मुझे जैन धर्म बहुत अच्छा लगता है मैं जन्म से जैन नही हूं पर मुझे जैन धर्म में जाने की इच्छा है, बहुत शांति प्रिय धर्म है, उनके सिद्धांत मुझे पसंद है, अगले जन्म मोहे जैन धर्म में जन्म दियो भगवान
Jain paidaashi beimaan hoty h Aur ghamand se bhare huye hoty h Manaavta seva kaa sabse achha Dharma sikhkha Dharma h Aur aap pareshan h isliye aap ko doosre Dharma achhe lag
Aapko aisa kyu lagta hai ki Jain behmaan aur dhokebaaz hai ? Agar humare Siddhant, Vichardhara aur sanskaro ke baare mein jaankari na ho toh kuch bhi bolne ka adhikar nhi hai aapko ☺️@@adhoorakhwaabhotum4050
Pls change that 'Ganda sach'. You are not at all supposed to write it this way.. Jainism is the most purest form of Religion...Teaches 'Jiyo Aur Jine Do' 🇮🇳🇮🇳
How ? Elaborate, anyways this video's thumbnail is misleading must report this ..and please elaborate what you commented above so we can understand it better.
हमें गर्व है कि हम जैन है और जब तक हमारा , अथार्त "मैं" जोकि एक आत्मा हूं देह नहीं। जब तक मैं पूर्णतः शुद्ध अवस्था को प्राप्त नहीं हो जाता तब तक हर भव में हर जन्म में जैन कुल में पैदा होऊं, और हर भव में नित प्रतिदिन, देव शास्त्र गुरु और जिनेन्द्र देव की ही शरण में रहूं। बस भगवान से यही प्रार्थना है।
मनीष पांडे , मथुरा , सनातन की एक शाखा है जैनिसम, जब हम निराकार प्रामातमा में एकाकार होने के लिए संकल्पित होतें हैं तो इंद्रियों पर विजय करने के कारण जैन कहलातै हैं , आप और हम केवल सनातनी हैं जब इस मार्ग का अनुसरण करेंगे तब हम , जैन कहलाएंगे , धन्यवाद जय सनातन और आदिनाथ से लेकर महावीर तक हम सभी को उतना ही मनातें हैं जितना आप क्यूंकि हमारी सोच एक है और हम सभी सनातनी हिंदू हैं ।
Manish Pandey, Mathura - जैन परंपराओं में इस बात को लेकर मतभेद है कि महावीर ने विवाह किया था या नहीं। दिगंबर परंपरा का मानना है कि उनके माता-पिता उनका विवाह यशोदा से कराना चाहते थे, लेकिन उन्होंने विवाह करने से इनकार कर दिया। श्वेतांबर परंपरा का मानना है कि उनकी शादी कम उम्र में यशोदा से हुई थी और उनकी एक बेटी प्रियदर्शना थी, जिसे अनोज्जा भी कहा जाता था
भारतवर्ष का मूल धर्म जैन धर्म ही है जो प्रथम तीर्थंकर रिषभ देव जी से शुरू होता है । अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर से नहीं । जैसे सिख धर्म प्रथम गुरू नानक देव जी से शुरू होता है ना कि अंतिम दसवें गुरू गोबिंद जी से । भारतवर्ष का नाम भारत भी रिषभ देव जी के बड़े पुत्र चक्रवर्ती राजा भरत के नाम से पड़ा है । रिषभ देव जी का नाम श्री भागवत और अन्य हिंदू ग्रंथों में भी आता है । इस से मालूम होता है ये ग्रंथ लिखे जाने से पहले रिषभ देव जी का प्रकाश हो गया था । जैन ग्रंथों के अनुसार उनका जन्म अरबों-खरबों वर्ष पहले हुआ था और उनका मोक्ष कैलाश पर्वत पर हुआ था । जिन्हें हिंदु आज शिव जी के रूप में मानते हैं । जैनियों के 20वें तीर्थंकर मुनिसुब्रतनाथ जी के समकालीन रामचन्द्र जी हुए । 6-7 वीं शताब्दी तक भारतवर्ष की जैन जनसंख्या 80 % थी । इसके बाद मुगलों-मुस्लिमों के आ जाने से और अन्य मान्यताएं आ जाने से जैन धर्म का ह्रास होना शुरू हो गया क्योंकि नियम काफी कठिन थे । दक्षिण में तिरूपति बाला जी 22वें तीर्थंकर नेमीनाथ जी की प्रतिमा है जिसे पूरी तरह वस्त्रों और फूलों से ढक कर उनका असली स्वरूप छिपा दिया गया है । ये कृष्ण जी के चचरे भाई थे । ऐसे और भी जैनियों के पूजा स्थल हैं जो कि हिंदुओं ने जबरदस्ती अपने बना लिए । और अब भी यही किया जा रहा है । जैन समाज अहिंसावादी समाज है । उनकी संख्या भी अब काफ़ी कम है । वो हिंसा नहीं चाहते, इसलिए अन्य लोग इसका फ़ायदा उठाते हैं । कुछ गलत लिखा हो तो माफ़ कीजिए। सबका मंगल होए । जय जिनेन्द्र 🙏
@@rohitdj421 जो शाश्वत है, अनादिकाल से है, वही सनातन है, वही जैन धर्म है । अब उसे पंथ कहें या पद्धति कहें । सनातन भी कोई अलग से धर्म नहीं है । सनातन की अलग अलग शाखाएं हैं । उनमें जैन धर्म (जो श्रमण संस्कृति को मानता है) और हिंदू धर्म (जो वैदिक संस्कृति को मानता है) की शाखाएं हैं। हिंदू भी कोई धर्म नहीं है । यह भी एक पद्धति है । जो भी हिंदूस्तान में रहते हैं वो सभी हिन्दू हैं ।
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आपके वीडियो में बहुत सी गलत जानकारी है। जैन धर्म इस विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है इसको वेद भी स्वीकार करते है। जिस देश का नाम प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा हो वहां उस जैन धर्म से प्राचीन धर्म और कोई नहीं हो सकता है
Yah sach hai ismein bahut si jankari galat Di hai per Jain Dharm sabse prachin nahin hai Sabse prachin Sanatan hindu dharm hai uske bad Jain hi Dharm aata hai 😊 Aur jo Jain Dharm ke pahle tirthankar hai Rishabh Dev Ji unke Mata pita ek sanatani Hindu hi the.. unka ullekh hamare Hindu shastron mein milta hai😊
I am hindu but jain dharam bhot hi shanti priya dhram hai jain dharm hame kaise shanti se jeeya jata hai kaise jena chiye kisi janwar ko kast nhi pochana chahiye hum sabhi jain tirtankharo ko koti koti naman krte hai
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मैं कौन हूं यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है और इसी को जानने के लिए किसी धर्म में बंदे रहकर जानने की जरूरत नहीं जैन धर्म ही नहीं सारे धर्म अच्छे हैं और हम सब का सा सम्मान आदर करते हैं
जैन धर्म के बारे मे आपका ज्ञान बहुत ही कम है ओर जिसके बारे मे नही जानते उसके बारे मे कहने की कोशिस न करे आप जैन के ऐक नियम को भी नही पालन कर सकते जैन धर्म इतना सच्चा ओर पवित्र है कि आप क्षण मात्र भी नही कह सकते
बोस पहले जैन धर्म को संजिये, विश्व का प्रथम धर्म ही जैन था, बाद मैं सब धर्मों का उदय हुआ ऋषभ देव ने असि मसी और कृषि का प्रतिपादन किया और सृष्टि पे सामाजिक व्यवस्था स्तापित की, भगवान राम मोक्ष में गये टैब जैन धर्म के 20 वे तीर्थंकर विचरण कर रहे थे, कृष्णा के।वक़्त हमारे 22 वे तीर्थंकर भगवान अरिष्टनेमि विचरण कर रहे थे, इएलिये जैन धर्म।की कहानियां किसी और धर्म से नही ली गई ये वास्तविक है, हुम् सभी का सम्मान करते है, हुम् स्वयम को ही जितने में विश्वास रखते हैं किसी और को जीतने में नही। जय जिनेन्द्र
अस्तित्व की चिंता हमे पहले भी नहीं थी और भविष्य में भी नहीं होगी! हरी: ॐ तत सत. पैसा, सत्ता होने के बावजूद जैन धर्म कभी वैदिक धर्म के सामने शास्त्रचर्चा में वास्तविक ईश्र्वर क्या हैं बता नहीं सकता।
Very good initiative & intent. But the information, details and depiction about Bhagwan Mahavir is not correct. Request the viewers to watch and read authentic Jaina resourcesfor correct knowledge.
24 वे तीर्थंकर महावीरस्वामी के मोक्ष प्राप्त होने के बाद से कलयुग शुरु हुआ, जिसके कारण जैन धर्म का प्रचार नहीं, बल्कि जैन धर्म को हानि हुई। पहले से 24 वे तीर्थंकर तक जैन धर्म ही सर्वोच्च सर्वोपरि था। फिर काल्पनिक पुराणों की रचना शुरु हुई और जैन धर्म कम होकर हिन्दू धर्म का प्रचार शुरू होने लगा।
मूढ! ऋषभदेव द्वापारयुग में हो गये! उसके पहले त्रेतयुग और उससे पहले सतयुग था। वैदिक धर्म में ईश्वर का जो सुंदर ऋचा द्वारा वर्णन हैं वह काल्पनिक नहीं हैं! पुराण इतिहास हैं! Read - The Arctic Home in the Vedas.
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भाई जी ज्ञान तो बहुत है परन्तु यह स्थान ओर आप जैसे लोगो के साथ बांटने के लिए नही है। कृपया जैन धर्म के बारे मे लिखने के पूर्व उसकी जानकारी और ज्ञान के लिए उसके विशेषज्ञ से चर्चा अवश्य कर लीजिए।
Gurugram k kasan gao m ast dhatu ki murti nikli thii jamin k niche.। Hmare kasan m bhi bahut bda jain mndir h Or jamin k niche nikli huyi ast dhatu ki 14 murti ush mndir m h
अभिनंदन स्वामी जी के बाद सुमति नाथ जी भी आते है। कृपया लोगो को ऐसी अधूरी जानकारी देकर गुमराह न करे। और जिस हिसाब से आपने थंबनेल पर इतनी अशलील तस्वीर लगाई है और लिखा है की जैन धर्म का एक गंदा सच इसका मतलब क्या है। अगर सिर्फ views लेने के लिए आपने इतना झूठा thumbnail लगाया है तो ये बहुत ही तुच्छ व्यवहार है। हमें हर एक धर्म का आदर सत्कार करना चाहिए। और अगर आपको informative video hi डालनी थी तो आप सिंपल टाइटल भी तो रख सकते थे। जैन धर्म एक प्राचीन धर्म है और ये कोई social या economic causes के कारण शुरू नहीं हुआ। कुल 24 तीर्थंकर होते है और हर तीर्थंकर अपने अपने टाइम में जैन धर्म को आगे बड़ाते है और महावीर स्वामी जी ने भी वो ही किया। तो इसको social causes के साथ जोड़ना का तो कोई मतलब ही नहीं बनता। अंत में इतना ही कहना चाहेंगे के अगर youtube video बनाने का इतना ही शौंक है तो बनाओ पर किसी के धर्म के बारे में ऐसे अफवाहें फैला कर दूसरे धर्म के लोगो के मनो में इस धर्म के प्रति विरोध भावना न पैदा करे। 🙏
Follow what you can do as long as you believe in main motto like non violence and keeping control on your passion like anger , attachment , desires , deceit, ego , collecting more than you need . Winning your self by practicing these virtues. Ultimate goal is to win your bad passion to get freedom
अगर शुरू से शुरू किया जाए तो समझ आ जाता है। दुनिया में हो रहे अन्याय, दुख आदि क्यों हैं, सभी के कर्मो की,ईश्वर आदि के बारे में इतनी स्पष्ट जानकारी मिलती है जिससे अपने aneko प्रश्नों का उत्तर मिलता है। ये धर्म कठिन नहीं है। बहुत सरल है। आप पढ़ना शुरू कीजिए
धर्म का मुख्य उद्देश्य सभ्यता सीखाना हैं। जब मानव पशु जैसा जीवन व्यतीत कर रहा था तब सभ्य समाज की रचना की कल्पना करी गई थी। बाद में धीरे-धीरे तत्कालीन बदी को दूर करने के लिए अपडेट के साथ नये नये धर्म आते रहें। मगर, कौन सा धर्म सब से प्राचीन हैं यह साबित करने की बदी अब हर धर्म में घर कर गई हैं और वर्तमान बदी को दूर करने के लिए अपडेट बंद हो गए हैं। याद रहें, धर्म का मूल उद्देश्य सभ्य समाज की रचना को चरम सीमा तक ले जाना हैं। उसके लिए हर धर्म में मूलभूत कुछ सिद्धांत हैं। उस सिद्धांत की नींव पर ही धर्म की इमारत बननी चाहिए।
Bhagwan budhanche principle manvata based var aadharit aahe panchsheel ashtangik marg, daha parimita te palale tar manvata jivant rahil Jain dharamanehi tech sangitale aahe
इस तरह से गन्दे शीर्षक देकर आप हमारे धर्म और भगवान महावीर स्वामी का अपमान कर रहे हैं आपको शर्म आनी चाहिए। क्या गन्दी सच्चाई है जैन धर्म में जो आपने ये टाईटल दिया है ? इसे आप तुरंत हटाएं।
सनातन धर्म यदि प्राचीन धर्म है जैसे सनातन धर्मावलंबी अपने आप को प्रमुख धर्म मानते हैं यदि जैन धर्म सनातन धर्म से निकला होता तो यह मार्ग सरल होता यह तो कठिन मार्ग है सामान्य बुद्धि से भी सनातन धर्मावलंबी सोचे तो धर्म का कोई मार्ग कठिन होता तो है तो उसको सरल बनाने केलिए धर्म गुरु अपने अनुसार धर्म की परिभाषा रच कर उस मार्ग को सरल बना लेते हैं यह परिभाषा सनातन धर्म पर सटीक बैठती है जैसे जैन साधु की तपस्या कठिन है तो सनातन धर्मावलंबी गुरुओं से कठिन तपस्या नहीं हो सकी तो उन्होंने सरल मार्ग अपनाकर फल फलाहार करने लगे वस्त्र पहनने लगे मठ बनाकर रहने लगे सनातन धर्मावलंबी को अपना इतिहास खोजना चाहिए जैन धर्म पर छींटाकशी से बचना चाहिए
Tibetians are out dirty and pure non vegetarian from bottom to top . If you not agree then go to Thailand a tibetian nation where the source of income is prossism only .
Buddh bhagwan to shree mahavir swami ke time aaye the Jain dharm ke first tirthankar ji to arbo kharbo salo pehle hi aa gye the Jo shree aadinath ji he, Jain ek dharm he panth nhi , under stand
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@@sajaljain1130 Bhai hamara dharm sabse prachin he vidhya Sagar maharaj ne kaha tha duniya andhi hai agar use ye nahi pata ki jainism sabse prachin purana hai duniya andhi hai usee kuch nahi dikhta
अति सुंदर और सटीक जानकारी दी है इस वीडियो में लेकिन व्यवसायिक व्यवसायिक दृष्ट्री कोन ने आपकी उत्कृष्ट शेली को प्रभावित कर दिया क्यों की विडियो का शीर्षक केवल इसे पॉपुलर करने के लिए रखा गया है लेकिन इसे जैन धर्म अनुयायियो को कितनी पीड़ा और ठेस पहुंचेगी इसका आभास नही हुआ है टाइटल रखने वाले को संभव हो तो वीडियो का टाइटल बदल कर कुछ और करे
Nigganth or Jain Darshan as preached by all Tirthankaras is the way to attain Moksha! Godhood! Mahavir Bhagwan was born after 250 years of Bhagwan Parsvanath. That was around 600 years before Christ.
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Achche dharm hone ka defination do 2 dinn pehle ek muslim ko jo mansik rogi thha use pooja ke parsad ka kela khane per hutya kar di aysa dharm jo janwar ki pooja karta ho aur insan ki hutya
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Why you used word GANDA Sachh in your Heading.... It is shameful moreover when your whole information is good....so it is your moral duty to remove the word GANDA SACHH .... Be respectful to others if you want the for yourself...🙏🙏
वैदिक धर्म ज्ञान से अधिक समृध्द एवं वैज्ञानिक हैं! जिस में जीवन का आनंद लेते गाकर नाचकर भगवान को प्राप्त कर सकते हो। ❤ समाधी भी एक भौतिक उपाधी नहीं होनी चाहिए। समाधीमय जीवन भगवान की तरह ऐश्वर्यशाली होना चाहिए। साधू पहचान में ना आये तो समझ लेना धर्म वहा हैं।
Jain dharm.....maha पवित्र धर्म......भारत desh jain धर्म ke सिद्धान्त पे चलेगा तो bharat ko विश्व गुरु banne se koi nahi rok sakta hai❤🎉.......mujhe garv hai ki main jain hoo
जैन धर्म अनादि अनंत है भगवान् श्री ऋषभदेव जी इस काल के प्रथम तीर्थंकर हैं। उनसे पहले भी अनेक कालचक्र में अनेक तीर्थंकर हुए हैं और अनेक काल चक्र तक अनेक तीर्थंकर होते रहेगें आधा अधूरे ज्ञान की गंगा बहाने वाले लोग अपनी विडियो popularity को ही अपनी achievement मानते हैं आप जैन हैं या अजैन कोई फर्क नहीं पड़ता आप जैन गुरु जी के पास जाएं और अपने अधूरे ज्ञान को पूरा कर के सही प्रचार करें क्या आप अपने बड़ो को नाम से बुलाते हैँ किसी भी भगवान के नाम का उच्चारण आरम्भ में श्री और अंत में जी लगाकर किया जाता है श्री ऋषभदेव जी श्री राम जी श्री कृष्ण जी साधारण बालक....... कोई भी तीर्थंकर साधारण नहीं होते वे जन्म से ही तीन ज्ञान के धारक, अत्यंत तेजस्वी, विनम्र, अभयदानी, क्षमा गुण के धारक होते हैं अनेक गुणों के भण्डार मेरे श्री जिनेश्वर भगवान के एक बार दर्शन वंदन करने से मिथ्यात्व दूर होता है।
jab se bjp govt aaye hai nafrat, nafrat , nafrat yahe sub hai ab , koi baat nahi voh din nahi rahe to yeh bhe nahi rahen ge, nafrate chamchon , jai hamira bharat
Vo to pata hai bhai... Dikhta bhi haii... Ki kiske dharm mein dhongi log jyada hai... Jo srf dharm k naam per.... Dange Fasad Karvate Hain.... Iske Dharm Mein Dharm ke naam per Paisa kamaya jata hai.... Jain Dharm Anant Kal Se sarvottam tha sarvottam rahega..... aapke bolane se.... Sach nahi bdl skta hai
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The 22nd Tirthankar is Bhagavan Arishtanemi, also known as Neminath In Hinduism, as in Jainism, Arishtanemi is a great ascetic who practiced austerities (Tapas) and gained spiritual power through them Arishtanemi is mentioned in the four earliest Vedas (Rig Veda 1.89.6 and 10.178.1; Sama Veda verses 332 and 1875; Yajur Veda 15.18 and 25.19; and Atharva Veda 7.85.1); in later Vedic texts (such as Aitareya Brahmana 4.20); even later in the Hindu version of the Mahabharata 3.182; and still later in Yoga Vasishtha 1.1 During the period of the four earliest Vedas (2000 to 1000 BC), the most prominent Tirthankaras would have been Rishabha the 1st Tirthankara and Arishtanemi the 22nd and most recent (whereas Parshva the 23rd and Mahavira the 24th were both born after that period, which explains their absence from the Vedas) - In fact, Rishabha and Arishtanemi are both described in Hindu texts. See Appendix A and see Appendix B, respectively As with the case of Rishabha and Shiva, there are important similarities between the Arishanemi of Jainism and the Arishtanemi of Hinduism All of the 11 Ganadhars (chief disciples) of Bhagavan Mahavira were Vedic Brahmins who converted to Jainism upon meeting Mahavira in the Samosharana, the great assembly hall of the Tirthankar Their names were Agnibhuti, Vayubhuti, Akampita, Arya Vyakta, Sudharman, Manditaputra, Mauryaputra, Achalabhrata, Metraya, and Prabhasa with Indrabhuti Gautam as their leader. All of them ultimately attained Omniscience (Keval Gnan) following the teachings and example of Bhagavan Mahavira Some of the greatest scholars and teachers of Jainism were former Vedic Brahmins who converted, such as Bhadrabahu, Pujyapada, Jinasena, Haribhadra, and more recently Sushil Kumar When they adopted Jainism they renounced their former Vedic identity and were no longer considered Brahmins Many Brahmins converted to Buddhism as well The Vedic religion of ancient times - with its emphasis on sacrificing animals by fire, Brahmin elitism, social stratification (Varna), and hymns to Vedic deities - is only a small fraction of what constitutes Hinduism today Hindus have no temples to Indra, Varuna, Agni, Rudra, or other old Vedic gods Animal sacrifice is no longer widely practiced in India where Jainism was present (in contrast to Nepal and Bali where animal sacrifice is still practiced) Meat-eating is no longer glorified in Hinduism as it was in the Puranas and the Manu Smriti and other Dharma Shastras (See Appendix D) Soma is no longer used as a drug for inducing visions as it was in Vedic times Under the influence of Jainism, modern Hinduism moved beyond these Iranian practices and beliefs Hinduism took the old Vedic ritualism, with its limited appeal, and wrapped it in the more universal Jain ideals of self-realization, self-restraint, meditation, protection of animals, vegetarianism, and asceticism Hinduism’s Jain-like aspects and appropriations comprise some of its most attractive and desirable traits in the eyes of the world Without Shramanic influence, what would the Vedic religion have become? Many Hindu temples and statues in India were originally Jain Examples exist all over India Mahalakshmi Temple in Kohlapur, Maharashtra Mt. Girnarji in Gujarat, 5th Tonk - Nirvana place of Bhagavan Neminath Badrinath Temple in Uttarakhand Thousands more, mainly in South India but also in the North Jain statues were destroyed or buried underground to save them from destruction Nowadays they are frequently unearthed when foundations for new buildings are dug and when farmers discover them under their fields See Appendix G for more Muslim rulers also destroyed Jain temples and defaced idols Others stole or ruined what Jains took centuries to build (Life Lesson: If you build it, prepare to defend it) Jains underwent severe persecution Whereas modern Hindu nationalism or Hindutva blames Islam for the decline of Indian Civilization, prior to Islam’s spread in India, Hindus attempted to eradicate all non-Vedic religions, especially targeting Jainism and Buddhism. Over the centuries, Hindu scholars celebrated the persecution and destruction of Jainism and Buddhism in India: “Thus did the king, whom Skanda (Kumarila) converted, FREE THE COUNTRY FROM THE MENACE OF BUDDHISTS AND JAINS, just as the obstacles in the path of Yoga are eradicated by a wise sage. And simultaneously, just as the light of the rising sun obliterates the darkness of night, the preachings of the Vedic truth by that Brahmana sage reversed the pace of the ignorance produced by the heretical teachings. WHEN THE ELEPHANTS OF JAINA AND BUDDHIST HERETICS DISAPPEARED BECAUSE OF THE ROAMING LION OF KUMARILA, the tree of Vedic wisdom began to spread everywhere with luxuriant foliage. As the fire-born Kumarila was thus resuscitating the Vedic path of Karma, Lord Shiva condescended to be born [as Adi Shankar] in order to save the world floundering in the ocean of transmigratory existence.” -- Madhava-Vidyaranya (14th cent. AD), Shankara Digvijaya 1.95-98 (emphasis added) See Appendix G for more. In modern India, intolerant attitudes persist among some Hindu leaders who incite temple invasions, attacks on Jain monks and nuns, and the wholesale theft of Jain pilgrimage sites
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अहिंसा परमो धर्म . अहिंसा का प्रचार जैन धर्म की मुख्य विशेषता रही है हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि इससे लोगों में कायरता भी आई है मगर फिर भी विश्व शांति के लिए jain धर्म का अनुसरण किया जा सकता है. सिख धर्म भी कुछ ऐसा ही कहता है मगर जरा अलग ढंग से भय काहू को देत न, न भय मानत आन कह नानक सुन रे मना, ज्ञानी तारे बखान अर्थात जो न किसी को भय देता है और न किसी का भय मानता है वह ही ज्ञान वान है I
जैन धर्म का मुख्य आधार नवकार मंत्र है और यह मंत्र दुनिया के सभी धर्मो को प्रभावित करता है, कम या ज्यादा। नवकार मंत्र के बिना धर्म की पूर्णता ही नहीं हो सकती
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मुझे जैन धर्म बहुत अच्छा लगता है मैं जन्म से जैन नही हूं पर मुझे जैन धर्म में जाने की इच्छा है, बहुत शांति प्रिय धर्म है, उनके सिद्धांत मुझे पसंद है, अगले जन्म मोहे जैन धर्म में जन्म दियो भगवान
Thanks 🙏
great 👍👍👍
Jain paidaashi beimaan hoty h
Aur ghamand se bhare huye hoty h
Manaavta seva kaa sabse achha Dharma sikhkha Dharma h
Aur aap pareshan h isliye aap ko doosre Dharma achhe lag
Kya sbhi Bhraman honest h@@adhoorakhwaabhotum4050
Aapko aisa kyu lagta hai ki Jain behmaan aur dhokebaaz hai ? Agar humare Siddhant, Vichardhara aur sanskaro ke baare mein jaankari na ho toh kuch bhi bolne ka adhikar nhi hai aapko ☺️@@adhoorakhwaabhotum4050
Pls change that 'Ganda sach'. You are not at all supposed to write it this way.. Jainism is the most purest form of Religion...Teaches 'Jiyo Aur Jine Do' 🇮🇳🇮🇳
Report abt it
I did
Report abt dis to youtube
I did it
I am sanatani but i love jains culture Jai Jinendra.🙏🙏
जैन र सनातन धर्म दोनों ही सुन्दर है जैन ने त्याग तपस्या अहिंसा पर जोर दिया और सनातन ने रिश्तो पर। जीवन में दोनों जरूरी है।
आपने बाते तो अच्छी की है। शीर्षक गलत क्यो लिखा ? यह अच्छा काम नही है। धोखा दिया।
AP ne thik kha
Right
It's their tactics to attract ppl to the chennal.
अपने देश के लोग ज्यादातर दूसरोंकी बुराईया पहले देखना पसंद करते है ,इसलिये ये शीर्षक देखकर यहा जल्दी आकर्षित हो सके
video dislike ka karan , galat thumbnail 🙏
Me jain nahi hu par unke dharm muje accha lagta hai....unke jesa banne ki koshish sabko karna chaiyee
Thanks.
aap next birth me jain bano ge
👌👌
I know in this Earth 🌎
Pure religion is Jain
I am not Jain
But I respect all Jain & parnam. To all devote 🙏🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
How ? Elaborate, anyways this video's thumbnail is misleading must report this ..and please elaborate what you commented above so we can understand it better.
Thanks ji. Pranam🙏jay jinendra
All religions are pure u shd have pure heart to understand religion
Learn from each other religion
हमें गर्व है कि हम जैन है और जब तक हमारा , अथार्त "मैं" जोकि एक आत्मा हूं देह नहीं। जब तक मैं पूर्णतः शुद्ध अवस्था को प्राप्त नहीं हो जाता तब तक हर भव में हर जन्म में जैन कुल में पैदा होऊं, और हर भव में नित प्रतिदिन, देव शास्त्र गुरु और जिनेन्द्र देव की ही शरण में रहूं। बस भगवान से यही प्रार्थना है।
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मनीष पांडे , मथुरा , सनातन की एक शाखा है जैनिसम, जब हम निराकार प्रामातमा में एकाकार होने के लिए संकल्पित होतें हैं तो इंद्रियों पर विजय करने के कारण जैन कहलातै हैं , आप और हम केवल सनातनी हैं जब इस मार्ग का अनुसरण करेंगे तब हम , जैन कहलाएंगे , धन्यवाद जय सनातन और आदिनाथ से लेकर महावीर तक हम सभी को उतना ही मनातें हैं जितना आप क्यूंकि हमारी सोच एक है और हम सभी सनातनी हिंदू हैं ।
Jain Hindu hi hote hain koi alag dharm nahi hai Jain dharm. Theek hai.
@@savitapandey9678 absolutely right brother
@@genuinehuman1jain ek alag dharm he
Hindu he par hindu ki shakha nhi
भगवान महावीर बाल ब्रह्मचारी थें उनका विवाह नहीं हुआ था । उन्होनें 30 वर्ष उम्र में दीक्षा (महाव्रत ) धारण किये ।🙏
Manish Pandey, Mathura - जैन परंपराओं में इस बात को लेकर मतभेद है कि महावीर ने विवाह किया था या नहीं। दिगंबर परंपरा का मानना है कि उनके माता-पिता उनका विवाह यशोदा से कराना चाहते थे, लेकिन उन्होंने विवाह करने से इनकार कर दिया। श्वेतांबर परंपरा का मानना है कि उनकी शादी कम उम्र में यशोदा से हुई थी और उनकी एक बेटी प्रियदर्शना थी, जिसे अनोज्जा भी कहा जाता था
भारतवर्ष का मूल धर्म जैन धर्म ही है जो प्रथम तीर्थंकर रिषभ देव जी से शुरू होता है । अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर से नहीं । जैसे सिख धर्म प्रथम गुरू नानक देव जी से शुरू होता है ना कि अंतिम दसवें गुरू गोबिंद जी से । भारतवर्ष का नाम भारत भी रिषभ देव जी के बड़े पुत्र चक्रवर्ती राजा भरत के नाम से पड़ा है । रिषभ देव जी का नाम श्री भागवत और अन्य हिंदू ग्रंथों में भी आता है । इस से मालूम होता है ये ग्रंथ लिखे जाने से पहले रिषभ देव जी का प्रकाश हो गया था । जैन ग्रंथों के अनुसार उनका जन्म अरबों-खरबों वर्ष पहले हुआ था और उनका मोक्ष कैलाश पर्वत पर हुआ था । जिन्हें हिंदु आज शिव जी के रूप में मानते हैं । जैनियों के 20वें तीर्थंकर मुनिसुब्रतनाथ जी के समकालीन रामचन्द्र जी हुए । 6-7 वीं शताब्दी तक भारतवर्ष की जैन जनसंख्या 80 % थी । इसके बाद मुगलों-मुस्लिमों के आ जाने से और अन्य मान्यताएं आ जाने से जैन धर्म का ह्रास होना शुरू हो गया क्योंकि नियम काफी कठिन थे । दक्षिण में तिरूपति बाला जी 22वें तीर्थंकर नेमीनाथ जी की प्रतिमा है जिसे पूरी तरह वस्त्रों और फूलों से ढक कर उनका असली स्वरूप छिपा दिया गया है । ये कृष्ण जी के चचरे भाई थे । ऐसे और भी जैनियों के पूजा स्थल हैं जो कि हिंदुओं ने जबरदस्ती अपने बना लिए । और अब भी यही किया जा रहा है । जैन समाज अहिंसावादी समाज है । उनकी संख्या भी अब काफ़ी कम है । वो हिंसा नहीं चाहते, इसलिए अन्य लोग इसका फ़ायदा उठाते हैं । कुछ गलत लिखा हो तो माफ़ कीजिए। सबका मंगल होए । जय जिनेन्द्र 🙏
आदिनाथ के पिता का धर्म क्या था बता
तेरी चड्डी यही ढीली हो जाएगी
Jay Jinendra
भाई साहब ठीक से पढ़ के आना भारत का मूल धर्म सनातन धर्म है जैन पंथ है जैसे सिक्ख पंथ होता है
@@rohitdj421 जो शाश्वत है, अनादिकाल से है, वही सनातन है, वही जैन धर्म है । अब उसे पंथ कहें या पद्धति कहें । सनातन भी कोई अलग से धर्म नहीं है । सनातन की अलग अलग शाखाएं हैं । उनमें जैन धर्म (जो श्रमण संस्कृति को मानता है) और हिंदू धर्म (जो वैदिक संस्कृति को मानता है) की शाखाएं हैं। हिंदू भी कोई धर्म नहीं है । यह भी एक पद्धति है । जो भी हिंदूस्तान में रहते हैं वो सभी हिन्दू हैं ।
@@abhajain8845 तो मैंने क्या यहां अँग्रेजी में लिखा है धर्म के बारे में
कभी इस्लाम और Christianity की असलियत को बताने की हिम्मत दिखाइए ना . गौ माता सनातन में पवित्र माना जाता है . उसकी बलि का कोई प्रमाण नहीं है .
Are bhai gay tumari mata hay lekin duniya me sabse jiyada gay ko hi khate hay
कोण चैनल चला रहा है ह****** को कुछ मालूम नही अरे बात कर रहा है पाखंडी काही का
Attack on Islam is always and very huge but it is expanding
@@sejjalshah There is lot of hate and false propaganda on media available for Islam and Muslim.
Beta ye sav logo ko nafrat fala rahe h
विश्व का एक मात्र धर्म है जैन धर्म जो सभी जीवों के प्रति दयाभाव रखता है और जिवो ओर जीने दो के सिध्दांत पर चलता है
Proud to be Jain
You're totally wrong, I hope you can take a look again
Yes right ❤ jiv daya
@@dinafawzy1311the worst religion is Islam and Christian
Kya dalit hindu ko jain bna skte hein...insan bhi Jeev hi hai
बिल्कुल गलत , सबसे ज्यादा भेदभाव जैन करते हैं । यह दूसरी जातियों को कुछ समझते ही नही है । दलित जातियों को तो यह अपना मकान तक किराए पर नही देते
अहिंसा मय सनातन संस्कार सभ्यता जैन संस्कृति की जय हो जय हिंद जय भारत
Proud 2 be jain....jai jinendra 🙏
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आपके वीडियो में बहुत सी गलत जानकारी है। जैन धर्म इस विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है इसको वेद भी स्वीकार करते है। जिस देश का नाम प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा हो वहां उस जैन धर्म से प्राचीन धर्म और कोई नहीं हो सकता है
Yah sach hai ismein bahut si jankari galat Di hai per Jain Dharm sabse prachin nahin hai Sabse prachin Sanatan hindu dharm hai uske bad Jain hi Dharm aata hai 😊
Aur jo Jain Dharm ke pahle tirthankar hai Rishabh Dev Ji unke Mata pita ek sanatani Hindu hi the.. unka ullekh hamare Hindu shastron mein milta hai😊
Jain dharma prachin ho skta hai lekin hindu sanatan dharma prachin hai
सबसे पहले ये क्या गलत thumbnail set kiya hai
मान्यवर। हो सकता है। कुछ जानकारी अधूरी हो। पर लगभग सच है
@@gauravparag4045 ji vo bilkul galat h, pratham tirthankar k mata pita jain hi the
I am hindu but jain dharam bhot hi shanti priya dhram hai jain dharm hame kaise shanti se jeeya jata hai kaise jena chiye kisi janwar ko kast nhi pochana chahiye hum sabhi jain tirtankharo ko koti koti naman krte hai
Jainism is one of the ancient and ancestral religions.
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मैं कौन हूं यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है और इसी को जानने के लिए किसी धर्म में बंदे रहकर जानने की जरूरत नहीं जैन धर्म ही नहीं सारे धर्म अच्छे हैं और हम सब का सा सम्मान आदर करते हैं
❤Bhai saheb
sad buddhi de paramatma Aap ko
Shrishak shudhar ne k liye❤
जैन धर्म के बारे मे आपका ज्ञान बहुत ही कम है ओर जिसके बारे मे नही जानते उसके बारे मे कहने की कोशिस न करे आप जैन के ऐक नियम को भी नही पालन कर सकते जैन धर्म इतना सच्चा ओर पवित्र है कि आप क्षण मात्र भी नही कह सकते
बोस पहले जैन धर्म को संजिये, विश्व का प्रथम धर्म ही जैन था, बाद मैं सब धर्मों का उदय हुआ ऋषभ देव ने असि मसी और कृषि का प्रतिपादन किया और सृष्टि पे सामाजिक व्यवस्था स्तापित की, भगवान राम मोक्ष में गये टैब जैन धर्म के 20 वे तीर्थंकर विचरण कर रहे थे, कृष्णा के।वक़्त हमारे 22 वे तीर्थंकर भगवान अरिष्टनेमि विचरण कर रहे थे, इएलिये जैन धर्म।की कहानियां किसी और धर्म से नही ली गई ये वास्तविक है, हुम् सभी का सम्मान करते है, हुम् स्वयम को ही जितने में विश्वास रखते हैं किसी और को जीतने में नही। जय जिनेन्द्र
अस्तित्व की चिंता हमे पहले भी नहीं थी और भविष्य में भी नहीं होगी!
हरी: ॐ तत सत.
पैसा, सत्ता होने के बावजूद जैन धर्म कभी वैदिक धर्म के सामने शास्त्रचर्चा में वास्तविक ईश्र्वर क्या हैं बता नहीं सकता।
Mei ek jain hu aur it also teaches us jiyo ayr jine do aur na humlog non veg khate hai
Ahinsa parmo dharmaya aap logo me bahot sahi kaha gaya hai
Respect jain religion, although I m not jainism follower but I respect, it's a certain way to attain supreme
Thank you so much I am jain Dharm
@@Srushtigaikwad609same iam jain
@@Srushtigaikwad609hi
Very good initiative & intent. But the information, details and depiction about Bhagwan Mahavir is not correct. Request the viewers to watch and read authentic Jaina resourcesfor correct knowledge.
24 वे तीर्थंकर महावीरस्वामी के मोक्ष प्राप्त होने के बाद से कलयुग शुरु हुआ, जिसके कारण जैन धर्म का प्रचार नहीं, बल्कि जैन धर्म को हानि हुई। पहले से 24 वे तीर्थंकर तक जैन धर्म ही सर्वोच्च सर्वोपरि था। फिर काल्पनिक पुराणों की रचना शुरु हुई और जैन धर्म कम होकर हिन्दू धर्म का प्रचार शुरू होने लगा।
मूढ!
ऋषभदेव द्वापारयुग में हो गये! उसके पहले त्रेतयुग और उससे पहले सतयुग था।
वैदिक धर्म में ईश्वर का जो सुंदर ऋचा द्वारा वर्णन हैं वह काल्पनिक नहीं हैं! पुराण इतिहास हैं!
Read - The Arctic Home in the Vedas.
जैन धर्म की आयु 2000 साल से प्राचीन नहीं हैं।
@@horrorboxhbchannel9593kisane kaha Diya or kaha se Gyan liya ha😅😅😂
जैन धर्म सनातन धर्म के बाद अस्तित्व में आया,,,,,,
@@mukulshukla909 सनातन koi धर्म नही time period है तुम paglo ने अपना नाम रख लिया बस
Thanks sir .. make more video on jain dharm please
Proud to be Jain 😍
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Thank u so Mach this video
I am proud to be a Jain. And Whole World is proud of Jainism
महोदय जिस विषय का ज्ञान न हो उस पर अपना ज्ञान देकर हँसी के पात्र बनने का आपको अच्छा शौक है 😆😆😆😆
Report this video for misinformation
आपको ज्यादा ज्ञान है तो आप देदो, फालतू गमंद ना करो
भाई जी ज्ञान तो बहुत है परन्तु यह स्थान ओर आप जैसे लोगो के साथ बांटने के लिए नही है। कृपया जैन धर्म के बारे मे लिखने के पूर्व उसकी जानकारी और ज्ञान के लिए उसके विशेषज्ञ से चर्चा अवश्य कर लीजिए।
@@suniljainvidisha1204 please report the video for misinformation
@@jayanttiwari475 आप को शायद पता नही की पूरे वीडियो में सिर्फ दस प्रतिशत बाते ही सही है बाकी कुछ भी बता दिया गया है
Gurugram k kasan gao m ast dhatu ki murti nikli thii jamin k niche.। Hmare kasan m bhi bahut bda jain mndir h Or jamin k niche nikli huyi ast dhatu ki 14 murti ush mndir m h
अभिनंदन स्वामी जी के बाद सुमति नाथ जी भी आते है। कृपया लोगो को ऐसी अधूरी जानकारी देकर गुमराह न करे। और जिस हिसाब से आपने थंबनेल पर इतनी अशलील तस्वीर लगाई है और लिखा है की जैन धर्म का एक गंदा सच इसका मतलब क्या है। अगर सिर्फ views लेने के लिए आपने इतना झूठा thumbnail लगाया है तो ये बहुत ही तुच्छ व्यवहार है। हमें हर एक धर्म का आदर सत्कार करना चाहिए। और अगर आपको informative video hi डालनी थी तो आप सिंपल टाइटल भी तो रख सकते थे। जैन धर्म एक प्राचीन धर्म है और ये कोई social या economic causes के कारण शुरू नहीं हुआ। कुल 24 तीर्थंकर होते है और हर तीर्थंकर अपने अपने टाइम में जैन धर्म को आगे बड़ाते है और महावीर स्वामी जी ने भी वो ही किया। तो इसको social causes के साथ जोड़ना का तो कोई मतलब ही नहीं बनता। अंत में इतना ही कहना चाहेंगे के अगर youtube video बनाने का इतना ही शौंक है तो बनाओ पर किसी के धर्म के बारे में ऐसे अफवाहें फैला कर दूसरे धर्म के लोगो के मनो में इस धर्म के प्रति विरोध भावना न पैदा करे। 🙏
जैन धर्म का पालन करना कठिन है
Acche acche ke baski baat nhi jain bhi kar paatey kuch jain monks het jo kar letey hey.
Follow what you can do as long as you believe in main motto like non violence and keeping control on your passion like anger , attachment , desires , deceit, ego , collecting more than you need . Winning your self by practicing these virtues. Ultimate goal is to win your bad passion to get freedom
अगर शुरू से शुरू किया जाए तो समझ आ जाता है। दुनिया में हो रहे अन्याय, दुख आदि क्यों हैं, सभी के कर्मो की,ईश्वर आदि के बारे में इतनी स्पष्ट जानकारी मिलती है जिससे अपने aneko प्रश्नों का उत्तर मिलता है। ये धर्म कठिन नहीं है। बहुत सरल है। आप पढ़ना शुरू कीजिए
Proud to be a Jain ❤
Surname to patil hai ?
South Maharashtra me 50% patil jain hai
Jai jinendra
Jai mahaveer 🙏
@@self-employedbachelor3717भाजप कार्टून चंद्रकांत पाटील, उर्फ चंपा जैन धर्मिय आहे.
We too are proud that Jainism is Ours( Indian). Mahaveer & all tirthankars walked over this soil , which is our motherland.
धर्म का मुख्य उद्देश्य सभ्यता सीखाना हैं। जब मानव पशु जैसा जीवन व्यतीत कर रहा था तब सभ्य समाज की रचना की कल्पना करी गई थी। बाद में धीरे-धीरे तत्कालीन बदी को दूर करने के लिए अपडेट के साथ नये नये धर्म आते रहें। मगर, कौन सा धर्म सब से प्राचीन हैं यह साबित करने की बदी अब हर धर्म में घर कर गई हैं और वर्तमान बदी को दूर करने के लिए अपडेट बंद हो गए हैं। याद रहें, धर्म का मूल उद्देश्य सभ्य समाज की रचना को चरम सीमा तक ले जाना हैं। उसके लिए हर धर्म में मूलभूत कुछ सिद्धांत हैं। उस सिद्धांत की नींव पर ही धर्म की इमारत बननी चाहिए।
आपकी वीडियो हमें बहुत ही शानदार लगी
धर्म वगैरे काही नाही जात वगैरे काही नाही मानवता हाच सगळ्यात मोठा धर्म
Bhagwan budhanche principle manvata based var aadharit aahe panchsheel ashtangik marg, daha parimita te palale tar manvata jivant rahil Jain dharamanehi tech sangitale aahe
😂😅❤
मगर चोरी करणे दुसऱ्यांना फसवणे लुबाडणे प्राण्यांना ठार मारुन पोट भरणे ही पण मानवताच असेल
जैन धर्म ही सनातन धर्म का शुद्ध रुप है। इसके अलावा कोई धर्म नहीं है।
बाकी धर्म तो स्वार्थ और हिंसा पर आधारित है।
नमो हरी हंतारण......
Video ki Heading... Aise Likhna Galat Hai Bhai🙏
इस तरह से गन्दे शीर्षक देकर आप हमारे धर्म और भगवान महावीर स्वामी का अपमान कर रहे हैं आपको शर्म आनी चाहिए। क्या गन्दी सच्चाई है जैन धर्म में जो आपने ये टाईटल दिया है ? इसे आप तुरंत हटाएं।
सिर्फ सनातन धर्म है बाकी सब पँथ हैं
ये बात गया कि बौद्ध महात्माओ का कहना है जो तिबत बौद्ध मंदिर गया में रहते हैं
सनातन धर्म यदि प्राचीन धर्म है जैसे सनातन धर्मावलंबी अपने आप को प्रमुख धर्म मानते हैं यदि जैन धर्म सनातन धर्म से निकला होता तो यह मार्ग सरल होता यह तो कठिन मार्ग है सामान्य बुद्धि से भी सनातन धर्मावलंबी सोचे तो धर्म का कोई मार्ग कठिन होता तो है तो उसको सरल बनाने केलिए धर्म गुरु अपने अनुसार धर्म की परिभाषा रच कर उस मार्ग को सरल बना लेते हैं यह परिभाषा सनातन धर्म पर सटीक बैठती है जैसे जैन साधु की तपस्या कठिन है तो सनातन धर्मावलंबी गुरुओं से कठिन तपस्या नहीं हो सकी तो उन्होंने सरल मार्ग अपनाकर फल फलाहार करने लगे वस्त्र पहनने लगे मठ बनाकर रहने लगे सनातन धर्मावलंबी को अपना इतिहास खोजना चाहिए जैन धर्म पर छींटाकशी से बचना चाहिए
Tibetians are out dirty and pure non vegetarian from bottom to top . If you not agree then go to Thailand a tibetian nation where the source of income is prossism only .
😂😂😂😂😂😂
Buddh bhagwan to shree mahavir swami ke time aaye the
Jain dharm ke first tirthankar ji to arbo kharbo salo pehle hi aa gye the Jo shree aadinath ji he,
Jain ek dharm he panth nhi , under stand
इस वीडियो का टाइटल इतना गन्दा क्यों रखा है? वीडियो को सनसनीखेज बनाने के लिए इतना नीचे गिरे हो आप। ऐसी हरकतें बंद कीजिए।
सबसे पवित्र धर्म मेरी दृष्टि में
Its incorrectly mentioned in video that jainism started with Mahaveer. Kindly correct.
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False nd misleading info
Jaindharm aadi se anant hai..Jai jinendra
The thumbnail shows your Intension. Please remove the thumbnail and put something respectful
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Aapne information toh lagbhag shi di hai halanki puri nhi hai but ye thumbnail agr aap change kr dete toh shi rhta...
Jainism is the oldest religion in the world ❤❤❤
😂😂😂
@@4xstargaming916 tere ko hasne ki koi jarurat nahi hai uda ke rakh dunga 😈😈
Oldest toh nhi h acharya shri vidyasagar Maharaj na pravachan ma kha tha lakin hindu ar jain alg alg h
@@sajaljain1130 Bhai hamara dharm sabse prachin he vidhya Sagar maharaj ne kaha tha duniya andhi hai agar use ye nahi pata ki jainism sabse prachin purana hai duniya andhi hai usee kuch nahi dikhta
@@DivyJain-yn7tq didi ji 1 br ap acha sa sunn lena ar hma link send kr dena kha bola h prachin h jain dharam lakin hindu sbsa jyda prachin h
Very nice Aapne shortmen achcha samjaya Thankyou so much
जिसने 5वी न पढ़ी हो उसे 12वी की परिक्षा देने का कोइ अधिकार नहीं है।
Tum bilkul mat dena fir
अति सुंदर और सटीक जानकारी दी है इस वीडियो में लेकिन व्यवसायिक व्यवसायिक दृष्ट्री कोन ने आपकी उत्कृष्ट शेली को प्रभावित कर दिया क्यों की विडियो का शीर्षक केवल इसे पॉपुलर करने के लिए रखा गया है लेकिन इसे जैन धर्म अनुयायियो को कितनी पीड़ा और ठेस पहुंचेगी इसका आभास नही हुआ है टाइटल रखने वाले को संभव हो तो वीडियो का टाइटल बदल कर कुछ और करे
यह जीत आपने ही अंदर रहे शत्रुओ पर ह नाकी किसी इंसान या समुदाय इत्यादि से। अपने शत्रु है क्रोध, लोभ ,मोह, माया।
Jainism is greatest and oldest religion 🙏
Nigganth or Jain Darshan as preached by all Tirthankaras is the way to attain Moksha! Godhood!
Mahavir Bhagwan was born after 250 years of Bhagwan Parsvanath.
That was around 600 years before Christ.
Report this video for misinformation
इस वीडियो मे गंदा क्याहै? आप जूठेहै।
@@VijayJay-e6k Exactly. Already reported and am replying to other's comments as well, so that they can also report it.
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❤❤bhagavanko.koi.bhhulatahae .kya.sasnakar.
सनातन धर्म डरपोक नही है,और भारत देश मे सनातन धर्म के वझसे जैन धर्म के लोग झिंदा बच पाये है
Or hamare wajah se tumhari sanskruti Bach payi hai
Ye Zen logo ke sath mange hote hay or irate long ko Punta hay
@@ziyafatemasayyed9719 muh se supari nikal ke baat kar
આ હેડીંગ મૂકતા પહેલાં એક દિવસ જૈન ની રીતે રહો તો સમજી શકો 😂
Matter written about Jainism is wrong.Jains are pure.We respect Jainism.❤❤
Report this abt matter to youtube
It did it
Jain Dharm sabse achcha dharm hai
जैन धर्म अनादिनिधन है , शाश्वत है।
जो जिन(अपनी आत्मा का चिंतन करने वाला) को माने सो जैन🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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बौद्ध धम्म आहे.तो धर्म नाही व पंथ पण नाही तशेंच भ. बौद्ध आई वडील यांच्या पासून जन्मलेली संतान आहे तशेंच हिन्दू धर्म यातील १० वा अवतार सुद्धा नाही.
Abe kerishn or ram bhi to mata pita se huye bo kya abtar nhi
सबसे अच्छा और इकलौता धर्म दुनिया में केवल सनातन हिन्दू धर्म है। बाकी बाकी सब पंथ, रिलीजन, संप्रदाय, आदि हैं।
जी बिलकुल सही कहा आपने।🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩❤️ जय श्री राम।
Achche dharm hone ka defination do 2 dinn pehle ek muslim ko jo mansik rogi thha use pooja ke parsad ka kela khane per hutya kar di aysa dharm jo janwar ki pooja karta ho aur insan ki hutya
@@syedhaiderali9986 जिसकी शक्ल फोटो आज तक तुमने देखी नहीं उस मोहम्मद की पूजा करते हो तुम लोग।मोहम्मद के दादा परदादा खुद मूर्ति पूजा करते थे।😎😎
Suna tha bhudhape me log satak jate he aj dekh bhi liya
Gs rawat abhi aur khoj karo purv dharna chhod kar
Apki video ki sabhi baate adhi adhuri he.. Plzz jain dharm ko achhe se samajiye fir upload kijiye.. Dhanyawad
Proud to be jain ❤❤❤❤❤❤
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Jainam jayati Shasanam 👏🌹🙏
I didn't support thumbnail
Proud to be jain jai jinendra ❤
Why you used word GANDA Sachh in your Heading.... It is shameful moreover when your whole information is good....so it is your moral duty to remove the word GANDA SACHH .... Be respectful to others if you want the for yourself...🙏🙏
attention pane ke liye likha hai
Ghatiya channel heading ki wajah se..
@@balramgouda4579par galat hai
Mujhe kuch samajh nahi aaya..but I love this dram❤
Jain dharm Sansar ka sabse prachin Dharm hai Jai jinendra
Sanatan Dharma prachin h
जैन धर्म आनिदीकाल से है
Ye shirshak aur photo dono hi galat daali hai. Isse galat message ja raha hai Jainism k khilaf, please change immediately!!
I am proud of being #Hindu 🕉️
गर्व है जैन होने पर
We are always respect for my jain brother ❤Jai Shree Ram 🙏🙏Jai Jinendra 🙏💐
वैदिक धर्म ज्ञान से अधिक समृध्द एवं वैज्ञानिक हैं! जिस में जीवन का आनंद लेते गाकर नाचकर भगवान को प्राप्त कर सकते हो। ❤
समाधी भी एक भौतिक उपाधी नहीं होनी चाहिए। समाधीमय जीवन भगवान की तरह ऐश्वर्यशाली होना चाहिए। साधू पहचान में ना आये तो समझ लेना धर्म वहा हैं।
बंधुवर ! पूर्ण अभ्यास के पश्चात इस चलचित्र को संपादिन करो ! बहुत सी गलत जाणकारी है इस चलचित्र में
Jain dharm.....maha पवित्र धर्म......भारत desh jain धर्म ke सिद्धान्त पे चलेगा तो bharat ko विश्व गुरु banne se koi nahi rok sakta hai❤🎉.......mujhe garv hai ki main jain hoo
महानुभाव जैनधर्म का सबसे गंदा सच क्या है वह बताओ
Nanga rahna chahiye ya nhi
जैन धर्म शांति प्रिय हैं। और दूसरे धर्मों के बारे में चर्चा नहीं करते,,। व्यवसाय में जैनी सबसे आगे हैं।
आधा अधूरा ज्ञान दुखदाई ही होता है
जैन धर्म अनादि अनंत है
भगवान् श्री ऋषभदेव जी इस काल के प्रथम तीर्थंकर हैं। उनसे पहले भी अनेक कालचक्र में अनेक तीर्थंकर हुए हैं और अनेक काल चक्र तक अनेक तीर्थंकर होते रहेगें
आधा अधूरे ज्ञान की गंगा बहाने वाले लोग अपनी विडियो popularity को ही अपनी achievement मानते हैं
आप जैन हैं या अजैन कोई फर्क नहीं पड़ता आप जैन गुरु जी के पास जाएं और अपने अधूरे ज्ञान को पूरा कर के सही प्रचार करें
क्या आप अपने बड़ो को नाम से बुलाते हैँ
किसी भी भगवान के नाम का उच्चारण आरम्भ में श्री और अंत में जी लगाकर किया जाता है
श्री ऋषभदेव जी
श्री राम जी
श्री कृष्ण जी
साधारण बालक....... कोई भी तीर्थंकर साधारण नहीं होते वे जन्म से ही तीन ज्ञान के धारक, अत्यंत तेजस्वी, विनम्र, अभयदानी, क्षमा गुण के धारक होते हैं अनेक गुणों के भण्डार मेरे श्री जिनेश्वर भगवान के एक बार दर्शन वंदन करने से मिथ्यात्व दूर होता है।
शीर्षक में कैसी तस्वीरें हैं! अजीब बेहुदापन है।
Very Nice
jab se bjp govt aaye hai nafrat, nafrat , nafrat yahe sub hai ab , koi baat nahi voh din nahi rahe to yeh bhe nahi rahen ge, nafrate chamchon , jai hamira bharat
इसमें bjp कंहा से आई
जैन धर्म नहीं है पंथ हैं सनातन धर्म ही धर्म है
Vo to pata hai bhai... Dikhta bhi haii... Ki kiske dharm mein dhongi log jyada hai... Jo srf dharm k naam per.... Dange Fasad Karvate Hain.... Iske Dharm Mein Dharm ke naam per Paisa kamaya jata hai.... Jain Dharm Anant Kal Se sarvottam tha sarvottam rahega..... aapke bolane se.... Sach nahi bdl skta hai
Analysis is v good but title ? What is this photo ?
We proud that we are Jain
Digambar paramprakeanusar mahaveerswami balbrahmchari the so aap video me is tathya ko bhi bataye
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The 22nd Tirthankar is Bhagavan Arishtanemi, also known as Neminath
In Hinduism, as in Jainism, Arishtanemi is a great ascetic who practiced austerities (Tapas) and gained spiritual power through them
Arishtanemi is mentioned in the four earliest Vedas (Rig Veda 1.89.6 and 10.178.1; Sama Veda verses 332 and 1875; Yajur Veda 15.18 and 25.19; and Atharva Veda 7.85.1); in later Vedic texts (such as Aitareya Brahmana 4.20); even later in the Hindu version of the Mahabharata 3.182; and still later in Yoga Vasishtha 1.1
During the period of the four earliest Vedas (2000 to 1000 BC), the most prominent Tirthankaras would have been Rishabha the 1st Tirthankara and Arishtanemi the 22nd and most recent (whereas Parshva the 23rd and Mahavira the 24th were both born after that period, which explains their absence from the Vedas)
- In fact, Rishabha and Arishtanemi are both described in Hindu texts.
See Appendix A and see Appendix B, respectively
As with the case of Rishabha and Shiva, there are important similarities between the Arishanemi of Jainism and the Arishtanemi of Hinduism
All of the 11 Ganadhars (chief disciples) of Bhagavan Mahavira were Vedic Brahmins who converted to Jainism upon meeting Mahavira in the Samosharana, the great assembly hall of the Tirthankar
Their names were Agnibhuti, Vayubhuti, Akampita, Arya Vyakta, Sudharman, Manditaputra, Mauryaputra, Achalabhrata, Metraya, and Prabhasa with Indrabhuti Gautam as their leader. All of them ultimately attained Omniscience (Keval Gnan) following the teachings and example of Bhagavan Mahavira
Some of the greatest scholars and teachers of Jainism were former Vedic Brahmins who converted, such as Bhadrabahu, Pujyapada, Jinasena, Haribhadra, and more recently Sushil Kumar
When they adopted Jainism they renounced their former Vedic identity
and were no longer considered Brahmins
Many Brahmins converted to Buddhism as well
The Vedic religion of ancient times - with its emphasis on sacrificing animals by fire, Brahmin elitism, social stratification (Varna), and hymns to Vedic deities - is only a small fraction of what constitutes Hinduism today
Hindus have no temples to Indra, Varuna, Agni, Rudra, or other old Vedic gods
Animal sacrifice is no longer widely practiced in India where Jainism was present (in contrast to Nepal and Bali where animal sacrifice is still practiced)
Meat-eating is no longer glorified in Hinduism as it was in the Puranas and the
Manu Smriti and other Dharma Shastras (See Appendix D)
Soma is no longer used as a drug for inducing visions as it was in Vedic times
Under the influence of Jainism, modern Hinduism moved beyond these Iranian practices and beliefs
Hinduism took the old Vedic ritualism, with its limited appeal, and wrapped it in the more universal Jain ideals of self-realization, self-restraint, meditation, protection of animals, vegetarianism, and asceticism
Hinduism’s Jain-like aspects and appropriations comprise some of its most attractive and desirable traits in the eyes of the world
Without Shramanic influence, what would the Vedic religion have become?
Many Hindu temples and statues in India were originally Jain
Examples exist all over India
Mahalakshmi Temple in Kohlapur, Maharashtra
Mt. Girnarji in Gujarat, 5th Tonk - Nirvana place of Bhagavan Neminath
Badrinath Temple in Uttarakhand
Thousands more, mainly in South India but also in the North
Jain statues were destroyed or buried underground to save them from destruction
Nowadays they are frequently unearthed when foundations for new
buildings are dug and when farmers discover them under their fields
See Appendix G for more
Muslim rulers also destroyed Jain temples and defaced idols
Others stole or ruined what Jains took centuries to build
(Life Lesson: If you build it, prepare to defend it)
Jains underwent severe persecution
Whereas modern Hindu nationalism or Hindutva blames Islam for the decline of Indian Civilization, prior to Islam’s spread in India, Hindus attempted to eradicate all non-Vedic religions, especially targeting Jainism and Buddhism. Over the centuries, Hindu scholars celebrated the persecution and destruction of Jainism and Buddhism in India:
“Thus did the king, whom Skanda (Kumarila) converted, FREE THE COUNTRY FROM THE MENACE OF BUDDHISTS AND JAINS, just as the obstacles in the path of Yoga are eradicated by a wise sage. And simultaneously, just as the light of the rising sun
obliterates the darkness of night, the preachings of the Vedic truth by that Brahmana sage reversed the pace of the ignorance produced by the heretical teachings. WHEN THE ELEPHANTS OF JAINA AND BUDDHIST HERETICS DISAPPEARED BECAUSE OF THE
ROAMING LION OF KUMARILA, the tree of Vedic wisdom began to spread everywhere with luxuriant foliage. As the fire-born Kumarila was thus resuscitating the Vedic path
of Karma, Lord Shiva condescended to be born [as Adi Shankar] in order to save the
world floundering in the ocean of transmigratory existence.” -- Madhava-Vidyaranya (14th cent. AD), Shankara Digvijaya 1.95-98 (emphasis added)
See Appendix G for more. In modern India, intolerant attitudes persist among some Hindu leaders who incite temple invasions, attacks on Jain monks and nuns, and the wholesale theft of Jain pilgrimage sites
भगवान् महावीर स्वामी आपको ज्ञान दे
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Jain dharma is better than bhagwa hindutva cast system 😅😅😅😢😂😂😂❤❤❤❤
मूढ बालक! जैन दिगंबर श्र्वेतांबर का भेद मानता हैं.
शास्त्रचर्चा कर लो तो तुम्हे ईश्वर वास्तविक क्या हैं पता नहीं।
वैदिक धर्म महासागर हैं।
यह हैं जैन धर्मी दुसरे धर्म पर केवल एक बात कहकर हसने वाले। इस से कई गुणवान तो हिंदू होते हैं।
अहिंसा परमो धर्म . अहिंसा का प्रचार जैन धर्म की मुख्य विशेषता रही है हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि इससे लोगों में कायरता भी आई है मगर फिर भी विश्व शांति के लिए jain धर्म का अनुसरण किया जा सकता है. सिख धर्म भी कुछ ऐसा ही कहता है मगर जरा अलग ढंग से
भय काहू को देत न, न भय मानत आन
कह नानक सुन रे मना, ज्ञानी तारे बखान
अर्थात जो न किसी को भय देता है और न किसी का भय मानता है वह ही ज्ञान वान है I
Apko maha paap lagega Jain ke bareme headline esa kyu likha
जैन धर्म का मुख्य आधार नवकार मंत्र है और यह मंत्र दुनिया के सभी धर्मो को प्रभावित करता है, कम या ज्यादा। नवकार मंत्र के बिना धर्म की पूर्णता ही नहीं हो सकती
I PROUD IAM SIKHISM WAHAGURU JI KHALASH WAHAGURU JI FATIY ❤❤
🫶
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जैन धर्म के विस्तृत अध्ययन के साथ ही वीडियो बनाइए हमें गर्व है हम जैन हैं 👍 जय जिनेन्द्र 🙏🙏
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आपका कथन गलत हे आप ऋषभ देव कब हुए आप जाकर इतिहास को पढ़िए फिर किसी धर्म पर विवेचना कीजिए
श्रीमान आप कों मालुम हैं, तो आप भी इस विषय पर प्रकाश डालिये 🙏
जब इनको मालूम नही हे तो वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर क्यों डाला रिसर्च करना इनका काम हे,यदि यह अपनी गलती माने तो फिर में बताऊंगा,
bhai phle tum batao to tb to inko pta lgega ki kaha glt h wo
I am proud to be a Jain
Tumhari aukat nahi jainism
Samajne ki
Tumhari saat pedhi bhi nahi
Samajne payegi
Better do not insult urself in
Public life
We proud that we are Jain❤