Sandeep Jain Aatmarthi
Sandeep Jain Aatmarthi
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100. श्लोक 31-32: पर्यायार्थिक नय का स्वरूप व भेद प्रभेद संक्षेप में
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99. श्लोक 31-32: अर्थनय, संग्रहनय व व्यवहारनय का स्वरूप, इन नयों का लाभ वीतरागता व आत्मानुभव है
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98. श्लोक 31-32: द्रव्यार्थिक नय- शब्द, अर्थ व ज्ञान नय का स्वरूप, नैगम नय का स्वरूप
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97. श्लोक 31-32: द्रव्यार्थिक व पर्यायार्थिक नय का सामान्य स्वरूप, शब्द, अर्थ व ज्ञान नय का स्वरूप
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97. श्लोक 31-32: द्रव्यार्थिक व पर्यायार्थिक नय का सामान्य स्वरूप, शब्द, अर्थ व ज्ञान नय का स्वरूप
96. श्लोक 31-32: तर्कज्ञान के बिना अनुमान ज्ञान मिथ्या ही होता है, तर्क से निर्णय सही करके जानो
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96. श्लोक 31-32: तर्कज्ञान के बिना अनुमान ज्ञान मिथ्या ही होता है, तर्क से निर्णय सही करके जानो
95. श्लोक 31-32: तर्कज्ञान का स्वरूप-सम्यकदर्शन शब्दो से नहीं उचित तर्क से होता है,व्याप्ति का ज्ञान
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95. श्लोक 31-32: तर्कज्ञान का स्वरूप-सम्यकदर्शन शब्दो से नहीं उचित तर्क से होता है,व्याप्ति का ज्ञान
94. श्लोक 31-32: तर्क ज्ञान का स्वरूप, तर्क से सम्यकदर्शन व कुतर्क से दर्शन मोह पुष्ट होता है
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93. श्लोक 31-32: स्मृति व प्रत्यभिज्ञान का स्वरूप,एकत्व सदृश्य आदि भेदों का स्वरूप,गाथा 14 की सिद्धि
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93. श्लोक 31-32: स्मृति व प्रत्यभिज्ञान का स्वरूप,एकत्व सदृश्य आदि भेदों का स्वरूप,गाथा 14 की सिद्धि
92. श्लोक 31-32: स्मृति ज्ञान का स्वरूप, स्मृति का प्रयोग हम कहां, कैसे कर रहे हैं, चिन्तन मनन करो
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92. श्लोक 31-32: स्मृति ज्ञान का स्वरूप, स्मृति का प्रयोग हम कहां, कैसे कर रहे हैं, चिन्तन मनन करो
91. श्लोक 31-32: ज्ञान इन्द्रिय व मन से नहीं होता, परोक्ष प्रमाण में स्मृति ज्ञान का स्वरूप
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90. श्लोक 31-32: ज्ञान की आराधना कल्याणकारी है, यत्नेन निरूप्य समुपास्यं हर हाल में करो, प्रमाण व नय
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90. श्लोक 31-32: ज्ञान की आराधना कल्याणकारी है, यत्नेन निरूप्य समुपास्यं हर हाल में करो, प्रमाण व नय
89. श्लोक 31-32 : विचार बहुत नहीं,प्रयत्न पूर्वक सम्यक विचार करके ज्ञान की आराधना करना कल्याणकारी है
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88.जिनागम की प्रत्येक लाइन आठ अंग सिखाती है(ज्ञान में ज्ञेयकृत अशुद्धता नहीं का उदा.) 8अंग धारण करो
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88.जिनागम की प्रत्येक लाइन आठ अंग सिखाती है(ज्ञान में ज्ञेयकृत अशुद्धता नहीं का उदा.) 8अंग धारण करो
87. प्रभावना अंग- विधा के अतिशय से अर्थात अज्ञान भ्रम का नाश करना ही प्रभावना है
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86. प्रभावना अंग- व्रत, तप, दानादि प्रभावना के लिए नहीं करो पर ऐसे करो कि स्वयं ही प्रभावना हो जाये
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85.प्रभावना अंग- ज्ञायक भाव की प्रकृष्ट भावना ही प्रभावना है,जो करनी नहीं पड़ती व हुए बिना नहीं रहती
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84.वात्सल्य अंग- अस्ति व नास्ति से वात्सल्य का स्वरूप,अपने को पूर्ण स्वाधीन ज्ञायक देखना वात्सल्य है
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83. वात्सल्य अंग- प्रमाद से अप्रीति व ज्ञायक का आश्रय ही धर्म में वात्सल्य है, वस्तु स्वभाव पहिचानिए
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83. वात्सल्य अंग- प्रमाद से अप्रीति व ज्ञायक का आश्रय ही धर्म में वात्सल्य है, वस्तु स्वभाव पहिचानिए
82. वात्सल्य अंग- देव-शास्त्र-गुरू की नहीं मानते,यही उनके प्रति हमारी अप्रीति है, अकर्तृत्व जानिए
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81. वात्सल्य अंग- वात्सल्य की भूमि पर ही सम्यकत्व का बीज पनपता है, वात्सल्य क्या, क्यों व कैसे ?
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80.वात्सल्य अंग-वस्तु स्वरूप की समझ पूर्वक संक्लेशता का अभाव ही वात्सल्य है, तत्वाभ्यास का पैमाना है
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79. वात्सल्य अंग - स्व व पर से निस्वार्थ प्रीति पहले 6 अंगों को धारण किए बिना संभव नहीं है
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78. स्थितिकरण अंग - पर में एकत्व ममत्वादि करना ही न्यायमार्ग से चलित होना है, ज्ञान की सजगता चाहिए
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77. स्थितिकरण अंग - हम कहां कहां किस प्रकार न्यायमार्ग से चलित हो रहे हैं,स्थितिकरण कैसे करें
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76. स्थितिकरण अंग - चार संज्ञा व कषाय भाव आना आश्चर्य नहीं है, उस समय स्थितिकरण नहीं करना आश्चर्य है
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75. स्थितिकरण अंग - चार संज्ञा के भाव से भयभीत ना होकर स्वपर में स्थिति करना व कराना ही स्थितिकरण है
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74. स्थितिकरण अंग - अपने कर्तव्यों से विमुख होना अन्याय व न्यायमार्ग में लगना व लगाना स्थितिकरण है
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73.पुरुषार्थ सिद्धि उपाय: उपगूहन अंग- ज्ञायक स्वभाव की भावना बारम्बार भाना ही उपबृंहण है
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73.पुरुषार्थ सिद्धि उपाय: उपगूहन अंग- ज्ञायक स्वभाव की भावना बारम्बार भाना ही उपबृंहण है
72.पुरुषार्थ सिद्धि उपाय: उपगूहन अंग-हर किसी को दोष बताना नहीं व सबसे दोष छिपाना नहीं यही उपगूहन है
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71. पुरुषार्थ सिद्धि उपाय: उपगूहन अंग- दोषों के काल में स्व व पर को शुद्ध ज्ञायक देखना ही उपगूहन है
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71. पुरुषार्थ सिद्धि उपाय: उपगूहन अंग- दोषों के काल में स्व व पर को शुद्ध ज्ञायक देखना ही उपगूहन है

Комментарии

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 5 дней назад

    जय जिनेंद्र

  • @maheshchandjain4202
    @maheshchandjain4202 5 дней назад

    स्वरूप का श्रद्धान नहीं है तो, गृहीत अगृहीत सब प्रकार से मिथ्या दृष्टि

    • @SandeepJainAatmarthi
      @SandeepJainAatmarthi 5 дней назад

      बिल्कुल सही बात है, सच्चे देव का भी सच्चा श्रद्धान नही होना भी गृहीत मिथ्यात्व ही है

  • @maheshchandjain4202
    @maheshchandjain4202 5 дней назад

    😊Jai Jinendra 😊🙏

  • @gunmalagadkar8876
    @gunmalagadkar8876 7 дней назад

    बहुत बहुत आभार 🙏

  • @sauravjain-zz4rk
    @sauravjain-zz4rk 9 дней назад

    JAI BOLO 1008 SHREE VASAPUJ BHAGWAN KI JAI

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 16 дней назад

    Jay Jinendra Udaipur

  • @vatsalyajain
    @vatsalyajain 16 дней назад

    🙏

  • @naynadixit5427
    @naynadixit5427 17 дней назад

    🙏🙏🙏 perfect

  • @Ashishjain-lm6jw
    @Ashishjain-lm6jw 21 день назад

    जघन्य आयु 20 वर्ष का क्या अर्थ है? क्योंकि आयु तो क्योंकि आयुष तो 1 वर्ष 1 दिन एक माह की भी देखी जाती है

  • @vimaljain646
    @vimaljain646 23 дня назад

    Namoatu bhagwan 🙏🏻

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 25 дней назад

    Jay Jinendra

  • @maheshchandjain4202
    @maheshchandjain4202 Месяц назад

    निर्णय सविकल्प और आत्मानुभव निर्विकल्प होता है🙏 😊जै जिनेन्द्र 😊🙏

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    ऋतु जैन

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    Jai Jinendra

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    जम आईडीभेजना

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    Jay Jinendra

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    Jay Jinendra

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    ज्यादा पाप से थोड़ाकाम पाप है

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    Jay जिनेंद्र

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    पहाड़ जैसी प्रतिकूलता है तो भी तत्वअभ्यासी बना

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    जय Jin जिनेंद्र

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    जय Jin जिनेंद्र

  • @ritujain6228
    @ritujain6228 Месяц назад

    जय Jin जिनेंद्र

  • @karunajain5443
    @karunajain5443 2 месяца назад

    Sound quality is intruptted between vedio

  • @maheshchandjain4202
    @maheshchandjain4202 2 месяца назад

    किसी मनुष्य को भूत लगने पर मनुष्य चेष्टा का कर्ता तो मनुष्य ही है, परन्तु ऐसे भावों का कर्ता मनुष्य नहीं है , उसी प्रकार, कर्म के निमित्त होने वाले भावों का कर्ता तो जीव ही है परन्तु ये जीव के निज भाव नहीं हैं, अतः उन भावों को कर्म क्रत कहते हैं 😊जै जिनेन्द्र 🙏

  • @RahulJain-sj6rf
    @RahulJain-sj6rf 2 месяца назад

    वास्तव में बात तो यही है पर यही श्रद्धान नहीं हो पाता

  • @riteshdesai8492
    @riteshdesai8492 2 месяца назад

    Aapka phone number chahiye

  • @nirmalajain7639
    @nirmalajain7639 2 месяца назад

    Jai jinendra🙏🙏

  • @vipulshah8422
    @vipulshah8422 2 месяца назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @madhujain7712
    @madhujain7712 3 месяца назад

    🙏🙏🙏📖

  • @SandeepJainAatmarthi
    @SandeepJainAatmarthi 4 месяца назад

    कुछ दिनों शिविरादिक में व्यस्तता के चलते 1 महीने के लिए क्लास नहीं होगी

  • @SandeepJainAatmarthi
    @SandeepJainAatmarthi 4 месяца назад

    अगली क्लास 9 जून 2024 से होगी

  • @jineshjain7824
    @jineshjain7824 4 месяца назад

    बहुत सुंदर रचना

  • @madhujain7712
    @madhujain7712 4 месяца назад

    🙏🙏🙏

  • @sanjayskamdar4283
    @sanjayskamdar4283 4 месяца назад

    🙏🙏🙏

  • @sanjayskamdar4283
    @sanjayskamdar4283 4 месяца назад

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @sanjayskamdar4283
    @sanjayskamdar4283 4 месяца назад

    Jai Jinendra 🙏🙏🙏

  • @rashmiashah4701
    @rashmiashah4701 4 месяца назад

    🙏🙏🙏

  • @rashmiashah4701
    @rashmiashah4701 4 месяца назад

    Bahut bahut sundar pravachan Panditaji 👏👏👏

  • @madhujain7712
    @madhujain7712 4 месяца назад

    👏👏👏🙏🏻🙏🏻

  • @singerarchanajainmaanjri585
    @singerarchanajainmaanjri585 4 месяца назад

    Nice didi

  • @AyushJain-tc7ds
    @AyushJain-tc7ds 5 месяцев назад

    The most guruwar the most

  • @maltijain8472
    @maltijain8472 5 месяцев назад

    बहुत अच्छा! जयजिनेंद्र

  • @pravinsanghvi3383
    @pravinsanghvi3383 5 месяцев назад

    Jai jinedra surat 🙏🙏🙏

  • @surendratak6536
    @surendratak6536 5 месяцев назад

    Sadar vandan

  • @SureshJainIndore
    @SureshJainIndore 5 месяцев назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @achlajain4523
    @achlajain4523 5 месяцев назад

    भरतेश वैभव में

  • @zbeast7872
    @zbeast7872 6 месяцев назад

    छटे काल के बारे में भी बताओ जी🙏

  • @Saksham-Jain5
    @Saksham-Jain5 6 месяцев назад

    Mujhe bhi Ishtopdesh Ji ka swadhayay karna hai, lakin mai kis trust ka granth mangwoan, mera pass granth nahi hai.... Kya aap apna phone no. de sakte hai please.

    • @SandeepJainAatmarthi
      @SandeepJainAatmarthi 6 месяцев назад

      Jai Jinendra Mera whatsapp No. He 9057275875

    • @SandeepJainAatmarthi
      @SandeepJainAatmarthi 6 месяцев назад

      Aap msg bheje me aapse baat karta hu me aapko bhijwane ka try karunga