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Dr Shreyansh Dwivedi डॉ श्रेयांश द्विवेदी
Добавлен 27 окт 2011
संस्थापक: कुलपतिः, महर्षिवाल्मीकिसंस्कृतविश्वविद्यालयः, मौनधारा, कपिष्ठलम् , हरियाणा
पूर्व उपाध्यक्ष, संस्कृतभारती, हरियाणा
पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा संस्कृत अकादमी, पञ्चकूला
पूर्व उपाध्यक्ष, संस्कृतभारती, हरियाणा
पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा संस्कृत अकादमी, पञ्चकूला
१४ वक्रोक्ति अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
डॉ श्रेयांश द्विवेदी
Dr Shreyansh Dwivedi
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१३ . रूपक अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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१३. वक्रोक्ति -अलंकारः । प्रस्तोता - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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लक्षणम्- यदुक्तमन्यथा वाक्यमन्यथान्येन योज्यते। श्लेषेण काक्वा सा ज्ञेया सा वक्रोक्तिस्तथा द्विधा ।। काप्र. 78 ।। अर्थ- जो वक्ता द्वारा अन्य प्रकार से अन्य अर्थ में कहा हुआ वाक्य दूसरे बोद्धा या श्रोता के द्वारा श्लेष अर्थात्शब्द के दो अर्थवाला होने से अथवा काकु अर्थात् बोलने के प्रकार से, अन्य प्रकार से अर्थात् वक्ता के अभिप्राय से भिन्न अर्थ में लगा लिया जाता है, वह वक्रोक्ति नामक अलंकार होता...
१२. यमक अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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१२. रूपक-अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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लक्षणम्- तद्रूपकमभेदो यः उपमानोपमेययो:। रूपकं रूपितारोपो विषये निरुपह्नवे।।अर्थ- उपमान और उपमेय (जिनका भेद प्रसिद्ध है) का जो (समानता के कारण) अभेद है, वह रूपक अलंकार है। यह एकता को रूपित करता है, अर्थात् उपमेय को उपमान बना लेता है । जहाँ उपमेय को उपमान के साथ अभेद रूप से प्रस्तुत किया जाता है, वहाँ रूपक अलंकार होता है। यह अर्थालंकार है । उदाहरणम्- अनलङ्कृतशरीरोऽपि चन्द्रमु आनन्दयति मम हृदयम्। ...
११. मानवीकरण अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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११. यमक -अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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लक्षणम्- सत्यर्थे पृथगर्थायाः स्वरव्यञ्जन संहतेः। क्रमेण तेनैवावृत्तिर्यमकं विनिगद्यते ।। अर्थात् जहाँ अर्थयुक्त भिन्न-भिन्न अर्थों के शब्दों की पूर्वक्रम से आवृत्ति होती है, वहाँ यमक अलंकार होता है। यहाँ एक वर्णसमूह का अर्थ दूसरे वर्णसमूह से अलग होगा। यह शब्दालंकार है। यमौ द्वौ समजातौ तत्प्रकृतिर्यमकम्’। यमकादौ भवेदैक्यं डलोर्बवोर्लरोःशसोः अर्थात् जहाँ समान रूप से दिखाई देने वाले दो शब्द अर्थ ...
१०. भ्रांतिमान अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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९. पुनरुक्ति अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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१०. भ्रांतिमान् अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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लक्षणम्- भ्रान्तिमानन्यसंवित्तत्तुल्यदर्शने ।। काप्र. १०/१३२ ।। अर्थ- उस [ अन्य अप्राकरणिक वस्तु के समान [प्राकरणिक वस्तु के देखने पर जो अन्य वस्तु [ अप्राकरणिक अर्थ का भान होता है वह भ्रांतिमान [अलङ्कार कहलाता] है उदाहरणम्-कपाले मार्जारः पय इति करान्लेढि शशिनः, तरुच्छिद्रप्रोतान्बिसमिति करी संकलयति । रतान्ते तल्पस्थान्हरति वनिताप्यंशुकमिति, प्रभामत्तश्चन्द्रो जगदिदमहो विप्लवयति ।। काप्र. १०/ ५...
८. दृष्टान्त अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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७. उपमा अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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९ . पुनरुक्तवदाभास अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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पुनरुक्तवदाभासो विभिन्नाकारशब्दगा। एकार्थतेव शब्दस्य तथा शब्दार्थयोरयम्।। काप्र. ९/३८६ अर्थ- भिन्न भिन्न रूप वाले सार्थक और अनर्थक शब्दों में आपाततः एकार्थकता की प्रतीति होना ही पुनरुक्तवदाभास नामक अलंकार होता है। अर्थात् पुनरुक्ति सी प्रतीति होती है किन्तु वस्तुतः होती नहीं । अरिवधदेहशरीरःसहसा रथिसूततुरगपादातः। भाति सदानत्यागःस्थिरतयामवनितलतिलकः ।। काप्र. ९/३८९ जो शत्रुविनाशिनी (अरिवधदा) चेष्ट...
६. उत्प्रेक्षा अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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५. अर्थान्तरन्यास अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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५. अर्थान्तरन्यास अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
८. दृष्टांत -अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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८. दृष्टांत -अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
४. अपह्नुति अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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४. अपह्नुति अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
३. अन्योक्ति अलङ्कार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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३. अन्योक्ति अलङ्कार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
७. उपमा -अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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७. उपमा -अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
६. उत्प्रेक्षा- अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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६. उत्प्रेक्षा- अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
१. अतिशयोक्ति अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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१. अतिशयोक्ति अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
२. अनुप्रास अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
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२. अनुप्रास अलंकार । प्रस्तुति - डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyabsh Dwivedi
५. अर्थान्तरन्यास- अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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५. अर्थान्तरन्यास- अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
४. अपह्नुति-अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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४. अपह्नुति-अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
संस्कृत-अलंकार-प्रस्तावना। प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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संस्कृत-अलंकार-प्रस्तावना। प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
३. अन्योक्ति - अलङ्कारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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३. अन्योक्ति - अलङ्कारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
२ अनुप्रास- अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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२ अनुप्रास- अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
१ अतिशयोक्ति-अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
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१ अतिशयोक्ति-अलंकारः । प्रस्तोता- डॉ श्रेयांश द्विवेदी Dr Shreyansh Dwivedi
Shrimad Valmiki Ramayanam 2/50 श्रीमद्वाल्मीकिरामायणे अयोध्याकाण्डे पञ्चाशः सर्गः।
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Shrimad Valmiki Ramayanam 2/50 श्रीमद्वाल्मीकिरामायणे अयोध्याकाण्डे पञ्चाशः सर्गः।
प्रणाम गुरु जी। अच्छी व्याख्या और उत्तम दृष्टांत
धन्यवाद
ज्ञानवर्धक प्रस्तुति प्रणाम गुरु जी 🙏
🎉🎉🎉
प्रणाम गुरु जी 🙏
बहुत सुंदर, सटीक उदाहरण गुरु जी। प्रभावी स्पष्टीकरण और व्याख्या 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद
अति मधुरं प्रणाम गुरु जी 🙏
अति सुंदर
अति सुंदर। जय माँ लक्ष्मी 🙏🏼 प्रणाम गुरु जी 🙏🏼
जय श्री राम
अति सुंदर
Jaisiyaram
Shubhai deepawali
Pranam sir 🙏🏻 Dipotasv ki subhkamna 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐💐
Har har mahadev
श्री राम के वन गमन का उत्तम पाठ प्रणाम गुरु जी 🙏
Kaha se ha
Jaisiyaram
❤🎉🎉🎉🎉🎉❤
🙏
जयसियाराम
जयसियाराम
Jaisiyaram
कथा श्रवण का पारायण करवाने के लिए हार्दिक आभार गुरु जी। प्रणाम 🙏
जयश्रीराम
Jaisiyaram
सभी राष्ट्र प्रेमियो को महर्षि वाल्मिकी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ
आपको भी महर्षि वाल्मीकि जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ
अति सुन्दर
Jaisiyaram
अति सुन्दरमं 😅
बहुत सुंदर जय श्रीराम।
जयतु 🎉
Jaisiyaram
जय श्री राम। चतुर्थ सर्ग का भाव प्रवण सुंदर पाठ। प्रणाम गुरु जी
@@SwayamsidhhaSheel धन्यवाद
@@SwayamsidhhaSheel चौंतीसवाँ सर्ग चतुस्त्रिंशः सर्गः
@@SwayamsidhhaSheel आपने सुना देखा प्रतिक्रिया दी एतदर्थ आभार
Jai shree ram
Jaisiyaram
जयश्रीराम
जयश्रीराम
जय श्री राम श्री राम, लक्ष्मण, सीता के वनमगमन की भावपूर्ण कथा। प्रणाम गुरुवर 🙏🏼
@@SwayamsidhhaSheel आपका आभार
जयश्रीराम
जय माता की
सुंदर काव्य पाठ गुरु जी। प्रणाम
@@SwayamsidhhaSheel आभार
पिता पुत्र जैसा और पुत्री माता जैसी ......अधिकतर ऐसा ही देखा है मगर अपवाद भी हैं।
@@SwayamsidhhaSheel अवश्य
Jaisiyaram
माँ स्कंदमाता का बहुत सुंदर आह्वान ! सुमधुर स्तुति प्रणाम गुरु जी 🙏
धन्यवाद
प्रसन्न रहो
जयसियाराम
Jaisiyaram
बहुत सुंदर सृजन, सुमधुर प्रस्तुति। माँ चन्द्रघण्टा की जय 🙏
माता रानी को अति सुंदर भेंट। गीत के भाव, शिल्प, सुमधुर प्रस्तुति के लिए वाह वाह गुरु जी 👌👌👌👌👌👏👏👏👏
धन्यवाद
भावपूर्ण, सुंदर पाठ प्रणाम गुरु जी 🙏
@@SwayamsidhhaSheel जयश्रीराम
Jaisiyaram