ओशो ज्ञान
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प्रेम, यौन और समाधी (OSHO)प्रेम, यौन और समाधी (OSHO)
प्रेम, यौन और समाधी (OSHO)
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प्रेम: ओशो प्रेम को बिना शर्त और स्वाभाविक मानते हैं। वे कहते हैं कि सच्चा प्रेम व्यक्ति को स्वतंत्र करता है, न कि बंधन में बांधता है। सेक्स: सेक्स को ओशो केवल शारीरिक क्रिया नहीं मानते। उनके अनुसार, यदि इसे सही समझा जाए, तो यह एक दिव्य अनुभव बन सकता है, जो व्यक्ति को गहरे ध्यान और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। समाधि: समाधि वह अवस्था है, जहां मन शांत हो जाता है और आत्मा अपनी पूर्णता में पहुँच जात...
अपनेको प्रेम करो (OSHO)अपनेको प्रेम करो (OSHO)
अपनेको प्रेम करो (OSHO)
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“पहले अपने आप से प्रेम करो, क्योंकि अगर तुम अपने आप से प्रेम नहीं कर सकते, तो कोई और तुम्हें कैसे प्रेम करेगा?” ओशो का यह संदेश एक गहरी सी देता है कि आत्म-प्रेम से ही हम जीवन को बेहतर तरीके से जी सकते हैं और दूसरों के साथ सच्चा संबंध बना सकते हैं।
धन और प्रेमधन और प्रेम
धन और प्रेम
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वर्तमानमे जिना सिको ( OSHO Hindi Speech)वर्तमानमे जिना सिको ( OSHO Hindi Speech)
वर्तमानमे जिना सिको ( OSHO Hindi Speech)
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वर्तमानमा बाँच्न सिक्नु जीवनको सबैभन्दा ठूलो कला हो। धेरैजसो समय, हामी भूतकालका पछुतोहरू वा भविष्यका चिन्ताहरूमा हराउँछौं, जसले वर्तमान क्षणलाई उपेक्षा गराउँछ। तर, साँचो सु र शान्ति वर्तमान क्षणमा नै पाइन्छ।
जरूरत र इमानजरूरत र इमान
जरूरत र इमान
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माँ वाप और वेटा वेटीमाँ वाप और वेटा वेटी
माँ वाप और वेटा वेटी
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मनबाट छुट्कारामनबाट छुट्कारा
मनबाट छुट्कारा
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जो चाहे ओ बन्नेकी कला ( OSHO)जो चाहे ओ बन्नेकी कला ( OSHO)
जो चाहे ओ बन्नेकी कला ( OSHO)
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ओशो ने "जो चाहो, वह बनने की कला" पर गहराई से बात की है। उनके विचार हमें यह सिखाते हैं कि हमारी हर इच्छा को पूरा करने की क्षमता हमारे भीतर ही मौजूद है, बशर्ते हम उसे सही तरीके से समझें और उसे साकार करने के लिए पूरे दिल से प्रयास करें।
प्रेम के हो ? ( OSHO Thoughts)प्रेम के हो ? ( OSHO Thoughts)
प्रेम के हो ? ( OSHO Thoughts)
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ओशोको प्रेम प्रतिको धारणा गहिरो र धेरै आयामयुक्त छ। उहाँले प्रेमलाई केवल भावनात्मक र शारीरिक सम्बन्धसम्म सीमित राख्नुभएन। बरु, प्रेमलाई एक आध्यात्मिक, स्वतन्त्रता दिने, र आत्म-परिवर्तनको माध्यमका रूपमा हेर्नुभयो ।

Комментарии

  • @Rakhi-j3v
    @Rakhi-j3v 14 минут назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @narendrasah8128
    @narendrasah8128 7 часов назад

    Anirvachniya 🙏

  • @raginisinghmusic1425
    @raginisinghmusic1425 День назад

    अतीत है क्या सिवा स्मृतियों के ढेर के,राख है अंगार भी तो नहीं तो बची,राख से मुक्त होने में क्या असंभव है? राख को ढोना मूढ़ता है।राख से मुक्त हो जाना सहज सरल बात होनी चाहिए। जो बिता सो बिता वह अब जा चूका है हाथ पकड़ कर क्यों बैठे हो,हाथ तुम्हारे खाली है, रो भी तो लौट कर नहीं आएगा। समय लौट कर आता ही नहीं

  • @raginisinghmusic1425
    @raginisinghmusic1425 День назад

    मन का फैलावा ही संसार है।

  • @SOLANKIABHISHEKTECH
    @SOLANKIABHISHEKTECH День назад

    Nice speech by oshoo

  • @RajKumar-nv7sv
    @RajKumar-nv7sv День назад

  • @tejbahadurkumar8815
    @tejbahadurkumar8815 2 дня назад

    💯🙏🙏🌅