णमोकार मंत्र | mahamantra navkaar | Aadi Anant Jain Channel
HTML-код
- Опубликовано: 8 ноя 2024
- mahamantra navkaar
णमो अरिहंताणं - अरिहंतो को नमस्कार हो
णमो सिद्धाणं - सिद्धो को नमस्कार हो
णमो आइरियाणं - आचार्यो को नमस्कार हो
णमो उवज्झायाणं - उपाध्यायो को नमस्कार हो
णमो लोए सव्व साहूणं - इस लोक के सभी साधु - साध्वियो को नमस्कार होणमोकार मन्त्र जैन धर्म का सर्वाधिक महत्वपूर्ण मन्त्र है। इसे 'नवकार मन्त्र', 'नमस्कार मन्त्र' या 'पंच परमेष्ठि नमस्कार' भी कहा जाता है। इस मन्त्र में अरिहन्तों, सिद्धों, आचार्यों, उपाध्यायों और साधुओं का नमस्कार किया गया है।
णमोकार महामंत्र' एक लोकोत्तर मंत्र है। इस मंत्र को जैन धर्म का परम पवित्र और अनादि मूल मंत्र माना जाता है। इसमें किसी व्यक्ति का नहीं, किंतु संपूर्ण रूप से विकसित और विकासमान विशुद्ध आत्मस्वरूप का ही दर्शन, स्मरण, चिंतन, ध्यान एवं अनुभव किया जाता है। इसलिए यह अनादि और अक्षयस्वरूपी मंत्र है। लौकिक मंत्र आदि सिर्फ लौकिक लाभ पहुँचाते हैं, किंतु लोकोत्तर मंत्र लौकिक और लोकोत्तर दोनों कार्य सिद्ध करते हैं। इसलिए णमोकार मंत्र सर्वकार्य सिद्धिकारक लोकोत्तर मंत्र माना जाता है।
इस महामंत्र को जैन धर्म में सबसे प्रभावशाली माना जाता है। ये पाँच परमेष्ठी हैं। इन पवित्र आत्माओं को शुद्ध भावपूर्वक किया गया यह पंच नमस्कार सब पापों का नाश करने वाला है। संसार में सबसे उत्तम मंगल है।
इस मंत्र के प्रथम पाँच पदों में ३५ अक्षर और शेष दो पदों में ३३ अक्षर हैं। इस तरह कुल ६८ अक्षरों का यह महामंत्र समस्त कार्यों को सिद्ध करने वाला व कल्याणकारी अनादि सिद्ध मंत्र है। इसकी आराधना करने वाला स्वर्ग और मुक्ति को प्राप्त कर लेता है।
Aadi Anant is a devotinal, musical,business events video coverage chanel. For coverage contact - 9313845945 Email id - anantgyan108@gmail.com