जिसकी ऐसी बात हो... करे मौज पिया संग अपने, जिस पर करम-ए-परवरदिगार हो। मय भी हो, मीना भी हो और मौसम-ए-बरसात हो, उसका क्या कहना यारो, जिसका दिलबर साथ हो। ० परवरदिगार - परमात्मा, ईश्वर, भगवान ० मय - मदिरा, शराब, हाला ० मीना - शराब की बोतल, सुराही ० दिलबर - दिल उड़ा ले जाने वाला, माशूक़
जिसकी ऐसी बात हो...
करे मौज पिया संग अपने, जिस पर करम-ए-परवरदिगार हो।
मय भी हो, मीना भी हो और मौसम-ए-बरसात हो,
उसका क्या कहना यारो, जिसका दिलबर साथ हो।
० परवरदिगार - परमात्मा, ईश्वर, भगवान
० मय - मदिरा, शराब, हाला
० मीना - शराब की बोतल, सुराही
० दिलबर - दिल उड़ा ले जाने वाला, माशूक़
किसको ऐसी बात कहें ❤️🙏
I'll have to check if they're one and the same, but I have one that was sung at a baithak at Gyan babu's home at Ballygunj.
Nat-Ang Gaud Malhar
rare to hit sam in Re for Gaud Malhar; Gaud ang uses Re sparingly
@@abhijitbanerjee8326 What nons...
of at least six known well -established forms of Gmallhar?
This isn't Gaud Malhar, this is Nat Malhar. The two are very easy to confuse, but the sam on Re here gives it away.
+ Subrata Chowdhury This is the one that follows the Kedar [concert in Imrat Khan-saab's Park Circus home] ?
yes, indeed.