डंक और भडली द्वारा वर्षा की भविष्यवाणी || राजस्थानी बातपोश
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- Опубликовано: 11 дек 2024
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डिंगल रसावल में आज प्रस्तुत है
-:: डंक और भडली द्वारा वर्षा की भविष्यवाणी ::
|| ऐतिहासिक बातपोश ||
लेखक एवं स्वर - दीपसिंह भाटी , निदेशक : डिंगल रसावल
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♦ Video Edited by - Surendra Pal Singh
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#डिंगलरसावल #बातपोश #dingalrasawal #baatposh #deepsinghbhati
जुग-जुग जीवो दीपजी , चोखी बात बताई।
संस्कृति रा सारथी, थे हिवडे ज्योत जलाई।।
वाह हुक्म दिप सिंह जी डंक भाडली रा दुहा सुण ने दिल खुश हो गयो हुक्म
जय माता जी री सा हुकुम दीपसिंह जी भाटी साहब,🙏🙏🙏🙏🙏
हुकुम एक अरज है आप सूँ,
आप सुगन री चौखी बात बताई,
म्हारा धणियों ए बातों आज रे समय में कठे ई मिळे नी हुकुम, आपरो घणे मोन हृदय सूँ आभार, साधुवाद,
एक म्हारो सवाल है हुकम मैं तो घणे ई गुणीजनो ने पूछोयो पण म्हारो मन शान्त नी हुओ,
प्रश्न हो है हुकुम कि स्वपन में बीज रो चोंद दीसे तो ईं रो के अर्थ होवे सा,
मने आशा ही नी पूरो विश्वास है कि आप उत्तर जरूर देवोला,
केये है कि,
भौं बिन भला नी नीपजे, माँ बिन भला नी होय।
घणी खम्मा हुकुम, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ये बात पूर्णतया सत्य है कि आज भी गाँव, ढाणी में बुजुर्गों द्वारा जो भविष्यवाणी की जाती है, वो तो वर्तमान विज्ञान और वैज्ञानिकों को भी चुनौती पेश करती है, कुदरती पहुलओं का महत्व इसी बात से लगाया जा सकता जे कि हमारे पुरखों,बुढियो के द्वारा जो अनुमान लगाया जाता है वो आज किसी चमत्कार से कम नही, आज की हकीकत है हमें बुजुर्गों के पास बैठेने का समय नही तो आगे की बाते तो बेमानी हो जाती है,हमें इस धरोहर के ज्ञान को समझने का प्रयास जरूर करना चाहिए ।।👌👌💐💐
10:36 10:37 10:37 10:37 10:41 10:41 10:41 10:44 10:44 😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
🙏जयश्री🚩मांताजीरी अरज करूंसा 🙏
🙏अतिउतम सा ऐसुगन कदे चूके नी सा🙏
!सूरज बारकर कुडाळो, चाँद बारकर होय।
!डंक कहे बडळी, डेरियां पाणि जोय।।
!!मागमास गरबवास। फागणमे फागबाजे।
!चैत्रमास भीजलुकोवे। धुरबेसांगा केशवधोवे।
!जेठमास जायतपँनतो।नीरुके जळबरसंनतो।
🙏जयश्री अरज भूलचूक माफ करज्यौसा🙏
💅💅जयदयाल दान रतनू घोङारण 🙏🙏
💅जयश्री🚩मांताजीरी अरज करूंसा 💅
💅अतिउतम बातबखांणी सुगन तो सोळेआना सही ढुके सा इमे कोई फरखनी।।
💅दो आखर नजर भूलचूक माफकरे सा💅
!चेत मास सुखल पख दस दिन भीज लुकोई रख, आठम निम निरत कर जौय जांबरसे वा दुरभक होय।।जेठ बीती पूनंम पङवा जैइन्दर धरहरे असाड सांवण काड कोरो भादूङे बिरखा करे 💅जयदयाल रतनू घोङारण 💅
बहुत बहुत खुशी की बात, इस वर्ष सूर्य के आगे मंगल होने से जून जुलाई में बारिस कम होगी, रोहिणी ज्यादा तपी नही, कही कही वर्षा होने से भी कही कही अकाल भी पड़ सकता हैं, आप इसी प्रकार के वीडियो भेजा करे
वाह दीपसिंह जी।
माँ देगराय सदा आपरे सहाय रेवे।
स्वरूप भुआसा की कृपा बनी रहे।।
वा भाटी साब वा आपरे मूख में सरसवती बोले हैं
हुकुम मनै भी इतिहासकारी बातोपोश घणी प्यारी लागे सा। ओर हमे वही बातपोश चौखी लगती है जो पुरखो से मुखजुबानी सुनने को मिले।
🚩जय माता जीरी सा 🚩जय क्षत्रिय धर्म
वाह चारन री वातडी वारे चारण वाह जिवता रेजो जुग मे अमर कथा रा वखाण
आप रो घनो घनो आभारी इन्दा जोलियालि. 🙏🙏
बहुत सुन्दर कार्य एवम विडिओ धन्यवाद भाईसाहब
साधुवाद सा
बहुत-बहुत धन्यवाद हुकम
शानदार प्रस्तुति। आज एक बार फिर आपका विडिओ देखा व अपनी जानकारी मे बढोतरी की कोसिस की।
जय हो जय हो सुन्दर बहुत ही सुन्दर रचनाओं को सुनकर मन प्रसन्न हो गया है सर जी ।
वाह साहब वाह दिल खुश हो गया
यही है हमारी सभ्यता, संस्कृति और विरासत
वाह बरसात रा जोर शुगन बताया हो ऐ शुगन देख जमाने और काल रा ठा पेल काढ सकेई मीनख
आप री बात सही है हुक्म
वाह भाटी साहब
आभार हुक्म
बहुत खूब 🙏
आपणी संस्कृति अर् साहित्य ने बचावण रो ज़ोरदार प्रयास 🙏
गजब का सन्देश, आप को बधाई 🙏
धन्य हो दिपसिह जी सा मेंने पहले टुटे फुटे दोहे याद थे लेकिन आप ने आज उजाला कर दिया ह्रदय में अब लिख लुंगा सा मेरे पास राजस्थानी कहावत में वर्षा री डॉ विक्रम सिंह राठौड़ री किताब है सा
PDF बनाकर भेजो सा
जय हो, , , बहुत ही सुन्दर वृत्तांत, , , , , , , , अभिभूत हुया सा नई जानकारी लेर।।।। आभार आपरो
बहुत खूब
वर्षा ग्रामीण जीवन में कितना महत्व रखती है यह बात इस वीडियो से पता चल ही जाती है ।
प्राचीन समय में कहीं ना कहीं ऐसे रीति रश्मे थे, जो आज काफी जाने अनजाने है, लेकिन थे वैज्ञानिक।।
वाह क्या बात है जी मजा आ गया
कवि राज दिपसिहजी खमा घणी जय माताजी रि सा मुकेश सोनी नरता से
सर जी आप को मेरी तरफ सु कोटि कोटि प्रणाम ✌👍🌹🌹🙏
धन्य है अदरणीय भाटी श्री दीपसिंहजी पूर्वजों की संस्कृति और अमर धरोहर को आज के युवा पीढ़ी को अवगत करवाने पर मै कुम्भा रूपाणी आपका ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ 💐💐🙏🙏
@@dingalrasawal हुक्म
धन्य हो आदरणीय श्री दीपसिंह जी भाटी साहब आपने पुर्वजों की संस्कृति और अमर धरोहर को आज के युवा पीढ़ी को अवगत कराया मैं प्रमेश कुमार चवदहीया बायतु
@@dingalrasawal इस लिंक पर कुछ भी नहीं बता रहा है
तीतर पंखी बादली, विधवा काजल रेख।वा बरह वा घर कर ,ईंम मीन न मेख।।
😊
Gajabsa
हम डंक ऋषि की संतान ने हमें अपने पूर्वजों पर बहुत गर्व है 🙏
दुर्जन की कृपा बुरी भली सजन की त्रास
सूरज जद गर्मी करे तो मेह बरसन की आस
I like so sweet ❤️ Dingal Rasawal👋👋🌧️🐦👌👌😷🙏
अति सुन्दर धन्य धन्य धन्य धन्
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
बहुत बहुत आभार धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻👍❤️❤️
साधुवाद सा
इस ऐतिहासिक बात के लिए दाता हमारा नतमस्तक प्रणाम
Bahut Aacha kavita or duhha de Aapne varsha ki varta Kahi hai Hkm,
तीतर पंखी बादली विधवा काजल रेख
आ बरसे ऊवा घर करे जिन में मीन न मेख
आपने सही कहा ये बुजुर्ग हमारी धरोहर है सच तो यह है इस परम्परा की रक्षा की जरूरत है।
Bahut hi jog ri vaat batai hkm
जय हो भाटी सा आप री
अति सुन्दर i respect you sir
You are the great
❣️❣️
अतिसुन्दर विवरण।
जय श्री हुकुम बहुत ही अच्छा लगा सुनकर दिल बाग बाग हो गया पर आपने बताया नहीं की डंक ऋषि की वर्तमान पीढ़ी कोन है
Wah saa wah, rajasthani sahityekar tao ab fingure tips par hi honge.
बहुत बढ़िया जानकारी है
सानदार बारेमासो वा सा वा।
डिंगल रसावल ने जय,माताजी री सा
सही बात है सर आपके इस अनुरोध को हम जरूर पूरा करेंगे आपके द्वारा प्रदान किया गया ज्ञान हमारे हमारे आने वाली पीढीयो़ के काम आएगा
bahut bahut badhai
Thank you sir
ओपरो मारवाड़ मनसू दुल्यो सा
लोगो ने केता भी समझाओ भले मगर पेसोन ही आपने शरीर री नही लोगो ने जय सारदा
गजब सदेंश
आभार सा
Dhanyvad shriman aapko aapane dakot Brahman itihaas bataya hai
🙏🚩
🙏🙏🙏
गुरु इसमें से दो सुकून तो बराबर
इस किताब के लिक अमेजॉन पर खुल नहीं रही है
Wah hkm bahoot khoob
रोयण पते न तावङे मघा न वाजे वाव मत बान्धो सायबा झुपङी रे वो बङले री साख
भाटी साब सोढा का इतिहास कि पुस्तक लिखी हूई है क्या
बहुत सुंदर
पशु पक्षियों रा शुगन रे बारे में जानकारी रो विडियो बनाए
🎉🎉🎉
आपरी बात साव साची है के इण वाईयौं अर सुगनों रे मुजब बुढ़िया बडेरा आवण आळे जमाने रा भा बांधता जको 100% साच निकळतो । इण भांत वि.स. 2076 में आवण आळे जमाने रे विगत मैं वैशाख री चादणी आठ्म ने एक कविता लिखी थी जिणरो परिणाम 99% म्हारे शिव पड़गने में रहयो तो ...........
समत् 2076 वैशाख शुक्ल , अष्टमी ने सोमवार ।
पश्चिम दिशा री बादळी , बरसी मुसलधार ।।
क्रगत में आश्लेच बरसियो , बंधी जमाने री आस ।
धोरों में धान मोकळो होसी , गायों ने घणी घास ।।
छः ओना तील होसी , बारह ओना बाजरो ।
ईतरी तो आस हैं , पसे मिळसी आपो आपरे भागरो ।।
मुंगो में मोळ रहसी , मोठ होसी अत्ति जोर ।
ग्वार री गत्ती मोळी रहसे , भादरवे गाजसी घणी घोर ।।
भेड़ बकरीयों रे हो जासी , होळी लग रो चारो ।
जमानों तो जबरो आसी , हणों गायों नें मती भुखों मारो ।।
आगम री गत किण नी जाणी , सुरता करो विचार ।
सियोतरे रे साल री साखी , लिखी कवि प्रेम सुथार ।। 🙏🙏 इण कविता में म्हारे खास मकसद ओ हो के लोग काळ रे भै सुं ओईणी गांयो अर बळधों ने चारों नी नोंख भुख नी मारे । पण मातेश्वरी रे आशिर्वाद सुं बात साची वैगी ।
Jay Shri Ram
First viewer
Jordar deepji
आज रे भागदौड़ ओर थोथे जमाने मे इण सुगना रो घणो महत्व है पण सुगनीया रो तोटो आई गयो है
Wah deep jee ba
दिपसिहंजी जय माताजीरी सा मै पूराराम पुरोहित गाव खिरोङी तहसील सीतलवाणा जिला जालोर मैरै को भी डिगनरसा़ल किताबी खरीदनी है जी
डंक भड़ली समेत बारिश की भविष्यवाणी वाली किताबें कहा कैसे मिल सकती हैं
👌👌👌👌
प्रणाम जी डंक भडळी रो साहित्य छप्योङो है कांइ सा
आपको तो कोई जवाब नही है
शानदार हुकम,,,
@@dingalrasawal ,,, आभार हुकम।
पोथी मिल गई सा,,, धन्यवाद।
राम राम सा
जै माता जी री
Hukm thanks
Ati sundar hukm
thenk's sir
जय आईजी री सा
आसोज माह समुद्री बाजें कार्तिक साख स्वाई।
इंदौ की उत्पत्ति कहां से हुई एक बार वीडियो में जरूर बताएं
उत्पत्ति का पता नहीं।पर इंडिया नाम इन्दों से पड़ा है।इन्दा सरदार भेड़े चराने महाराष्ट्र बोर्डर पर गए ।वंहा वास्कोडी गामा समुन्द्र रास्ते से आया तो भारत की धरती पर रखते ही देश का नाम पूछा इन्दों ने देखा हमारी जाति पूछ रहे है।उन्होंने ने सबने एक एक कर इन्दा कहा।वास्कोडि गामा ने इंडिया नाम दे दिया
दीपसिंह जी आपरे मुख में साक्षात सरस्ती विराजे है
आप सु अनुरोध है आप मोनो बिरखा रे अलावा दूसरे सुगनो ने बारे में भी बतावो सा
आप से पुनः अनुरोध करो हो
જયમાતાજી જેઠવા રાજ
अति उत्कृष्ट जानकारी के लिए धन्यवाद
🌈
Yh book barmer me mil skti hai kya milti hai to address btao
👌👌👌
जुग जुग जीवो दीपसिंहजी ।
जय श्री हुक्म भाटी साब ने आपरे
तो वाता घेणे ही फुकरे लागे सा
🙏🙏🌹🌹🙏🙏
Ye book kha se milegi sir
Jay mata ji ri hukm dip ji ba
डक भङली के दोहो का कोई पुस्तक है यदि है तो तो प्रकाशक नाम बताने कि क्रपा करे धन्यवाद
जी हुकुम। संपर्क करें 9460221222
Jay ho
डिंगल रशावल कहा मिलेगी
Jay shree krishna hkm 🙏 bahut hi badhiya jankari sa , sarahniya
Bahut bahut abhar sa 🙏
भाटी साब बहुत बहुत बधाई
ऐक वात आई कोनी होलामणे जठुवे री