आज ये कहानी दुबारा सुनी।सीमा अपनी सुनायी कहानियां बार बार उसी उत्सुकता से सुनी जा सकती हैं।शिवानी जी की कहानियों का कलेवर अक्सर पर्वतीय कथानको पर आधारित होता हैं लेकिन बेहद रोचक।सीमा आपको भी नए रूपों में देखकर बहुत अच्छा लगता है।
😊😊😊❤️Thank you दीदी...शिवानी जी ने 100 के लगभग कहानी लिखी हैं जो मैंने पहले वाले चैनल में लगभग सब सुना दी थीं। इसीलिए अब फिर से दोबारा सुनानी पड़ रही हैं।
कथा कथन के सूत्रधार से श्रद्धेय शिवानी जी का विप्र लब्धा सुनने का अवसर मिला। अच्छा लगा।बरसों पहले छूटी सखी का ट्रेन में हो गयीभेंट के बाद फ्लैश बैक में पूरी कहानी की बुनावट है। ऐसे संयोग इनकी कहानियों के मेरुदंड है। आत्म शैली में लिखी यह कहानी मंत्र मुग्ध कर देती है। विगत का इलाज जब खुलता है तो सबकुछ मानो चलचित्र सा दिखने लगता है।। कैसे उसके रायबहादुर पिता का अभिजात्य वर्गीय अहम विरासत में उसके अंदर घर कर गया था। और वह भावी पति के मनोजगत भावों की अवज्ञा करके स्वयं स्वेच्छाचारी गगनचारी विदेशी हो गयी। सु प्रगति के कितने भी सोपान क्यों न तय कर लिए हों पर धरातल से पूरी उखड़ गयी।अब इतने बरसों बाद सखी से जब उसे यह पता चला कि वह जिस विवाह समारोह में शामिल होने आई है वह उसके उसी भावी पति के सुपुत्र से होना तय है तो वह सचमुच भूलुंठित हो गरी।उसका स्वयं की अंगूठी तथा लाया गया उपहार सखी को सौंप कर प्र त्याग मन कर जाना उसकी हीन भावना और असंगत मनोविज्ञान का संकेत है।
शिवानी जी की कहानियों का मैं शुरू से कायल और प्रेमी रहा हूं, आपकी आवाज और भाव से लगता है, कि शिवानी जी के मुखाग्र से लयबद्ध कहानियां सुन रहा हूं। बहुत बहुत सुन्दर, आभार, धन्यवाद
I found it is the poorest story written by Shivani Ji. The story is totally poor and the explanations and descriptions were very weak, ending was very very weakest and the story is totally absurd and unreliable. The narration by Seema ji was okay, but the story was very very weak and very boring especially the ending was very absurd and unnecessary. I have never heard such a week story by such a good writer like Shivani Ji. Seema ji I am amali requesting you to kindly describe the year of the story especially of the old writers. .
Zabar10.
शिवानी जी कहानी सुनूं और आंखों में पानी न आए ऐसा कभी नहीं हुआ। आज भी वही हुआ आपकी आवाज वही प्यारी सी❤
So nice....thank you suman ji
बहुत भावपूर्ण कहानी।
उत्कृष्ट वाचन
Bhut sundar khanj
बहुत ही मरमांतक कहानी सीमा जी। सच में क्या आज का दुष्यंत पहचान पाएगा।
सही कहा सुमन जी...शिवानी जी की कहानियां नशा होती हैं।
Ati sundar
शिवानी जी का कोई विकल्प नहीं, अति संवेदनशील कथानक 👌👌👌
जी सही 🙏🏻❤️
बहुत सुंदर, बेहतरीन कहानी 👌👌
Very nice story
Very Imotional and heartching story 👌
Thanks Mam👌👌👌👌🙏
🙏🏻❤️
@@katha-kathan 🙏
Rochak prastuti..aapki tasveer achchhi hai
🤣🤣🤣 सब use कर ले रही हूँ। copyright इशू नहीं रहता।
Itni Sundar kahani Meri Aankhon Mein Aansu a gaye aapki Kahani Mein Roj sunti hun Har din sari ki sari acchi Lagti hain
स्नेहपूर्ण धन्यवाद रेखा जी 🙏🏻🌹❤️
❤❤❤❤❤
आपका वाचन सदैव मन को मोह लेता है।
और शिवानी जी की कहानियां हृदय में बस जाती हैं।
Really Anju ji...Shivani ji's Stories are always pleasing.
कहानी बहुत अच्छी लगी।अन्तिम वाक्य और द्रष्य के बारे में बहुत अच्छा लिखा। धन्यवाद सीमा जी 🙏🙏⚘
🙏🏻🙏🏻❤️
धर्म युग में छपी थी तब पढी थी।अब ऐसी कहानियां कहां।सीमा का वाचन लाजवाब है
♥️🌹सप्रेम धन्यवाद मैम
Meri padi hui kahani hai par apki awaz me sunna awesome experience.Purane dino ki yaad aa gayi .
Thank you so much mam for this beautiful story.
Thank you so much Rakhi ji
आज ये कहानी दुबारा सुनी।सीमा अपनी सुनायी कहानियां बार बार उसी उत्सुकता से सुनी जा सकती हैं।शिवानी जी की कहानियों का कलेवर अक्सर पर्वतीय कथानको पर आधारित होता हैं लेकिन बेहद रोचक।सीमा आपको भी नए रूपों में देखकर बहुत अच्छा लगता है।
😊😊😊❤️Thank you दीदी...शिवानी जी ने 100 के लगभग कहानी लिखी हैं जो मैंने पहले वाले चैनल में लगभग सब सुना दी थीं। इसीलिए अब फिर से दोबारा सुनानी पड़ रही हैं।
Ek baar pehle padhi thi ab doosri baar suni hai.
जी हाँ दोबारा पढ़ रही हूँ क्योंकि Shivani जी की सारी कहानियाँ मैं deleted channel me पढ़ चुकी थी इसलिए अब दोबारा पढ़ना पढ़ रहा है..
🙏🏻
कथा कथन के सूत्रधार से श्रद्धेय शिवानी जी का विप्र लब्धा सुनने का अवसर मिला। अच्छा लगा।बरसों पहले छूटी सखी का ट्रेन में हो गयीभेंट के बाद फ्लैश बैक में पूरी कहानी की बुनावट है। ऐसे संयोग इनकी कहानियों के मेरुदंड है। आत्म शैली में लिखी यह कहानी मंत्र मुग्ध कर देती है। विगत का इलाज जब खुलता है तो सबकुछ मानो चलचित्र सा दिखने लगता है।। कैसे उसके रायबहादुर पिता का अभिजात्य वर्गीय अहम विरासत में उसके अंदर घर कर गया था। और वह भावी पति के मनोजगत भावों की अवज्ञा करके स्वयं स्वेच्छाचारी गगनचारी विदेशी हो गयी। सु प्रगति के कितने भी सोपान क्यों न तय कर लिए हों पर धरातल से पूरी उखड़ गयी।अब इतने बरसों बाद सखी से जब उसे यह पता चला कि वह जिस विवाह समारोह में शामिल होने आई है वह उसके उसी भावी पति के सुपुत्र से होना तय है तो वह सचमुच भूलुंठित हो गरी।उसका स्वयं की अंगूठी तथा लाया गया उपहार सखी को सौंप कर प्र त्याग मन कर जाना उसकी हीन भावना और असंगत मनोविज्ञान का संकेत है।
🙏🏻🙏🏻 कहानी का review बहुत उम्दा लिखते हैं आप।
Mam aap photo mein bahut acchi lag rahi hai happy Diwali Kahani sunane ke liye thank u so Mach
Thank you so much neha...Happy Diwali to you dear.
शिवानी जी की कहानियों का मैं शुरू से कायल और प्रेमी रहा हूं, आपकी आवाज और भाव से लगता है, कि शिवानी जी के मुखाग्र से लयबद्ध कहानियां सुन रहा हूं। बहुत बहुत सुन्दर, आभार, धन्यवाद
जी सर...मेरा सौभाग्य कि आप मुझे सुनते हैं।
Doosri baar sunkar bhi aap ke vachan ne mantra mugdh Kar Diya .
🙏🏻🙏🏻
Hello maa, it's like a habit of bedtime story#lori😴 within your voice...maa aap looking sunder 🙏
Thank you so much beta...it's my pleasure my dear.
Aap bahut pyaari lag rahi Hain Seema ji .
Thank you dear Archana❣️
😘😊
❤❤❤😂😂🎉
Bahut sunder chitran hota hai shivani ji ki kahaniyan Main , aurat ko mard daba, jhuka hi dekhna chahta hai
⚘️✅️
Speaks for the double standards people generally have
Nimmi ki maami ne accha nahin kiya.
I found it is the poorest story written by Shivani Ji.
The story is totally poor and the explanations and descriptions were very weak, ending was very very weakest and the story is totally absurd and unreliable.
The narration by Seema ji was okay, but the story was very very weak and very boring especially the ending was very absurd and unnecessary.
I have never heard such a week story by such a good writer like Shivani Ji.
Seema ji I am amali requesting you to kindly describe the year of the story especially of the old writers.
.
Yes I also feel that you should write the year of writing the story. We use to read and repeatedly read stories .
ढी धर्म युग मै
इलाज की जगह गवाछ पढ़ें।
जी धन्यवाद 🙏🏻...मार्गदर्शन करते रहिएगा।