।।संतो की वाणी।।गुरु समान दाता नही,याचक शिष्य समान। तीन लोक की संपदा, सो गुरु दीन्ही दान।।00।।सुरति शबद धरो चित्त लाई, तब ही सतपुरुष पद दर्शन पाई। शिष्य हृदय प्रतीति ऐसा आवे, गुरु और पुरुष भिन्न नही पावे।।01।।नाम अनाम अनंत सारशबद है, दूजा तत्व नही होई। कहे कबीर सुन भाई साधू, भटक के मरो मत कोई।।02।।बावन आखर के जंजाल मे, फंस गया संसार। कहत कबीर जी बावन आखर छोडि दो,,तो मुक्त होय संसार।।03।।जब बावन आखर का छूटे कटोरा, फिर नही लागे जगत मे फेरा। तंत्र मंत्र सब झूठ है, मत भरमो संसार, सारशबद जाने बिना, कोई ना उतरसी पार।।04।।अब साँई अरुण जी महाराज के बी डी ओ सुनिये, विदेही कबीर जी से फिर मिलिये। हो जाओगे भवसागर पार, जब चित्त समाये सारशब्दीय करतार।।05।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी 🙏🏻🌹
कृपया आप वीडियो में साहिब जी की वाणी को अवश्य दिखलाए और उसी को पढ़ कर व्याख्या भी लिखित दिखलाइए ताकि वचनों पर ध्यान केंद्रित हो और कोई भी बुजुर्ग आसानी से पढ़ सके और समझ सके, यह भविष्य के लिऐ सुन्दर रचना हो सकती है
bandi choode Sat Guru Rampal ji maharaj ki ji ho ❤❤❤❤
Sat naman ji Mahatma ji
❤ सत साहेब बंदी छोड़
सब नक़ली और मिलावटी सृष्टि रचना सुनाई है आपने,,,
Sat saheb bandagi
Guruji bandagi bandagi bandagi
Kaal niranjan Sheshnaag Shree h 🕉jinka mool mantr h. Shesh nandan kaliyanag❤❤❤❤❤ 1:08
।।संतो की वाणी।।गुरु समान दाता नही,याचक शिष्य समान। तीन लोक की संपदा, सो गुरु दीन्ही दान।।00।।सुरति शबद धरो चित्त लाई, तब ही सतपुरुष पद दर्शन पाई। शिष्य हृदय प्रतीति ऐसा आवे, गुरु और पुरुष भिन्न नही पावे।।01।।नाम अनाम अनंत सारशबद है, दूजा तत्व नही होई। कहे कबीर सुन भाई साधू, भटक के मरो मत कोई।।02।।बावन आखर के जंजाल मे, फंस गया संसार। कहत कबीर जी बावन आखर छोडि दो,,तो मुक्त होय संसार।।03।।जब बावन आखर का छूटे कटोरा, फिर नही लागे जगत मे फेरा। तंत्र मंत्र सब झूठ है, मत भरमो संसार, सारशबद जाने बिना, कोई ना उतरसी पार।।04।।अब साँई अरुण जी महाराज के बी डी ओ सुनिये, विदेही कबीर जी से फिर मिलिये। हो जाओगे भवसागर पार, जब चित्त समाये सारशब्दीय करतार।।05।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी 🙏🏻🌹
Kal nirnjan bhuta ha
कृपया आप वीडियो में साहिब जी की वाणी को अवश्य दिखलाए और उसी को पढ़ कर व्याख्या भी लिखित दिखलाइए ताकि वचनों पर ध्यान केंद्रित हो और कोई भी बुजुर्ग आसानी से पढ़ सके और समझ सके, यह भविष्य के लिऐ सुन्दर रचना हो सकती है
आप ने कितनी अच्छी वीडियो बनाई परन्तु इसमें फोटो दिखाने का कोई मतलब समझ नहीं आया इससे कोई उद्देश्य सार्थक नहीं होता
कयो भाई पहले चार पुत्र कोन हुए वो कयो नही बताये तुम्हें
Bijak me aesa nahi hai
साहब क्या निरंजन 16 पुत्रौ मे है य 18वे पत्र है
CG 😂
Pahle yah batao ki (Sat prush ) kahan se aaya h, baki sab chhodo.........
Pan parwana Dene Wale ke
pehchan kya hai.
Galat samvhste ho