Sadharm Kranti
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आचार्य संजय सत्यर्थी जी को पुरुस्कार मिलने पर अपना उदगार व्यक्त करते हुये।
आचार्य संजय सत्यर्थी जी को पुरुस्कार मिलने पर अपना उदगार व्यक्त करते हुये।
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आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री, आर्य समाज का काम है मनुष्यों का मस्तिष्क परिवर्तन करना
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आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री, आर्य समाज का काम मनुष्यों का मस्तिष्क परिवर्तन करना ।
आचार्य संजय सत्यार्थी को मिला, आचार्य भद्रसेन युवा वैदिक विद्वान का सम्मान।।
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आचार्य गौतम खट्टर, राष्ट्र एवं धर्म रक्षा सम्मेलन आर्य समाज सांताक्रुज मुंबई।
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आचार्य संजय सत्यार्थी, धार्मिक जगत का दहकता हुआ अंगारा आर्य समाज।
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आचार्य संजय सत्यार्थी, धार्मिक जगत का दहकता हुआ अंगारा आर्य समाज। आर्य समाज संताक्रूज मुंबई।
पंडित योगेश दत्त- ऋषि दयानंद के आने से गौरव बढ़ा बिहार का
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आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री, अग्निहोत्र करने के लाभ एवं वैज्ञानिक कारण
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महर्षि दयानंद सरस्वती जी के द्वारा स्थापित देश की प्रथम आर्य समाज ककड़वाड़ी मुंबई की एक झलक,
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महर्षि दयानंद सरस्वती जी के द्वारा स्थापित देश की प्रथम आर्य समाज ककड़वाड़ी मुंबई की एक झलक, आचार्य संजय सत्यर्थी ruclips.net/video/-J15KaoXm3Y/видео.htmlsi=iaal_K_zA_nU37yy
बिहार में आर्य समाज का पदार्पण, आचार्य संजय सत्यार्थी पटना आर्य समाज का काकड़वादी मुंबई
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आर्य समाज काकड़वाड़ी मुंबई में आचार्य संजय सत्यार्थी की जी के साथ कैलाश शास्त्री का वार्तालाप बिहार में आर्य समाज का पदार्पण
आर्य समाज संताक्रूज मुंबई के कार्यक्रम में पधारे आचार्य संजय सत्यार्थी
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पौराणिक जगत के विद्वानों के वक्तव्यों से लगता है कि वे स्वाध्याय नहीं करते है ।
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महिलाओं ने भी अपने क्षमता के झंडे गाड़े हैं।
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आचार्य संजय सत्यर्थी, हिन्दू आपने धर्मग्रन्थ को नहीं पढ़ते है।
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पंडित सत्यप्रकाश आर्य Pandit satyaprakash arya , मनुष्यों का उपकार
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Pandit naresh datt आर्य समाज मड़पो के आखिरी दिन में बच्चों को सम्बोधित करते और आचार्य गौतम खट्टर ।
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आर्य समाज की महिमा जग में ओम ध्वज लहराता ,आचार्य उमेश आर्य
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पंडित हरि नारायण प्रधान की क्रांतिकारी व्याख्यान
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shobha yatra nemdarganj mahasammelan arya saman nemdarganj
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SWAGAT GEET NAWADA JILA ARYA SABHA नवादा जिला आर्य सभा स्वागत गीत
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हिंदुओं की वर्तमान स्थिति विनय आर्य जी महामंत्री दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा
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सत्यदेव शास्त्री का बहुत सुंदर भजन ऐसा भजन आपने कभी नहीं सुना होगा
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डॉक्टर ज्वलंत कुमार शास्त्री, राष्ट्र की वर्तमान स्थिति पर व्याख्यान। Dr. jwalant kumar shastri
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19 August 2024 स्वामी ऋषि दयानन्द ने आर्य समाज की स्थापना क्यों किये।
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नमस्ते का व्याख्या पंडित अयोध्या प्रसाद के द्वारा सबसे पहले शिकागो में किया गया।
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1 August 2024 नवादा जिले के पकरी वर्मा स्थित कचना मोड पर धर्मांतरण का धंधा जोरों से चल रहा है
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30 July 2024 नवादा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में धर्मांतरण बहुत तेजी से चल रहा है
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29 July 2024 ईसाइयों द्वारा धर्मांतरण का धंधा जोरों पर
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28 July 2024 भारत में कोई ऐसा जगह नहीं बचा जहां ईसाइयों ने अपना धर्मांतरण का साजिश ना रचा हो
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28 July 2024 नवादा के पगली वर्मा स्थित कचना मोड़ के पास धन्मांतरण
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Комментарии

  • @ChandraguptKumar-q5f
    @ChandraguptKumar-q5f День назад

    ❤❤❤❤❤

  • @jaybhavani8416
    @jaybhavani8416 День назад

    🧘 Please criticize the videos of the channels : Sanatan - The Eternal Gurudev Siyag's Siddha Yoga -GSSY tatha Shaktipaat Kundalini Shakti The Evolutionary Energy for Laukik aur Parlaukik Kalyanartha with reference to Arya Samaj 🚩 Shaktipaat - word first time in the gantha Yogvasistha Devatma Shakti - word used in ved ( Is the Kundalini Shakti ?)

  • @mahamanav7540
    @mahamanav7540 День назад

    Budhatuni bhagawo or hindusthan mulnivasi santani ko soff do.

  • @thespringofemotionsshashii6482
    @thespringofemotionsshashii6482 2 дня назад

    Sare apna apna agenda le kar chal rhe hain mushikal hai sanatan ki ekta ka hona

  • @Surendradikshit14
    @Surendradikshit14 2 дня назад

    बहुत खुशी हुई ❤❤❤❤

  • @shreeramajeesingh8052
    @shreeramajeesingh8052 2 дня назад

    बिहार वासियों के लिए बहुत ही हर्ष का विषय है। हम सभी इस प्रशंसनीय कदम की सराहना करते हैं। ओम् ओम् , ओम्

  • @devendrashastri9221
    @devendrashastri9221 3 дня назад

    वहुत ही सुंदर 🙏

  • @dharmendrakumarjigyasu9185
    @dharmendrakumarjigyasu9185 3 дня назад

    बहुत बढ़िया जी

  • @sanjitgupta2887
    @sanjitgupta2887 3 дня назад

    🙏Om sir g bahut hi sunder 🙏 Jay shree Ram 🙏

  • @drrajkumarmaheshwari74
    @drrajkumarmaheshwari74 3 дня назад

    बहुत सुंदरप्रस्तुति

  • @mahavirgarg4777
    @mahavirgarg4777 3 дня назад

    नमस्ते आचार्य जी

  • @rameshkattale4758
    @rameshkattale4758 4 дня назад

    ATEE.SUNDAR.

  • @dharmainvestment
    @dharmainvestment 4 дня назад

    Very nice,SANJAY JEE

  • @darshandayal3927
    @darshandayal3927 4 дня назад

    कृण्वंतो विश्वमार्यम। महर्षि दयानंद की जय। स्वामी जी द्वारा स्थापित आर्य समाज मंदिर के दर्शन करवाने पर बहुत बहुत धन्यवाद।

  • @panditjiaryasamajmumbai
    @panditjiaryasamajmumbai 4 дня назад

    🎉🎉🎉🎉 बहुत सुंदर प्रस्तुति

  • @satyendrakumararya5663
    @satyendrakumararya5663 5 дней назад

    आर्य समाज की संदेश पूरे भारत में इसी तरह फैलाने में बिहार से आचार्य संजय सत्यार्थी को कोटि कोटि आभार।

  • @ChandraguptKumar-q5f
    @ChandraguptKumar-q5f 5 дней назад

    ❤❤❤ Arya samaj Amar rahe 💯💯💯📕

  • @s.ksaxena9899
    @s.ksaxena9899 8 дней назад

    पौराणिक जगत वाले यदि पढ़ते भी हैं तो पुराण; अधिक से अधिक गीता। पुराणों को भी पूरा पढ़ लें तो ग्लानि हो जाएगी। इसलिए धर्म, आत्मिक शान्ति , ऊंच नीच के कलंक को मिटाकर सच्ची एकता के लिए सत्यार्थ प्रकाश का अध्ययन आरम्भ करें और आर्य समाज के साथ जुड़ें। कोई नहीं रोकता इस ज्ञान के मन्दिर में। सारी सच्ची झूठी शिकायतें मिटा दें और देश की बलवान बनाएं। सब का हार्दिक स्वागत है।

    • @Sadharmkranti
      @Sadharmkranti 6 дней назад

      बहुत-बहुत धन्यवाद आपका वीडियो को अधिक से अधिक शेयर करें। चैनल को सब्सक्राइब करावे और करें

  • @prabhatranjanarya7611
    @prabhatranjanarya7611 8 дней назад

    ओम नमस्ते आचार्य जी बहुत सुंदर वचन

  • @nalineepravaray420
    @nalineepravaray420 11 дней назад

    Bilkool sir

  • @yogisurajnathgurubudhnathj8457
    @yogisurajnathgurubudhnathj8457 11 дней назад

    हिंदू कोई धरम नहीं है, धरमनाम परंपरा नहीं है, धरम के नाम पर फ्लाॅ वा फ्राॅड भी है। शायद हिंदूत्व के नाम प्रोपागंडा प्रत्यक्ष अप्रत्यक्षतः वर्णाश्रम उच-नीच सामाजिकता के लिए है, जो वैदिकता वा मनुवाद है, नकली सनातन है, सो इनका राष्ट्रवाद है। यह लोक-परलोक आस कालांध वैदिकधंधा परंपरा के साथ राजभोग का जुगाड़ है कहे। वर्णाश्रम सामाजिकता किसी भी रूप में होय शैतानी या नीच धरमी है, मानवीय गरिमा की समझ से रहित है, किसानों कामगारों को अशिक्षित व कमजोर रख चूसते रहने की नीयत से है। किसी भी आदमी की शिक्षा (कुछ प्राथमिक छोड), व्यवसाय, धरमनाम परंपरा आदि निर्देशित या निश्चित करने का अधिकार, जन्म, जाति वा धर्म आदि के नाम पर, माता-पिता सहित किसी दूसरे आदमी या कोई बाॅडी या लाॅबी के पास होना सामाजिक फ्लाॅ है, फ्राॅड है। अपने स्वभाव, शिक्षा, व्यावसाय आदि में, और कोई चाहे तो धरमनाम परंपरा में भी, देख समझकर बदल करने की बात हर आदमी की अंदरूनी स्वतंत्रता है। अर्थात, हम सबकी आंखें देखती है व कान सुनते है, विपरीत किसी में नहीं है, और यह दीन-धरम की सनातनता है, भले कोई कल्पना में कुछ भी टल्ल मारे। धरम के नाम पर कोई वैदिक आदि लोक-परलोक आस कालांध धंधा परंपरा सनातन धरम नहीं होती, भले वह वैसी बातें करे। धरम का अपना महान अस्तित्व है जो सार्वजनीन, सेक्युलर, सार्वभौम है, सनातन है। Well, सनातन, भगवान जैसे शब्द बुद्ध के गढे व व्याख्यायित किये हुए हैं, जो वैदिक परंपरा वाले एक प्रकार से हाइजैक कर इस्तेमाल किये जा रहे हैं। विदित हो कि, सनातन व भगवान यह शब्द वैदिक परंपरा को पता नहीं थे, जो सिर्फ अथर्ववेद (भाष्य) में एकाद बार आये हैं, जो आखिरी वेद है। "... एस धम्मो सनंतनो। - बुद्ध। भग्ग रागो भग्ग दोसो भग्ग मोहो अनासवो, भग्गस्स पापका धम्मा भगवा तेन उच्चति।। - भगवान बुद्ध।" साधू अर सज्जन की जात, वर्ण, धरमनाम परंपरा नहीं होती। समझ स्त्री वा पुरुष नहीं होती - समझ का लिंग नहीं होता। तथा समझ खुले जेहन में खुलती हैं, किसमें कब कहां कैसी खुले कुदरतन अनिश्चित है। मगर ये धर्मांध इसे समझने के लिए खुले जेहन से नहीं हो सकते, तथा आम जन व स्त्रीयों को शुद्र मानते हुए मुंह से बदबू छोडने में शर्म नहीं करते। वैदिक हो या कुरानिक, धरम के नाम पर किसी के झांसे में आम जनों का आना सामाजिक मुर्खता है। * > हिंदूनाम वैदिक व इस्लाम ये दोनों किताबी अधिकारिकता से धर्मांध है, भले इस्लाम में मानवीय गरिमा का महत्व वैदिक ब्राह्मणवाद से कुछ ज्यादा है। > इन दोनों से आज की इसाईयत बेहतर है, क्योंकि जिजस प्रेम है, पर किताबी अधिकारिकता समाप्त है। > बुद्ध अर बोधि धरम अलख संग्यान सूं है, सनातन, सार्वभौम, सेक्युलर है, जीवन दरसण है, मानवीय गरिमा सूं समता बंधुता के साथ बहुजन हिताय बहुजन सुखाय है। हिंदूनाम वर्णाश्रमवाद की समाप्ति होनी है, देखना है कि यह बोधि धम का अलख जगने से सम्यक रूप से होती है या किसी और तरह से।🌾 - योगी सूरजनाथ।

  • @yogisurajnathgurubudhnathj8457
    @yogisurajnathgurubudhnathj8457 11 дней назад

    वैदिक (हिंदू?) अर झूठ अलग नहीं है, ये सनातन भी नकली है। सनातन की बात बुद्ध करते हैं। देखे - #सत सनातन, नकली सनातन, आस्तिक, नास्तिक, भगवान, वेद व मोमिन का सच : सनातन = कुदरतन, अपने आप से, विचार की पैदाइश नहीं, eternal, laws of nature by itself, सार्वजनीन, सार्वभौम। सनातन धरम की बात बुद्ध बारिकि से बार बार करते है। उदाहरण के लिए - न हि वेरेन वेरानि, सम्मन्तीधा कुदचनम्। अवेरेन च सम्मन्ति, एस धम्मो सनंतनो। - बुद्ध। सनातन, भगवान शब्दों बाबत जाने कि, ये बुद्ध ने गढे व व्याख्यायित कर इस्तेमाल किये हैं। वेदों को इनका पता नहीं। अलख, निरंजन, अवधू यह शब्द भी वेदों में नहीं है। भग्ग रागो भग्ग दोसो भग्ग मोहो अनासवो। भग्गस्स पापका धम्मा भगवा तेन उच्चति।। - भगवान बुद्ध। भग्ग वान से भगवा भगवान इति। देखे, सारे वेदों में, केवल ऋग्वेद में एक बार "भगवान" शब्द आया है (10/60/12), वह भी भाग्यशाली (lucky) के अर्थ में; तृष्णा के जलने ("भग्ग+वान") के अर्थ में नहीं। व आखिरी अथर्ववेद (भाष्य) में एक बार सनातन शब्द आया है। सो प्रोपागंडा के पिछे के सत-असत को जाने कि, वर्णाश्रम, उच-निचता, पाप-पुण्य योनी आदि बुद्धिभ्रम करनेवाली, मांत्रिक-तांत्रिक कर्मकांडी, लोक-परलोक आस विचार की पैदाइश, कालांध वैदिकधंधा परंपरा, जिसमें मानवीय गरिमा की अवमानना है, कब व कैसे सनातन हो गयी? और अब हिंदू? समझ स्त्री वा पुरुष नहीं होती, हिजड़ा भी नहीं होती; समझ का लिंग, वर्ण, जाति नहीं होती; समझ खुले जेहन में सहज खुलती है; सो साधू अर सज्जन की कोई जात, वर्ण, धरमनाम परंपरा नहीं होती। अस्ति (आसति), अस्तिता, अस्तित्व, आस्तिक, आस्तिकता यह सब एक ही मूल से है। आस्तिक = तथता से जीनेवाला; यथाभूत सत, भाव-पवनां या वेदनां-भावनां, actuality से जीने वाला। आस्तिकता = वास्तविक सत के साथ जीने की कला, अलख संग्यान सूं भाव-पवनां दरसण ध्यान की सम्यक बात, जो स्वस्ति है, मन-मगज का स्वास्थ्य है। धरम के नाम पर इश्वरनाम कल्पनाएं, मतलब न + अस्ति > नास्ति > नास्तिक > नास्तिकता, यह ग्यात (known), काल का परदा, अंधता होती है । मतलब, पेड़ का प्रत्यक्ष देखा जाना वास्तविक, अस्ति सत है; पेड़ की याददाश्त या विचार काल्पनिक सत है, नास्ति है, जिसकी दुनियादारी में अपनी जगह है। विचार में डिजाइन करने की क्षमता है; पर इसका मतलब यह ना हो कि विचार इश्वर या धरम पथ डिजाइन करने लगे। आसति छै हो पिंडता नासति नांहीं. . . O pandits, What is is the way, not not is. . ." - गोरख। विडंबना ऐसी कि भ. बुद्ध को यहां महात्मा कहते हैं, अर विष्णु शंकर रामादि मनमुखी देवताओं को भगवान कहते हैं, (महात्मा नहीं)। अलख (संग्यान) = अ- (no, not, un-, without) + लख (लखना, to see, सो लख, लखा हुआ) देखा हुआ, मतलब, ग्यात। ग्यात/विचार की जगह व मर्यादा को समझकर ग्यात से मुक्तता, (भले मन में विचार शृंखला चलती हो या नहीं), सो अजानता से रहना, व यथाभूत सत का, भाव-पवनां का, दर्शन यह चैतसिक शुन्यता होती है। अलख संग्यान यह ऐसी ध्यान-ग्यान समाई सादी सरल बात है। आसति (अस्ति) जीये वह अत्ता ही अत्तनो नाथ होता/ती है, आस्तिक व स्वस्ति होत है, मन-मगज से स्वस्थ्य पूर्वक होत है। वैदिक जैसे ही नित्य, अमर आत्मा आदि ग्यात लेकर चलने वाले जैन तिर्थंकर कैसे नाथ व सिद्ध है? अस्ति जीये वह आस्तिक : अलख संग्यान सूं सिद्ध-बुद्ध सनातन धरम धारा। वैदिक-पुरानादि नास्तिक : ग्यात संग्यान सूं किताबी कालांध धर्मांध परंपरा।। भारतीय भूमि असल में बुद्ध-सिद्ध संग्यानी बोधि धम धारा का अलख है। भारतीय भूमि वैदिक-पुरानिक नहीं है , भले इसका प्रोपेगेंडा यहां ज्यादा है।। मीम मोमिन अरबी मूल से हकिगत से जीने की बात है, बोधि संग्यानी बात है। मगर अस्ति जीये आस्तिक बुद्ध को झूठ ही नास्तिक, महात्मा कहते है, सो कुरान वाले को अब मोमिन कहते है - विडंबना है। - Yogi Surajnath. 🔥🌾

  • @childhoodteaching6605
    @childhoodteaching6605 11 дней назад

    हिंदू यदि अपने ग्रंथों को पढ़ लेगा,तो तमाम आचार्यों और धर्माचार्यों की दूकान बंद ‌हो‌जाएगी।

  • @SachinKumar-zk3xy
    @SachinKumar-zk3xy 11 дней назад

    😂😂😂😂 bakwas

    • @Sadharmkranti
      @Sadharmkranti 9 дней назад

      वामपंथियों को तो बकवास लगेगा ही

  • @subhashsharma7409
    @subhashsharma7409 11 дней назад

    वर्तमान में जितने साधू संत, महात्मा हैं, उनका धार्मिक आध्यात्मिक और दार्शनिक अध्ययन बहुत सीमित जान पड़ता है। अधिकांश राजनीतिक संरक्षण में मीडिया के माध्यम से सनातन के नाम पर धर्म का हर क्षण बलात्कार कर रहे हैं।

  • @deepakmagar9464
    @deepakmagar9464 11 дней назад

    हिन्दू शब्द मुस्लिम ने दिए हैं और सनातन शब्द कितने धर्म ग्रंथों में कहा लिखा हैं और कितनी बार लिखा हैं और उसका क्या सन्दर्भ निकलता हैं. बुद्ध ने तो कहा है एस्स धम्म सनातनी

  • @BihariLalSah-jo7wk
    @BihariLalSah-jo7wk 11 дней назад

    आचार्य जी को सत-सत नमन!यही विडम्बना है कि हिन्दूसमाज अपने धर्मग्रंथों को नहीं पढते और देखा-देखी करते हुए धर्मान्धता ,आडम्बर और दिखावे के पीछे पागलपन हुआ जारहा है __कैसे दूर होगा यह पागलपन !_चिंता की बात है ।

  • @vijaynikam9136
    @vijaynikam9136 11 дней назад

    भाई मेरे कुछ भी पढों मगर ख्याल में रख्खो मानवता से बडा कोई धर्म नहीं. धर्तीपर धर्म से पहले मानव आये. और देश के प्रगती के लिये देश में शोध लगाना, नया कुछ उत्पादन करना जरुरी है.......... इस लिये विज्ञान पढों, पढाओं और नयी पिढी को खोजी बनाओ. दुनिया आपको पुराने गाथा से सलाम नहीं करेगी.

  • @ramkishorbairwa6149
    @ramkishorbairwa6149 11 дней назад

    धार्मिक बनो ग्रन्थ पढो तभी स्वर्ग मिलेगा वैज्ञानिक मत बनने दो भारतीय चांद पर ना चले जाये मिग, राफेल, बोफोर्स विदेश से आएगी जी बंग्लादेश मै भी पढ़ाई जाए

    • @LaxmanPathak-k5h
      @LaxmanPathak-k5h 11 дней назад

      ग्रंथ ही तो नहीं पढते हो तभी तो आरक्षण लेकर भी फिसड्डी के फिसड्डी ही हो

  • @brahmanandchaturvedi7188
    @brahmanandchaturvedi7188 11 дней назад

    Very nice about snatan dharam

  • @santramsingh2374
    @santramsingh2374 12 дней назад

    Jay bhim namo budhay

  • @divyanshnaturals2246
    @divyanshnaturals2246 12 дней назад

    वेद पुराण स्मृति श्रुति उपनिषद केवल ब्राहमणो ने लिखे ब्राहमणो ने पढे बहुसंख्यक बहुजन समाज को इससे प्रतिबन्धित रखा क्या बाईबिल कुरान त्रिपिटक जैन आगम. पढना क्या किसी को प्रतिबन्धित हुए है ??????? क्या इन ब्राहमणी धर्म शास्त्रो कही समता सम्मानता भाईचारे का लेशमात्र भी अंश है???? और महोदय धर्म की स्थापना के लिए मनुष्य की जरुरत नही होती धर्म अगर वास्तव मे धर्म है तो धर्म अपनी शक्ति के दम पर स्थापित रहता है गीता का श्लोक कि धर्म संस्सथापना थार्य. सर्वथा गलत है

  • @RCPatelPatelSir
    @RCPatelPatelSir 12 дней назад

    Baklol

  • @SushilSharma-pk8qk
    @SushilSharma-pk8qk 13 дней назад

    महर्षि दयानंद आर्य समाज 🙏🙏

  • @divyanshnaturals2246
    @divyanshnaturals2246 13 дней назад

    हिन्दु समाज जनेऊ जमात. और गैर जनेऊ जमात मे विभाजित है जिनको आप धर्म ग्रन्थ कह रहे है वो केवल ब्राहमणी जनेऊ समाज की काल्पनिक रचनाये भर है जो केवल वर्ण व जाति व्यवस्था को कायम रखने के उद्धेशय से लिखी है जिनमे धर्म तो अति अल्प है सामाजिक षणयन्त्र अत्यधिक है जैसे जैसे गैर जनेऊ समाज इनको पढेगा वह ब्राहमणी षणयन्त्र को जानेगा और ब्राहमण के विरोध मे खडा होता जायेगा😊

  • @AlokKumar-rx5ei
    @AlokKumar-rx5ei 14 дней назад

    आर्य समाज की दुकान झूठ पर ही चलती है। जिस काशी में आज तक वेदाध्ययन की परम्परा अक्षुण्ण रोप्प से विद्यमान है, वहाँ 150 वर्ष पूर्व एक भी वेदाज्ञ नहीं था, ऐसी गप उड़ाने में दूसरा कौन समर्थ हो सकता है! आर्य समाजी ऋग्वेद आदि भाष्य भूमिका तक नहीं पढते, जहाँ स्वामी दयानंद ने स्वयं ही निरुक्त के आधार पर ऋषि को मन्त्र द्रष्टा कहा है। स्वामी दयानंद किस वेद मन्त्र या मन्त्र ग्राम के द्रष्टा होने के कारण आर्य समाजियों के द्वारा महर्षि कहे जाते हैं? यधी अनाध्याय का प्रमाण है।

  • @brahmadeoyadav4219
    @brahmadeoyadav4219 15 дней назад

    बहुत बहुत बधाई,जब हिन्दुओं के ठीकेदार शंकराचार्य ही अन्धविश्वास के गहरे भंवर में हैं तो हिन्दू क्या करें।

    • @kamlakarrest
      @kamlakarrest 13 дней назад

      Yadav apani aukaat se bahar na jaao Nich ho brahman uch ki barabari na karo Apane dharam ka palan karo ya dharam se bahar raho🤷

    • @divyanshnaturals2246
      @divyanshnaturals2246 13 дней назад

      कुछ तो है ही इस हिन्दु धर्म मे जो सनातन है इसमे क्या सनातन है जो अपरिवर्तनशील है 1 ब्राहमण पहले भी परजीवी था अब भी है आगे भी रहेगा २ ब्राहमण पहले भी झूठ बोलता था आज भी बोलता है आगे भी बोलेगा ३ ब्राहमण मे न्यायिक चरित्र पहले भी नही था आज भी नही है आगे भी नही होगा ४ ब्राहमण सत्ता का पहले भी चाटुकार था आज भी है आगे भी रहेगा ५ ब्राहमण भूतकाल मे भी षणयन्त्री था और आज भी है भविष्य मे भी रहेगा

    • @ilyasMugal-fp4iw
      @ilyasMugal-fp4iw 12 дней назад

      ये तो है, पर आज हिन्दू ने वर्तमान सत्ता को निरंतर रखना ही धर्म मान लिया

  • @riturajKarn-vl2rn
    @riturajKarn-vl2rn Месяц назад

    Congratulations 👏🎉 bhaiya g..

  • @premprakash474
    @premprakash474 Месяц назад

    🙏

  • @JSinghRawat
    @JSinghRawat Месяц назад

    सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🌻

  • @sapnaaryanediting7067
    @sapnaaryanediting7067 Месяц назад

    Nice pic

  • @AjayKumar-so3el
    @AjayKumar-so3el Месяц назад

    Namste ji

    • @Sadharmkranti
      @Sadharmkranti Месяц назад

      नमस्ते जी 🙏

    • @Sadharmkranti
      @Sadharmkranti Месяц назад

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  • @BabluKumar-hr5vm
    @BabluKumar-hr5vm 6 месяцев назад

    हिंदू बाबाओं को फुर्सत नहीं मिलती हैं बड़े बड़े पंडालों से निकलने का, ये बहुत बड़ी साजिश है हिंदुओं को बर्बाद करने का,

  • @sudhirsangam28
    @sudhirsangam28 6 месяцев назад

    Koun jagah hota hai ye sab

    • @Sadharmkranti
      @Sadharmkranti 6 месяцев назад

      बिहार के नवादा जिला पकरीबरावां ब्लाक अंतर्गत कचना मोड़ के पास

  • @kamleshshastri2235
    @kamleshshastri2235 6 месяцев назад

    स्वामी जी कटाक्ष अर्थात खंडन ही है। खंडन ऋषि दयानंद की आत्मा है

    • @Sadharmkranti
      @Sadharmkranti Месяц назад

      सत्यार्थ प्रकाश पढ़िए सबसे पहले मंडन ही किए हैं।

  • @MunnaSharma-cg6zh
    @MunnaSharma-cg6zh 7 месяцев назад

    ❤ जय सनातन धर्म।