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कवि - राज़
Добавлен 26 авг 2020
वह खून कहो किस मतलब का।Vah Khoon kaho kis matlab ka।khooni Hastakshar Vah Khoon kaho kis matlab ka
वह खून कहो किस मतलब का | Vah Khoon Kaho Kis Matlab Ka | Khooni Hastakshar Vah Khoon Kaho Kis Matlab
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें उबाल का नाम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
आ सके देश के काम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें जीवन, न रवानी है!
जो परवश होकर बहता है,
वह खून नहीं, पानी है...
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vah khoon kaho kis matlab ka
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wah khoon kaho kis
wah khoon kaho kis matlab ka by khan sir
वह खून कहो किस मतलब का जिसमें उबाल का नाम नहीं
वह खून कहो किस मतलब का जिसमें उबाल का नाम नहीं कविता
वह खून कहो किस मतलब का जिसमें उबाल का नाम
वह खून कहो किस मतलब का जिसमें उबाल का
वह खून कहो किस मतलब का
वह खून कहो किस मतलब का आ स...
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें उबाल का नाम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
आ सके देश के काम नहीं।
वह खून कहो किस मतलब का
जिसमें जीवन, न रवानी है!
जो परवश होकर बहता है,
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वह खून कहो किस मतलब का
वह खून कहो किस मतलब का आ स...
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आग की भीख। श्री रामधारी सिंह 'दिनकर'।Aag Ki Bheekh।Ramdhari Singh Dinkar Ji। अद्भुत काव्य।
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आग की भीख। श्री रामधारी सिंह 'दिनकर'।Aag Ki Bheekh।Ramdhari Singh Dinkar Ji। अद्भुत काव्य। Ramdhari Singh Dinkar Ji/Full Poem धुँधली हुईं दिशाएँ, छाने लगा कुहासा, कुचली हुई शिखा से आने लगा धुआँ-सा। कोई मुझे बता दे, क्या आज हो रहा है; मुँह को छिपा तिमिर में क्यों तेज रो रहा है? दाता, पुकार मेरी, संदीप्ति को जिला दे, बुझती हुई शिखा को संजीवनी पिला दे। प्यारे स्वदेश के हित अंगार माँगता हूँ। चढ़ती ...
आज सड़कों पर(साये में धूप) श्री दुष्यंत कुमार Aaj sadkon par(saaye mein Dhoop)Hindi Gazal
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आज सड़कों पर(साये में धूप) श्री दुष्यंत कुमार Aaj sadkon par(saaye mein Dhoop)Hindi Gazal आज सड़कों पर लिखे हैं सैकड़ों नारे न देख, पर अन्धेरा दे तू आकाश के तारे न देख। एक दरिया है यहां पर दूर तक फैला हुआ, आज अपने बाजुओं को दे पतवारें न देख। अब यकीनन ठोस है धरती हक़ीक़त की तरह, यह हक़ीक़त दे लेकिन ख़ौफ़ के मारे न देख। वे सहारे भी नहीं अब जंग लड़नी है तुझे, कट चुके जो हाथ उन हाथों में तलवारें न ...
श्वानों को मिलता दूध-वस्त्र,भूखे बालक अकुलात हैं- दूध-दूध(श्री रामधारी सिंह 'दिनकर' जी),अद्भुत काव्य
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#ramdharisinghdinkarkavita #ramdharisinghdinkar #motivationalpoem श्वानों को मिलता दूध-वस्त्र,भूखे बालक अकुलात हैं- दूध-दूध (श्री रामधारी सिंह 'दिनकर' जी) श्वानों को मिलता दूध-वस्त्र, भूखे बालक अकुलाते हैं माँ की हड्डी से चिपक ठिठुर जाड़ों की रात बिताते हैं युवती के लज्जा वसन बेच जब ब्याज चुकाए जाते हैं मालिक जब तेल-फुलेलों पर पानी-सा द्रव्य बहाते हैं पर, शिशु का क्या हाल, सी पाया न अभी जो आंसू...
जीना हो तो, मरने से नहीं डरो रे(श्री रामधारी सिंह 'दिनकर' जी), ओजपूर्ण काव्य
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#ramdharisinghdinkarkavita #motivationalpoem वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा संभालो चट्टानों की छाती से दूध निकालो, है रुकी जहाँ भी धार, शिलाएँ तोड़ो, पीयूष चन्द्रमाओं का पकड़ निचोड़ो चढ़ तुंग शैल शिखरों पर सोम पियो रे योगियों नहीं विजयी के सदृश जियो रे। जब कुपित काल धीरता त्याग जलता है, चिनगी बन फूलों का पराग जलता है, सौन्दर्य बोध बन नई आग जलता है, ऊँचा उठकर कामार्त्त राग जलता है। अम्बर पर अपनी वि...
ले मशाले चल पड़े हैं,लोग मेरे गांव के (गज़ल सम्राट श्री दुष्यंत कुमार जी)साये में धूप से।
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#dushyantkumar #Dushyantkumarpoetry #SaayeMeDhoop गज़ल सम्राट श्री दुष्यंत कुमार जी की प्रसिद्ध गज़ल (संग्रह, साये में धूप) से ले मशाले चल पडे हैं ले मशाले चल पडे है लोग मेरे गांव के, अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के ......। पूछती है झोपडी और पूछते है खेत भी, कब तब लूटते रहेंगे लोग मेरे गांव के.......... बिन लडे कुछ भी यहाँ मिलता नहीं ये जानकर अब लढाई लड रहे है लोग मेरे गांव के....... चीखती...
चाँद और कवि(श्री रामधारी सिंह ' दिनकर' जी), अद्भुत काव्य
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#ramdharisinghdinkarkavita #motivationalkavita #hindikavita महाकवि श्री रामधारी सिंह ' दिनकर' जी की अद्भुत काव्य पंक्तियां चाँद और कवि रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद, आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है। उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता, और फिर बेचैन हो जगता न सोता है। जानता है तू कि मैं कितना पुराना हूँ! पर मैं चुका हूँ दे मनु को जनमते - मरते ; और लाखों बार तुझसे पागलों को भी चाँदनी में बैठ स्वप्न...
कदम मिलाकर चलना होगा(श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी) , अद्भुत व ओजपूर्ण काव्य।
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#motivationalkavita #atalbiharibajpai #hindipoem अटल जी की काव्य रचनाएं जीवन में उत्साह, उमंग, जोश व जीवन में सतत् आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करती हैं। बाधाएँ आती हैं आएँ घिरें प्रलय की घोर घटाएँ, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ, निज हाथों में हँसते-हँसते, आग लगाकर जलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा। हास्य-रूदन में, तूफ़ानों में, अगर असंख्यक बलिदानों में, उद्यानों में, वीरानों मे...
लोहे के पेड़ हरे होंगे(श्री रामधारी सिंह' दिनकर' जी), अद्भुत व प्रेरणादायक काव्य।
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#motivationalpoem #ramdharisinghdinkarkavita #viralpoem लोहे के पेड़ हरे होंगे, तू गान प्रेम का गाता चल, नम होगी यह मिट्टी ज़रूर, आँसू के कण बरसाता चल। सिसकियों और चीत्कारों से, जितना भी हो आकाश भरा, कंकालों के हों ढेर, खप्परों से चाहे हो पटी धरा । आशा के स्वर का भार, पवन को लेकिन, लेना ही होगा, जीवित सपनों के लिए मार्ग मुर्दों को देना ही होगा। रंगों के सातों घट उँडेल, यह अँधियारी रँग जायेगी, ऊ...
हार नहीं मानूंगा,रार नहीं ठानूंगा (दो अनुभूतियां) श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी, ओजपूर्ण काव्य।
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#motivationalpoem #atalbiharivajpai #atalbiharipoems श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी पहली अनुभूतिः गीत नहीं गाता हूँ बेनक़ाब चेहरे हैं, दाग़ बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ पीठ में छुरी सा चांद राहू गया रेखा फांद मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ दूसरी...
जनतंत्र का जन्म(सिंहासन खाली करो कि जनता आती है), राष्ट्रकवि -श्री रामधारी सिंह ' दिनकर' जी।
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प्रयाण गीत (श्री श्याम नारायण पाण्डेय जी)
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श्री अन्धकार दूर था, झाँक रहा सूर था। कमल डोलने लगे, कोप खोलने लगे ॥ लाल गगन हो गया, मुर्ग मगन हो गया । रात की सभा उठी, मुसकरा प्रभा उठी ॥ घूम घूमकर मधुप, चूम चूमकर मधुप । गा रहे बिहान थे, गूँज रहे गान थे । रात - तिमिर लापता, चाँद का न था पता । तुहिन-बिन्दु गत कहीं, छिप गये नखत कहीं ॥ पवन मन्द बह चला, मधु मरन्द बह चला । अधखिले खिले कुसुम, डाल पर हिले कुसुम ॥ विविध रंग-ढंग के, विविध रूप-रंग के ।...
वसंत के नाम पर(राष्ट्रकवि श्री- रामधारी सिंह ' दिनकर' जी), ओजस्वी वाचन -श्री राजेंद्र पांडे।
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राष्ट्रवादी कवि श्री रामधारी सिंह ' दिनकर' जी हाँ, वसन्त की सरस घड़ी है , जी करता मैं भी कुछ गाऊँ; कवि हूँ, आज प्रकृति-पूजन में निज कविता के दीप जलाऊँ। क्या गाऊँ? सतलज रोती है, हाय! खिलीं बेलियाँ किनारे। भूल गए ऋतुपति, बहते हैं, यहाँ रुधिर के दिव्य पनारे। बहनें ची रहीं रावी-तट, बिल रहे बच्चे मतवारे; फूल-फूल से पूछ रहे हैं, कब लौटेंगे पिता हमारे? उफ? वसन्त या मदन-बाण है? वन-वन रूप-ज्वार आया है। ...
सरहद के पार से, भाग 2(श्री रामधारी सिंह' दिनकर' जी), ओजस्वी वाचन -श्री राजेंद्र पांडे
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राष्ट्रवादी कवि श्री रामधारी सिंह ' दिनकर' जी यह झण्डा, जिसको मुर्दे की मुट्ठी जकड़ रही है, छिन न जाय, इस भय से अब भी कस कर पकड़ रही है; थामो इसे; शपथ लो, बलि का कोई क्रम न रुकेगा, चाहे जो हो जाय, मगर, यह झण्डा नहीं झुकेगा। इस झण्डे में शान चमकती है मरने वालों की, भीमकाय पर्वत से मुट्ठीभर लड़नेवालों की। इसके नीचे ध्वनित हुआ 'आजाद हिन्द' का नारा, बही देश भर के लोहू की यहाँ एक हो धारा। जिस दिन हो...
सरहद के पार से/सामधेनी भाग 1(श्री रामधारी सिंह' दिनकर' जी), ओजस्वी वाचन -श्री राजेंद्र पांडे जी
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सरहद के पार से/सामधेनी भाग 1(श्री रामधारी सिंह' दिनकर' जी), ओजस्वी वाचन -श्री राजेंद्र पांडे जी
विपत्ति में,विरोध में,अडिग रहो,अटल रहो।(प्रेरणाप्रद काव्य), श्री रामधारी सिंह ' दिनकर' जी।
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विपत्ति में,विरोध में,अडिग रहो,अटल रहो।(प्रेरणाप्रद काव्य), श्री रामधारी सिंह ' दिनकर' जी।
मेरे नागपति!मेरे विशाल!(हिमालय), काव्यकृति -हुंकार(श्री रामधारी सिंह ' दिनकर' जी/ओजस्वी वाचन🔥
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मेरे नागपति!मेरे विशाल!(हिमालय), काव्यकृति -हुंकार(श्री रामधारी सिंह ' दिनकर' जी/ओजस्वी वाचन🔥
उठो धरा के अमर सपूतो (श्री द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी), ओजस्वी काव्यवाचन -श्री राजेंद्र पांडे।
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उठो धरा के अमर सपूतो (श्री द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी), ओजस्वी काव्यवाचन -श्री राजेंद्र पांडे।
जीवन एक संग्राम नहीं है(श्री रामधारी सिंह' दिनकर' जी),ओजपूर्ण काव्यावाचन -श्री राजेंद्रपांडे।
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जीवन एक संग्राम नहीं है(श्री रामधारी सिंह' दिनकर' जी),ओजपूर्ण काव्यावाचन -श्री राजेंद्रपांडे।
युद्ध नहीं जिनके जीवन में (श्री रामधारी सिंह दिनकर जी), वीरकाव्य, ओजस्वी वाचन -श्री राजेंद्र पांडे
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युद्ध नहीं जिनके जीवन में (श्री रामधारी सिंह दिनकर जी), वीरकाव्य, ओजस्वी वाचन -श्री राजेंद्र पांडे
जौहर की जलती चिंगारी (श्री रामधारी सिंह' दिनकर' जी),वीर रस युक्त काव्य ( वाचन-श्री राजेंद्र पांडे)
Просмотров 47521 день назад
जौहर की जलती चिंगारी (श्री रामधारी सिंह' दिनकर' जी),वीर रस युक्त काव्य ( वाचन-श्री राजेंद्र पांडे)
राष्ट्रीय एकता दिवस (लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की जयंती की शुभकामनाएं), कविता - पटेल के प्रति।
Просмотров 8621 день назад
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आओ फिर से दिया जलाएं (श्री अटलबिहारी वाजपेयी जी), सुन्दर वाचन -श्री राजेंद्र पांडे, शुभ दीपावली 👏💐
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आओ फिर से दिया जलाएं (श्री अटलबिहारी वाजपेयी जी), सुन्दर वाचन -श्री राजेंद्र पांडे, शुभ दीपावली 👏💐
समर शेष है, भाग - 2,(राष्ट्रकवि -श्री रामधारी सिंह 'दिनकर' जी), ओजस्वी वाचन-श्री राजेंद्र पांडे
Просмотров 42221 день назад
समर शेष है, भाग - 2,(राष्ट्रकवि -श्री रामधारी सिंह 'दिनकर' जी), ओजस्वी वाचन-श्री राजेंद्र पांडे
समर शेष है, भाग - 1,(राष्ट्रकवि -श्री रामधारी सिंह 'दिनकर' जी), ओजस्वी वाचन-श्री राजेंद्र पांडे
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समर शेष है, भाग - 1,(राष्ट्रकवि -श्री रामधारी सिंह 'दिनकर' जी), ओजस्वी वाचन-श्री राजेंद्र पांडे
कृष्ण की चेतावनी (महाकाव्य - रश्मिरथी, तृतीय सर्ग) ओजस्वी वाचन, अलग अंदाज में - श्री राजेंद्र पांडे
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कृष्ण की चेतावनी (महाकाव्य - रश्मिरथी, तृतीय सर्ग) ओजस्वी वाचन, अलग अंदाज में - श्री राजेंद्र पांडे
अचेत की पुकार (वीर रस युक्त काव्य), ओजस्वी वाचन - श्री राजेंद्र पांडे
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अचेत की पुकार (वीर रस युक्त काव्य), ओजस्वी वाचन - श्री राजेंद्र पांडे
अंतस्तल में ज्वार उठा रे( श्री रामधारी सिंह ' दिनकर ' जी), ओजस्वी वाचन -श्री राजेंद्र पांडे
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अंतस्तल में ज्वार उठा रे( श्री रामधारी सिंह ' दिनकर ' जी), ओजस्वी वाचन -श्री राजेंद्र पांडे
आने वालों तुम्हें प्रणाम(राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी), ओजस्वी वचन - श्री राजेंद्र पांडे
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आने वालों तुम्हें प्रणाम(राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी), ओजस्वी वचन - श्री राजेंद्र पांडे
कुरुक्षेत्र -सप्तम सर्ग ,वीर रस युक्त काव्य(श्री रामधारी सिंह दिनकर जी, ओजस्वी वाचन -राजेंद्र पांडे
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कुरुक्षेत्र -सप्तम सर्ग ,वीर रस युक्त काव्य(श्री रामधारी सिंह दिनकर जी, ओजस्वी वाचन -राजेंद्र पांडे
बधाई सर बहुत ओजस्वी वाणी में कविता का वाचन किया है
🙏
Kis kavya se liya h sir
परशुराम की प्रतीक्षा खंड 5से।
H😂❤🎉
0:57 0:57 0:57 0:57 0:57
G
Great gurujii❤❤❤❤❤❤
❤❤
Akhand Vishva Guru Bharat Satya Sanatan Dharm ki Jay Ho
अखंड विश्व गुरु भारत सत्य सनातन धर्मकी जय हो
Jai Ho
ruclips.net/video/fGpfqVG6gvg/видео.html
Nice❤🎉
Best post respected sir 🙏
@@happynewday9300 🙏
Jai ho Kavi Raj Ki
प्रभावशाली प्रस्तुति।
Jai bhawani
👍👍🙏🙏
Lage Rahi 🙏🙏🙏🙏🙏
Nice sir ji
दरबारी कवि 😂 गांधी के मरने के बाद लेहरू सेना ने कितनी हिंसा की उसका हिसाब कौन देगा? इंदिरा के मरने के बाद सिक्खों के नरसंहार की जिम्मेदारी कौन लेगा? गांधी हो या लेहरू , कोई भी देश से बड़ा नहीं होता समर शेष है और जब तक हिंदुओं के साथ सभी तरह का भेदभाव खत्म नहीं होता और मुस्लिमों की बढ़ती आबादी पर रोक नहीं लगती तब तक समर चलता रहेगा 7 प्रतिशत से बढ़कर जो 17 प्रतिशत हुए हैं ,जल्दी ही 17 से 40 प्रतिशत होंगे और गांधी की सेना, जिन्ना की सेना में अंतर करना मुश्किल हो जाएगा मुस्लिम लीग को पूरे भारत के मुस्लिम ने वोट दिया था
जय हिंद
🙏🙏
🎉
Wah! Kya baat hai sir
Hll
❤
❤❤
अति सुंदर sir Ji
बहुत सुंदर❤❤❤🎉
🙏🙏🙏🙏
❤❤
❤❤❤🎉
❤❤❤
❤❤❤❤
👌👌🙏🙏
❤❤🎉. सुंदर प्रस्तुति
राधे राधे प्रभु जी 🙏🙏🙏 बहुत अच्छा है।
👍👍👍
❤🎉
❤❤
👌👌
😊😊😊😊😊😊
Isko kisi doosre tareeke se padhne chahiye tha
Kya bat h sir ❤👌
❤
Nice 🙂👍
Kya bat h ❤
Waw guru ji
Bahut sundar
Nice❤
Mausam ki bahar liya ❤ Good evening sir ma Dhairya bora 😊
🙏🙏
🎉🎉❤❤