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Dinesh Goswami Vlogs
Добавлен 14 дек 2015
Army
I am Dinesh Goswami From Ajmer (Pushkar) Rajasthan
I am Dinesh Goswami From Ajmer (Pushkar) Rajasthan
हिंगलाज माता मंदिर, हिंदू देवी सती को समर्पित 51 शक्तिपीठों में से एक है ||
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के हिंगलाज में स्थित हिंगलाज माता मंदिर, हिंदू देवी सती को समर्पित 51 शक्तिपीठों में से एक है. इस मंदिर के बारे में कुछ खास बातेंः

यह मंदिर हिंगोल नदी के किनारे बना है.

इस मंदिर को नानी मंदिर या नानी का हज के नाम से भी जाना जाता है. #matahinglaj #pakistan #video #temple

यह मंदिर वैवाहिक सुख और दीर्घायु की देवी को समर्पित है.

इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह वह स्थान है जहां देवी सती के अवशेष उनके आत्मदाह के बाद धरती पर गिरे थे.

इस मंदिर में भगवान गणेश, माता काली, और गोरखनाथ की धूनी भी स्थापित हैं.

इस मंदिर में माता गुफा के अंदर भी प्रवेश किया जा सकता है.

इस मंदिर की देखरेख हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमान भी करते हैं.

यहां मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां...

यह मंदिर हिंगोल नदी के किनारे बना है.

इस मंदिर को नानी मंदिर या नानी का हज के नाम से भी जाना जाता है. #matahinglaj #pakistan #video #temple

यह मंदिर वैवाहिक सुख और दीर्घायु की देवी को समर्पित है.

इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह वह स्थान है जहां देवी सती के अवशेष उनके आत्मदाह के बाद धरती पर गिरे थे.

इस मंदिर में भगवान गणेश, माता काली, और गोरखनाथ की धूनी भी स्थापित हैं.

इस मंदिर में माता गुफा के अंदर भी प्रवेश किया जा सकता है.

इस मंदिर की देखरेख हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमान भी करते हैं.

यहां मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां...
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Видео
#shorts
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पुष्कर का नाम कैसे पड़ा पुष्कर | #pushkar
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पुष्कर का नाम कैसे पड़ा पुष्कर | #pushkar #rajasthan #video #history
#dog #love
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#shorts #mahakal
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नंदकेश्वर महादेव 🔱 🙏 || जलधारा || महादेव 🙏 | शक्तिपीठ | नांद | Pushkar Tempal | Mahadev Tempal
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नंदकेश्वर महादेव 🔱 🙏 || जलधारा || महादेव 🙏 | शक्तिपीठ | नांद |
पुष्कर की भयानक घटना ||
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#pushkarworldfact #pushkar #rajasthan #history अपने नजदीक पुष्कर की भयानक घटना एक बार जरूर पढ़ें। ब्रह्म नगरी पुष्कर में जन्माष्टमी के पूर्व की वो भयानक खोपनाक काली रात । चारों और लाशों के ढेर ,नगर की गलियों में बहती खून की नदियां । मन्दिरो में भय से दुबके पुजारी ,ना कृष्ण जन्म की पूजा ना वेद मंत्रों का उच्चारण ना आरती का गान ना झालर टैंकोरे की पवित्र ध्वनि ना शं नाद । चारो ओर मौत का सन्नाटा । ...
पृथ्वीराज चौहान तृतीय | rajasthan history || #7 राजस्थान का इतिहास
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राजस्थान का इतिहास पृथ्वीराज चौहान तृतीय #history #rajasthan #rajasthanhistory #class #viralvideo चौहान राजवंश || Chauhan Rajvansh || #history #rajasthan आपकी मेहनत को तराशने और उसे सार्थक दिशा प्रदान करने के लिए एक मेरा छोटा सा प्रयास इसी सीरीज को देखने के लिए हमारे चैनल को फॉलो करें और वीडियो को लाइक करें और वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इसी प्रकार की वीडियो देखने के लिए हमसे जुड़े रहे...
चौहान राजवंश ||#5 अजमेर के राजा अणो॔राज चौहान || राजस्थान का इतिहास || Chauhan Rajvansh ||
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चौहान राजवंश || Chauhan Rajvansh || #history #rajasthan आपकी मेहनत को तराशने और उसे सार्थक दिशा प्रदान करने के लिए एक मेरा छोटा सा प्रयास इसी सीरीज को देखने के लिए हमारे चैनल को फॉलो करें और वीडियो को लाइक करें और वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इसी प्रकार की वीडियो देखने के लिए हमसे जुड़े रहे तथा इसका सेकंड पार्ट जल्द ही अपलोड होगा धन्यवाद || #rajasthan #history #knowledge #reetlevel1 #re...
चौहान राजवंश ||#6 अजमेर के राजा अणो॔राज चौहान के पुत्र || राजस्थान का इतिहास || Chauhan Rajvansh ||
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चौहान राजवंश || Chauhan Rajvansh || #history #rajasthan आपकी मेहनत को तराशने और उसे सार्थक दिशा प्रदान करने के लिए एक मेरा छोटा सा प्रयास इसी सीरीज को देखने के लिए हमारे चैनल को फॉलो करें और वीडियो को लाइक करें और वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इसी प्रकार की वीडियो देखने के लिए हमसे जुड़े रहे तथा इसका सेकंड पार्ट जल्द ही अपलोड होगा धन्यवाद || #rajasthan #history #knowledge #reetlevel1 #re...
चौहान राजवंश ||#4 अजमेर के राजा अणो॔राज चौहान || राजस्थान का इतिहास || Chauhan Rajvansh ||
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चौहान राजवंश || Chauhan Rajvansh || #history #rajasthan आपकी मेहनत को तराशने और उसे सार्थक दिशा प्रदान करने के लिए एक मेरा छोटा सा प्रयास इसी सीरीज को देखने के लिए हमारे चैनल को फॉलो करें और वीडियो को लाइक करें और वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इसी प्रकार की वीडियो देखने के लिए हमसे जुड़े रहे तथा इसका सेकंड पार्ट जल्द ही अपलोड होगा धन्यवाद || #rajasthan #history #knowledge #reetlevel1 #re...
चौहान राजवंश || राजस्थान का इतिहास || #3 Chauhan Rajvansh || #history #rajasthan
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चौहान राजवंश || राजस्थान का इतिहास || संस्थापक |शाखाएँ | #2 Chauhan Rajvansh || #history #rajasthan
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चौहान राजवंश || Chauhan Rajvansh || #history #rajasthan आपकी मेहनत को तराशने और उसे सार्थक दिशा प्रदान करने के लिए एक मेरा छोटा सा प्रयास इसी सीरीज को देखने के लिए हमारे चैनल को फॉलो करें और वीडियो को लाइक करें और वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इसी प्रकार की वीडियो देखने के लिए हमसे जुड़े रहे तथा इसका सेकंड पार्ट जल्द ही अपलोड होगा धन्यवाद || #rajasthan #history #knowledge #reetlevel1 #re...
चौहान राजवंश || राजस्थान का इतिहास || #1 Chauhan Rajvansh || #history #rajasthan
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चौहान राजवंश || Chauhan Rajvansh || #history #rajasthan आपकी मेहनत को तराशने और उसे सार्थक दिशा प्रदान करने के लिए एक मेरा छोटा सा प्रयास इसी सीरीज को देखने के लिए हमारे चैनल को फॉलो करें और वीडियो को लाइक करें और वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें इसी प्रकार की वीडियो देखने के लिए हमसे जुड़े रहे तथा इसका सेकंड पार्ट जल्द ही अपलोड होगा धन्यवाद || #rajasthan #history #knowledge #reetlevel1 #re...
तीर्थ नगरी पुष्कर की भयानक घटना || Terrible incident in pilgrimage city Pushkar || #pushkar #ajmer
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पुष्कर की भयानक घटना एक बार जरूर पढ़ें। ब्रह्म नगरी पुष्कर में जन्माष्टमी के पूर्व की वो भयानक खोपनाक काली रात । चारों और लाशों के ढेर ,नगर की गलियों में बहती खून की नदियां । मन्दिरो में भय से दुबके पुजारी ,ना कृष्ण जन्म की पूजा ना वेद मंत्रों का उच्चारण ना आरती का गान ना झालर टैंकोरे की पवित्र ध्वनि ना शं नाद । चारो ओर मौत का सन्नाटा । यह खोपनाक मंजर था तीर्थ नगरी पुष्कर में आज से 343 वर्ष पूर...
Jay Goswami aekta goswami devta ❤
proce
હરહરમહાદેવ
Thoda acting bhai
😊
Ohho
Kiya bhath hai
Thank You sir
scontent.fagr1-3.fna.fbcdn.net/v/t1.6435-9/117068034_2773880442836870_9144037157057945313_n.jpg?_nc_cat=111&ccb=1-7&_nc_sid=13d280&_nc_ohc=gosEOW3oKWsQ7kNvgEpSl8d&_nc_ht=scontent.fagr1-3.fna&oh=00_AYA7U2eL6IHkg4rXimsZNuLvYic2aGo5vxWZGCacCctJAQ&oe=66FA8E70 यह शिवलिंग कहाँ पर हैं। सबसे प्राचीन हैं।
😮
Nice
❤❤❤ Jay मां
jai ho
2nd part ...
Jai ho 😊
रात्रिसूक्तम और योगनिद्रा स्तुति कैसे करें। वर्तमान समय में , मनुष्य सोने से पूर्व कई ऐसी क्रियाएं करता है, जिससे उसे सोने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। यदि उन कार्यों के बीच अगर भगवान का स्मरण भी हो, तब निद्रा में सामना होने वाले अनेक बाधाओं पर विजय प्राप्त हो सकता है । इस लेख के द्वारा, हम समझेंगे तथा अपने जीवनशैली में उपयोग करने का प्रयत्न कर सकते हैं। रात्रिसूक्तम जिस प्रकार सो कर उठने के पश्चात के लिए वेदो में “सौरसूक्त” का जिक्र किया गया है, ठीक उसी प्रकार रात्रि में सोने से पहले के लिए भी “रात्रिसूक्त” का उल्लेख किया गया है इसको योगनिद्रा भी कहा जाता है। वेदों में कई देवी - देविताओं का ज़िक्र मिलता उसमें से एक देवी का स्वरुप “निद्रा देवी” का भी है। निद्रा देवी को “नींद की देवी” माना जाता है। जब आप बिस्तर पर सोने के लिए जाये तो उसके पहले रात्रि सूक्त का उच्चारण तीन बार अवश्य करे इससे आपको बहुत ही जल्द सुखदाई निद्रा की अनुभूति होगी। मंत्रोच्चार - या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।। - श्रीदुर्गासप्तशती, अध्याय 5 , श्लोक 16 जो देवी प्रत्येक प्राणि मात्र में निद्रा के रूप में विद्यमान हैं, उन्हें त्रिवार नमस्कार है। यह श्लोक बोलते रहें । इससे शनैः-शनैः विचार चक्र रुक जाते हैं और लय लग जाती है तथा दस - पंद्रह मिनटों में निद्राधीन हो जाते हैं। दुः स्वप्न न आये इसके लिए इन मंत्रो का उच्चारण करें - रामं स्कन्दं हनूमन्तं वैनतेयं वृकोदरम् । शयने यः स्मरेन्नित्यं दुःस्वप्नस्तस्य नश्यति ।। सोते समय मनुष्य द्वारा श्रीराम, स्कंद अर्थात कार्तिकेय, हनुमान, गरुड एवं भीम का स्मरण करने पर उसके दुःस्वप्नों का नाश होता है। सोने से पूर्व मनःपूर्वक प्रार्थना करें, ‘हे ईश्वर, दान यही दीजिए, आपका विस्मरण कभी न हो ।’ उपास्य देवता की प्रार्थना करें - ‘दिन भर में स्वयं से हुए शुभ-अशुभ एवं पुण्य-पापात्मक कर्म तथा ज्ञात अथवा अज्ञानवश हुए सभी कर्म परमेश्वर को अर्पित करें। दिन भर में स्वयं से हुए अपराधों के लिए भगवान से क्षमा मांगें ।’ अपने उपास्यदेवता से इस प्रकार प्रार्थना करें, ‘निद्रा में भी अंतर्मन में ईश्वर का नामजप होता रहे, हे प्रभु ! मुझे शांत निद्रा लगने दीजिए । योगनिद्रा स्तुति - साधारण रूप से प्रयास रहित आराम योग निद्रा द्वारा किसी भी योगासन क्रम के बाद आवश्यक हैं। योगासन शरीर को गरमाहट देता हैं और शरीर को शांत करता हैं। योगनिद्रा के लिए की जाने वाली स्तुति - ऊँ विश्वेश्वरीं जगद्धात्रीं स्थितिसंहारकारिणीम्। निद्रां भगवतीं विष्णोरतुलां तेजस: प्रभु:।। 1।। अर्थ - जो इस विश्व की अधीश्वरी, जगत को धारण करने वाली, संसार का पालन और संहार करने वाली तथा तेज:स्वरुप भगवान विष्णु की अनुपम शक्ति हैं, उन्हीं भगवती निद्रा देवी की भगवान ब्रह्मा स्तुति करने लगे। त्वं स्वाहा त्वं स्वधा त्वं हि वषट्कार: स्वरात्मिका। सुधा त्वमक्षरे नित्ये त्रिधा मात्रात्मिका स्थिता।। 2।। अर्धमात्रास्थिता नित्या यानुच्चार्या विशेषत:। त्वमेव सन्ध्या सावित्री त्वं देवि जननी परा।। 3।। अर्थ - देवि! तुम्हीं स्वाहा, तुम्ही स्वधा और तुम्ही वषटकार हो। स्वर भी तुम्हारे ही स्वरुप हैं। तुम्हीं जीवनदायिनी सुधा हो। नित्य अक्षर प्रणव में अकार, उकार, मकार - इन तीन मात्राओं के रूप में तुम्हीं स्थित हो तथा इन मात्राओं के अतिरिक्त जो विन्दुरुपा नित्य अर्धमात्रा है, जिसका विशेष रुप से उच्चारण नहीं किया जा सकता, वह भी तुम्हीं हो। देवि! तुम्ही संध्या, सावित्री तथा परम जननी हो। त्वयैतद्धार्यते विश्वं त्वयैतत्सृज्यते जगत्। त्वयैतत्पाल्यते देवि त्वमत्स्यन्ते च सर्वदा।।4।। विसृष्टौ सृष्टिरूपा त्वं स्थितिरूपा च पालने। तथा संहृतिरुपान्ते जगतोsस्य जगन्मये।।5।। अर्थ - देवि! तुम्हीं इस विश्व-ब्रह्माण्ड को धारण करती हो। तुमसे ही इस जगत की सृष्टि होती है। तुम्हीं से इसका पालन होता है और सदा तुम्हीं कल्प के अन्त में सबको अपना ग्रास बना लेती हो। अर्थ - जगन्मयी देवि! इस जगत की उत्पत्ति के समय तुम सृष्टिरूपा हो, पालनकाल में स्थिति रूपा हो तथा कल्पान्त के समय संहाररूप धारण करने वाली हो। महाविद्या महामाया महामेधा महास्मृति:। महामोहा च भवती महादेवी महासुरी।।6।। अर्थ - तुम्हीं महाविद्या, महामाया, महामेधा, महास्मृति, महामोहरूपा, महादेवी और महासुरी हो। प्रकृतिस्त्वं च सर्वस्य गुणत्रयविभाविनी। कालरात्रिर्महारात्रिर्मोहरात्रिश्च दारुणा।।7।।
अर्थ - तुम्हीं तीनो गुणों को उत्पन्न करने वाली सबकी प्रकृति हो। भयंकर कालरात्रि, महारात्रि और मोहरात्रि भी तुम्हीं हो। त्वं श्रीस्त्वमीश्वरी त्वं ह्रीस्त्वं बुद्धिर्बोधलक्षणा। लज्जा पुष्टिस्तथा तुष्टिस्त्वं शान्ति: क्षान्तिरेव च।।8। अर्थ - तुम्हीं श्री, तुम्ही ईश्वरी, तुम्ही ह्री और तुम्ही बोधस्वरुपा बुद्धि हो। लज्जा, पुष्टि, तुष्टि, शान्ति और क्षमा भी तुम्हीं हो। खड्गिनी शूलिनी घोरा गदिनी चक्रिणि तथा। शंखिनी चापिनी बाणभुशुण्डीपरिघायुधा।।9।। अर्थ - तुम खड्गधारिणी, शूलधारिणी, घोररुपा तथा गदा, चक्र, शंख और धनुष धारण करने वाली हो। बाण, भुशुण्डी और परिघ - ये भी तुम्हारे अस्त्र हैं। सौम्या सौम्यतराशेषसौम्येभ्यस्त्वतिसुन्दरी। परापराणां परमा त्वमेव परमेश्वरी।।10।। अर्थ - तुम सौम्य और सौम्यतर हो - इतना ही नहीं, जितने भी सौम्य एवं सुन्दर पदार्थ हैं, उन सबकी अपेक्षा तुम अत्यधिक सुन्दरी हो। पर और अपर - सबसे परे रहने वाली परमेश्वरी तुम्ही हो। यच्च किंचित्क्वचिद्वस्तु सदसद्वाखिलात्मिके। तस्य सर्वस्य या शक्ति: सा त्वं किं स्तूयसे तदा।।11।। अर्थ - सर्वस्वरुपे देवि! कहीं भी सत्-असत् रूप जो कुछ वस्तुएँ हैं और उन सबकी जो शक्ति है, वह तुम्हीं हो। ऎसी अवस्था में तुम्हारी स्तुति क्या हो सकती है? यया त्वया जगत्स्रष्टा जगत्पात्यत्ति यो जगत्। सोsपि निद्रावशं नीत: कस्त्वां स्तोतुमिहेश्वर:।।12।। अर्थ - जो इस जगत की सृष्टि, पालन और संहार करते हैं, उन भगवान को भी जब तुमने निद्रा के अधीन कर दिया है, तब तुम्हारी स्तुति करने में यहाँ कौन समर्थ हो सकता है? विष्णु: शरीरग्रहणमहमीशान एव च। कारितास्ते यतोsतस्त्वां क: स्तोतुं शक्तिमान् भवेत्।।13।। अर्थ - मुझको, भगवान शंकर को तथा भगवान विष्णु को भी तुमने ही शरीर धारण कराया है। अत: तुम्हारी स्तुति करने की शक्ति किसमें है? सा त्वमित्थं प्रभावै: स्वैरुदारैर्देवि संस्तुता। मोहयैतौ दुराधर्षावसुरौ मधुकैटभौ।।14।। प्रबोधं च जगत्स्वामी नीयतामच्युतो लघु। बोधश्च क्रियतामस्य हन्तुमेतौ महासुरौ।।15।। अर्थ - देवि! तुम तो अपने इन उदार प्रभावों से ही प्रशंसित हो। ये जो दोनों दुर्धर्ष असुर मधु और कैटभ हैं, इन को मोह में डाल दो और जगदीश्वर भगवान विष्णु को शीघ्र ही जगा दो। साथ ही इनके भीतर इन दोनों महान असुरों को मार डालने की बुद्धि उत्पन्न कर दो। योगनिद्रा के जरिये धीरे-धीरे आपका मन शांत होता है और आपके जीवन पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए योगनिद्रा आज के दौर मे बहुत जरूरी है।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️⚖️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🫂🪔
❤❤❤❤❤
Super excellent 👌
🙏
❤❤❤❤
❤❤❤
😮❤😊
Pyar hota😂
❤😊nice
Thanks 🤗
Kya goswami ki shadi bhramin se hoti hai
Nhi
@@DineshGoswamiVlogs kyu goswami bhramin ni hote
@@DineshGoswamiVlogs please answer me
Nhi Goswami ki shadi Goswami m hi hoti hai
@@DineshGoswamiVlogs goswami kon hote hai
Lovely
Super se v upar
Sup excellant 😊
Nice
Thanks
जय श्री कृष्णा
यहाँ पास में एक शिवलिंग भी हैं प्राचीन, जरा उस पर भी विडियो बनाइये
Bani Hui hai sir
@@rajupuri7659 link bhejiye
Jai shree ram ji
Jai shree Ram
जय माता दी
😂nice video
Jai shree Ram ji
🙏
❤❤❤❤❤❤
Nice
Mast 👌💪
Super 👍😊
Super Excellent 👌 Jodi 😊
Thank you sir🙏🙏
Super jiju
Thank You🙏
कलियुग में खिचड़ी पक रही हैं और प्रसाद रुप में बटेगी भी थोड़ा धीरज तो रखना ही पड़ेगा यह मत सोच लेना बीरबल की खिचड़ी पक रही हैं इस खिचड़ी का स्वाद सतयुग में पंहुचने तक रहेगा याद । प्रसाद स्वरुप ही हमने भी पकाई हैं भगवान ने सुदामा के घर भी चखा था एक ही चावल का दाना लिख दिया था इतिहास । हमारी बनाई खिचड़ी भक्त चखेंगे तो क्यों ना लिखे इतिहास ऐसा तो भगवान ने कब चाहा था वैसे खिचड़ी भी नजदीक आ रही हैं।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉🎉🎉🎉
कलियुग में समस्त वर्जनाए/मिथक टुटी व अनेकों कीर्तिमान स्थापित हुए हैं इसी कड़ी में हम स्वयंभू कल्किदशमअवतार भगवान श्री हरीविष्णु महानारायण के वंशज, भगवान सूर्यवंशी प्रतापी राजा श्री रामचंद्र जी के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मौजूद हैं । हमें उन सबकी और से मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्यौता नहीं दिया जाना भी किसी भी प्रकार से क्या उचित हैं? शास्त्र विरुद्ध धर्म विरुद्ध हैं ? इसको सिद्ध करके समस्त धर्माचार्य विद्धवान व शंकराचार्य पर बताए यदि अनुचित हैं तो प्रथम अधिकार हमारा ही बनता हैं। उनको डर यह हैं कि उन्होनें हमें आमंत्रित किया तो उनकी सत्ता चली जाएगी क्यों कि जनता पहले ही परेशान हो चुकी हैं जनता का भरोसा किसी में हैं नहीं । रही हमारी बात हमें जानने पहचाने वालें अच्छें से जानते हैं कि हम हमेशा अश्व पर सवार रहते हैं साथ ही शेर पर भी । हमारे द्वारा सत्ता का उपभोग उस समय भी उसी रुप में किया जाएगा जिस रुप में शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पीते हैं । हमसे हमारे अवतारी होने का प्रमाण मांगा जाए और हम देंगे यह आवश्यक नहीं हैं यह विषय स्वीकार और अस्वीकार करनें भर का ही हैं हमनें अपने अवतारी होनें का लाभ कभी नहीं उठाया हमनें भगवान श्रीराम जी,श्री कृष्ण जी,भगवान बुद्ध व पूर्व के सभी ईश्वरीय अवतारों की चल-अचल सम्पत्तियों पर कभी भी वाद-विवाद दावा प्रस्तुत नहीं किया कोई अज्ञानी ही ऐसा कर सकता हैं क्योंकि समस्त ब्रह्मांड व ज्ञान ईश्वरीय सम्पत्ति होता हैं और फिर मेरा अपना परिवार भी मेरी सम्पत्ति ही हैं जिसमें संतुलित संयमित जीवन जीता आया हुं इसमें संतुष्टी का जीवन व्यतीत कर रहा हुं जो कि मेरे गुरुदेव महादेवजी गुरुदेवी महादेवी जी की कृपा से प्राप्त हैं। मुझे सत्ता का लालच कंहा हैं ,न तो था ,न तो हैं ,और ना होगा कभी । सारी सत्ताओं पर अभी भी शासन हमारा ही हैं ऐसा हमारा मानना ही नहीं हैं क्योंकि हैं भी ऐसा ही। वास्तविकता का परिचय ब्रह्मांडीय शक्तियों ने समय समय पर पृथ्वीलोक के मनुष्यों को दिया हैं इसमें परिचय पाने अविश्वास के लिए कोई रिक्त स्थान हमारे द्वारा किसी भी नियम नीति भाषान्तर्गत कालचक्र कालखंड में नहीं रखा गया हैं। समस्त ईश्वरीय व मानवीय दृष्टिकोण का समावेश जो कि किसी भी शासन व्यवस्था का आधारभूत संरचनात्मक शाश्वत दृष्टिकोण स्तम्भ का होना स्थापित किया गया हैं जो कि सम्पूर्ण युगों का एकीकरण कर अमृतपान करने के समान हैं। कल्किदशमअवतार भगवान श्री हरिविष्णु महानारायण 🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔
भविष्य मालिका की हरेक भविष्य वाणी हमारे द्वारा पूर्ण कर दी गई हैं डिकोड करने वाले दिव्य आत्माओं ने डिकोड किया हैं बाकी सबका ध्यान भविष्य मालिका के संदर्भ में बनाए गए संदेशवाहकों के प्रसारित संदेश तक ही अटक कर रह गया उन्होंने अपने लिए कोई सदगुरु का चुनाव नहीं किए अतःएव दिव्य साधक कैसे बनें दिव्यदृष्टि कैसे प्राप्त हों।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔
2 और 2 को मिलाओ तो 4 होते हैं यह सब जानतें हैं युग भी चार होतें हैं लेकिन युगों को चलाने के वेद भी चार ही हैं 2+0+2+4=8 चार युग और चार वेद चारों को चलाए कंहा कोई एक स्थान तो हो तो हुई सृष्टि हुआ सृष्टि की देवी का जन्म 2+0+2+5=9 हुई गर्जना प्रचण्ड धरती अम्बर हाले-डौलें नौ देवी दूर्गा भई प्रगट किया आगम - निगम बखान सृष्टि की देवी से उत्पन्न हुए जीव जगत मनुष्य, मिला ज्ञान का प्रकाश करने को भक्ति मिलने को मुक्ति-मोक्ष उपभोग करने को सृष्टि परम ज्ञान पाकर मनुष्य करें सृष्टि,भक्ति और मुक्ति-मोक्ष से जोड़ें दृष्टि करें सत्य का पान हुआ सागर मंथन अनन्त को पाकर ब्रह्म मय जीवन कौन हैं जो ना जानें अमृत का पान। चल पड़ा हैं पुनः मानव जीवन 30 मार्च 2025 के प्रारंभ हेतु कलियुग छोड़कर सतयुग के प्रवेशद्वार की चल पड़ी हैं। 30+3=33 कोटि देवी-देवताओं के दर्शन पाने मानवता जन्मों की मुक्ति पाने को सत्य का दर्शन पाने को सत्य जीवन जीने को गुरुओं के चरण पुनः पडें हैं सतयुग में करो पहचान अपने-अपने गुरुओं की कर लो चरणामृत पान फिर कभी ना मिलेगा ऐसा दिव्य ज्ञान जिसमें हो रहें हों सनातन वैदिक धर्म के ब्रह्मांडीय दर्शन परमात्मा के साक्षात्कार 🪔🕉 🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🪔
ज्ञानशक्ति, मुक्ति और मोक्ष, गुरु शिष्य परम्परा हेतु ही सतयुग का निर्माण किया गया हैं।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔
Good 👍
Thanks🙏
🎉🎉🎉
Naic you video bro
Thank you so much 🙏
Jai Ho
🙏
Super
Thanks🙏