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Jagadguru Shri Devnath Ved Vidyalaya
Индия
Добавлен 20 июл 2020
ज्ञान यह विश्वका चैतन्य तथा शक्तिका मूल स्रोत है | विश्व को चैतन्य तथा ज्ञान का प्रथम व निरंतर परिचय वेदों ने ही दिया | इसी कारण भारत की संस्कृति एवं उसका अस्तित्व जगत में “विश्वगुरु” के प्रतिष्ठा से गौरवान्वित रहा है | पुनश्च भारत के ज्ञानवैभाव को विश्वाभिमुख करने की अनेक चेष्टाओं में जगद्गुरु श्रीदेवनाथ वेदविद्यालय यह वैदिक प्रतिष्ठान कार्यरत है |
इसी उद्देश्य को ध्यान में रख के यह चैनल द्वारा हम विविध सूक्त उनका पठन, अर्थ, माहात्म्य और महत्व सभी तक पहुंचाने का प्रयत्न कर रहे है | कृपया चैनल को Subscribe करे और सब तक हमारे इस ज्ञानवैभव के प्रसार कार्य में हमे मदत करे |
धन्यवाद |
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पाणिनीय अष्टाध्यायी अष्टमः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 08|सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
पाणिनीय अष्टाध्यायी अष्टमः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 08|सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR.
"अष्टाध्यायी" महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है। अष्टाध्यायी छह वेदांगों में मुख्य माना जाता है। इसमें आठ अध्याय हैं; प्रत्येक अध्याय में चार पाद हैं; प्रत्येक पाद में 38 से 220 तक सूत्र हैं। इस प्रकार अष्टाध्यायी में आठ अध्याय, बत्तीस पाद और सब मिलाकर लगभग 4000 सूत्र हैं।
१) संस्कृत भाषा का तो यह ग्रन्थ आधार ही है। इसका अन्य भारतीय भाषाओं परभी बहुत बड़ा प्रभाव है।
२) वैदिक भाषा को ज्ञेय , विश्वस्त, बोधगम्य एवं सुन्दर बनाने की परम्परा में पाणिनी अग्रणी हैं।
३) अष्टाध्यायी में कुल सूत्रों की संख्या 3996 है। इसमें सन्धि, सुबन...
"अष्टाध्यायी" महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है। अष्टाध्यायी छह वेदांगों में मुख्य माना जाता है। इसमें आठ अध्याय हैं; प्रत्येक अध्याय में चार पाद हैं; प्रत्येक पाद में 38 से 220 तक सूत्र हैं। इस प्रकार अष्टाध्यायी में आठ अध्याय, बत्तीस पाद और सब मिलाकर लगभग 4000 सूत्र हैं।
१) संस्कृत भाषा का तो यह ग्रन्थ आधार ही है। इसका अन्य भारतीय भाषाओं परभी बहुत बड़ा प्रभाव है।
२) वैदिक भाषा को ज्ञेय , विश्वस्त, बोधगम्य एवं सुन्दर बनाने की परम्परा में पाणिनी अग्रणी हैं।
३) अष्टाध्यायी में कुल सूत्रों की संख्या 3996 है। इसमें सन्धि, सुबन...
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पाणिनीय अष्टाध्यायी सप्तमः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 07|सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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पाणिनीय अष्टाध्यायी सप्तमः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 07|सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. "अष्टाध्यायी" महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है। अष्टाध्यायी छह वेदांगों में मुख्य माना जाता है। इसमें आठ अध्याय हैं; प्रत्येक अध्याय में चार पाद हैं; प्रत्येक पाद में 38 से 220 तक सूत्र हैं। इस प्रकार अष्टाध्यायी में आठ अध्याय,...
पाणिनीय अष्टाध्यायी षष्ठः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 06|सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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पाणिनीय अष्टाध्यायी षष्ठः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 06|सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. "अष्टाध्यायी" महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है। अष्टाध्यायी छह वेदांगों में मुख्य माना जाता है। इसमें आठ अध्याय हैं; प्रत्येक अध्याय में चार पाद हैं; प्रत्येक पाद में 38 से 220 तक सूत्र हैं। इस प्रकार अष्टाध्यायी में आठ अध्याय, ...
पाणिनीय अष्टाध्यायी पञ्चमः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 05|सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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पाणिनीय अष्टाध्यायी पञ्चमः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 05|सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. "अष्टाध्यायी" महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है। अष्टाध्यायी छह वेदांगों में मुख्य माना जाता है। इसमें आठ अध्याय हैं; प्रत्येक अध्याय में चार पाद हैं; प्रत्येक पाद में 38 से 220 तक सूत्र हैं। इस प्रकार अष्टाध्यायी में आठ अध्याय,...
पाणिनीय अष्टाध्यायी चतुर्थः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 04|सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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पाणिनीय अष्टाध्यायी चतुर्थः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 04|सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. "अष्टाध्यायी" महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है। अष्टाध्यायी छह वेदांगों में मुख्य माना जाता है। इसमें आठ अध्याय हैं; प्रत्येक अध्याय में चार पाद हैं; प्रत्येक पाद में 38 से 220 तक सूत्र हैं। इस प्रकार अष्टाध्यायी में आठ अध्याय...
पाणिनीय अष्टाध्यायी तृतीयः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 03|सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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पाणिनीय अष्टाध्यायी तृतीयः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 03|सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. "अष्टाध्यायी" महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है। अष्टाध्यायी छह वेदांगों में मुख्य माना जाता है। इसमें आठ अध्याय हैं; प्रत्येक अध्याय में चार पाद हैं; प्रत्येक पाद में 38 से 220 तक सूत्र हैं। इस प्रकार अष्टाध्यायी में आठ अध्याय,...
पाणिनीय अष्टाध्यायी द्वितीयःअध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 02|सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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पाणिनीय अष्टाध्यायी द्वितीयः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 02|सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. "अष्टाध्यायी" महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है। अष्टाध्यायी छह वेदांगों में मुख्य माना जाता है। इसमें आठ अध्याय हैं; प्रत्येक अध्याय में चार पाद हैं; प्रत्येक पाद में 38 से 220 तक सूत्र हैं। इस प्रकार अष्टाध्यायी में आठ अध्या...
पाणिनीय अष्टाध्यायी प्रथमः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 01|सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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पाणिनीय अष्टाध्यायी प्रथमः अध्यायः| PANINIYA ASHTADHYAYI 01|सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. "अष्टाध्यायी" महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है। अष्टाध्यायी छह वेदांगों में मुख्य माना जाता है। इसमें आठ अध्याय हैं; प्रत्येक अध्याय में चार पाद हैं; प्रत्येक पाद में 38 से 220 तक सूत्र हैं। इस प्रकार अष्टाध्यायी में आठ अध्याय,...
आश्वलायनगृह्यसूत्रम्|चतुर्थोऽध्यायः|ASHVALAYANA GRUHYASUTRA 04|सुस्पष्ट उच्चारणसहित|JSD VEDVIDYALAYA
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आश्वलायनगृह्यसूत्रम्|चतुर्थोऽध्यायः|ASHVALAYANA GRUHYASUTRA 04|सुस्पष्ट उच्चारणसहित|JSD VEDVIDYALAYA BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. आश्वलायन गृह्यसूत्र इस वैदिक ग्रंथ के रचयिता श्रीआश्वलायन ऋषि हैं। ऋग्वेद का यह गृह्यसूत्र ग्रंथो में प्राचीनतम माना जाता है । इसमें चार अध्याय हैं। इसके मुख्य प्रतिपाद्य-विषय निम्नलिखित हैं : अध्याय १ : पाकयज्ञ, दैनिक होम, स्थालीपाक, पुंसवन, सीम...
आश्वलायनगृह्यसूत्रम्|तृतीयोऽध्यायः|ASHVALAYANA GRUHYASUTRA 03|सुस्पष्ट उच्चारणसहित|JSD VEDVIDYALAYA
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आश्वलायनगृह्यसूत्रम्|तृतीयोऽध्यायः|ASHVALAYANA GRUHYASUTRA 03|सुस्पष्ट उच्चारणसहित|JSD VEDVIDYALAYA BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. आश्वलायन गृह्यसूत्र इस वैदिक ग्रंथ के रचयिता श्रीआश्वलायन ऋषि हैं। ऋग्वेद का यह गृह्यसूत्र ग्रंथो में प्राचीनतम माना जाता है । इसमें चार अध्याय हैं। इसके मुख्य प्रतिपाद्य-विषय निम्नलिखित हैं : अध्याय १ : पाकयज्ञ, दैनिक होम, स्थालीपाक, पुंसवन, सीमन...
आश्वलायनगृह्यसूत्रम्|द्वितीयोऽध्यायः|ASHVALAYANA GRUHYASUTRA02|सुस्पष्ट उच्चारणसहित|JSD VEDVIDYALAYA
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आश्वलायनगृह्यसूत्रम्|द्वितीयोऽध्यायः|ASHVALAYANA GRUHYASUTRA 02|सुस्पष्ट उच्चारणसहित|JSD VEDVIDYALAYA BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. आश्वलायन गृह्यसूत्र इस वैदिक ग्रंथ के रचयिता श्रीआश्वलायन ऋषि हैं। ऋग्वेद का यह गृह्यसूत्र ग्रंथो में प्राचीनतम माना जाता है । इसमें चार अध्याय हैं। इसके मुख्य प्रतिपाद्य-विषय निम्नलिखित हैं : अध्याय १ : पाकयज्ञ, दैनिक होम, स्थालीपाक, पुंसवन, सी...
आश्वलायनगृह्यसूत्रम्|प्रथमः अध्यायः|ASHVALAYANA GRUHYASUTRA 01|सुस्पष्ट उच्चारणसहित|JSD VEDVIDYALAYA
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आश्वलायनगृह्यसूत्रम्|प्रथमः अध्यायः|ASHVALAYANA GRUHYASUTRA 01|सुस्पष्ट उच्चारणसहित|JSD VEDVIDYALAYA BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. आश्वलायन गृह्यसूत्र इस वैदिक ग्रंथ के रचयिता श्रीआश्वलायन ऋषि हैं। ऋग्वेद का यह गृह्यसूत्र ग्रंथो में प्राचीनतम माना जाता है । इसमें चार अध्याय हैं। इसके मुख्य प्रतिपाद्य-विषय निम्नलिखित हैं : अध्याय १ : पाकयज्ञ, दैनिक होम, स्थालीपाक, पुंसवन, सीम...
ज्ञानेश्वरी अष्टादशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 18 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी अष्टादशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 18 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. महाराष्ट्रातील संतकवी माऊली श्रीज्ञानेश्वर महाराज रचित ज्ञानेश्वरी हा प्राकृत मराठी भाषेतील श्रीमद् भगवद्गीतेवरील टीकाग्रंथ आहे. वारकरी संप्रदायातील सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ म्हणून याचे नित्यपठण व पूजन केले जाते. ज्ञानेश्वरीचे आजवर अनेक विद्वानांनी अध्ययन व संशोधन केलेले दि...
ज्ञानेश्वरी सप्तदशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 17 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी सप्तदशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 17 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. महाराष्ट्रातील संतकवी माऊली श्रीज्ञानेश्वर महाराज रचित ज्ञानेश्वरी हा प्राकृत मराठी भाषेतील श्रीमद् भगवद्गीतेवरील टीकाग्रंथ आहे. वारकरी संप्रदायातील सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ म्हणून याचे नित्यपठण व पूजन केले जाते. ज्ञानेश्वरीचे आजवर अनेक विद्वानांनी अध्ययन व संशोधन केलेले दिस...
ज्ञानेश्वरी षोडशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 16 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी षोडशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 16 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित BY@JAGATGURU SHREE DEVNATH VED VIDYALAYA, NAGPUR. महाराष्ट्रातील संतकवी माऊली श्रीज्ञानेश्वर महाराज रचित ज्ञानेश्वरी हा प्राकृत मराठी भाषेतील श्रीमद् भगवद्गीतेवरील टीकाग्रंथ आहे. वारकरी संप्रदायातील सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ म्हणून याचे नित्यपठण व पूजन केले जाते. ज्ञानेश्वरीचे आजवर अनेक विद्वानांनी अध्ययन व संशोधन केलेले दिसून...
ज्ञानेश्वरी पञ्चदशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 15 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी पञ्चदशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 15 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी चतुर्दशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 14 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी चतुर्दशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 14 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी त्रयोदशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 13 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी त्रयोदशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 13 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी द्वादशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 12 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी द्वादशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 12 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी एकादशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 11 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी एकादशोऽध्याय: | DNYANESHWARI 11 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी दशमोऽध्याय: | DNYANESHWARI 10 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी दशमोऽध्याय: | DNYANESHWARI 10 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी नवमोऽध्याय: | DNYANESHWARI 09 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी नवमोऽध्याय: | DNYANESHWARI 09 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी अष्टमोऽध्याय: | DNYANESHWARI 08 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी सप्तमोऽध्याय: | DNYANESHWARI 07 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी सप्तमोऽध्याय: | DNYANESHWARI 07 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी षष्ठोऽध्याय: | DNYANESHWARI 06 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी षष्ठोऽध्याय: | DNYANESHWARI 06 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी पञ्चमोऽध्यायः | DNYANESHWARI 05 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी चतुर्थोऽध्याय: | DNYANESHWARI 04 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी तृतीयोऽध्यायः | DNYANESHWARI 03 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी तृतीयोऽध्यायः | DNYANESHWARI 03 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी द्वितीयोSध्यायः | DNYANESHWARI 02 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी द्वितीयोSध्यायः | DNYANESHWARI 02 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
ज्ञानेश्वरी प्रथमोSध्यायः | DNYANESHWARI 01 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
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ज्ञानेश्वरी प्रथमोSध्यायः | DNYANESHWARI 01 with Lyrics |सुस्पष्ट उच्चारणसहित |JSD VED VIDYALAYA
Aap se bat kaise kar sakte hai kripya Number den
Aap se bat kaise kar sakte hai.
सम्यगस्ति महोदयः आश्वलायन श्रौत सूत्रं कृपया प्रेषयन्तु भोः ऐतरेय ब्राह्मणमपि प्रेषयन्तु
Acharyaji, please explain the remaining mantras of Yajurveda Purusha Sukta which starts with Adbhyah sambhutah prithivyai rasachcha Vishwakarmanah samavarthatadhi l Tasyah twashta vidadhadrupameti Tatpurushasya vishwamajanamagre ll
मी काचन पाडे
खुपच सुदर
रिद्धि सिद्धि के दातार गणेश जी महाराज की जय हो!
Har Har Mahadev❤❤
😢
Om namo BHAGWATE VASUDEVAY NAMAH 🙏🙏🙏🙏🙏
Shriram
🙏🙏🙏🙏🙏
PLEASE CHANT GEETAJI ADHDHYAYA
हे ऐकल्याने काय फायदा होतो ह्याची माहिती मिळेल का.
Om Maha Lakshmi Nmo Namah❤❤❤❤❤❤❤
Om Shree Ganeshay Namah❤❤❤❤❤❤❤
ॐ नमो भगवते वासुदेव 🙏
Can I listen to it at 2x speed
खूपच सुंदर आहे
ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏
खूप सुंदर
Jai ho 🙏 ❤️
जयहरी माउली
🙏🙏🙏🙏🙏
Hare Krishna Krishna hare hare 🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
खूप खूप छान
OM TATH SATH
OM TATH SATH
OM HAR HAR MAHADEV🎉🌹🌷🙏🌼🌺🙏🌸🌺OM HAR HAR MAHADEV🥀💐🌷🌹
🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद भाऊ खुप छान उपक्रम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
The next date of hearing is 23-08-2024.
Om Namah Shivay.
🙏🙏🙏🙏🙏
ओम नमःशिवाय
जय गुरुदेव बृहस्पतिको चरणमा कोटि कोटि प्रणाम
जय कालिका माता
ॐ नमः शिवाय❤❤❤
बहोत सुंदर और स्पष्ट उच्चारण ❤🙏
🙏
अप्रतिम खूपच छान
જય શ્રી કૃષ્ણ.
જય શ્રી નવગ્રહ દેવતા. કૃપા કરો.
Om Namah Shivay.
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आम्ही सुद्धा प्रयत्न करू ओम नमः शिवाय
खूपच सुंदर उच्चार 👏👏
नमहो नारायण ❤❤❤ आपके इस विष्णु शास्त्रनाम you tube par dal kar बहुत acchha kiya में तो offfice main बैठे बैठे aun leta hu
मी पुरोहित शिकत आहे माजे गुरुजी अशाच रीतीने शिकवतात धन्यवाद
राहणार बालिगा तालुका कर्वीर जी कोल्हापूर
🙏🙏🙏🙏🙏🙏