जैसे मन्दिरो का श्रापित होना,,मन्दिर मैं देवी का प्रकोप होना,,भुत पिशाच का होना,,पर विदेशी मुसलमान चाहे लोदी हो,,या खिलजी हो,,या मुघल हो,,जो भी हो वो इन सब बातो पर विश्वास नही करते थे वो जब कभी ऐसे रास्तो से गुजरते तो अक्सर ऐसी ही जगो पर अपने घोर्डे बान्कर वहा विश्राम किया करते थे । और उन मैं कोई नमाज़ि होता तो वो वहीं थोर्डा साफ सफाई करके नमाज पर्ड लिया करता था। अब जब मुसलमानो ने देखा की ये जगह उन्के बहुत काम आरही है और कोई इस जगह पर अपना दावा भी नही कर रहा किसी हिन्दू को कुच पडी ही नही है तो उन्होँने अपनी सुविधा उनुसार उस मन्दिर के खंडर को मस्जीद मैं परिवर्तित कर लिया।आज जब उनकी मस्जीदे आबाद होगई,,मस्जीद में और आस पास में आना जाना शिरू होगया।आस पास मैं घर और बाज़ार बन गए विदेसी परेटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई मस्जीदे तो इन संघीयो के पेट में दर्द होने लगा नजाने कोन कोन से भगवान मस्जीदो मैं पैदा होने लगे।सच यही है कि कोई भी मस्जीद मन्दिर को जबर्दस्ती तोर्ड्कर नही बनाई गई ये सब बकवास है और नाही किसी हिन्दू की जबरदस्ती हत्या की गई और ना ही उनका धर्म परिवर्तन किया गया। ये केवल और केवल देश के बहुसम्पयक समुदाय के लोगो को मूर्ख बनाकर उनका वोट बटोरने की योजना है।

  • @chaljhootha7334
    @chaljhootha7334 Год назад +119

    पिछले 70 साल मे कभी भी मुगल बादशाहों को इतना याद नही किया गया जितना आज कीया जा रहा है ।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @whatsappstatus8781
      @whatsappstatus8781 Год назад +4

      ​@@avadhutjoshi796 सभी धर्म अच्छाई सिखाते हैं राष्ट्र के विकास में कभी कोई धर्म आड़े नहीं आएगा नेताओं को चाहिए कि वह गड़े हुए मुर्दे न उखाड़े अगर ऐसा कर रहे हैं तो जनता को जागरूक होना चाहिए

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@whatsappstatus8781 धन्यवाद भाईसाब. मैं भी जागरुकता बढा रहा हूं. मुलतः क्या समस्या है वह बता कर ऊसके समाधान की बात कर रहा हूं देशव्यापी चर्चा से... वह भी हमेशा के लीये समाधान. आप जैसे जागरूक लोगों से ईसका समर्थन चाहता हूं. आप समर्थन करे और देशव्यापी चर्चा की बात लोगों के साथ साझा करे ऐसी आपसे प्रार्थना है. 🙏. अवधूत जोशी

    • @shanuyok615
      @shanuyok615 Год назад +1

      @@whatsappstatus8781 sabhi mazhab acchayi nahi sikhate , pahle dharam ka matlab to jaan lo
      Aur koran aur bible puri padh lena pata chal jayega

    • @whatsappstatus8781
      @whatsappstatus8781 Год назад +2

      @@shanuyok615 kuraan aur bilbe padh Li h ab aap bhi padh lo ha uske sath मनुस्मृति bhi padh lena

  • @toortoor6118
    @toortoor6118 10 месяцев назад +10

    Very very good discussion

  • @Salikshaikh-tt3lw
    @Salikshaikh-tt3lw 8 месяцев назад +9

    Apna khayal rakhe Mam. You are real journalist.

  • @arvindpatel5751
    @arvindpatel5751 Год назад +1516

    अब चुनाव होगा विकास पर औरंगजेब पर नहीं

    • @RoboRhythms198
      @RoboRhythms198 Год назад +17

      Chunao toh bikwas par hoga magar.... secular party ka admi jitne ka bad Pakistan jindabad ka desh bakti bala nara vi lageyga.....😂😂😂

    • @iu7177
      @iu7177 Год назад +13

      Gajab bro good job 👌👍

    • @user-fe2wc7co5o
      @user-fe2wc7co5o Год назад +56

      काश हर एक भारतीय के दिमाग़ मै यही बात आ जाएं तो सरकारें भी विकास ही करेंगी बजाए लोगो को लड़ाने के

    • @iu7177
      @iu7177 Год назад +20

      @@user-fe2wc7co5o Good 👍 absolutely right

    • @rashidkhan-to4ut
      @rashidkhan-to4ut Год назад +13

      Good bro

  • @prahri.I.N.D.I.A1797
    @prahri.I.N.D.I.A1797 Год назад +252

    सभी बातों का एक ही सार है कि मणिपुर के बाद अब महाराष्ट्र की बारी, दंगाई मानसिकता वाले जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं सावधान रहें इनसे।

    • @jainullah5802
      @jainullah5802 Год назад

      DALAAL MODI NOUTANKI MODI KAPAT JHOOTA DHOKEBAAZ JUMLEBAAZ MODI KAATIL GOONDA AATANKI, PULVAAMA SAINIKONKA KO HATYAKAAND JAANBOOJKAR KARVAAYA MODI , BJP MODIBJP KO HATAO DESH BACHAO

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +2

      आदरणीय Paarkhiji🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @newssafarindia
      @newssafarindia Год назад +1

      सही कहा आपने

    • @AnilSharma-rb4ns
      @AnilSharma-rb4ns Год назад

      @@avadhutjoshi796 Bhai shab apko kis ne bola ki Jo BJP ko support karta hai bo he Hindu hai ...Baki jo other party'ko support karta hai bo Hindu Dharm ko nhi manta..

    • @shanuyok615
      @shanuyok615 Год назад +2

      aurangzeb accha admi tha to Sikho ne bhi uske sath Jung kyu ki ?
      Thoda dimag se socho ese log jo mugal ko promote karte unko jawab Dena aur Virodh karna zaroori kyu hai pahle ye toh jaan Lo paarkhi ji.

  • @Sparkle478
    @Sparkle478 5 месяцев назад +8

    Great journalism mam ❤

  • @KaptanSingh-ke8zh
    @KaptanSingh-ke8zh Год назад +44

    प्रज्ञा मैडम हाथ में चोट कैसे लग गई? आपकी सच्ची पत्रकारिता के फैन हैं हम

  • @mohdnaushad9632
    @mohdnaushad9632 Год назад +86

    हकीकत बयान करने के लिए छोटी बहन सलाम

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Mohdnaushadji 🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @RajKumar-ee5bv
      @RajKumar-ee5bv Месяц назад

      प्रज्ञा मिश्रा पहले यह तो बता तू उसकी पूजा करती क्या लाखों हिंदुओं को मरवाया हिंदुओं के ऊपर जजिया कर लगाया हिंदुओं को मुसलमान बनाया कोई पार्टी हिंदुओं की हित की बात नहीं करता मैं किसी पार्टी को उम्मीद नहीं करता चाहे कांग्रेस हो चाहे सपा को मैं खुद यादव हूं लेकिन किसी से समर्थन नहीं करता पार्टी का हिंदुओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया है सब ने मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीतिक खेल करके मुसलमान का साथ दिया है यह बात कांग्रेस सरकार ने 5000 ब्राह्मण को मरवाया था महात्मा गांधी की हत्या हुई

  • @ganeshbanerjee9841
    @ganeshbanerjee9841 Год назад +1545

    औरंगजेब ने बचपन से ही सैनिक सेवा की थी। इसी कारण वह एक कुशल सेनानायक था, और कभी कोई युद्ध नहीं हारा।

    • @chikuyadav3485
      @chikuyadav3485 Год назад +99

      हा तो अपने घर मे। इश्का तस्वीर लगा कर रोज़ पूजा करना और अपने बच्चो को इश्के जैशा बनना

    • @Almas_Tanvin
      @Almas_Tanvin Год назад +41

      @@chikuyadav3485 😂😂😂kahen bhadak rahe ho Bhai

    • @chikuyadav3485
      @chikuyadav3485 Год назад

      @@Almas_Tanvin भाई सिख और हिन्दू बच्चओ का सर काट कर अपने भालो मे लगाने वाले को प्रज्ञा फातिमा मैडम उसको हिन्दू का हितेषी हीरो बनाने पे तुली हे

    • @kailashpandit4366
      @kailashpandit4366 Год назад

      जब भी कोई नालायक भाजपायी ये कहता है की मन्दिरों को तोर्ड्कर मस्जिदें बनाई गई तो तुरंत अंधभक्तो के गोबर दिमाग में ये climex बन जाता है की कैसे तोर्डा होगा? जैसे मानो, मुघ्ल अपने घोर्डे लेकर जबर्दस्ती मन्दिरों में घुस जाते हैं और मन्दिर के पुजारी पण्डितो के सर काट देते हैं महिलाओ का बलात्कार करते हैं,,ऐसे विचार आते ही तुरंत एक अंधभक्त अपने पर्डॉसे मैं रहने वाले सलीम को भी नफरत की नज़र से देखने लगता है । पर सच आधा अधूरा है,जो शायद ये हरामखोर संघी कभी बताएँगे नही ,एक समय ऐसा था जब भारत में बहुत सी मन्दिरे हुआ करती थी। और लोगो की जनसंख्या भी ज्यादा नहीं थी इसलिये लोग के लिए सारी मन्दिरो की देख भाल करना शायद उतना सम्भव नही था । उस समय लोगो को घर, जगह,जमीन, मन्दिर इसका महत्व पता ही नही था। और ठीक से देखभाल ना होने के कारण कई मन्दिर,घर,,हवेली,, बहुत पुरानी होजाती थी बहुत से मन्दिरो मैं लोगो का आना जाना भी बहुत कम होगया था। बहुत सी मन्दिरे तो ऐसीए थी जहा कोई आता जाता भी नही था । देखते देखते कई मन्दिरे खंडरो का रुप ले चुकी थी ।ऐसे खंडर मन्दिरो के पास से तो अक्सर लोग आने जाने से भी डरते थे ।लोगो मैं विब्भिन धारणायें बन चुकी थी जैसे मन्दिरो का श्रापित होना,,मन्दिर मैं देवी का प्रकोप होना,,भुत पिशाच का होना,,पर विदेशी मुसलमान चाहे लोदी हो,,या खिलजी हो,,या मुघल हो,,जो भी हो वो इन सब बातो पर विश्वास नही करते थे वो जब कभी ऐसे रास्तो से गुजरते तो अक्सर ऐसी ही जगो पर अपने घोर्डे बान्कर वहा विश्राम किया करते थे । और उन मैं कोई नमाज़ि होता तो वो वहीं थोर्डा साफ सफाई करके नमाज पर्ड लिया करता था। अब जब मुसलमानो ने देखा की ये जगह उन्के बहुत काम आरही है और कोई इस जगह पर अपना दावा भी नही कर रहा किसी हिन्दू को कुच पडी ही नही है तो उन्होँने अपनी सुविधा उनुसार उस मन्दिर के खंडर को मस्जीद मैं परिवर्तित कर लिया।आज जब उनकी मस्जीदे आबाद होगई,,मस्जीद में और आस पास में आना जाना शिरू होगया।आस पास मैं घर और बाज़ार बन गए विदेसी परेटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई मस्जीदे तो इन संघीयो के पेट में दर्द होने लगा नजाने कोन कोन से भगवान मस्जीदो मैं पैदा होने लगे।सच यही है कि कोई भी मस्जीद मन्दिर को जबर्दस्ती तोर्ड्कर नही बनाई गई ये सब बकवास है और नाही किसी हिन्दू की जबरदस्ती हत्या की गई और ना ही उनका धर्म परिवर्तन किया गया। ये केवल और केवल देश के बहुसम्पयक समुदाय के लोगो को मूर्ख बनाकर उनका वोट बटोरने की योजना है।

    • @shortminia
      @shortminia Год назад +14

      Bhai you are Indian first' 🇮🇳 ❤

  • @zeenatraziya4352
    @zeenatraziya4352 2 месяца назад +2

    Excellent mam.

  • @ansarahmedkhan7437
    @ansarahmedkhan7437 6 месяцев назад +7

    Very Good Infoarmation

  • @shortstories9547
    @shortstories9547 Год назад +99

    आप खुद का खयाल रखिये देश को आप जैसे राष्ट्रभक्त , और ईमानदार पत्रकारों की जरूरत है।

    • @Allnewsmarathi2.0
      @Allnewsmarathi2.0 Год назад

      नहीं 😂

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Shortstories9547🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @bhanugupta391
      @bhanugupta391 Год назад +1

      Bhai ye kaha se rastra bhakt ho gya ye to सपा bhakt hai

    • @Allnewsmarathi2.0
      @Allnewsmarathi2.0 Год назад

      @@bhanugupta391 yes

    • @user-ep2tf3xw5k
      @user-ep2tf3xw5k 2 месяца назад

      बहुत ज्यादा ही ईमानदार है ये।

  • @suhelbhayji4522
    @suhelbhayji4522 Год назад +106

    इतिहास को समझना आसान नहीं है और अंधभक्त तो जो भी वॉट्सएप्प यूनिवर्सिटी मे आता है उसको सच मान लेता है उसके दिमाग मे इतनी ताकत ही नहीं की इतिहास की सच्चाई क्या है समझ सके।
    आपने बहुत अच्छे से बताया।

    • @user-kk4ot3or5t
      @user-kk4ot3or5t Год назад +1

      Maratho ne bend baja rakhi thi 😮 isko bata khud maratha mansudar kitne the Aurangzeb ke darbar me

    • @dilshadahmad6166
      @dilshadahmad6166 Год назад +1

      Tu bata teri sena me kitne pakistani h. Vidrohiyo aur dushmano ko koi apni sena m nahi rakhta.
      Mentos khao dimag ki batti jalao😂

    • @tajalliyat-e-madani8212
      @tajalliyat-e-madani8212 Год назад +2

      आपने औरंगजेब पर बेहतरीन खुलासा किया है यही सच्चाई है आपके हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी

    • @SkSelimPegionLaver
      @SkSelimPegionLaver Год назад +1

      Tum sahi kere ho lekin a jo kuche bhas ha na ya andhbhakt in logo ko kon samjhaya ga😂😂😂 Itihas kiy ha .

    • @user-kk4ot3or5t
      @user-kk4ot3or5t Год назад +1

      @@dilshadahmad6166 abe chungooooo , andhbhakt 🙆😂
      Mentosh tu kha👅 pajeet
      Pakistan afganistan ye sab pahele hindustan me hi ata tha 🤷samza
      Or hindustan ki shan mughal se hi badhi he aaj bhi hindustan Mughlo or musalmano ki banai hui chijo se hi itna femus he Taj mahel lal kila kutub minar dilli bengaluru agra surat ahmedabad heydara bad bade bade saher mughalo or muslim ne hi banae he chimkandi 😂🙆💁♈

  • @Kalimuddin-wt9dg
    @Kalimuddin-wt9dg 10 месяцев назад +5

    You are very good

    • @HumsheeraSayyed
      @HumsheeraSayyed 3 месяца назад

      Ama 49 sal me 17crore 64lakh brahmar ko mara jabki janta 15 crore socho aese musalman ko badnam karte hain

  • @BhanuPratap-pv7dd
    @BhanuPratap-pv7dd Год назад +4

    Ek tarpha patrakar

  • @userIamIndian
    @userIamIndian Год назад +244

    I am a history student and I can rightly say that the whole analysis is based on fact and figures. Thank You Pragya. You reveal some of the interesting facts which even I was not aware of.

    • @user-di4ib7qs4u
      @user-di4ib7qs4u Год назад +6

      😂 feeling sorry for U
      You are reading Manipulated History

    • @userIamIndian
      @userIamIndian Год назад +10

      @@user-di4ib7qs4u Yes bcoz you wrote it.

    • @roopashekhawat2026
      @roopashekhawat2026 Год назад

      Hai bahan tu hi history ki student hai baki to PhD wale chutiya the

    • @ainulhaquemazumder3985
      @ainulhaquemazumder3985 Год назад

      The British historians twisted the truth of mediaeval history of India & assassinated the character of Muslim rullers of that period. Thanks Pragya for revealing the fact.

    • @anmolsanjaynigam7759
      @anmolsanjaynigam7759 Год назад

      @@user-di4ib7qs4u😂

  • @sujauddinmohammed7863
    @sujauddinmohammed7863 Год назад +40

    मेरे प्यारे दोस्तों आपके लिए एक विशेष जानकारी ये है कि औरंगजेब के ट्रेजरर (treasurer) जो है एक ब्राह्मण ता। उसका नाम चंद्रभान ब्राह्मण। अगर ब्राह्मण को विरोध करने वाला अपना कोषाधिकारी क्या ब्राह्मण रखेगा। ये तो सोंचने वाली बात है भाई 🙏

  • @aliazad-948
    @aliazad-948 4 месяца назад +2

    Thanks madam, explain over facts

  • @user-fw2bo5nd2h
    @user-fw2bo5nd2h Месяц назад

    Amazing discussion didi

  • @tanviralam1490
    @tanviralam1490 Год назад +43

    Sach ko bolne ki takat sirf aap jese logo me h

    • @shifashaikh8599
      @shifashaikh8599 Год назад

      Madam auranjeb ki deth ahmedabad me nahi ahmednagar maharatra me hui hai

  • @Indian_Boy14399
    @Indian_Boy14399 Год назад +135

    कुछ लोग मामा को #मामू, चाचा को चच्चू कहते हैं,
    वैसे ही कुछ लोग
    पापा को #पप्पू कहते हैं।
    😋(AndhBhakt) 😂

  • @GufranKhan-jg5jq
    @GufranKhan-jg5jq 10 месяцев назад +35

    हजरत ओरंग जेब रहमतुल्लाह आले बहुत ही ईमानदार थे

    • @anujvagre23
      @anujvagre23 Месяц назад

      Wah re convert putra ek lutere akaranta ko hazrat bana diya

  • @RamKrishan-ru8nd
    @RamKrishan-ru8nd 4 месяца назад +3

    कोई जन्म से इंसान अच्छा बुरा नहीं होता हर आदमी अपने किरदार से ही भला बुरा कहलाता है

  • @shoilshaikh1179
    @shoilshaikh1179 Год назад +111

    सच्ची पत्रकारिता और सच्ची बात करने के लये आज़ के दौर मे बड़ी हिम्मत की बात है
    🌹🌹🌹🌹🌹👍👍👍👍👍👌👌👌👌👌

    • @Missioncomplete-pc1ty
      @Missioncomplete-pc1ty Год назад +1

      😂😂😂😂😂😂

    • @mdtaslimlyl7891
      @mdtaslimlyl7891 Год назад

      ​@@Missioncomplete-pc1ty kyA huwa Bhai has kyun rhee

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय shoilshaikhji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। चर्चा की खास प्रणाली निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि, और किसी भी जाति या धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित
      और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @s.ashahid9083
    @s.ashahid9083 Год назад +22

    آپ نے تاریخی حقائق بہت اچھے سے بتائی ہے بہت خوب

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @trustytrade3134
    @trustytrade3134 Год назад +17

    Cannot thank you enough for making this video. Great job! Everything you said is correct except for one thing you said he arrested his father that is incorrect. The fact is his father Shah Jahan was losing his mind after his wife’s death he build Taj Mahal and he was making wrong decisions spending too much money on useless stuff. He was putting his people in danger, While Aurangzeb was against it, he said this money belongs to the people not the kings so he called his sister and he put his dad with his sister in a hospice in front of Taj Mahal where he can view his wives grave, so that’s the real story

    • @FahadKhan-hc3mq
      @FahadKhan-hc3mq 10 месяцев назад +1

      Yes he was going to spend all the sultunate's money in building black taj mahal.

    • @liamjabriel0807
      @liamjabriel0807 Месяц назад

      @@FahadKhan-hc3mq he waz not going to make another taj mahal…Taj mahal iz actual a tomb on the Grave of Mumtaz …he waz actually thinking about to make another tomb for hiz own grave with black stone…but Aurangzeb Aalamgheer Rehmatulla Alaihi Salaam waz way againt on hiz idea and that waz the reason of Him puting hiz own father in a prison…!!!

  • @smtariq8046
    @smtariq8046 Год назад +40

    इंसाफ़ पसंद बादशाह औरंगज़ेब आलमगीर भारतीय इतिहास की अज़ीम शख़्सियतों में सबसे आला मुक़ाम रखते हैं 😊

  • @shriram2762
    @shriram2762 Год назад +57

    सच्चाई की जानकारी देने के लिए धन्यवाद, प्रज्ञा बिटिया

    • @mohdfaizzz3307
      @mohdfaizzz3307 Год назад

      Bhai sbko smjhna chahiye ke vote abhi ko dekh kr de ye chutiya party h jhut or sb jhut hi bolta h modi vote rozgar pe do or mahgai pe do Hindu Muslim bhai pahle bhi the aj bhi h aage bhi rahege

  • @ZaheerMulla-cm7ll
    @ZaheerMulla-cm7ll 10 месяцев назад +3

    Thanks sister

  • @nazirlaskar9792
    @nazirlaskar9792 Год назад +2

    Thanks for her outmost try to brings the trouth in the light.

  • @AftabKhan-cr2ln
    @AftabKhan-cr2ln Год назад +126

    49 sal main 176 crore ,400,000 lakh itna to hamare desh ki Abadi nahin tha 😂😅😅😂😂😂

    • @jack20short10
      @jack20short10 Год назад +6

      Sahi kha😂

    • @user-qw5tr9qi7g
      @user-qw5tr9qi7g Год назад +6

      17cr 64lac😅😅😅😅😅😂😂😂😂

    • @MohdUsman-mk1hr
      @MohdUsman-mk1hr Год назад +6

      Aor bhai sahab yh v to soch lo k aj musalmano par nas bandi lg rhi h to mugloo k tim hindu bhaioo pr itna zulm hone k bad bacche kaise paida ho rhe the aor abadi kitni rhi hogi

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @cogentenglish2976
      @cogentenglish2976 6 месяцев назад

      ​@@MohdUsman-mk1hr​ In Mughal era Hindu princess would happily marry Muslim rulers but today Muslim husband and Hindu wife is seen derogatory whereas it has always been the culture of the Sanatanis to marry at least one girl of the family in the Muslim fold and this is how Islam spread, today Hindus have forgotten their own culture.

  • @rajanijani7223
    @rajanijani7223 Год назад +170

    Well explained. Pragya take care of yourself and get well soon. You are an important and commendable journalist for the country.❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय Rajanijaniji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @shanuyok615
      @shanuyok615 Год назад

      Sharam ani chahiye apko itihas ka kuch nahip

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@shanuyok615 भाईसाब किसको शरम आनी चाहीये? और क्यों? थोडा विस्तारसे बताना तो समझने के लीये आसान होगा. 🙏. अवधूत जोशी

    • @shanuyok615
      @shanuyok615 Год назад +1

      @@avadhutjoshi796 @Rajani jani ye comment likhne Walen

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      @@shanuyok615 धन्यवाद

  • @samarsiddique782
    @samarsiddique782 8 месяцев назад +2

    नमन औरंगजेब & your पत्रकारिता

  • @MohdAfzal-pq8de
    @MohdAfzal-pq8de 10 месяцев назад +2

    Sahi khabre 🎉

  • @moeeniqbal9516
    @moeeniqbal9516 Год назад +112

    सच में दिल से दुआ निकलती है आप जैसे ईमानदार पत्रकारों के लिए
    दिल से सलाम प्रज्ञा जी
    May Allah bless you Dost

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @sorabhr979
      @sorabhr979 Год назад

      Is jise patkare ko murda bade bolte he ok jai Shri ram 🚩🚩

    • @moeeniqbal9516
      @moeeniqbal9516 Год назад

      @@sorabhr979 अंड भक्तों अंड भक्त इसी लिए कहा जाता है क्यू कि गोबर खार और मूत्र विसर्जन करके उनका दिमाग तो बिल्कुल खराब हो चुका है और कोई बात समझ नहीं आती क्या सही और क्या गलत, यही तो है अंड भक्त.

    • @user-ub4ue6fq1p
      @user-ub4ue6fq1p 11 месяцев назад

      भाई ये पत्र कर जन्नत में होगी या जहन्नुम में जलेगी

    • @ShankarSangpal-dm5zz
      @ShankarSangpal-dm5zz 9 месяцев назад

      Allah does not bless kaafir she is hindu born by halalaa

  • @ismailpathan6329
    @ismailpathan6329 Год назад +58

    बहन जी को बहुत बहुत धन्यावद,,,नफ़रत के माहौल में मोहब्वत कई हवा चलाने के लिए,,,फडणवीस की भाषा,,किसी राजनेता की तरह नही ,किसी गुंडे मवालियों की तरह है ,देश प्रेम ,मोहब्बत और भाई चारे से चलेगा,, हाँ अब वोट भी नफ़रत फैलाकर नही मिलेंगे,,देश के लोग आपस में मिलजुलकर ही रहना चाहते,,है,,

    • @Jay_Mahakal02
      @Jay_Mahakal02 Год назад +1

      ACHHA TO GURU TEGH BAHADUR AUR CHHATRAPATI SAMBHAJI MAHARAJ KO DHOKHE SE AGWA KR KE KISNE MARA THA

    • @truthlover313
      @truthlover313 Год назад

      ​@@Jay_Mahakal02 wah gyani aya 😂😂😂

    • @ismailpathan6329
      @ismailpathan6329 Год назад

      @@Jay_Mahakal02 जो गुज़र गया उसे भूलों, क्या सही क्या गलत,,न तुम जानो न हम,, वर्तमान और भविष्य को बेहतर करने पर विश्वाश करो,,

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय ! 🙏
      भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
      भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
      कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
      आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
      यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
      मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
      यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
      यह कैसे किया जाएगा?
      1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
      2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
      3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
      4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
      5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
      6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
      7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
      आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
      अवधूत जोशी

  • @SanjeevYadav-mv4vr
    @SanjeevYadav-mv4vr 9 месяцев назад +2

    Bahut sundar jankari 😊😊😊😊didi

  • @user-zf8il8qf2q
    @user-zf8il8qf2q 6 месяцев назад +1

    Good sister❤❤❤❤

  • @afatab1614
    @afatab1614 Год назад +30

    Aapki sachhi patrakarita ke liye AAPKO tahe dil se DHANYAVAD

  • @jbboss3683
    @jbboss3683 Год назад +30

    धर्म के नाम पर कब तक सत्ता की मलाई खाते रहेंगे। अंत तो होगा ही ।

  • @riyan571
    @riyan571 Год назад

    Superb info! Thanks!

  • @firojahmad1854
    @firojahmad1854 10 месяцев назад +2

    Good reporting💯💯💯

  • @KamleshYadav-sx9gq
    @KamleshYadav-sx9gq Год назад +68

    प्रज्ञा जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद!
    आपने इतिहास न पढ़ने वाले लोगों को बहुत ही सराहनीय जानकारी दी है। औरंगजेब के बारे में अच्छी जानकारी दी है आपने बहुत बहुत आभार आपका!🎉🎉

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय Kamlesh Yadavji🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @AjayKumar-ci9zw
    @AjayKumar-ci9zw Год назад +389

    Zabardast journalism...
    Zabardast analysis...
    Matchless Pragyaji🙏...

    • @RoboRhythms198
      @RoboRhythms198 Год назад +1

      Delhi ki incident par vi report karne ko kaho ji.... Hasrat Mai jab hote hai toh pure din rote rehete hai....or Bihar ka jo pul gira uspar vi report karne ko kaho.... bro 😂😂

    • @sutharsahul5425
      @sutharsahul5425 Год назад +4

      ​@@RoboRhythms198 Ha bhai ye sab pragya Chachi ke agende me fit nhi ho Raha isliye vo Delhi par video nahi bana sakti😊

    • @RoboRhythms198
      @RoboRhythms198 Год назад +1

      @@sutharsahul5425 ehi toh bat hai.... Secularism ki name par ek side ka reporting karte hai magar hum hindu lok ise secularism man lete.... bolna hai toh dono side ka bolna chaiye....nehi bolte or dusro ko andhabhakat or godi media bolte hai bro... Magar kud piddi media hai...ar sabse bara andhabhakat hai....😂😂😂

    • @rockybalboa3079
      @rockybalboa3079 Год назад +1

      Waah madam, PM Modi ke against bolte bolte Aurangzeb ki taarif bhi shuru kar di. Cheap juornalism mam. Kya Ye Rahul Gandhi 30rs. Petrol bikwaenge ya LPG price 250rs. Per cylinder ho jaaega. Satya par patrakarita karo anti BJP nai.

    • @ManishaVishwakarma-je9kn
      @ManishaVishwakarma-je9kn Год назад +1

      ​@@RoboRhythms198 you are right
      delhi ke incident pr bhi report kariye..
      ...Or ek pujaari jiski already ek biwi thi usne apni gf ka murder kiya usko pregnant karke ...uspar bhi vedio banni chaiye
      ....or ek hindu ladke mumbai me hindu ladki ko kaatkar ubaal diya uspar bhii banni chaiye

  • @zafarahmad4201
    @zafarahmad4201 5 месяцев назад +1

    Good analysis

  • @saifiazmiparbhani3369
    @saifiazmiparbhani3369 8 месяцев назад +1

    Good analysis madam

  • @ASHWANIKUMAR-hk2px
    @ASHWANIKUMAR-hk2px Год назад +86

    इतिहास की सच्चाई सामने ले आई कुछ की तो आंखें खुलेंगी

    • @contryface3429
      @contryface3429 Год назад

      Hava main bate karne ka matlab itihas padhana nahin hota. Kya koi ek bhi tarikh, jagah sahit kuchh bat ki hain. Kya inhe pata bhi hain ki aurangjeb 1680 main dilli chhod kar Maharashtra main kyon aaya tha. Kya yeh bhi pata hain ki usane apni jindagi ka aham hissa - 27 sal aurangabad main bitaye voh bhi keval marathon se ladate huye uski jindagi yahin par khak ho gayi? Chhatrapati shivaji maharaj ki 1680 main mrityu ke bad usne marathon ko harana bada asan samjha tha lekin marathe voh hain jinhone use lagatar 27 sal tak keval unse ulzayen rakha. Baki to kuchh bhi soch nahin paya voh. Na hi vapis dilli ja paya. Aurangjeb ki agar asli history hain to voh keval aur keval marathon se hain. Usne shivaji maharaj ko agra ki kile main kaid karvaya tha, unke suptr chhatrpati sambhaji maharaj ki nrushyans hatya kar di. Baki to karname gine nahi jate. Aur fir use achha kam karne ki fursat kab mili?

  • @dekhterabaapaaya2668
    @dekhterabaapaaya2668 Год назад +90

    मुगल का खौफ अभी भी आर एस एस बजरंग दल हिंदू विश्व परिषद और बीजेपी के दिल में कूट-कूट के भरा हुआ है जब रात में सोता होगा तो जरूर सपना देखता होगा कल यही मुगल पैदा तो नहीं हो जाएगा😂😂😂😂

    • @ramnathfunde7587
      @ramnathfunde7587 Год назад

      तू मुग्ल है क्या.😂मा को पूछ😂😂😘

    • @dabanggmiya6654
      @dabanggmiya6654 Год назад

      ​@@ramnathfunde7587 chup sale niyog vidhi se jalme

    • @dekhterabaapaaya2668
      @dekhterabaapaaya2668 Год назад

      @@ramnathfunde7587 Tu hanuman bandr ka oulad ha ya siv ling ke ling ka oulad ha tu apni maa se puch tera papa kon ha abdul ya sivling 😆😆😆😆

  • @TazeemofficialIslam
    @TazeemofficialIslam Год назад +2

    Good ❤❤

  • @epicgamer9406
    @epicgamer9406 Год назад +2

    Bilkul sahi behen

  • @abdulwadood6183
    @abdulwadood6183 Год назад +16

    महिला पत्रकार में सबसे अधिक पसंदीदा आप हो जो निस्पक्छ पत्रिकता करती है साथ में महंगाई ,बेरोजगारी ,देश में हो रहे कार्पसन पे आवाज और,सविधान को रौंदने वाले को उजागर करती रहती है , सलाम है आप को जो बिना डरे बिना थके हम सब को अहम जानकारी उपलब्ध कराती रहती है।

    • @elsalvadorthesaviour5021
      @elsalvadorthesaviour5021 Год назад

      जाएगी ये भी जन्नत नही। इस्लाम अपना ले बुर्का पहन लें और घर मे रहे वहाँ से पट्टलकरिता करे जन्नत मिलेगी।

    • @abdulwadood6183
      @abdulwadood6183 Год назад

      @@elsalvadorthesaviour5021 झूठ बोलना दूसरे धर्म को नीचा दिखाना ,ये सनातन धर्म का परिभाषा नहीं, अगर इसी तरह चलता रहा तो एक दिन हिंदू धर्म भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा या तो कोई बौद्धिक विचार धारा में जाएगा या मुस्लिम में ,हिंदू धर्म आप जैसे लोगो के वजह से एक गाली बन कर रह जाएगा।

    • @elsalvadorthesaviour5021
      @elsalvadorthesaviour5021 Год назад

      @@abdulwadood6183 धर्म? कौन सा? मज़हब बोल भाई। और इस मजहब की बुराई कोई करता भी नही। तुम सोशल मीडिया पे इतना ज्ञान बाटते हो और तुम्हारा ही कोई सगा वाला ओला उबेर कह के फट जाता है निर्दोषों को मार देता है।
      सनातन धर्म को तुम सब पिछले 1300 साल से खत्म करना चाहते हो खुद खत्म होगये। 3 हिस्सो में बट गए। आज जिस हिस्से में सबसे शांति से हो वही के खिलाफ गद्दारी करते रहते हो।

    • @elsalvadorthesaviour5021
      @elsalvadorthesaviour5021 Год назад

      @@abdulwadood6183 और कौन गाली है और कौन नही? इसकी जांच करनी है तो किसी भी विकसित देश के एयरपोर्ट पे ओला उबेर और जय श्री राम बोल के देख ले।
      बाकी नबी के परिवार को कर्बला में मारने वाले कहते है कि गाली बन गया है। अरे अपने मजहब को देख।

    • @elsalvadorthesaviour5021
      @elsalvadorthesaviour5021 Год назад

      @@abdulwadood6183 बाकी जवाब दे मिलेगा इस लडक़ी को जन्नत? और ये काफिर है या नही?

  • @Zaina939
    @Zaina939 Год назад +192

    औरंगजेब ऐसा बादशाह था जो खुदा के डर से थर्रा जाता था अपने धर्म के साथ दूसरों के धर्म की भी इज्जत करता था। ❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +6

      आदरणीय Zainabkhanji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @mansur4599
      @mansur4599 Год назад

      🤫

    • @mdnoman938
      @mdnoman938 Год назад +1

      Ryt

    • @shahajanmulani9779
      @shahajanmulani9779 Год назад +1

      पुरानी ऐतिहासिक बातों का सहारा लेकर जो राजनीतिक पार्टी बहेस करवाती है उसे एहमियत देना ही गलत है आज के हालात पर कौन क्यों नहीं सोचता?

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      @@shahajanmulani9779 कैसे नहीं देंगे अहमियत? ईतनी मेजारीटी लेकर सत्तामें आये है. ऊस बातको भी तो सोचिये.

  • @user-ff9ez6lp3y
    @user-ff9ez6lp3y 3 месяца назад +1

    Veri informative video❤

  • @wasimmondal3860
    @wasimmondal3860 11 месяцев назад

    Thank you for revealing the truth.

  • @amankalsi7427
    @amankalsi7427 Год назад +288

    #मैं हिन्दू हूँ मुर्ख नहीं, बहुत हुआ हिंदू मुस्लिम, महामूर्ख व्यक्ति को क्या कहेंगे ?अगर वोट डालना है तो महंगाई और बेरोजगारी के नाम पर डालो Kabhi BJP ko vote mat dena.. aur kisi bhi party ko de dena..

    • @kamina_hu_me_13
      @kamina_hu_me_13 Год назад +6

      Mai general caste se hu kisi party ko vote dena to durki baat hai mene aapna voter id card hi fek diya
      General caste ke liye kisi party ne kuch Kiya hoto bata Dena ise mai vote dunga 🤷🤷🤷
      Or rahi baat mahegai, berojgari ki to ise koi party khatam nahi kar sakti😂😂😂

    • @ravikumar-ez9bb
      @ravikumar-ez9bb Год назад +5

      @@kamina_hu_me_13 samj gya tum Mulla ho

    • @jagdishnarola5293
      @jagdishnarola5293 Год назад +2

      Aman ab khtana BHI karawa lo Matalab lulli katawa lo

    • @kamina_hu_me_13
      @kamina_hu_me_13 Год назад +1

      @@ravikumar-ez9bb Jay shree ram ❤️Jay mataji ❤️ Jay Dwarkadhish 💖
      Aab iske aalava kaya kahu🤔🤔

    • @hemendrachouhan6803
      @hemendrachouhan6803 Год назад

      तुम्हारे जैसे कुछ हिन्दुओ के कारण ही हिन्दु मुर्ख समझे जाते है।

  • @iqbalsir1255
    @iqbalsir1255 Год назад +163

    बहुत अच्छा प्रज्ञा मैडम, keep up with the good work! God Bless!

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    •  5 месяцев назад

      टुकड़े टुकड़े गेंग के पपु मीडिया का एक ही काम ठगबंधन की चमचागिरी से पैसे कमाओ

  • @X_beast_pulse
    @X_beast_pulse Год назад +5

    100 percent agree dear
    Don't hate someone blindly they are rulers they rule they fought for their thrones and for their own benefits who the hell we r to spreading hate in between 2 beautiful religions

  • @user-jb7vf3jz9w
    @user-jb7vf3jz9w 5 месяцев назад +1

    Well done keep it up

  • @mrindian7970
    @mrindian7970 Год назад +171

    कौन कौन मानता है दोस्तों जब तक के चुनाव में हिंदू मुस्लिम नहीं होता तब तक के इलेक्शन लड़ने में मजा ही नहीं आता❤

    • @rahulmule1752
      @rahulmule1752 Год назад +14

      Hindu-Muslim ki rajniti khatam honi chahiye ......

    • @ismailpathan6329
      @ismailpathan6329 Год назад +12

      अब नही होगा मेरे दोस्त,सब जीना चाहते है,,वह भी सुकून से शांति से,,सबको चाहिए कि देश में आपसी सद्भावना पैदा करे,,

    • @maryaenterpriseschannel7935
      @maryaenterpriseschannel7935 Год назад

      Y katwa krta hii

    • @hcgey.yktggdv
      @hcgey.yktggdv Год назад

      ye rondi kha se aa gai

    • @kailashpandit4366
      @kailashpandit4366 Год назад

      जब भी कोई नालायक भाजपायी ये कहता है की मन्दिरों को तोर्ड्कर मस्जिदें बनाई गई तो तुरंत अंधभक्तो के गोबर दिमाग में ये climex बन जाता है की कैसे तोर्डा होगा? जैसे मानो, मुघ्ल अपने घोर्डे लेकर जबर्दस्ती मन्दिरों में घुस जाते हैं और मन्दिर के पुजारी पण्डितो के सर काट देते हैं महिलाओ का बलात्कार करते हैं,,ऐसे विचार आते ही तुरंत एक अंधभक्त अपने पर्डॉसे मैं रहने वाले सलीम को भी नफरत की नज़र से देखने लगता है । पर सच आधा अधूरा है,जो शायद ये हरामखोर संघी कभी बताएँगे नही ,एक समय ऐसा था जब भारत में बहुत सी मन्दिरे हुआ करती थी। और लोगो की जनसंख्या भी ज्यादा नहीं थी इसलिये लोग के लिए सारी मन्दिरो की देख भाल करना शायद उतना सम्भव नही था । उस समय लोगो को घर, जगह,जमीन, मन्दिर इसका महत्व पता ही नही था। और ठीक से देखभाल ना होने के कारण कई मन्दिर,घर,,हवेली,, बहुत पुरानी होजाती थी बहुत से मन्दिरो मैं लोगो का आना जाना भी बहुत कम होगया था। बहुत सी मन्दिरे तो ऐसीए थी जहा कोई आता जाता भी नही था । देखते देखते कई मन्दिरे खंडरो का रुप ले चुकी थी ।ऐसे खंडर मन्दिरो के पास से तो अक्सर लोग आने जाने से भी डरते थे ।लोगो मैं विब्भिन धारणायें बन चुकी थी जैसे मन्दिरो का श्रापित होना,,मन्दिर मैं देवी का प्रकोप होना,,भुत पिशाच का होना,,पर विदेशी मुसलमान चाहे लोदी हो,,या खिलजी हो,,या मुघल हो,,जो भी हो वो इन सब बातो पर विश्वास नही करते थे वो जब कभी ऐसे रास्तो से गुजरते तो अक्सर ऐसी ही जगो पर अपने घोर्डे बान्कर वहा विश्राम किया करते थे । और उन मैं कोई नमाज़ि होता तो वो वहीं थोर्डा साफ सफाई करके नमाज पर्ड लिया करता था। अब जब मुसलमानो ने देखा की ये जगह उन्के बहुत काम आरही है और कोई इस जगह पर अपना दावा भी नही कर रहा किसी हिन्दू को कुच पडी ही नही है तो उन्होँने अपनी सुविधा उनुसार उस मन्दिर के खंडर को मस्जीद मैं परिवर्तित कर लिया।आज जब उनकी मस्जीदे आबाद होगई,,मस्जीद में और आस पास में आना जाना शिरू होगया।आस पास मैं घर और बाज़ार बन गए विदेसी परेटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई मस्जीदे तो इन संघीयो के पेट में दर्द होने लगा नजाने कोन कोन से भगवान मस्जीदो मैं पैदा होने लगे।सच यही है कि कोई भी मस्जीद मन्दिर को जबर्दस्ती तोर्ड्कर नही बनाई गई ये सब बकवास है और नाही किसी हिन्दू की जबरदस्ती हत्या की गई और ना ही उनका धर्म परिवर्तन किया गया। ये केवल और केवल देश के बहुसम्पयक समुदाय के लोगो को मूर्ख बनाकर उनका वोट बटोरने की योजना है।

  • @akani8592
    @akani8592 Год назад +217

    नेता को मालूम है कि जनता चाहती क्या है

    • @MerajAhamad
      @MerajAhamad Год назад +6

      मैं एक पत्रकार हूं, "यह हमारा नया न्यूज़ प्लेटफार्म है", आप सब के सहयोग की आवश्यकता है, हम सत्य के साथ हैं 🙏🙏 jai hind🙏🤲🙏

    • @chaljhootha7334
      @chaljhootha7334 Год назад

      नेता को यह मालूम है कि आम जनता की नाक मे निकेल कैसे डालनी है, बस फिर जिस तरफ मर्ज़ी हांक ले

    • @alokKumar0079
      @alokKumar0079 Год назад +1

      Mera man ki bat suno...?

    • @ShahidAnsari-qs5yi
      @ShahidAnsari-qs5yi Год назад +6

      Rahul Gandhi best leader

    • @kattarhindu93694
      @kattarhindu93694 Год назад

      हा सही बोले पप्पू है गधा।

  • @serajuddinsiddiqui7740
    @serajuddinsiddiqui7740 5 месяцев назад +1

    Good 💯

  • @MaazAli313
    @MaazAli313 4 месяца назад +2

    Sultan E Hind Muhi Uddin Mohammad Aurangazeb Alam

  • @MerajAhamad
    @MerajAhamad Год назад +26

    मैं एक पत्रकार हूं, "यह हमारा नया न्यूज़ प्लेटफार्म है", आप सब के सहयोग की आवश्यकता है, हम सत्य के साथ हैं 🙏 jai hind🙏🙏🤲

    • @DUST175
      @DUST175 Год назад

      Karnataka me hue chunav pr is bar jo Pakistan jindabad ka nara laga hai us per video banawo

    • @walideenkhan5481
      @walideenkhan5481 Год назад

      ​@@DUST175 मैंने देखा वो वीडियो और उस में तुम सबसे आगे खड़े हो और पूरे हाथ ऊपर करके नारे पाकिस्तान के हक में लगा रहे हो क्या ये सच नहीं है 😂😂😂😂😂

    • @DUST175
      @DUST175 Год назад

      Sachai sun k tumhare pichhwade me jalan hui n😁😁😁

  • @Avr22
    @Avr22 Год назад +78

    अब चुनाव शिक्षा, बेरोजगारी, विकास पर होगा, नकी किसी जाति, धर्म भाषा में ❤

  • @abushamaazmi062
    @abushamaazmi062 20 дней назад

    السلام علیکم و رحمت اللہ وبرکاتہ،
    غزل؛
    فرصت کے زندگی سے یہ لمحے نکال کے,
    جذبات اپنے لائے ہیں غزلوں میں ڈھال کے.
    اوزان تو کلام میں آئے نہیں نظر
    اشعار ان کے پھر بھی ہیں کتنے کمال کے،
    مجھ سے بچھڑ کے اس کو بھی افسوس تھا بہت
    چہرے پہ رنگ آئے تھے کتنے ملال کے.
    اپنے ہی گھر کو آگ لگا دیں نہ یہ کہیں,
    گھر کے چراغ رکھنا بہت دیکھ بھال کے.
    آئے گی پرسکون تجھے نیند اے کشش,
    تو دیکھ نیکیاں کبھی دریا میں ڈال کر ۔ ثمینہ کشش. (بزمِ کشش)
    ماشاءاللــّٰـــــه

  • @deshrajgautam9857
    @deshrajgautam9857 5 месяцев назад +1

    Very informative video ❤

  • @mdharoonrashid6791
    @mdharoonrashid6791 10 месяцев назад +4

    Thank you Sister
    बहन, अगर मैं औरंगजेब की जगह होता तो मैं भी जज़िया लेता । वजह बताता हूँ, Please correct me if I am wrong !
    मेरे क्लास में कुछ Muslim students इतने rich हैं के car से आते हैं और कुछ अपनी किताबें भी बमुश्किल ख़रीद पाते हैं । हमने rich muslim students से कहा के ज़कात की रक़म इकट्ठा करके अपने ग़रीब classmates में distribute कर दें ताकि उन्हें पढ़ाई में मदद मिल सके । लगभग एक लाख से ऊपर ज़कात की रक़म जमा हो जाती थी जो सभी ग़रीब muslim बच्चों को scholarship के तौर पर मिल जाती थी ।
    ज़कात का rule ये है के उसी ग़रीब को दिया जा सकता है जो अगर बाद में rich हो जाए तो उसे भी ज़कात देने के लिए force किया जा सके । अगर वो किसी Muslim country में रहता हो तो ज़कात अदा नहीं करने पर उसे काज़ी कि तरफ़ से सज़ा भी दी जा सके । जबकि Islam हमें हमारे non-muslims भाईयों को ज़कात देने के लिए force करने की इजाज़त नहीं देता है ।
    ज़कात का हुक्म दिया गया ताकि सारा धन अम्बानी, अडाणी की तरह सिर्फ़ upper class के पास जमा नहीं हो जाए । अमीर और भी ज़्यादा अमीर और ग़रीब और भी ज़्यादा ग़रीब नहीं हो जाए ।
    Muslim parents के saving का बड़ा amount ज़कात में निकल जाने के बाद उनके पास extra पैसे कम ही बचते हैं । उसके बाद अगर कोई हमारे ग़रीब हिन्दू छात्रों को donations देते भी हैं तो बहुत कम amount में दे पाते हैं, जो सभी students के लिए काफ़ी नहीं होता है ।
    काश rich Hindu parents भी कुछ amount हमारे ग़रीब हिन्दू छात्रों को दे देते तो उनकी मदद हो जाती ।
    हैरत होती है के कुछ ने तो इतना gold इकट्ठा कर लिया है के उनके पास 5feet की Statue है जिसपर plaster of Paris कि coating कर रखी है और बेचारे कुछ ग़रीब हिन्दू बच्चों के father teacher हैं जिनकी कई महीनों तक salary रोक ली जाती है ।

  • @mohdislamkhan1128
    @mohdislamkhan1128 Год назад +154

    Great and imandar reporting ....salute u Pragya....

    • @deepakmanna7128
      @deepakmanna7128 Год назад +3

      Jo kuch nahi jannta sirf one side dekhta hai wahi ea bolta hai. Humara target hai BJP ko hatana eska matlab ea nahi ki sach ko jhut sabit karne main lage rahe💀💀

    • @danish5244
      @danish5244 Год назад +1

      ​@@deepakmanna7128.... Bhai Sach kiya hain aap batav please ❤❤❤❤❤❤❤❤....

    • @kailashpandit4366
      @kailashpandit4366 Год назад

      जब भी कोई नालायक भाजपायी ये कहता है की मन्दिरों को तोर्ड्कर मस्जिदें बनाई गई तो तुरंत अंधभक्तो के गोबर दिमाग में ये climex बन जाता है की कैसे तोर्डा होगा? जैसे मानो, मुघ्ल अपने घोर्डे लेकर जबर्दस्ती मन्दिरों में घुस जाते हैं और मन्दिर के पुजारी पण्डितो के सर काट देते हैं महिलाओ का बलात्कार करते हैं,,ऐसे विचार आते ही तुरंत एक अंधभक्त अपने पर्डॉसे मैं रहने वाले सलीम को भी नफरत की नज़र से देखने लगता है । पर सच आधा अधूरा है,जो शायद ये हरामखोर संघी कभी बताएँगे नही ,एक समय ऐसा था जब भारत में बहुत सी मन्दिरे हुआ करती थी। और लोगो की जनसंख्या भी ज्यादा नहीं थी इसलिये लोग के लिए सारी मन्दिरो की देख भाल करना शायद उतना सम्भव नही था । उस समय लोगो को घर, जगह,जमीन, मन्दिर इसका महत्व पता ही नही था। और ठीक से देखभाल ना होने के कारण कई मन्दिर,घर,,हवेली,, बहुत पुरानी होजाती थी बहुत से मन्दिरो मैं लोगो का आना जाना भी बहुत कम होगया था। बहुत सी मन्दिरे तो ऐसीए थी जहा कोई आता जाता भी नही था । देखते देखते कई मन्दिरे खंडरो का रुप ले चुकी थी ।ऐसे खंडर मन्दिरो के पास से तो अक्सर लोग आने जाने से भी डरते थे ।लोगो मैं विब्भिन धारणायें बन चुकी थी जैसे मन्दिरो का श्रापित होना,,मन्दिर मैं देवी का प्रकोप होना,,भुत पिशाच का होना,,पर विदेशी मुसलमान चाहे लोदी हो,,या खिलजी हो,,या मुघल हो,,जो भी हो वो इन सब बातो पर विश्वास नही करते थे वो जब कभी ऐसे रास्तो से गुजरते तो अक्सर ऐसी ही जगो पर अपने घोर्डे बान्कर वहा विश्राम किया करते थे । और उन मैं कोई नमाज़ि होता तो वो वहीं थोर्डा साफ सफाई करके नमाज पर्ड लिया करता था। अब जब मुसलमानो ने देखा की ये जगह उन्के बहुत काम आरही है और कोई इस जगह पर अपना दावा भी नही कर रहा किसी हिन्दू को कुच पडी ही नही है तो उन्होँने अपनी सुविधा उनुसार उस मन्दिर के खंडर को मस्जीद मैं परिवर्तित कर लिया।आज जब उनकी मस्जीदे आबाद होगई,,मस्जीद में और आस पास में आना जाना शिरू होगया।आस पास मैं घर और बाज़ार बन गए विदेसी परेटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई मस्जीदे तो इन संघीयो के पेट में दर्द होने लगा नजाने कोन कोन से भगवान मस्जीदो मैं पैदा होने लगे।सच यही है कि कोई भी मस्जीद मन्दिर को जबर्दस्ती तोर्ड्कर नही बनाई गई ये सब बकवास है और नाही किसी हिन्दू की जबरदस्ती हत्या की गई और ना ही उनका धर्म परिवर्तन किया गया। ये केवल और केवल देश के बहुसम्पयक समुदाय के लोगो को मूर्ख बनाकर उनका वोट बटोरने की योजना है।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @Reverb-trip
    @Reverb-trip Год назад +165

    ऐसे नाज़ुक दौर में हक़ की आवाज़ है प्रज्ञा जी, God Bless You💚❤️

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @ayubshaikh6087
      @ayubshaikh6087 Год назад

      Very nice
      Jay Hind

  • @dipakkumarpatel6997
    @dipakkumarpatel6997 4 месяца назад +1

    Thanks madam,true information

  • @EnjoyWithJak
    @EnjoyWithJak 2 месяца назад

    Nice information

  • @amjadnoor9117
    @amjadnoor9117 Год назад +94

    प्रज्ञा जी आपके इस सच्ची पत्रकारिता को मेरा सलाम, आप ऐसे ही अपनी पत्रकारिता जारी रखें, ईश्वर से आपके लंबी उम्र की कामना करता हूँ I और ईश्वर का भी शुक्रिया अदा करता हूँ जो उन्होंने आप जैसा पत्रकार पैदा किया जो हमेशा लोगों को सचचाई बताने की कोशिश करती हैं I

    • @GG-561
      @GG-561 Год назад

      Aurangzeb ki najayaz aulad itni sacchai lag rahi hai tuze isme chutiye us Aurangzeb ne baccho tak Ko nahi chhoda tha Guru Gobind Singh ji ke
      Gadhe history padh school se madrase se nahi

    • @anujtripathi6019
      @anujtripathi6019 Год назад +1

      Ase hi jari rakhe. Abhi hath tuta he Inka aage pata ni kya or tutega

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय amjadnoorji🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। चर्चा की खास प्रणाली निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि, और किसी भी जाति या धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित
      और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @bhimakokare8417
      @bhimakokare8417 9 месяцев назад

      ​@@anujtripathi6019सही कहा.😅😂❤

  • @kmskms2165
    @kmskms2165 Год назад +11

    Karnataka चुनाव मे बजरंग बली ने साथ नही दिया इसलिए अब औरंगजेब मे आस्था बढ़ गयी है संघियों की😉

  • @aaaaaaa1527
    @aaaaaaa1527 2 месяца назад +1

    ❤❤❤❤❤

  • @user-ic7lr7cl1p
    @user-ic7lr7cl1p 24 дня назад

    Pragya Mishra ji aapko Salam aap jaise patrakaaron ki vajah se sacchai Aaj Bhi Jinda Hai

  • @ismailpathan6329
    @ismailpathan6329 Год назад +20

    प्रज्ञा,जी आपने मुगल काल का अच्छा विश्लेषण किया है,,औरंगज़ेब ने मंदिरों को दरगाह को भी ज़मीन ज़ायदाद भी खूब दी हैं,, ब्रह्ममण को सम्मानित किया,,सबके सनद दी,,

    • @gagandeepgilhotra4409
      @gagandeepgilhotra4409 Год назад

      Hahaha wah re mullo

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад +1

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @painkiller8661
      @painkiller8661 Год назад

      Aur kashi vishwanath mandir ko bhi toda

  • @armanahmad642
    @armanahmad642 Год назад +17

    प्रज्ञा दीदी आप इतिहास बहुत अच्छा से समझाती है।

  • @rohitchauhan2114
    @rohitchauhan2114 Год назад +2

    Jo Jo aurangzeb ko pasand karte hai main upar waale se yahi dua karta hoon ki unka 1 beta aurangzeb jaisa ho . Reporter madam Allah kare aapka beta bhi Aurangzeb jaisa ho Jo ekdum secular hoga lekin jameen jaidaad ke liye woh bhi aurangzeb ko follow karega .

  • @syed.nazneenquadri804
    @syed.nazneenquadri804 25 дней назад

    Bhut badhiya 👍

  • @alokKumar0079
    @alokKumar0079 Год назад +19

    जब धर्म राजनीति से मिल जाता है तो देश बर्बाद हो जाता है।🔥

  • @MeraBharatMahan_
    @MeraBharatMahan_ Год назад +108

    जबरदस्त पत्रकारिता इमानदार पत्रकारिता प्रज्ञा मिश्रा जी को 🙏🙏🙏❤️❤️💐

    • @Devendra_singh55555
      @Devendra_singh55555 Год назад +1

      Log isko patrakaar kah rahe h, thuuuuuuuu h unke gyan pr

    • @Vikash_Kumar_yadav1
      @Vikash_Kumar_yadav1 Год назад +2

      Gb रोड की है पत्रकार 🤣😂😅

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      भारत में इतिहास बहुत ही परेशान करने वाला विषय है। जब भी कोई इतिहास पर बात करेगा, तो कई लोग उसे झूठा ही कहेंगे। ऐसी स्थिति क्यों है? यह हिंदू धर्म के संदर्भ में विरोधाभासी स्वीकृति के कारण है। एक तरफ हजारों लोग हिंदू धर्म को एक महान धर्म मानते हैं। दूसरी ओर, हजारों लोग हिंदू धर्म को सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। इस विरोधाभास ने हमारे इतिहास को प्रभावित किया है।
      भारत में इतिहास के कितने संस्करण हैं। ये संस्करण जाति या धर्म या राजनीतिक दल की सुविधा पर आधारित हैं। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र बना दिया है। हमें इस स्थिति को बदलना होगा।
      भाजपा के करोड़ों समर्थक हिंदू धर्म को महान धर्म मानते हैं। करोड़ों डॉ अंबेडकर समर्थक हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते हैं। क्या यह हमारे देश के लिए एक स्वस्थ संकेत है?
      आपके और मेरे जैसे सच्चे देशभक्त व्यक्ति की भूमिका क्या होगी? हमें इतिहास पर एकमत चाहिए। ऐसी मूलभूत बात का हम समाधान नहीं कर सकते और हम अपने को विश्वगुरु होने का दावा करते हैं। हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात
      क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

    • @VickyKumar-ks5go
      @VickyKumar-ks5go Год назад

      ​@@Devendra_singh55555 😂😂

  • @zayannawaz2976
    @zayannawaz2976 2 месяца назад

    Good presentation

  • @suleimanm4287
    @suleimanm4287 10 месяцев назад

    Thanks Pragya Ji for your fair analysis.

  • @satwindersingh370
    @satwindersingh370 Год назад +39

    आज‌ से ठीक सौ साल बाद जब इतिहास लिखा‌ जाऐगा तो इस बात का जिक्र विशेष तौर पर होगा कि जब मोदी काल में गोदी मीडिया पूरी तरह बिकाऊ होकर तलवे चाट कर चाटुकारिता कर रहा था तो उस समय परगया मिश्रा जैसे महान लोग अपनी जान तली पर रखकर सच्ची पत्रकारिता कर रहे थे। मैडम जी आप की सच्ची पत्रकारिता को दिल से नमन ।

    • @zoyakhanvlog5135
      @zoyakhanvlog5135 Год назад +1

      Right Sir 👌💯

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 Год назад

      आदरणीय 🙏!
      औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। आज का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है- एक राष्ट्र के रूप में भारतीय बुद्धिमान हैं या मूर्ख? उत्तर सरल है।
      जहाँ तक इतिहास का संबंध है, भारत एक मूर्ख राष्ट्र है।
      क्यों- सभी इतिहास, जाति/धर्म संबंधी विवादों का मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास की स्वीकृति है।
      1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो हिंदू धर्म पर बहुत गंभीर विवाद हुआ। पारंपरिक हिंदू हिंदू धर्म के पक्ष में थे और डॉ. अंबेडकरजी, पेरियारजी, महात्मा फुलेजी जैसे समाज सुधारकों का हिंदू धर्म के बारे में बिल्कुल विपरीत विचार था। वे हिंदू धर्म को एक सड़ा हुआ धर्म मानते थे। अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उस दौर की हिंदू पार्टी, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने हिंदू धर्मपर एक पवित्र समझौता किया और इस तरह एक विरोधाभास अस्तित्व में आया।
      इससे बाहर आने का आदर्श तरीका क्या है? इस स्थिति से बाहर आने का सबसे अच्छा तरीका सच्चाई का पता लगाना है। यदि हिंदू धर्म अन्य सभी धर्मों की तरह है, तो हमें एक सुधार करना चाहिए। यदि हिंदू धर्म एक सड़ा हुआ धर्म है, तो हमें हिंदू धर्म का महिमामंडन बंद करना चाहिए।
      लेकिन इस मुद्दे को अकादमिक तरीके से संभालने के बजाय, हमारे देश ने एक राजनीतिक तरीका चुना। आज इतिहास राजनीतिक सफलता प्राप्त करने का एक प्रमुख राजनीतिक उपकरण बन गया है। राजनीतिक दलों और नेताओं ने अपनी पार्टी, जाति या धर्म के अनुकूल इतिहास के उपयुक्त संस्करणों को बढ़ावा दिया है। और इसलिए पूरी तरह अराजकता है। भारत ने इतिहास के संदर्भ में विश्वमूर्ख का दर्जा प्राप्त किया है।
      हकीकत यह है कि हम मूर्खता में विश्वगुरु हैं।
      तो सवाल यह नहीं है कि कोई औरंगजेब एक अच्छा राजा था या बुरा राजा? वह मुख्य बात नहीं है।
      क्या इसे बदलना संभव है?
      आपके और मेरे बारे में मुख्य बात- क्या हम बौद्धिक, बुद्धिमान और तर्कसंगत व्यक्ति हैं? आज जवाब है कि हम एक मूर्ख राष्ट्र के नागरिक हैं। हमें इस स्थिति को बदलना होगा। हमें खुद को बुद्धिमान, शिक्षित और समझदार व्यक्ति साबित करना होगा।
      मैंने सत्य की खोज के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
      1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
      मई 2022 तक, मैंने इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था पर देशव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर देने के लिए सरकार से 1400 प्रार्थनाएँ की हैं।
      मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि आप इस पर विचार करें और राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें। बुद्धिमान राष्ट्र का नागरिक होने का सम्मान प्राप्त करें, मूर्ख नहीं।
      अवधूत जोशी

  • @virangnaonlineclasses2.087
    @virangnaonlineclasses2.087 Год назад +36

    ऐसी पत्रकारिता को निरंतर जारी रखना मैम
    निडर पत्रकारिता को दिल से धन्यवाद।

    • @goatfarming258
      @goatfarming258 Год назад

      Bilkul dubne m smay nhi lgega 😂😂😂

  • @user-se1ck4hc6q
    @user-se1ck4hc6q 11 месяцев назад

    Achchi baatain batane ke liye sukrya

  • @mushtaqahmedansari8303
    @mushtaqahmedansari8303 4 месяца назад

    great info

  • @Indian_Boy14399
    @Indian_Boy14399 Год назад +7

    कमाने की सबसे #बेहतरीन #चीज़ "इज़्ज़त" है,
    और ख़र्च करने की सबसे #बेहतरीन #चीज़ "इल्म" है,

  • @rajaramkushwaha6607
    @rajaramkushwaha6607 Год назад +58

    प्रज्ञा जी आपको कोटि कोटि धन्यवाद आपने बहुत अच्छी जानकारी दी लेकिन आज एक विशेष पार्टी इस पर झूठ फैलाकर सत्ता का सुख भोगना चाहती है

  • @user-tg7yg1yx1k
    @user-tg7yg1yx1k 10 месяцев назад

    Thanks you so much ma'am for sharing such a real history

  • @yashwantjohnmahish1870
    @yashwantjohnmahish1870 Месяц назад

    बहुत बढ़िया प्रज्ञा जी