जय गुरुदेव साहब जी ।शुद्ध शाकाहारी सदाचारी संस्कारी बने ।जीवो पर दया व रुहो पर रहम करे । दया रहम ही धर्म व ईमान है। सच्चा मानव बने । दानव न बने । मानव ऐसा बने कि दवताे व फरिश्ते भी झुक कर सलाम करे ।
जय गुरुदेव। सबको तजो और एक को भजो। चान्दनी चान्द से होती है सितारो से नही । ईश्क एक से होता है ,हजारो से नही । दिल एक है और यह किसी एक को ही दिया जा सकता है । यही तो भक्ति है कि खुद को गुरु के हाथ बिक जाना । अपने उपर अपना भी अधिकार न रह जाए । जैसा सत राजा हरिश्चन्द्र जी बिक गए ।जय गुरुदेव।
जय गुरुदेव । मुक्ति व मोक्ष दिलाने मे गुरु हर कदम साथ रहते । गुरु की महत्ता को साहब नही जान सके । इन्हे अकेले बम्बई जाने को कहा जाए बिना किसी साथी व संगत के । बिना किसी माध्यम के । माध्यम को ही गुरु कहा जाता है। ये रुहानी ग्यान से कोसो दूर है । सिर्फ भाषण देने मे समय बर्बाद कर रहे है । समय बर्बाद न कर पगले वर्ना बर्बादी है तेरी। जन्म को सार्थक तू कर ले अभी आजादी है तेरी । जय गुरुदेव।
वाह महाराज जी सत्य हमेशा कडवा होता है ।हर कोई हजम नही कर पाता ।ऐक भजन । मेरे ससुरे मे पठवो संदेश नहरवा आग लगी ।आग लगी मेरो सब घर जर गयो दिल मे बडा अंधेश ।पार परोसी सब ही जर गये भागे बचो न ऐक ।नहरवा ......इस भजन व्याख्या ।।।।हे संतो परमार्थ देश को संदेश भेज दीजिये ।मेरे घट मे विवेक ज्ञान की आग लग चुकी है इसमे राग रूपी नाई द्वेष रूपी वारी लोभ रूपी पिता ममता रूपी माता आदि सभी ज्ञानाअगन मे जल कर मर गये है ।साहेब बंदगी सतनाम जी ।बहुत बडी व्याख्या है ।
जय गुरुदेव । ईर्ष्या की बात हिन्दु से मुस्लिम मे ,सिक्ख से इसाई मे,और यहूदी से पारसी मे कम है । सबसे अधिक ईर्ष्या सुन्नी को शिया से। आर्य समाज को ब्रह्म समाज से । रोमन को कैथोलिक से । महायाण को हीणयाण से । मुसलमानो के 72 फिरके । हिन्दू के 142 फिरके । कबीर पंथी के 12 फिरके । जय गुरुदेव के 5 फिरके । बेटा बाप से । पति पत्नी से । माता पुत्री से । चारो तरफ ईर्ष्या ही ईर्ष्या है । साहब जी आप भी इस मे शामिल हो गए । जय गुरुदेव।
जय गुरुदेव।। कोई भी साधक या मुसाफिर बिना गुरु के एक कदम भी आगे नही बढ सकता है । बिन गुरु भव निधि तरैई ,न कोई। ज्यो बिरंची संकर सम होई। गुरु व गुरु की कृपा से ही कोई भक्त अपना निज धाम वापस जा सकता है। जय गुरुदेव ।
जय गुरू साहब जय आरसीएम कबीर साहब कहते है ना हिन्दु ना मुसलमान हम इन्सान है तो हम इन्सान बने और कबीर पनथ के सन्त गुरू से उपदेश ले और अपना सुधार करे परम पिता परमात्मा की भजन करे मुक्ती का रास्ता बनाये
हरि व्यापक सर्वत्र समाना हममें तुममें खड़ग खम्भ में थलचर जलचर नभचर समस्त प्राणियां उसी ईश्वर का रुप है माता पिता भगवान का रुप हैं और बाल बच्चे भी भगवान का रुप हैं अपने घर परिवार समाज राष्ट्र की सेवा ही सच्ची सेवा भक्ति है सभी धर्मस्थलों में लिखा जाना चाहिए कि भगवान की सेवा भक्ति करनी है अपने मां बाप बाल बच्चों की सेवा करें
गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाय।। साहेब जी गुरु के बिना अपने आप की भी पहचान और भक्ति नहीं होती इसलिए कबीर पंक्तियों को कबीर ने समझाया है कि। सब धरती कागज करूं लेखनी सब बनराय। सात समुद्र की मसि करूं गुरु गुण लिखा न जाय।।
रमा शंकर जी आप बताए किसकी भक्ति की जाए. गुरु की भक्ति मे कुछ नहीं है तो किसकी भक्ती में है आप महान विद्वान कबीर जी जो कहा वह सत्य है लेकिन आप जो कुछ कह रहे हैं वह सत्य नही है आप बताए भ्रम पैदा न करें आप जैसे व्यक्तियों द्वारा समाज का कल्याण नहीं होना है पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय
महराज जी सादर प्रणाम,आप के विचार आत्म जागृति के लिए सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहा है आप का सत्संग हम प्रति श्रवण कर रहा हूं । परन्तु आप की एक बात में अहंकार की झलक है आप कह रहे हैं कि मैं किसी से डरता नहीं हूं ।यह कबीर जी के विचार से गल्त लगती है आप ने मैं का त्याग अभी तक नहीं किया है बस और सब कुछ शत प्रतिशत सही है आप के विचार।
Samjh me aaya ki sansar musafir khana hai yaha kuchh bhi hamara nahi hai ham rell ke palet farm khade hai bas aana jana laga hai aavat jat Rahat ki ghadiya ek muve pagudhari
Kisi ki puja se mukti nahi milegi. "Taat karam nij te gati paayi" Bhagwan Ram jatayu se kahte hai ,tumne apne karm se gati payi hai. Guru keval ninda karna hi sikhata hai to guru taarega nahi maarega . "Guru sis andh badhir ka lekha,ek nahi sunahi ek nahi dekha" kalyug me yesa hi satsang jadatar hota hai. "Siya ram Maya sab jag jaani" Guru vahi hai Jo sampurn jagat me Sia ram ke darsan Kara deve vahi apko paapmukt kar sakta hai,ninda karne wala nahi. Karam hi mukt karta hai. Muktikoi samosa nahi hai jo milega. Mukti ek jivit anubhav hai.mukti siddhi hai.jo niskaam karm yog se phalit hoti hai. "VASUDEVAH sarvam iti "bhagwan hi sabkucch hai,jab aap yesa manege to aap dusron ko apne saman hi samjhenge . Tab aap dusron ki seva me apni seva hi dekhenge. Isse apkaa karm niswarth ho jayega yahi karm yog hai. Asakti rahit karm hi mukti ko phalit karta hai. Dusron ki nindakarna niskaam nahi hai,ye to negative karm hai isse to 100 janmo tak mukti nahi milegi. Dekh lehna. Baki Kabir praman hai. "Guru ki karni guru jayega chele ki karni Chela ,ud jayega Hans Akela" "Daas kabir hari ke gun gaave ,bahar kou taar n paave" Bahar ka koi vyakti nahi taar sakta. Hari ke gun aur acche karm hi taarte hai . Acche karmo se kharab karmo ko balance kar lo to plus minus zero aap ban gaye hero.
जय गुरुदेव । वह कैसा नाविक जो पैसेन्जर को नाव मे बैठा कर कहे कि भाई हमारे ऊपर भरोसा न करना । वह ड्राईवर ही नही हो सकता है जो पैसेन्जर को इस तरह अपने उपर से भरोसा समाप्त कर ले ।फिर ऐसे नाविक के नाव मे कोई क्यो बैठेगा । जय गुरदेव।
Maraj bhakti to sirf bhagavan karo mukti milege guruji bhagvan na banaye guru kam sahi rasta dikha ne ka music bat ye he guru khud ki bhagti karate he to ase guru ke pav pakdo jo vo bhagvani pahachan karaye jo panch bhut ki bhagti karte he vor ke bhut ho esme sankalp nahidhya bhagti to bhagvan ki karaye Or bhaktko sai riste batavo.
जय गुरुदेव । अगर कबीर पंथी ही सिर्फ भजन कर रहे है तो सब सतलोक क्यो नही चले गए । और आप 500 वर्षो से धरती पर क्या कर रहे है । कबीर साहब के साथ क्यो नही गए । और कबीर पंथी 12 दल मे होकर अपनी अपनी श्रेष्ठता का डंका पीट रहे है । जय गुरुदेव।
साहेब बंदगी महाराज के चरण कमल पर मेरे कोटी कोटी प्रणाम साहेब बंदगी
गुरु जी आपने सत्य लोक मैं पहुंचा दिया बंदिगी साहेब
जय गुरुदेव साहब जी ।शुद्ध शाकाहारी सदाचारी संस्कारी बने ।जीवो पर दया व रुहो पर रहम करे । दया रहम ही धर्म व ईमान है। सच्चा मानव बने । दानव न बने । मानव ऐसा बने कि दवताे व फरिश्ते भी झुक कर सलाम करे ।
जय गुरुदेव। सबको तजो और एक को भजो। चान्दनी चान्द से होती है सितारो से नही । ईश्क एक से होता है ,हजारो से नही । दिल एक है और यह किसी एक को ही दिया जा सकता है । यही तो भक्ति है कि खुद को गुरु के हाथ बिक जाना । अपने उपर अपना भी अधिकार न रह जाए । जैसा सत राजा हरिश्चन्द्र जी बिक गए ।जय गुरुदेव।
एक कहो तो है नही. दूजा कहा न जाय..संत रमा शंकर साहिब जी को कोटि कोटि नमन करता हूँ धन्यवाद🙏🙏
जय गुरुदेव । मुक्ति व मोक्ष दिलाने मे गुरु हर कदम साथ रहते । गुरु की महत्ता को साहब नही जान सके । इन्हे अकेले बम्बई जाने को कहा जाए बिना किसी साथी व संगत के । बिना किसी माध्यम के । माध्यम को ही गुरु कहा जाता है। ये रुहानी ग्यान से कोसो दूर है । सिर्फ भाषण देने मे समय बर्बाद कर रहे है । समय बर्बाद न कर पगले वर्ना बर्बादी है तेरी। जन्म को सार्थक तू कर ले अभी आजादी है तेरी । जय गुरुदेव।
वाह महाराज जी सत्य हमेशा कडवा होता है ।हर कोई हजम नही कर पाता ।ऐक भजन । मेरे ससुरे मे पठवो संदेश नहरवा आग लगी ।आग लगी मेरो सब घर जर गयो दिल मे बडा अंधेश ।पार परोसी सब ही जर गये भागे बचो न ऐक ।नहरवा ......इस भजन व्याख्या ।।।।हे संतो परमार्थ देश को संदेश भेज दीजिये ।मेरे घट मे विवेक ज्ञान की आग लग चुकी है इसमे राग रूपी नाई द्वेष रूपी वारी लोभ रूपी पिता ममता रूपी माता आदि सभी ज्ञानाअगन मे जल कर मर गये है ।साहेब बंदगी सतनाम जी ।बहुत बडी व्याख्या है ।
जय गुरुदेव । ईर्ष्या की बात हिन्दु से मुस्लिम मे ,सिक्ख से इसाई मे,और यहूदी से पारसी मे कम है । सबसे अधिक ईर्ष्या सुन्नी को शिया से। आर्य समाज को ब्रह्म समाज से । रोमन को कैथोलिक से । महायाण को हीणयाण से । मुसलमानो के 72 फिरके । हिन्दू के 142 फिरके । कबीर पंथी के 12 फिरके । जय गुरुदेव के 5 फिरके । बेटा बाप से । पति पत्नी से । माता पुत्री से । चारो तरफ ईर्ष्या ही ईर्ष्या है । साहब जी आप भी इस मे शामिल हो गए । जय गुरुदेव।
यह भी तो आप ही कहते हैं मेरे कबीर जैसा कोई नहीं अहंकार तो आपने भरा है
जय गुरुदेव।। कोई भी साधक या मुसाफिर बिना गुरु के एक कदम भी आगे नही बढ सकता है । बिन गुरु भव निधि तरैई ,न कोई। ज्यो बिरंची संकर सम होई। गुरु व गुरु की कृपा से ही कोई भक्त अपना निज धाम वापस जा सकता है। जय गुरुदेव ।
,❤😂🎉😢😮😅😊😊
बहुत सुंदर है आप का ज्ञान, मैं आप का प्रवचन हमेशा ही सुनते रहते हैं, साहेब बंदगी
saheb bandagi
Super bahut achcha
दिल से सम्मान गुरु जी,,, जय महात्मा कबीर जी,,।
जय गुरुबंन्दे साहेब सबका
साहब बन्दगी साहब
जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि
Very Right Jai Gurudev
जय गुरू साहब जय आरसीएम कबीर साहब कहते है ना हिन्दु ना मुसलमान हम इन्सान है तो हम इन्सान बने और कबीर पनथ के सन्त गुरू से उपदेश ले और अपना सुधार करे परम पिता परमात्मा की भजन करे मुक्ती का रास्ता बनाये
Bahut Sundar satsang Suna rahe hain
बाबा जी के विचार उत्तम हैं किन्तु नीचे मंदिर निर्माण की पट्टी चल रही है और सहयोग मांगा जा रहा है। कृपा करके बाबा जी स्पष्ट करें।
Saheb bandagi saheb ji 🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Bahut achha Guruji
पूजा का साब्दिक अर्थ सेवा होता है,सेवा जिंदों की ,की जाती है
Dil se sman guru ji jai kabir bas
Very good.bandgi sahib.
हरि व्यापक सर्वत्र समाना
हममें तुममें खड़ग खम्भ में थलचर जलचर नभचर समस्त प्राणियां उसी ईश्वर का रुप है
माता पिता भगवान का रुप हैं और बाल बच्चे भी भगवान का रुप हैं
अपने घर परिवार समाज राष्ट्र की सेवा ही सच्ची सेवा भक्ति है
सभी धर्मस्थलों में लिखा जाना चाहिए कि भगवान की सेवा भक्ति करनी है
अपने मां बाप बाल बच्चों की सेवा करें
गुरुजी को चरण स्पर्श आत्मा रू पी राम के दर्शन कैसे करे
और आपको हमारे नारायण हमारे राम से एशिया है शिव से एशिया है
महाराज आपके दर्शन किस आश्रम में होंगे
Jay kabir
🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏
नीर ना केवट यह भजन चाहीए कबीर साहेबका
पुज्य साहेब जी को त्रयबार साहेब बंदगी। साहेब जी का नम्बर चाहिए।
गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाय।।
साहेब जी गुरु के बिना अपने आप की भी पहचान और भक्ति नहीं होती इसलिए कबीर पंक्तियों को कबीर ने समझाया है कि।
सब धरती कागज करूं लेखनी सब बनराय।
सात समुद्र की मसि करूं गुरु गुण लिखा न जाय।।
Irsaye karmo se hoti
Sabko khus ek sath nahi kiya ja sakta
You,are, right
Govardhan Das Ma sap ko ĺsatguru kabee shaha ke badage
BabajiKoti Koti Pranam MaiBahut DharmGuru Se MilaKisi Ne Parmatma Nahin dikhaya Jo Koi Mujhe Parmatma dekh aaega yah Parmatma se milega Mein uski Sharan Hoon
ParmatmaKoPakhand Banakar Rakh DiyeMein itne Dharm Guru Se MilaKisi NeParmatma Se NahinMela VayaSpeak baba ji aapka kya vichar hai
Guru ji aatma se parmatma ka milap kaise karian
रमा शंकर जी आप बताए किसकी भक्ति की जाए. गुरु की भक्ति मे कुछ नहीं है तो किसकी भक्ती में है आप महान विद्वान कबीर जी जो कहा वह सत्य है लेकिन आप जो कुछ कह रहे हैं वह सत्य नही है आप बताए भ्रम पैदा न करें आप जैसे व्यक्तियों द्वारा समाज का कल्याण नहीं होना है
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय
ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय
P
महराज जी सादर प्रणाम,आप के विचार आत्म जागृति के लिए सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहा है आप का सत्संग हम प्रति श्रवण कर रहा हूं । परन्तु आप की एक बात में अहंकार की झलक है आप कह रहे हैं कि मैं किसी से डरता नहीं हूं ।यह कबीर जी के विचार से गल्त लगती है आप ने मैं का त्याग अभी तक नहीं किया है बस और सब कुछ शत प्रतिशत सही है आप के विचार।
बहुत ही सुंदर मैं मरी ना माया मरी मर मर गए सरीर आसा तरसना ना मरी कह गए दास कबीर जो ये संत प्रवचन के दौरान मैं किसी से नही डरता ये घमण्ड ही है
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@@hariomsaini7041 I Love your happybirth I Leave I 5t
Sant jee batay kabir ji ka guru kon the
Samjh me aaya ki sansar musafir khana hai yaha kuchh bhi hamara nahi hai ham rell ke palet farm khade hai bas aana jana laga hai aavat jat Rahat ki ghadiya ek muve pagudhari
Kisi ki puja se mukti nahi milegi.
"Taat karam nij te gati paayi"
Bhagwan Ram jatayu se kahte hai ,tumne apne karm se gati payi hai.
Guru keval ninda karna hi sikhata hai to guru taarega nahi maarega .
"Guru sis andh badhir ka lekha,ek nahi sunahi ek nahi dekha" kalyug me yesa hi satsang jadatar hota hai.
"Siya ram Maya sab jag jaani"
Guru vahi hai Jo sampurn jagat me Sia ram ke darsan Kara deve vahi apko paapmukt kar sakta hai,ninda karne wala nahi.
Karam hi mukt karta hai.
Muktikoi samosa nahi hai jo milega.
Mukti ek jivit anubhav hai.mukti siddhi hai.jo niskaam karm yog se phalit hoti hai.
"VASUDEVAH sarvam iti "bhagwan hi sabkucch hai,jab aap yesa manege to aap dusron ko apne saman hi samjhenge .
Tab aap dusron ki seva me apni seva hi dekhenge.
Isse apkaa karm niswarth ho jayega yahi karm yog hai.
Asakti rahit karm hi mukti ko phalit karta hai.
Dusron ki nindakarna niskaam nahi hai,ye to negative karm hai isse to 100 janmo tak mukti nahi milegi.
Dekh lehna.
Baki Kabir praman hai.
"Guru ki karni guru jayega chele ki karni Chela ,ud jayega Hans Akela"
"Daas kabir hari ke gun gaave ,bahar kou taar n paave"
Bahar ka koi vyakti nahi taar sakta.
Hari ke gun aur acche karm hi taarte hai .
Acche karmo se kharab karmo ko balance kar lo to plus minus zero aap ban gaye hero.
देखो मुक्ती चाहते हो तो कबीर पनथ के सन्त भगवान से उपदेश लेलो और सुधार करो
Kese mahatma hai swarag jaror melga
जय गुरुदेव । वह कैसा नाविक जो पैसेन्जर को नाव मे बैठा कर कहे कि भाई हमारे ऊपर भरोसा न करना । वह ड्राईवर ही नही हो सकता है जो पैसेन्जर को इस तरह अपने उपर से भरोसा समाप्त कर ले ।फिर ऐसे नाविक के नाव मे कोई क्यो बैठेगा । जय गुरदेव।
Maraj bhakti to sirf bhagavan karo mukti milege guruji bhagvan na banaye guru kam sahi rasta dikha ne ka music bat ye he guru khud ki bhagti karate he to ase guru ke pav pakdo jo vo bhagvani pahachan karaye jo panch bhut ki bhagti karte he vor ke bhut ho esme sankalp nahidhya bhagti to bhagvan ki karaye Or bhaktko sai riste batavo.
Aap ko kitne Devi devtaon Ko Naam maloom hai
जय गुरुदेव । अगर कबीर पंथी ही सिर्फ भजन कर रहे है तो सब सतलोक क्यो नही चले गए । और आप 500 वर्षो से धरती पर क्या कर रहे है । कबीर साहब के साथ क्यो नही गए । और कबीर पंथी 12 दल मे होकर अपनी अपनी श्रेष्ठता का डंका पीट रहे है । जय गुरुदेव।
Baba ji aap ko batchit karna nahi aata hai nai ko aap nowa kahte hai pahle aap batchit karna sikh lijiye phir satsang kijiyega. Ok
बकवास करते हो बाबा।कुछ भी बोलते रहते हैं,चीजों की व्याख्या अपनी सुविधा के हिसाब से मत कीजिये।
Tu,baag,bhgathe
इनका दिमाग डिस्टर्ब हो गया है। इनको बागेश्वर धाम में ले जाकर के इलाज कराया जाए।