सत्संग - पड़ा काल गले फंदा

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  • Опубликовано: 28 ноя 2024

Комментарии • 25

  • @RamKumarMaurya-h7c
    @RamKumarMaurya-h7c 4 дня назад +1

    जय श्री कृष्णा 🌹👋

  • @ARUNSINGH-pr2nc
    @ARUNSINGH-pr2nc 4 дня назад

  • @SuneelKumar-ie6pk
    @SuneelKumar-ie6pk 3 дня назад +2

    आध्यात्मिक आत्मज्ञान प्राप्त करने हेतु सत्संग सुने

  • @OmprakashShrivastaw
    @OmprakashShrivastaw День назад

    Om Hari 🌹🥀

  • @KarunaMaurya-n9p
    @KarunaMaurya-n9p 4 дня назад

    हरि ओम् 🙏🏻🌷

  • @ARUNSINGH-pr2nc
    @ARUNSINGH-pr2nc 22 часа назад

    एक ही चैतन्य है, नाम गुरु से जो भी मिल जाए, विश्वास, श्रद्धा, और सही सही प्रयास, चैतन्य की चेतना, जागृति का अनुभव करा देता है।

  • @karunamaurya6279
    @karunamaurya6279 3 дня назад

    🙏🏻 Om 🙏🏻, 💖

  • @Anil-j8z
    @Anil-j8z 3 дня назад

    Om🎉

  • @sandhyasingh6678
    @sandhyasingh6678 3 дня назад

    Om ❤

  • @SuneelKumar-ie6pk
    @SuneelKumar-ie6pk 3 дня назад +3

    ओम मंत्र से सिद्धि प्राप्त होती हैं अ सिद्धि से मोक्ष ओम मंत्र से नहीं हो सकता तीन मंत्रों जाप करने से होगा जो सतलोक को प्राप्त होगा।

  • @SuneelKumar-ie6pk
    @SuneelKumar-ie6pk 3 дня назад +2

    जो व्यक्ति शास्त्र विरुध साधना को त्यागकर मनमाना आचरण करता हैं न सिद्धि का प्राप्त होता हैं न गति को उसका जीवन व्यर्थ।

    • @SuneelKumar-ie6pk
      @SuneelKumar-ie6pk 23 часа назад +1

      अध्याय 16श्लोक 23कहा गीता में

  • @SuneelKumar-ie6pk
    @SuneelKumar-ie6pk 3 дня назад +3

    वेदों में प्रमाण कबीर साहेब भगवान हैं बाइबल मजीरी इंजिल कुरान शरीफ श्रीमद भागवत गीता रामायण महाभारत श्रीमद्भागवत अठारह पुराणों में वेदों में वर्णित हैं कबीर साहेब भगवान हैं ❤❤❤

    • @ARUNSINGH-pr2nc
      @ARUNSINGH-pr2nc 23 часа назад

      हर शब्द का कुछ अर्थ है, शब्दों के अर्थ को सही सही समझना, विचार करना सही दिशा में ले जाएगा।
      भगवान, इस शब्द के अर्थ को विचारिए, भग + वान , इनको जोड़ दें, तो होता है, भगवान।
      भग का अर्थ संसार और वान का अर्थ है, चलाने वाला।
      एक संसार बाहर है, दूसरा संसार हर प्राणी के भीतर है। सबका अपना अपना संसार है। अपने अपने परिवार, धन संपत्ति, विचार, बुद्धि, विवेक, ज्ञान, कर्म, धर्म आदि।
      परमात्मा या भगवान की सत्ता है, तभी आप और हम जीवित हैं। उसके शरीर के त्यागते ही शरीर मृत हो जाता है। वह जब हममें है, तभी तक हमारी सांसें हैं, संसार है। वह नहीं तो हम नहीं, तब हमारा संसार भी नहीं।

    • @SuneelKumar-ie6pk
      @SuneelKumar-ie6pk 23 часа назад +1

      @ARUNSINGH-pr2nc शब्द का अर्थ है कि भगवान जो सब कुछ शब्द से प्रकट हुआ हैं कबीर बीजक हैं भगवान तो पांच तत्वों से बना जो कबीर भगवान ने उत्पन्न किया हैं उनके तो पर्यायवाची नाम जैसे भगवान अल्लाह god खुदा ओ सब के भगवान हैं

    • @SuneelKumar-ie6pk
      @SuneelKumar-ie6pk 23 часа назад +1

      @ARUNSINGH-pr2nc परमात्मा तो सब में व्याप्त है कण कण में हर जीव में उसी से संसार चल रहा प्राणी नर जीव एक प्राणी हैं । बनाया भगवान अपने जैसा बनाया है इस संसार हमें नर नारी को सृष्टि की

    • @SuneelKumar-ie6pk
      @SuneelKumar-ie6pk 23 часа назад +2

      @ARUNSINGH-pr2nc भगवान ने 16सिंगार दिया है जीवन जीने के लिए मर्यादा इंसानियत कर्तव्य धर्म सत्य सम्मान प्रेम भाव

    • @SuneelKumar-ie6pk
      @SuneelKumar-ie6pk 23 часа назад +1

      @ARUNSINGH-pr2nc सृष्टि की उनकी सत्ता पर अपने स्वयं की भगवान जो संसार रहने के लिए सब कुछ प्रदान किया है (अपना काम स्वयं को साजे और करे तो मूर्ख बाजे) भगवान ने स्वयं सृष्टि की अपने सत्ता पर उनको किसी जरूरत क्योंकि इंसान की मदद नहीं करनी पड़ी थी

  • @SuneelKumar-ie6pk
    @SuneelKumar-ie6pk 3 дня назад +1

    (1)ब्रह्म विष्णु महेश जी के माता पिता कौन है (2)दुर्गा प्रकृति की पूजा करना सही है या मन किया है (3)हमारा जनम और मृत्यु के का किस प्रभु का स्वार्थ है (4)ब्रह्म विष्णु महेश किसकी भक्ति करते हैं (5)किसकी भक्ति करने से मोक्षप्राप्त होगा तत्वदर्शी की कैसे ताला करे ।

  • @SuneelKumar-ie6pk
    @SuneelKumar-ie6pk 22 часа назад

    ओम तात सत क्या हैं किस मंत्र जप से मोक्ष प्राप्त होता है