रघुपति कर संदेसु अब सुनु जननी धरि धीर।अस कहि कपि गदगद भयउ भरे बिलोचन नीर 🚩श्री सीताराम 🚩सुन्दरकाण्ड

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  • Опубликовано: 30 янв 2025

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