संघर्ष में भी चंदन सम सदा सुगंध बाटूं। बिना संघर्ष के जीवन का उत्कर्ष संभव नहीं। ... सहर्ष संघर्ष करने से उत्कर्ष होता है, रो-धो के संघर्ष करने से नहीं। मुश्किल घडी में चिंतन: यह तो कर्म निर्जरा का अवसर है, परीक्षा की घडी है मुझे सफल होना ही है। ... जिन जिन निमित्तों से मुश्किल मिली उनके आभार उनके कारण कर्म निर्जरा का अवसर मिला। 🙏🏻 णमो लोए सव्वसाहूणं। 🙏🏻 🙏🏻 Helpful n Useful ... Thank U! So Very Much for Sharing!🙏🏻 ~~~ Jai Jinendra n Uttam Kshama! ~~~ Jai Bharat. (2021 Jun 30 Wed. Nit.)
नमोस्तु गुरूदेव नमोस्तु 🙏🙏🙏अपने लिए संघर्ष, अपनो के लिए संघर्ष,अपने आप से संघर्ष और अपनोसे संघर्ष। जीवन ही संघर्ष है लेकिन चंदन सम घिसते हुए संघर्ष कर सुंगधीत में बदल कर मजबुती से सामना करना । बहुत अच्छे गुरूदेव 🙏🙏🙏आचार्य श्री के हायकु के बारे मे हमे सुनने को मिल रहा है हमारा परम सौभाग्य है, मुझे ये हायकुज बहुत अच्छे लगते, आचार्यश्री इन हायकु से विश्व को छोटी छोटी तीन पद से बहुत बडा ज्ञान, और हित की बाते बता दे रहे है।
संघर्ष: 01. अपने लिये संघर्ष: अपने विकास, उत्कर्ष के लिये संघर्ष, यह सकारात्मक संघर्ष है, जरूरी होता है। 02. अपनों के लिये संघर्ष: अपने देश, धर्म, समाज, परिजनों के लिये संघर्ष सकारात्मक संघर्ष है। 03. अपनेआप से संघर्ष: अपने लिये या अपनों के लिये संघर्ष सकारात्मक है। अपितु अपनेआप से संघर्ष क्यों? ... अपने से संघर्ष मतलब अंतर्द्वंद क्यों? ... अपनेआप से लढाई क्यों? ... अन्तरंग में भय, कुंठा, चिंता, अवसाद के कारण अपनेआप से संघर्ष होता है। ... आत्म संतुष्टि की कमी के कारण अपनेआप से संघर्ष होता है। ... अपनेआप से संघर्ष नहीं करना चाहिये, अपनेआप से जूझना नहीं चाहिये इससे आत्म शक्तियाँ कुंठित हो जाती है और हार ही मिलती है। अपनेआप को मजबूत, दृढ़ बनाओ। अध्यात्म का मार्ग अपनाओ भय, कुंठा, अवसाद, चिंता छोडो हर पल आंनद रहेगा। ... हमारे भीतर हर्ष होना चाहिये संघर्ष नहीं। जीवन में घटित प्रसंगों को सहर्ष स्वीकार ने से अपनेआप से संघर्ष नहीं अपितु हर्ष होता है, आनंद-प्रसन्नता रहती है। हमारे मन के अनुकूल व्यवहार नहीं मिले, प्रसंग नहीं हो, हम चाहे वह या वैसा न मिले या हो इन कारणों से अपनेआप से संघर्ष होता है। ... आत्म संतुष्टि का अभाव होने से अपनेआप से संघर्ष होता है। ... घटित कुछ होता है और मन चाहता कुछ और है। जबतक मन चाहा न मिले / हो अन्तरंग में द्वंद, संघर्ष चलता रहता है। ... जो घटित हुआ है उसे स्वीकार करो अपनेआप से संघर्ष नहीं होगा और जीवन का उत्कर्ष होगा। अपनेआप से जूझते, लडते रहने से बाहर भी अन्य से ऐसा ही होता है। जो अन्तरंग में शांत रहता है उसे बाहर से भी शांति मिलती है। जो जैसा जब घटे स्वीकार कर लो तो अपनेआप से संघर्ष का नाम या काम ही नहीं। 04. औरों से संघर्ष: औरों से संघर्ष मतलब लडाई, झगडा। क्यों औरों से लडना, झगड़ना और अपनी ऊर्जा नकारात्मक करना। औरों से संघर्ष करने के बदले वह समय और शक्ति खुद को आगे बढाने में लगावे तो वह जीवन की उपलब्धि होती है। नकारात्मकता में शक्ति, समय क्यों लगाना और व्यर्थ करना?! ... कभीभी किसीसे लडने, झगडने के भाव, विचार, बात करना ही मत। मुझे कभीभी किसीभी कारणवश किसीसे नहीं लडना, झगड़ना। अपनी शक्ति को मुझे कभीभी किसीभी कारणवश नकारात्मक नहीं करना। ... औरों से समझौता कर लो अपितु लडना, झगड़ना ऐसा संघर्ष कदापि नहीं। ~~~~~ अपने देश, धर्म, समाज, संस्कृति, परिजनों के लिये भीतर और बाहर दोनों संघर्ष करना चाहिये। अपने आत्म-उत्कर्ष के लिये संघर्ष या अपनों के लिये संघर्ष में संघर्ष को सहर्ष स्वीकार कर संघर्ष में भी अन्य पर उपकार करो। कष्ट करके पाई पाई जमा कर लोगों के लिये अस्पताल निर्माण करना इसप्रकार का संघर्ष करना चाहिये, यह जीवन को सार्थक बना देता है। अनुकूलताओं में कुछ अच्छा करना / कर दिखाना बड़ी बात नहीं। अपितु प्रतिकुलाओं में, अल्पता, अभाव में कुछ अच्छा करना / कर दिखाना बहुत बड़ी बात है। अपनी कठिनाई में भी अन्य की कठिनाई दूर करने का प्रयास करना चाहिये। मैं पढ़ नहीं पाया पर अब किसी को पढ़ने में सहयोग कर सकता हूँ तो मेरे लिये काफी है इसप्रकार की वृत्ति होनी चाहिये। सोच को सीमित नहीं व्यापक बनाओ। मुश्किल घड़ी में भी मुस्कान कायम रखो। मुझे हर परिस्थिति मे कठिनाई में, मुश्किल में, प्रतिकुलाओं में प्रसन्न और संतुष्ट रहके जीना है चाहे जो और जैसा घटे उसे सहर्ष स्वीकार करके जीना है। संघर्ष में हर्ष। किसीभी प्रकार की प्रतिकूल परिस्थितियों का सहर्ष सामना करो। मुश्किल घडी में चिंतन: यह तो कर्म निर्जरा का अवसर है, परीक्षा की घडी है मुझे सफल होना ही है। ... जिन जिन निमित्तों से मुश्किल मिली उनके आभार उनके कारण कर्म निर्जरा का अवसर मिला। जिसका मानस ऊँचा होता है उसका भाग्य भी ऊँचा होता है। ... हमेशा सबके भले का सोचो और करो। 🙏🏻 णमो लोए सव्वसाहूणं। 🙏🏻 🙏🏻 Helpful n Useful ... Thank U! So Very Much for Sharing!🙏🏻 ~~~ Jai Jinendra n Uttam Kshama! ~~~ Jai Bharat. (2021 Jun 30 Wed. Nit.)
For problem of Self Struggle अपनेआप से संघर्ष की समस्या का समाधान पाने के लिये यह प्रवचन जरूर सुने। Very Helpful n Useful. अपनेआप से संघर्ष नहीं करना, अपनेआप से हर्ष से रहना।... अपने लिये और अपनों के लिये संघर्ष करना उचित है अपितु अपनेआप से संघर्ष उचित नहीं। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Guru ji ke charanon mein Jay Jinendra Guru Ji ka बहुत-बहुत shukriya
Koti-Koti Namostu Namostu Namostu Gurdev
जय हो मुनिवर🙏
सादर प्रणाम जी
Namostu Gurudev 🙏🙏
महाराज जी आपके चरणों में मेरा बारंबार प्रणाम आपके माता-पिता गुरुजनों के चरणों में मेरा बारंबार प्रणाम
Namostu Namostu gurudev
संघर्ष में भी
चंदन सम सदा
सुगंध बाटूं।
बिना संघर्ष के जीवन का उत्कर्ष संभव नहीं। ... सहर्ष संघर्ष करने से उत्कर्ष होता है, रो-धो के संघर्ष करने से नहीं।
मुश्किल घडी में चिंतन:
यह तो कर्म निर्जरा का अवसर है, परीक्षा की घडी है मुझे सफल होना ही है। ... जिन जिन निमित्तों से मुश्किल मिली उनके आभार उनके कारण कर्म निर्जरा का अवसर मिला।
🙏🏻 णमो लोए सव्वसाहूणं। 🙏🏻
🙏🏻 Helpful n Useful ... Thank U! So Very Much for Sharing!🙏🏻
~~~ Jai Jinendra n Uttam Kshama!
~~~ Jai Bharat.
(2021 Jun 30 Wed. Nit.)
Jai ho munibar
नमोस्तु गुरूदेव नमोस्तु 🙏🙏🙏अपने लिए संघर्ष, अपनो के लिए संघर्ष,अपने आप से संघर्ष और अपनोसे संघर्ष। जीवन ही संघर्ष है लेकिन चंदन सम घिसते हुए संघर्ष कर सुंगधीत में बदल कर मजबुती से सामना करना । बहुत अच्छे गुरूदेव 🙏🙏🙏आचार्य श्री के हायकु के बारे मे हमे सुनने को मिल रहा है हमारा परम सौभाग्य है, मुझे ये हायकुज बहुत अच्छे लगते, आचार्यश्री इन हायकु से विश्व को छोटी छोटी तीन पद से बहुत बडा ज्ञान, और हित की बाते बता दे रहे है।
Joy guru babaji Sourav satyendranath anita koti koti pranam babaji
परम पूज्य मुनि श्री के चरणों में कोटि कोटि नमन
Respect and honours from Kenya beautiful beautiful beautiful souls journey all Happy souls journey honour
जिसका मानस ऊँचा होता है उसका भाग्य भी ऊँचा होता है।
Jai ho guruji..namostu
नमोस्तु गुरु देव जी नमोस्तु गुरु देव
नमोस्तु गुरूदेव नमोस्तु गुरूदेव नमोस्तु गुरूदेव
Parnaam Maharaj shree 🙏🌹❤️🙏
Naman Gurudev ji
RamRamJi
Jai jinendraaa .....
Koti koti pranam guruji
Namastou.namastou.namastou.guru.deva.
Jay Guru Dev ji
Jay.ho..garuďev
संघर्ष:
01. अपने लिये संघर्ष: अपने विकास, उत्कर्ष के लिये संघर्ष, यह सकारात्मक संघर्ष है, जरूरी होता है।
02. अपनों के लिये संघर्ष: अपने देश, धर्म, समाज, परिजनों के लिये संघर्ष सकारात्मक संघर्ष है।
03. अपनेआप से संघर्ष:
अपने लिये या अपनों के लिये संघर्ष सकारात्मक है। अपितु अपनेआप से संघर्ष क्यों? ...
अपने से संघर्ष मतलब अंतर्द्वंद क्यों? ... अपनेआप से लढाई क्यों? ... अन्तरंग में
भय, कुंठा, चिंता, अवसाद के कारण अपनेआप से संघर्ष होता है। ... आत्म संतुष्टि की कमी के कारण अपनेआप से संघर्ष होता है। ... अपनेआप से संघर्ष नहीं करना चाहिये, अपनेआप से जूझना नहीं चाहिये इससे आत्म शक्तियाँ कुंठित हो जाती है और हार ही मिलती है। अपनेआप को मजबूत, दृढ़ बनाओ।
अध्यात्म का मार्ग अपनाओ भय, कुंठा, अवसाद, चिंता छोडो हर पल आंनद रहेगा। ...
हमारे भीतर हर्ष होना चाहिये संघर्ष नहीं। जीवन में घटित प्रसंगों को सहर्ष स्वीकार ने से अपनेआप से संघर्ष नहीं अपितु हर्ष होता है, आनंद-प्रसन्नता रहती है।
हमारे मन के अनुकूल व्यवहार नहीं मिले, प्रसंग नहीं हो, हम चाहे वह या वैसा न मिले या हो इन कारणों से अपनेआप से संघर्ष होता है। ... आत्म संतुष्टि का अभाव होने से अपनेआप से संघर्ष होता है। ... घटित कुछ होता है और मन चाहता कुछ और है। जबतक मन चाहा न मिले / हो अन्तरंग में द्वंद, संघर्ष चलता रहता है। ... जो घटित हुआ है उसे स्वीकार करो अपनेआप से संघर्ष नहीं होगा और जीवन का उत्कर्ष होगा।
अपनेआप से जूझते, लडते रहने से बाहर भी अन्य से ऐसा ही होता है। जो अन्तरंग में शांत रहता है उसे बाहर से भी शांति मिलती है।
जो जैसा जब घटे स्वीकार कर लो तो अपनेआप से संघर्ष का नाम या काम ही नहीं।
04. औरों से संघर्ष:
औरों से संघर्ष मतलब लडाई, झगडा।
क्यों औरों से लडना, झगड़ना और अपनी ऊर्जा नकारात्मक करना। औरों से संघर्ष करने के बदले वह समय और शक्ति खुद को आगे बढाने में लगावे तो वह जीवन की उपलब्धि होती है।
नकारात्मकता में शक्ति, समय क्यों लगाना और व्यर्थ करना?! ... कभीभी किसीसे लडने, झगडने के भाव, विचार, बात करना ही मत।
मुझे कभीभी किसीभी कारणवश किसीसे नहीं लडना, झगड़ना। अपनी शक्ति को मुझे कभीभी किसीभी कारणवश नकारात्मक नहीं करना। ... औरों से समझौता कर लो अपितु लडना, झगड़ना ऐसा संघर्ष कदापि नहीं।
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अपने देश, धर्म, समाज, संस्कृति, परिजनों के लिये भीतर और बाहर दोनों संघर्ष करना चाहिये।
अपने आत्म-उत्कर्ष के लिये संघर्ष या अपनों के लिये संघर्ष में संघर्ष को सहर्ष स्वीकार कर संघर्ष में भी अन्य पर उपकार करो।
कष्ट करके पाई पाई जमा कर लोगों के लिये अस्पताल निर्माण करना इसप्रकार का संघर्ष करना चाहिये, यह जीवन को सार्थक बना देता है।
अनुकूलताओं में कुछ अच्छा करना / कर दिखाना बड़ी बात नहीं। अपितु प्रतिकुलाओं में, अल्पता, अभाव में कुछ अच्छा करना / कर दिखाना बहुत बड़ी बात है।
अपनी कठिनाई में भी अन्य की कठिनाई दूर करने का प्रयास करना चाहिये।
मैं पढ़ नहीं पाया पर अब किसी को पढ़ने में सहयोग कर सकता हूँ तो मेरे लिये काफी है इसप्रकार की वृत्ति होनी चाहिये।
सोच को सीमित नहीं व्यापक बनाओ।
मुश्किल घड़ी में भी मुस्कान कायम रखो।
मुझे हर परिस्थिति मे कठिनाई में, मुश्किल में, प्रतिकुलाओं में प्रसन्न और संतुष्ट रहके जीना है चाहे जो और जैसा घटे उसे सहर्ष स्वीकार करके जीना है।
संघर्ष में हर्ष। किसीभी प्रकार की प्रतिकूल परिस्थितियों का सहर्ष सामना करो।
मुश्किल घडी में चिंतन:
यह तो कर्म निर्जरा का अवसर है, परीक्षा की घडी है मुझे सफल होना ही है। ... जिन जिन निमित्तों से मुश्किल मिली उनके आभार उनके कारण कर्म निर्जरा का अवसर मिला।
जिसका मानस ऊँचा होता है उसका भाग्य भी ऊँचा होता है। ... हमेशा सबके भले का सोचो और करो।
🙏🏻 णमो लोए सव्वसाहूणं। 🙏🏻
🙏🏻 Helpful n Useful ... Thank U! So Very Much for Sharing!🙏🏻
~~~ Jai Jinendra n Uttam Kshama!
~~~ Jai Bharat.
(2021 Jun 30 Wed. Nit.)
NAMOSTU GURUDEV....
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai guru Dev
Jail guru Dev
Most Bhagwan the most Bhagwan
Jai ho
Namostu gurudev namostu gurudev namostu gurudev 🙏 🙏🙏
Jay.ho.aapki
For problem of Self Struggle अपनेआप से संघर्ष की समस्या का समाधान पाने के लिये यह प्रवचन जरूर सुने। Very Helpful n Useful.
अपनेआप से संघर्ष नहीं करना, अपनेआप से हर्ष से रहना।...
अपने लिये और अपनों के लिये संघर्ष करना उचित है अपितु अपनेआप से संघर्ष उचित नहीं।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
गुरूदेव के श्रीचरणों में कोटी कोटी बन्दन अभिनंदन प्रणाम जय गुरुदेव
Jai guru dev
❤😂🎉😢 48:42 😮@@ashishkumarjain1267
❤😂🎉😢😮😊
🙏🙏🙏🙏
Jai
Jai guru dev
Hear and follow and see change in life.
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Ji7u
मै एक हिंदू हूं और एक दलित हूं लेकिन मै गुरु प्रमाण सागर से प्रभावीत हूं क्या मै एक जैन हो सकता हूं. मै धर्म से नही जाती से नही मै एक मनुष्य हूं.
1¹
Jain dharm uska jo mane uska
Samvidhan tumhe ijajat deta he dharm parivartan ki tum ja bhi sakte ho or a bhi sakte ho
😊p
Wow but don't mine poooooooooo
Q
Priyanka Chopr
lrqq
Namostu gurudev
Jai gurudev
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏