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Tricky Teach knowledge
Добавлен 13 сен 2023
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Shradha -Manu.....Jay Shankar Prasad Ji 🙏
Просмотров 616 часов назад
Shradha -Manu.. Jay Shankar Prasad Ji 🙏
Abigat Gati Kachhu Kahat n Aavai....Soordas Ji 🙏💐
Просмотров 921 день назад
Abigat Gati Kachhu Kahat n Aavai....Soordas Ji 🙏💐
Panchvati ki Chhaya mein 🙏🌹 Maithili Sharan Gupt Ji
Просмотров 4721 день назад
Panchvati ki Chhaya mein 🙏🌹 Maithili Sharan Gupt Ji
Maine Aahuti Bankar Last four lines.Agyey Ji 🙏💐
Просмотров 43Месяц назад
Maine Aahuti Bankar Last four lines.Agyey Ji 🙏💐
Beeti Bibhavari Jaag Ri 🙏💐 Jayshankar Prasad Ji
Просмотров 26Месяц назад
Beeti Bibhavari Jaag Ri 🙏💐 Jayshankar Prasad Ji
Charan Kamal Bandaun Hari Rai 🙏🌹🌹Soordas Ji
Просмотров 44Месяц назад
Charan Kamal Bandaun Hari Rai 🙏🌹🌹Soordas Ji
Charu Chandra ki Chanchal Kiranen.Maithilisharan Guptji 🙏🌹🌹(2)
Просмотров 27Месяц назад
Charu Chandra ki Chanchal Kiranen.Maithilisharan Guptji 🙏🌹🌹(2)
Path ki Pahchan 🙏🌹 Harivansh Rai Bachchan Ji 🙏
Просмотров 53Месяц назад
Path ki Pahchan 🙏🌹 Harivansh Rai Bachchan Ji 🙏
Udhau mohin Braj Bisrat ...Bhramar geet 🙏🙏🌄🌹
Просмотров 1311 месяцев назад
Udhau mohin Braj Bisrat ...Bhramar geet 🙏🙏🌄🌹
Mach weiter!😊
Thank you for good comment 🙏🌹
Күшті
Thank you 🙏❤️
Good
Thank you for watching 🙏🌹
Radhe Krishna Gopal Jay Jay Jay Jay Jai 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️🌹🌺🌺🌹🌹🌺🌺🌹🌹🌺🌺🌺🌹🌹
Jay Jay Shree Radhe 🌹🌹🙏🙏
🎉🎉❤❤
Thank you 🌹🌹
😢❤
Thank you for watching my channel so deeply 🌹🙏
रामसखी कृत पद्य -७७- सदगुरु शरण आजा सदगुरु सर्वरूप आधार ;। गहे, जो चाहे है उद्धार ॥ सदगुरु विज्ञान की नौका है तेरे लिये तैयार । बसबैठ, न कर कुछ संशय, हो जावे क्षण में पार॥१॥ वो बारम्बार बुलाते, दे रहे अस्ति तलवार । जिससे भ्रम, मोह कटै है, न लगे तनिक भी वार॥२॥ अरु दिव्य नेत्र वो खोले, दिखे तब सदगुर विश्वाकार। ये अहम् शीश ले लेवे, रहें आप स्वयं ही निर्विकार ॥३॥ ये सीधा मारग मिलता, क्यों खोवे मूर्ख गँवार। सदगुर की शरण में आजा, रामसखी कह रही पुकार॥४॥ संक्षिप्त व्याख्या- इस पद्य में जटिल भोगों में फँसे जीव को सदगुरु की शरण में आने के लिए प्रेरित किया है। तत्वदर्शी त्रिकालज्ञ सदगुरु सर्वरूप (विश्वरूप) होने से सर्वाधार (मूलाधार) है। ऐसे सदगुरु को जो गहे ( धारण करे) अर्थात् उनसे प्राप्त ज्ञान आत्मसात करे तो उसका उद्धार (आवागमन से मुक्ति मिल जीवनमुक्त अवस्था) हो सकता है। सदगुरु की विज्ञान-नौका (दिव्यचक्षुयोग) तैयार है। इस नौका में बैठकर ( दिव्यचक्षु प्राप्त कर) भवसागर ( संसार के मलिन विषय विकार, तृष्णा रूप समुद्र ) पार हो जायेगा। इसमें कुछ भी संशय नहीं है। सदगुरु भगवान मायानंद चैतन्य बारम्बार बुलाते हैं और ‘अस्ति’ ( आप सहित संपूर्ण विश्व केवल एक अस्ति या ‘है’ है ) रूप तलवार दे रहे हैं। इस तलवार से मेरा-तेरा, मोह, आसक्ति, विश्व से अपनी अलग सत्ता की मानिंदी रूप भ्रम आदि सब कट जायेंगे (खतम हो जाएँगे) और जरा सा वार भी नहीं लगेगा।॥२॥ सदगुरु दिव्यचक्षु देकर दिव्य नेत्र ( ‘अस्ति’ रूप परमात्मा को देखने, लखने की बुद्धि रूप नेत्र) खोल देते हैं, तब सद्गुरु विश्वरूप के रूप (आकार) में दीखने लगता है अर्थात् विश्व के सारे अनंत स्वरूप सदगुरु स्वरूप ही हैं ऐसा निश्चय होता है। सदगुरु के पास जो जाता है वह उसका अहं शीश ( व्यष्टि अहं) ले लेते हैं ( व्यष्टि अहं का समष्टि में लय प्रत्यक्ष कर देते हैं) फिर तो निर्विकार , निर्विकल्प सदगुरु ही रह जाते हैं अर्थात् जो जानने जाता है वह ज्ञान दृष्टि से उन्हीं का स्वरूप हो जाता हैजैसा कि गोस्वामी तुलसीदास जी भी कहते हैं -“ जो जानहिं जेहि देउ जनाई। जानत तुमहि तुमहि हो जाई”॥३॥ रामसखी मानवमात्र को पुकारकर कहती है कि व्यर्थ की मूरखताई वश यह अनमोल अवसर मत खोओ क्योंकि सदगुरु के पास यह (दिव्यचक्षुयोग का) सीधा , सरल रास्ता मिल रहा है अत: सदगुरु की शरण आजाओ।॥४॥-गौरा
Wow 🎉🎉 salute for editing ❤
Thank you for watching my channel so deeply 💐🌹
Jio raja
Thank you for watching 🙏🦚
Jay Mata di 🙏🙏
Jay Mata Di🙏
Thanks 🙏 for watching. Jay Mata di 🌹🌹