गोगोजी री छावली गायक//रतन जी परेऊ// राजस्थानी सुन्दर सांवली

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 10 окт 2024
  • गोगोजी री छावली गायक//रतन जी परेऊ// राजस्थानी सुन्दर #सांवली_भजन #राजस्थानी_गीत #गोगो_जी_री_छावली
    #गोगो_जी_का_भजन #मारवाड़ी_भजन_गोगोजी_रा
    #भजन_छावली
    #भजन_बहुत_ही_सुन्दर_आवाज_में_सिंगर_रतन_परेऊ
    सभी दोस्तों को निवेदन है कि हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और आगे से आगे शेयर करें बहुत ही सुन्दर आवाज में छावली
    गोगाजी चौहान ( जाहरवीर ) राजस्थान के लोक देवता हैं जिन्हे जाहर वीर के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक शहर गोगामेड़ी है। यहां भादों कृष्णपक्ष की नवमी को गोगाजी देवता का मेला भरता है। इन्हें हिन्दू,सिखऔर मुसलमान तीनो सम्मान करते हैं। गुजरात मे रेबारी जाति के लोग गोगाजी को गोगा महाराज केे नाम सेे बुलाते है। इनका जन्म इनके गुरु गोरक्षनाथ जी के आशीर्वाद से हुआ है ये जन्म के साथ ही शक्तियां लेके पैदा हुए, 6 महीने के जब मां के गर्भ में थे तब इन्होने अपनी मां से बात की थी बाद में इनके गुरु ने इन्हें दीक्षा दी और शक्तियां प्रदान की|
    'गोगापीर' कहते हैं। गोगाजी ने गौ-रक्षा एवं तुर्क आक्रांताओं (महमूद गजनवी) से देश की रक्षार्थ अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। राजस्थान का किसान वर्षा के बाद हल जोतने से पहले गोगाजी के नाम की राखी 'गोगा राखड़ी' हल और हाली, दोनों को बाँधता है। गोगाजी के 'थान' खेजड़ी वृक्ष के नीचे होते हैं, जहाँ मूर्ति एक पत्थर पर सर्प की आकृति अंकित होती है। इसलिए बागड़ में तो यह कहावत है कि 'गाँव-गाँव गोगो ने गाँव-गाँव खेजड़ी। ऐसी मान्यता है कि युद्ध भूमि में लड़ते हुए गोगाजी का सिर चूरू जिले के जिस स्थान पर गिरा था वहाँ 'शीश मेड़ी' तथा युद्ध करते हुए जहाँ शरीर गिरा था उसे 'गोगामेड़ी' कहा गया। गोगाजी के जन्म स्थल ददरेवा को 'शीर्ष मेड़ी' तथा समाधि स्थल 'गोगा मेडी' (भादरा-हनुमानगढ़) को 'धुरमेड़ी' भी कहते हैं।

Комментарии • 15