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Ruhaani Poems
Добавлен 24 фев 2013
You are at the right place if you like to read hindi poetry, I write from the core of my heart and I always thankful to those who appreciate my words and encourage me
कविताएं जो मै लिखती हूं वो इक भाव है मै नहीं हूं। इक भाव जो आता है चला जाता है। कई बार तो अपना पुराना लिखा पढ़ती हूं तो खुद ही विश्वास नहीं कर पाती , सोचती हूं ओ तेरी! इतना भारी भरकम मैने कब सोच लिया। सोचते तो सभी है । जरूरत है तो बस कागज, कलम की । अब तो मै सोचने लगी हूं कि इक लेखक का कर्तव्य है कि वो अपने हर भाव को कलमबद्ध करे, ये तो इक वरदान है । जो विचार भगवान दुनिया तक पहुंचाना चाहते है उसी प्रेरणा से लेखक लिखता है । लेखक तो इक जरिया मात्र है। कब, कौनसा विचार किसकी जिंदगी बदल दे।
कविताएं जो मै लिखती हूं वो इक भाव है मै नहीं हूं। इक भाव जो आता है चला जाता है। कई बार तो अपना पुराना लिखा पढ़ती हूं तो खुद ही विश्वास नहीं कर पाती , सोचती हूं ओ तेरी! इतना भारी भरकम मैने कब सोच लिया। सोचते तो सभी है । जरूरत है तो बस कागज, कलम की । अब तो मै सोचने लगी हूं कि इक लेखक का कर्तव्य है कि वो अपने हर भाव को कलमबद्ध करे, ये तो इक वरदान है । जो विचार भगवान दुनिया तक पहुंचाना चाहते है उसी प्रेरणा से लेखक लिखता है । लेखक तो इक जरिया मात्र है। कब, कौनसा विचार किसकी जिंदगी बदल दे।
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legalish ...jahnvi presentation at Agarwal shark tank
Просмотров 2Месяц назад
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नियन्ता
Просмотров 192 месяца назад
वक्त कहां अपने हाथ में है लम्हे पकडते पकड़ते भी फिसल जाते हैं सोचा सोचा ही रह जाता है संयोग कुछ और ही बन जाता है अपनी चिंता, अपनी घबराहट अपनी भविष्य की बड़ी बड़ी योजनाएं धरी के धरी रह जाती है और कुछ आकस्मिक घट जाता है कभी कुछ सुखद कभी बेहद दुखद दोष किसका, शिकायत किससे कल से हम अंजान है नियन्ता सब देखता है, जानता है और उसी हिसाब से हमारा आज गढ़ता है चुप रहकर माटी के पुतलों को माटी के मोह में फंस...
कभी तो शुरुआत करनी होगी
Просмотров 543 месяца назад
कभी तो शुरुआत करनी होगी आज नही कल, अभी नही बाद मे, करते करते कितने ही आज निकल जाते है, कभी डर में, कभी आलस में हाथों से ये पल फिसल जाते है, अगर सोच लो तो क्या मुमकिन नही, शुरुआत मुश्किल होती है सभी के लिये, कुछ पसीना, कुछ आंसू, शायद कुछ ज़ख्म भी सब कुछ दर्द भरा लगता है, ये सबको डराते है मगर संघर्ष के पीछे छुपी खुशी देखना ही जिन्दगी है वो जिन्दगी जिसे पाने का सपना देखते है और कभी तो शुरुआत करनी ह...
दुःख जिंदगी नहीं उससे लगाई उम्मीदे देती है
Просмотров 9Год назад
दुः जिंदगी नहीं उससे लगाई उम्मीदे देती है
Bahut pyari kavita likhi h 🎉🎉❤
❤bahot khub🎉
❤ very true 👌
जय श्री राम
सही कहा
ati sundar
Sahi bataya❤👌
Nice!
बढ़िया 🎉❤
saras
👌🏻👌🏻
saras poem
Mai bhi seekh rahi hu ruhani ji
Very nice ❤🎉
This is so well written!
How are things?, incredible -
BEAUTIFUL
Thank you! 😊
Haa haa😂
♥️🫶
❤❤
❤❤
Miss u di 😊
Well said ♾♡
Wah!!!!!!❤
Thanks
bhot bdhiya
🎉❤
😅😅😅😅😅
Jo rook jate hai... Kismat bhi rok jate hai... Apne ache kiye 🙏🏻✌🏻
I like your way of speaking and your face with goggles
saras
😅😅
Very nice.
❤❤❤❤❤
niswarth prem ki devi 🙏
अति सुंदर, रूह से रूह तक पहुंचने वाली कविता
very nice
ati sundar
Kya baat kya baat 👌👌👌👌🌹🌹
Bahoot khoob
Kya bat
Superb**
Thank youu
Superb ek dam sahi
Ya kia ha
😠😠😠😠
👌👌👌
Very nice.
Waaah
🤩🤩🤩
👌👌
Thank you😇
sundar
Thank you didi
Very true 👍
Thanks dear
Superb
😍❤️